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अनूप संस्कृत लाइब्रेरी

सूची अनूप संस्कृत लाइब्रेरी

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2 संबंधों: शिवानन्द गोस्वामी, सिंह-सिद्धांत-सिन्धु

शिवानन्द गोस्वामी

शिवानन्द गोस्वामी | शिरोमणि भट्ट (अनुमानित काल: संवत् १७१०-१७९७) तंत्र-मंत्र, साहित्य, काव्यशास्त्र, आयुर्वेद, सम्प्रदाय-ज्ञान, वेद-वेदांग, कर्मकांड, धर्मशास्त्र, खगोलशास्त्र-ज्योतिष, होरा शास्त्र, व्याकरण आदि अनेक विषयों के जाने-माने विद्वान थे। इनके पूर्वज मूलतः तेलंगाना के तेलगूभाषी उच्चकुलीन पंचद्रविड़ वेल्लनाडू ब्राह्मण थे, जो उत्तर भारतीय राजा-महाराजाओं के आग्रह और निमंत्रण पर राजस्थान, मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश और उत्तर भारत के अन्य प्रान्तों में आ कर कुलगुरु, राजगुरु, धर्मपीठ निर्देशक, आदि पदों पर आसीन हुए| शिवानन्द गोस्वामी त्रिपुर-सुन्दरी के अनन्य साधक और शक्ति-उपासक थे। एक चमत्कारिक मान्त्रिक और तांत्रिक के रूप में उनकी साधना और सिद्धियों की अनेक घटनाएँ उल्लेखनीय हैं। श्रीमद्भागवत के बाद सबसे विपुल ग्रन्थ सिंह-सिद्धांत-सिन्धु लिखने का श्रेय शिवानंद गोस्वामी को है।" .

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सिंह-सिद्धांत-सिन्धु

सिंह-सिद्धांत-सिन्धु तंत्र-मंत्र, साहित्य, काव्यशास्त्र, आयुर्वेद, सम्प्रदाय-ज्ञान, वेद-वेदांग, कर्मकांड, धर्मशास्त्र, खगोलशास्त्र-ज्योतिष, होरा शास्त्र, व्याकरण आदि अनेक विषयों के जाने-माने विद्वान शिवानन्द गोस्वामी | शिरोमणि भट्ट (अनुमानित काल: संवत् १७१०-१७९७) द्वारा वि॰सं॰ १७३१ में रचित संस्कृत महाग्रन्थ है। यह विपुल कृति सन १६७४ ई. में पूरी हुई। यह महाग्रंथ संस्कृत काव्य, तंत्रशास्त्र, मंत्रशास्त्र, न्याय, निगम, मीमांसा, सूत्र, आचार, ज्योतिष, वेद-वेदांग, व्याकरण, औषधिशास्त्र, यज्ञ-विधि, कर्मकांड, धर्मशास्त्र- जाने कितनी विधाओं और विद्याओं का विश्वकोश (एनसाइक्लोपीडिया) है। यह ऐसी कालजयी रचना है जिसका अपने समकालीन संस्कृत-ग्रंथों में कोई सानी नहीं है। इस ग्रन्थ में लिखे गए श्लोकों की संख्या अविश्वसनीय हद तक बड़ी है। 'इसमेंमें कुल ३५,१३० संस्कृत श्लोक हैं।श्रीमद्भागवत महापुराण के बाद संभवतया यह अपनी तरह का सबसे बड़ा ग्रन्थ है। यह कृति अनूप संस्कृत लाइब्रेरी, बीकानेर में पाण्डुलिपि की प्रति होने के बावजूद विद्वानों की दृष्टि से अनेक वर्षों तक लुप्तप्राय रही, पर अब जोधपुर के प्राच्य-विद्या-प्रतिष्ठान ने कई खण्डों में प्रकाशित की है। श्रेणी:संस्कृत साहित्य श्रेणी:संस्कृत ग्रन्थ श्रेणी:संस्कृत महाकाव्य .

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अनूप संस्कृत लाइब्रेरी, बीकानेर

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