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अजिल्द

सूची अजिल्द

हरे आवरण वाली एक अजिल्द पुस्तकअजिल्द, पेपरबैक, या कागजी जिल्द, किसी पुस्तक को उसकी जिल्दसाज़ी के अनुसार परिभाषित करती है। अजिल्द पुस्तकों के आवरण पृष्ठ अमूमन कागज या अपेक्षाकृत थोड़े मोटे कागज के बने होते हैं, साथ ही इन्हें सिलने या तार पिरोकर जोड़ने के बजाय चिपकाया जाता है। अजिल्द पुस्तकों का चलन 19 वीं शताब्दी की शुरुआत से चला आ रहा है। अजिल्द पुस्तकें, सजिल्द पुस्तकों की तुलना में सस्ती, पर कम टिकाऊ होती हैं। किसी पुस्तक का अजिल्द संस्करण तब ही जारी किया जाता है जब कोई कंपनी किसी पुस्तक को एक कम लागत वाले प्रारूप में जारी करने का फैसला करती है। सस्ते कागज, सरेसी जिल्दसाज़ी और एक मोटे आवरण के अभाव में एक अजिल्द पुस्तक की निर्माण लागत में एक सजिल्द पुस्तक की तुलना में, उल्लेखनीय कमी आती है। यदि कोई पुस्तक बहुत अधिक प्रसिद्ध ना हो या फिर उसके प्रसिद्ध होने के मौके अधिक ना हों या कोई प्रकाशक किसी पुस्तक पर अधिक पैसा लगाने को तैयार ना हो, तो उसे अजिल्द संस्करण में जारी करना एक अच्छा विकल्प है। अजिल्द पुस्तको के सबसे अच्छे उदाहरणों में अधिकतर उपन्यास और पुरानी पुस्तकों के पुनर्मुद्रित, नए संस्करण शामिल हैं। .

सामग्री की तालिका

  1. 3 संबंधों: मार्ताण्ड वर्मा (उपन्यास), सजिल्द, हेमकोष

मार्ताण्ड वर्मा (उपन्यास)

मार्ताण्ड वर्मा, केरल का साहित्यकार सी॰ वी॰ रामन् पिल्लै का १९८१ में प्रकाशित हुआ एक मलयालम उपन्यास है। राजा रामा वर्मा के अंतिम शासनकाल से मार्ताण्ड वर्मा का राज्याभिषेक तक वेणाट (तिरुवितान्कूर) का इतिहास आख्यान करना एक अतिशयोक्तिपूर्ण कथा | url .

देखें अजिल्द और मार्ताण्ड वर्मा (उपन्यास)

सजिल्द

धूल रोधी आवरण के साथ एक सजिल्द पुस्तक एक सजिल्द पुस्तक वह पुस्तक होती है जिसपर एक सुरक्षात्मक कठोर आवरण चढ़ा होता है। आमतौर पर यह आवरण एक मोटे गत्ते का बना होता है जिसको कपड़े, मोटे कागज, या कभी कभी चमड़े से भी मढ़ा जाता है। जिल्द शब्द उर्दु से आया है जिसका अर्थ, त्वचा होता है। इस जिल्द को लचीले सीवन टाँको से सिला जाता है ताकि जब पुस्तक को पढ़ने के लिए खोला जाये यह आराम से खोली जा सके और खुलने के बाद खुली रहे, हालांकि आजकल जिल्द को सिलने के बजाय चिपकाया जाता है। सजिल्द किताबें अक्सर अम्लमुक्त कागज पर मुद्रित की जाती हैं और यह कागजी जिल्द वाली पुस्तकों से अधिक टिकाऊ होती है। सजिल्द पुस्तकें उत्पादन के समय अपेक्षाकृत थोड़ी और बिक्री के समय काफी महंगी होती हैं। सजिल्द किताबों को धूल से बचाने के लिए अक्सर एक कलात्मक धूल रोधी आवरण इनके साथ आता है। .

देखें अजिल्द और सजिल्द

हेमकोष

हेमकोष (असमिया: হেমকোষ), हेमचन्द्र बरुआ द्वारा संकलित असमिया भाषा का पहला शब्द-व्युत्पत्ति शब्दकोश है जो, संस्कृत की वर्तनियों पर आधारित है। इस शब्दकोश का पहला प्रकाशन सन 1900 में कैप्टन पी.आर.

देखें अजिल्द और हेमकोष