सामग्री की तालिका
23 संबंधों: डॉ॰ ए॰ पी॰ जे॰ अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय, दीनबंधु छोटू राम यूनिवर्सिटी ऑफ़ साइंस एंड टेक्नोलॉजी, नेताजी सुभाष प्रौद्योगिकी संस्थान, बिहटा, प्रौद्योगिकी शिक्षा, बिरला प्रौद्योगिकी संस्थान, बुंदेलखंड विश्वविद्यालय, भारत में विश्वविद्यालयों की सूची, भारत सारावली, भारत की राजभाषा के रूप में हिन्दी, भारतीय पर्यटन और यात्रा प्रबंधन संस्थान, भारतीय शिक्षा का इतिहास, राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, त्रिची, राजलक्ष्मी इंजीनियरिंग कॉलेज, राजकीय पालीटेक्निक सोरों कासगंज, रीजनल इन्स्टीट्यूट आफ़ साइंस एण्ड टेक्नोलाजी, श्री शक्थी अभियांत्रिकी एवं प्रोद्योगिकी संसथान, श्री गोविन्दराम सेकसरिया प्रौद्योगिकी एवं विज्ञान संस्थान, जबलपुर अभियांत्रिकी महाविद्यालय, जबलपुर, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (भारत), विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, मेघालय, गाँधी कंप्यूटर एवं शोध संसथान, रायगढ़, गोविन्द बल्लभ पन्त अभियान्त्रिकी महाविद्यालय, अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी संस्थान, बरेली।
डॉ॰ ए॰ पी॰ जे॰ अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय
डॉ॰ ए॰ पी॰ जे॰ अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय(अंग्रेजी: Dr. A.P.J. Abdul Kalam Technical University) (पूर्व मे उत्तर प्रदेश प्राविधिक विश्वविद्यालय) उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा ८ मई, २००० स्थापित हुआ एक विश्वविद्यालय है। यह एशिया में सबसे बड़ा तकनीकी विश्वविद्यालय है। इसके अंतर्गत ५०० महाविद्यालय आते हैं। यह लखनऊ में आई ई टी परिसर, सीतापुर मार्ग पर स्थित था जो अब जानकीपूरम extension योजना shift हो गया है.
देखें अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद और डॉ॰ ए॰ पी॰ जे॰ अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय
दीनबंधु छोटू राम यूनिवर्सिटी ऑफ़ साइंस एंड टेक्नोलॉजी
दीनबंधु छोटू राम विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (DCRUST), मुरथल. दीनबंधु छोटू राम विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (DCRUST), पूर्व छोटू राम राजकीय कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, मुरथल (CRSCE), मुरथल, सोनीपत, हरियाणा, भारत में स्थित एक राज्य विश्वविद्यालय है। यह २००६ में हरियाणा सरकार द्वारा एक अधिनियम द्वारा उन्नयन के द्वारा, १९८६ में स्थापित एक महाविद्यालय के उन्नयन से स्थापित किया गया था। .
देखें अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद और दीनबंधु छोटू राम यूनिवर्सिटी ऑफ़ साइंस एंड टेक्नोलॉजी
नेताजी सुभाष प्रौद्योगिकी संस्थान, बिहटा
नेताजी सुभाष प्रौद्योगिकी संसथान (एन एस आई टी), बक्सर, पटना, भारत में स्तिथ एक निजी अभियांत्रिकी महाविद्यालय है जिसमे बी.टेक.
देखें अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद और नेताजी सुभाष प्रौद्योगिकी संस्थान, बिहटा
प्रौद्योगिकी शिक्षा
प्रौद्योगिकी के अध्ययन को प्रौद्योगिकी शिक्षा (Technology education) कहते हैं। इसमें विद्यार्थी प्रौद्योगिकी से सम्बन्धित प्रक्रमों का अध्यन करते हैं तथा प्रौद्योगिकी का ज्ञान प्राप्त करते है। .
देखें अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद और प्रौद्योगिकी शिक्षा
बिरला प्रौद्योगिकी संस्थान
बिरला प्रौद्योगिकी संस्थान मेसरा (अंग्रेज़ी: Birla Institute of Technology Mesra; जो बीआईटी मेसरा या बीआईटी राँची के नाम से भी प्रसिद्ध है) झारखंड के राँची में स्थित भारत का अग्रणी स्वायत्त अभियांत्रिकी और प्रौद्योगिकी उन्मुख संस्थान है। इसे विश्वविद्यालय अनुदान आयोग अधिनियम १९५६ के अनुभाग ३ के तहत एक डीम्ड विश्वविद्यालय का दर्ज़ा हासिल है। मुख्य परिसर के अतिरिक्त लालपुर (रांची), इलाहाबाद, कोलकाता, नोएडा, जयपुर, चेन्नई, पटना और देवघर में बीआईटी के भारतीय विस्तार पटल हैं। इनके अतिरिक्त बहरीन, मस्कट, संयुक्त अरब अमीरात और मॉरिशस में बीआईटी के अंतरराष्ट्रीय केंद्र हैं। जून २००५ में एसी निलसन एवं इंडिया टुडे द्वारा किये गये एक सर्वेक्षण के अनुसार इसे देश के दस श्रेष्ठ तकनीकी संस्थानों में शुमार किया गया था। .
देखें अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद और बिरला प्रौद्योगिकी संस्थान
बुंदेलखंड विश्वविद्यालय
बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय, उत्तर प्रदेश के झांसी नगर में स्थित एक विश्वविद्यालय है। इसकी स्थापना १९७५ में हुई थी। इस विश्वविद्यालय में व्यावसायिक, तकनीकी तथा रोजगारपरक शिक्षा पाठ्यक्रम चलते हैं। .
देखें अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद और बुंदेलखंड विश्वविद्यालय
भारत में विश्वविद्यालयों की सूची
यहाँ भारत में विश्वविद्यालयों की सूची दी गई है। भारत में सार्वजनिक और निजी, दोनों विश्वविद्यालय हैं जिनमें से कई भारत सरकार और राज्य सरकार द्वारा समर्थित हैं। इनके अलावा निजी विश्वविद्यालय भी मौजूद हैं, जो विभिन्न निकायों और समितियों द्वारा समर्थित हैं। शीर्ष दक्षिण एशियाई विश्वविद्यालयों के तहत सूचीबद्ध विश्वविद्यालयों में से अधिकांश भारत में स्थित हैं। .
देखें अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद और भारत में विश्वविद्यालयों की सूची
भारत सारावली
भुवन में भारत भारतीय गणतंत्र दक्षिण एशिया में स्थित स्वतंत्र राष्ट्र है। यह विश्व का सातवाँ सबसे बड़ देश है। भारत की संस्कृति एवं सभ्यता विश्व की सबसे पुरानी संस्कृति एवं सभ्यताओं में से है।भारत, चार विश्व धर्मों-हिंदू धर्म, सिख धर्म, बौद्ध धर्म, जैन धर्म के जन्मस्थान है और प्राचीन सिंधु घाटी सभ्यता का घर है। मध्य २० शताब्दी तक भारत अंग्रेजों के प्रशासन के अधीन एक औपनिवेशिक राज्य था। अहिंसा के माध्यम से महात्मा गांधी जैसे नेताओं ने भारत देश को १९४७ में स्वतंत्र राष्ट्र बनाया। भारत, १२० करोड़ लोगों के साथ दुनिया का दूसरे सबसे अधिक आबादी वाला देश और दुनिया में सबसे अधिक आबादी वाला लोकतंत्र है। .
देखें अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद और भारत सारावली
भारत की राजभाषा के रूप में हिन्दी
हिन्दी को भारत की राजभाषा के रूप में १४ सितम्बर सन् १९४९ को स्वीकार किया गया। इसके बाद संविधान में अनुच्छेद ३४३ से ३५१ तक राजभाषा के साम्बन्ध में व्यवस्था की गयी। इसकी स्मृति को ताजा रखने के लिये १४ सितम्बर का दिन प्रतिवर्ष हिन्दी दिवस के रूप में मनाया जाता है। धारा ३४३(१) के अनुसार भारतीय संघ की राजभाषा हिन्दी एवं लिपि देवनागरी है। संघ के राजकीय प्रयोजनों के लिये प्रयुक्त अंकों का रूप भारतीय अंकों का अंतरराष्ट्रीय स्वरूप (अर्थात 1, 2, 3 आदि) है। हिन्दी भारत की राष्ट्रभाषा नहीं है क्योंकि भारत का संविधान में कोई भी भाषा को ऐसा दर्जा नहीं दिया गया था। संसद का कार्य हिंदी में या अंग्रेजी में किया जा सकता है। परन्तु राज्यसभा के सभापति महोदय या लोकसभा के अध्यक्ष महोदय विशेष परिस्थिति में सदन के किसी सदस्य को अपनी मातृभाषा में सदन को संबोधित करने की अनुमति दे सकते हैं। किन प्रयोजनों के लिए केवल हिंदी का प्रयोग किया जाना है, किन के लिए हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं का प्रयोग आवश्यक है और किन कार्यों के लिए अंग्रेजी भाषा का प्रयोग किया जाना है, यह राजभाषा अधिनियम 1963, राजभाषा नियम 1976 और उनके अंतर्गत समय समय पर राजभाषा विभाग, गृह मंत्रालय की ओर से जारी किए गए निदेशों द्वारा निर्धारित किया गया है। .
देखें अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद और भारत की राजभाषा के रूप में हिन्दी
भारतीय पर्यटन और यात्रा प्रबंधन संस्थान
भारतीय पर्यटन संस्थान और यात्रा प्रबंधन (आईआईटीटीएम) एक संस्थान है, जो ग्वालियर, मध्य प्रदेश, भारत, के साथ भुवनेश्वर, नोएडा, नेल्लोर और गोवा आदि में भी स्थित है। यह पर्यटन, यात्रा और अन्य संबंधित क्षेत्रों के प्रबंधन में प्रशिक्षण, शिक्षा और अनुसंधान हेतु पाठ्यक्रम उपलब्ध कराता है। यह पर्यटन मंत्रालय, भारत सरकार के अन्तर्गत एक स्वायत्त संस्था है। इसे 1983 में स्थापित किया गया था। .
देखें अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद और भारतीय पर्यटन और यात्रा प्रबंधन संस्थान
भारतीय शिक्षा का इतिहास
शिक्षा का केन्द्र: तक्षशिला का बौद्ध मठ भारतीय शिक्षा का इतिहास भारतीय सभ्यता का भी इतिहास है। भारतीय समाज के विकास और उसमें होने वाले परिवर्तनों की रूपरेखा में शिक्षा की जगह और उसकी भूमिका को भी निरंतर विकासशील पाते हैं। सूत्रकाल तथा लोकायत के बीच शिक्षा की सार्वजनिक प्रणाली के पश्चात हम बौद्धकालीन शिक्षा को निरंतर भौतिक तथा सामाजिक प्रतिबद्धता से परिपूर्ण होते देखते हैं। बौद्धकाल में स्त्रियों और शूद्रों को भी शिक्षा की मुख्य धारा में सम्मिलित किया गया। प्राचीन भारत में जिस शिक्षा व्यवस्था का निर्माण किया गया था वह समकालीन विश्व की शिक्षा व्यवस्था से समुन्नत व उत्कृष्ट थी लेकिन कालान्तर में भारतीय शिक्षा का व्यवस्था ह्रास हुआ। विदेशियों ने यहाँ की शिक्षा व्यवस्था को उस अनुपात में विकसित नहीं किया, जिस अनुपात में होना चाहिये था। अपने संक्रमण काल में भारतीय शिक्षा को कई चुनौतियों व समस्याओं का सामना करना पड़ा। आज भी ये चुनौतियाँ व समस्याएँ हमारे सामने हैं जिनसे दो-दो हाथ करना है। १८५० तक भारत में गुरुकुल की प्रथा चलती आ रही थी परन्तु मकोले द्वारा अंग्रेजी शिक्षा के संक्रमण के कारण भारत की प्राचीन शिक्षा व्यवस्था का अंत हुआ और भारत में कई गुरुकुल तोड़े गए और उनके स्थान पर कान्वेंट और पब्लिक स्कूल खोले गए। .
देखें अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद और भारतीय शिक्षा का इतिहास
राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, त्रिची
नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, तिरुचिरापल्ली (एनआईटीटी), जो पहले रीजनल इंजीनियरिंग कॉलेज, तिरुचिरापल्ली था, भारत के तिरुचिरापल्ली शहर में स्थित एक सार्वजनिक इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय है। इस संस्थान की स्थापना 1964 में देश की तकनीकी जनशक्ति की बढ़ती जरूरतों को पूरा करने के लिए की गयी थी। आज यह भारत के 18 राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थानों में से एक है और इसे राष्ट्रीय महत्व के संस्थान के रूप में मान्यता दी जाती है। संस्थान में लगभग 3,400 छात्र विभिन्न पूर्वस्नातक और स्नातकोत्तर कार्यक्रमों में नामांकित हैं। एनआईटीटी को नियमित रूप से देश के शीर्ष 15 इंजीनियरिंग कॉलेजों में स्थान दिया जाता रहा है। यह संस्थान तिरुचिरापल्ली के बाहरी इलाके में एक परिसर पर स्थित है। अधिकांश छात्र परिसर के आवासीय हॉस्टलों में रहते हैं। यहाँ 35 से अधिक ऐसे छात्र समूह हैं जो विभिन्न गतिविधियों और रुचियों को पूरा करने में जुटे हुए हैं। संस्थान वार्षिक सांस्कृतिक और तकनीकी समारोहों का भी आयोजन करता है जो देश और विदेश के प्रतिभागियों को आकर्षित करता है। .
देखें अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद और राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, त्रिची
राजलक्ष्मी इंजीनियरिंग कॉलेज
राजलक्ष्मी इंजीनियरिंग कॉलेज (आरईसी) चेन्नई, तमिलनाडु, भारत में एक इंजीनियरिंग महाविद्यालय है। यह महाविद्यालय राजलक्ष्मी एजुकेशनल ट्रस्ट द्वारा 1997 में स्थापित किया गया था और अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई), नई दिल्ली द्वारा अनुमोदित है। यह अन्ना विश्वविद्यालय से संबद्ध है तथा हुंडई मोटर्स के निकट स्थित है। .
देखें अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद और राजलक्ष्मी इंजीनियरिंग कॉलेज
राजकीय पालीटेक्निक सोरों कासगंज
राजकीय पॉलिटेक्निक, सोरों (कासगंज), उत्तर प्रदेश का तकनीकी कॉलेज है। ये उत्तर प्रदेश प्राविधिक शिक्षा परिषद के अधीन व अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद द्वारा सम्बन्धित है। यह कॉलेज पश्चिमी क्षेत्र (दौराला, मेरठ) के अन्तर्गत आता है। इसका शिलान्यास सन १९८३ ईस्वी में तत्कालीन मुख्यमन्त्री श्री नारायण दत्त तिवारी व शिक्षामन्त्री श्री सुनील शास्त्री द्वारा किया गया। .
देखें अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद और राजकीय पालीटेक्निक सोरों कासगंज
रीजनल इन्स्टीट्यूट आफ़ साइंस एण्ड टेक्नोलाजी
क्षेत्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थान (RIST) पूर्वोत्तर भारत के मेघालय राज्य की राजधानी में स्थापित किया गया शैक्षणिक संस्थाण है। इसकी स्थापना २००९ में ईआरडी फाउंडेशन द्वारा की गयी थी।लेज में उत्तर पूर्वी क्षेत्र का भारतहै । कॉलेज और कोर्स कर रहे हैं के द्वारा मान्यता प्राप्त अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) और संबद्ध करने के लिए नॉर्थ ईस्टर्न हिल यूनिवर्सिटी, शिलांग, मेघालय.
देखें अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद और रीजनल इन्स्टीट्यूट आफ़ साइंस एण्ड टेक्नोलाजी
श्री शक्थी अभियांत्रिकी एवं प्रोद्योगिकी संसथान
श्री शक्ति इंजीनियरिंग एवं प्रौद्योगिकी संस्थान (SIET) एक अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) द्वारा मंजूरी प्राप्त कोयम्बटूर, तमिलनाडु, भारत, में स्थित एक अभियांत्रिकी संसथान है .
देखें अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद और श्री शक्थी अभियांत्रिकी एवं प्रोद्योगिकी संसथान
श्री गोविन्दराम सेकसरिया प्रौद्योगिकी एवं विज्ञान संस्थान
श्री गोविन्दराम सेकसरिया प्रौद्योगिकी एवं विज्ञान संस्थान (Shri Govindram Seksaria Institute of Technology and Science (SGSITS)), इन्दौर ही नहीं वरन् मध्य प्रदेश का प्रमुख अभियांत्रिकी महाविद्यालय है। इसकी स्थापना सन् १९५२ में हुई थी। यह स्वशासी संस्थान है और विश्वविद्यालय की उपाधि की प्राप्ति के लिये प्रयासरत है। अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई), नई दिल्ली और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी), नई दिल्ली ने १९८९ में एक स्वायत्त संस्थान का दर्जा दिया था। इस स्थिति के तहत, संस्थान यूजी और पीजी स्तर दोनों में अपनी परीक्षाएं आयोजित करता है तथा एसजीएसआईटीएस एक शासक मंडल के प्रशासन के तहत परिचालित हो गया। सम्प्रति इस संस्थान में ९ स्नातकस्तरीय एवं १७ परास्नातक-स्तरीय पाठ्यक्रम चल रहे हैं जिनमें क्रमश: ६५० एवं १५० छात्र लिये जाते हैं। इसके अतिरिक्त यह संस्थान अंशकालिक स्नातक पाठयक्रम भी चलाता है। .
देखें अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद और श्री गोविन्दराम सेकसरिया प्रौद्योगिकी एवं विज्ञान संस्थान
जबलपुर अभियांत्रिकी महाविद्यालय, जबलपुर
जबलपुर अभियांत्रिकी महाविद्यालय (जेईसी), जिसे पहले शासकीय अभियांत्रिकी महाविद्यालय, जबलपुर के नाम से जाना जाता था, जबलपुर, मध्य प्रदेश, भारत में स्थित एक संस्थान है। यह भारत में ब्रिटिश शासन के दौरान, शासकीय अभियांत्रिकी महाविद्यालय, जबलपुर के रूप में स्थापित किया गया था और यह भारत का १५ वां सबसे पुराना अभियांत्रिकी संस्थान है। यह भारत का पहला संस्थान है जिसने देश में इलेक्ट्रॉनिक्स और दूरसंचार अभियांत्रिकी की शिक्षा शुरू की और यह भारत में ब्रिटिश द्वारा स्थापित अंतिम शैक्षिक संस्थान भी है। संस्थान अभियांत्रिकी अनुप्रयुक्त विज्ञान में स्नातक, स्नाकोत्तर और डॉक्टरेट उपाधि प्रदान करता है। संस्थान ने मार्च २०१३ में एक घोषणा की, कि वह अभियांत्रिकी में नए पाठ्यक्रम शुरू कर रहा है जैसे प्रबंधन, रचना विज्ञान, वास्तुकला, नगर नियोजन, भेषज विज्ञान, साइबर और व्यवसाय और कानून में स्नाकोत्तर आदि। .
देखें अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद और जबलपुर अभियांत्रिकी महाविद्यालय, जबलपुर
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (भारत)
आयोग की स्थापना के समय मौलाना आजाद एवं डॉ॰सर्वपल्ली राधाकृष्णन भारत का विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (अंग्रेज़ी:University Grants Commission, लघु:UGC) केन्द्रीय सरकार का एक उपक्रम है जो सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों को अनुदान प्रदान करता है। यही आयोग विश्वविद्यालयों को मान्यता भी देता है। इसका मुख्यालय नयी दिल्ली में है और इसके छः क्षेत्रीय कार्यालय पुणे, भोपाल, कोलकाता, हैदराबाद, गुवाहाटी एवं बंगलुरु में हैं।। हिन्दुस्तान लाइव। २२ फ़रवरी २०१० .
देखें अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (भारत)
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, मेघालय
विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (यूएसटीएम, USTM) भारत के मेघालय राज्य के री-भोई जिले में स्थित एक स्वायत्त विश्वविद्यालय है। समूचे पूर्वोत्तर भारत में स्थापित यह पहला निजी विश्वविद्यालय है। इस विश्वविद्यालय को विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, मेघालय अधिनियम, २००८ के तहत स्थापित किया गया था। इस विश्वविद्यालय की स्थापना शिक्षा अनुसंधान एवं विकास फाउंडेशन (ERDF), जो कि पूर्वोत्तर क्षेत्र का सबसे बड़ा शैक्षिक नेटवर्क है; उसकी एक परियोजना के तहत की गयी थी। .
देखें अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, मेघालय
गाँधी कंप्यूटर एवं शोध संसथान, रायगढ़
गांधी संस्थान के उन्नत कंप्यूटर और अनुसंधान, Rayagada (GIACR), पूर्व IACR, एक इंजीनियरिंग कॉलेज में स्थित रायगढ़के राज्य में, ओड़िशा, भारत.
देखें अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद और गाँधी कंप्यूटर एवं शोध संसथान, रायगढ़
गोविन्द बल्लभ पन्त अभियान्त्रिकी महाविद्यालय
गोविन्द बल्लभ पंत अभियान्त्रिकी महाविद्यालय भारत के उत्तराखण्ड राज्य में उच्च तकनीकी शिक्षा का संस्थान है जिसका संचालन उत्तराखण्ड सरकार करती है। इसकी स्थापना १९८९ में महान स्वतन्त्रता सेनानी और पद्म रत्न श्री से सम्मानित गोविन्द बल्लभ पंत के सम्मानमें कि गई थी। यह महाविद्यालय गढ़वाल हिमालय में समुद्रतल से १,८०० मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। महाविद्यालय कुअल १६९ एकड़ में फैला हुआ है। महाविद्यालय का वातावरण शान्त, सौहार्दपूर्ण, पर्वतीय और प्रदूषण मुक्त है और मनोहारी दृश्य कैम्पस के चारों ओर से है। गर्मियाँ अधिकतम ३०० से॰ तापमान के साथ सुहावनी होती हैं और दो महीने तक रहती है और बाकि के दस महीनें मौसम ठण्डा रहता है। .
देखें अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद और गोविन्द बल्लभ पन्त अभियान्त्रिकी महाविद्यालय
अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी संस्थान, बरेली
इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी संस्थान, बरेली (आईईटी) उत्तर प्रदेश, बरेली में राज्य सरकार द्वारा वित्त पोषित इंजीनियरिंग कॉलेज है। यह एम॰जे॰पी॰ रोहिलखंड विश्वविद्यालय के परिसर में स्थित है। यह बिहार प्रान्त में स्थित प्रतिष्ठित अभियांत्रिकी संस्थानों में से एक है जिसमें विभिन्न शाखाएं है। प्रारंभ में (१९९५-२००७ तक) प्रवेश एम.जे.पी.
देखें अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद और अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी संस्थान, बरेली
एआईसीटीई के रूप में भी जाना जाता है।