सौर मंडल का गठन और विकास और सौर मण्डल के बीच समानता
सौर मंडल का गठन और विकास और सौर मण्डल आम में 3 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): सूर्य, आणविक बादल, आदिग्रह चक्र।
सूर्य
सूर्य अथवा सूरज सौरमंडल के केन्द्र में स्थित एक तारा जिसके चारों तरफ पृथ्वी और सौरमंडल के अन्य अवयव घूमते हैं। सूर्य हमारे सौर मंडल का सबसे बड़ा पिंड है और उसका व्यास लगभग १३ लाख ९० हज़ार किलोमीटर है जो पृथ्वी से लगभग १०९ गुना अधिक है। ऊर्जा का यह शक्तिशाली भंडार मुख्य रूप से हाइड्रोजन और हीलियम गैसों का एक विशाल गोला है। परमाणु विलय की प्रक्रिया द्वारा सूर्य अपने केंद्र में ऊर्जा पैदा करता है। सूर्य से निकली ऊर्जा का छोटा सा भाग ही पृथ्वी पर पहुँचता है जिसमें से १५ प्रतिशत अंतरिक्ष में परावर्तित हो जाता है, ३० प्रतिशत पानी को भाप बनाने में काम आता है और बहुत सी ऊर्जा पेड़-पौधे समुद्र सोख लेते हैं। इसकी मजबूत गुरुत्वाकर्षण शक्ति विभिन्न कक्षाओं में घूमते हुए पृथ्वी और अन्य ग्रहों को इसकी तरफ खींच कर रखती है। सूर्य से पृथ्वी की औसत दूरी लगभग १४,९६,००,००० किलोमीटर या ९,२९,६०,००० मील है तथा सूर्य से पृथ्वी पर प्रकाश को आने में ८.३ मिनट का समय लगता है। इसी प्रकाशीय ऊर्जा से प्रकाश-संश्लेषण नामक एक महत्वपूर्ण जैव-रासायनिक अभिक्रिया होती है जो पृथ्वी पर जीवन का आधार है। यह पृथ्वी के जलवायु और मौसम को प्रभावित करता है। सूर्य की सतह का निर्माण हाइड्रोजन, हिलियम, लोहा, निकेल, ऑक्सीजन, सिलिकन, सल्फर, मैग्निसियम, कार्बन, नियोन, कैल्सियम, क्रोमियम तत्वों से हुआ है। इनमें से हाइड्रोजन सूर्य के सतह की मात्रा का ७४ % तथा हिलियम २४ % है। इस जलते हुए गैसीय पिंड को दूरदर्शी यंत्र से देखने पर इसकी सतह पर छोटे-बड़े धब्बे दिखलाई पड़ते हैं। इन्हें सौर कलंक कहा जाता है। ये कलंक अपने स्थान से सरकते हुए दिखाई पड़ते हैं। इससे वैज्ञानिकों ने निष्कर्ष निकाला है कि सूर्य पूरब से पश्चिम की ओर २७ दिनों में अपने अक्ष पर एक परिक्रमा करता है। जिस प्रकार पृथ्वी और अन्य ग्रह सूरज की परिक्रमा करते हैं उसी प्रकार सूरज भी आकाश गंगा के केन्द्र की परिक्रमा करता है। इसको परिक्रमा करनें में २२ से २५ करोड़ वर्ष लगते हैं, इसे एक निहारिका वर्ष भी कहते हैं। इसके परिक्रमा करने की गति २५१ किलोमीटर प्रति सेकेंड है। Barnhart, Robert K. (1995) The Barnhart Concise Dictionary of Etymology, page 776.
सूर्य और सौर मंडल का गठन और विकास · सूर्य और सौर मण्डल ·
आणविक बादल
यह धूल और गैस का आणविक बादल कैरीना नॅब्युला का एक टूटा हुआ अंश है और इसके पास नवजात तारे नज़र आ रहे हैं। इन तारों की रोशनी खगोलीय धूल से गुज़रती हुई नीली लगने लगी है क्योंकि यह धूल नीला रंग अधिक फैलती है। इन तारों का कठोर प्रकाश कुछ लाख सालों में इस आणविक बदल को उबल कर ख़तम कर देगा। यह छवि १९९९ में हबल अंतरिक्ष दूरबीन से ली गयी थी। बार्नार्ड ६८ का विशाल आणविक बादल इतना घना है के यह एक "काले नॅब्युला" की तरह प्रतीत होता है, क्योंकि यह पीछे से आने वाले तारों की रोशनी को एक परदे की तरह रोक रहा है। "सॅफ़्यस बी" नामक आणविक बादल और उसमें नए जन्मे तारे। खगोलशास्त्र में आणविक बादल अंतरतारकीय माध्यम (इन्टरस्टॅलर स्पेस) में स्थित ऐसे अंतरतारकीय बादल (इन्टरस्टॅलर क्लाउड) को कहते हैं जिसका घनत्व और और आकार अणुओं को बनाने के लिए पार्यप्त हो। अधिकतर यह अणु हाइड्रोजन (H2) के होते हैं, हालांकि आणविक बादलों में और भी प्रकार के अणु मिलते हैं। आणविक बादलों में मौजूद हाइड्रोजन अणुओं को उनसे उभरने वाली विद्युतचुंबकीय विकिरण (इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेडिएशन) के ज़रिये पहचान लेना मुश्किल है इसलिए इन बादलों में हाइड्रोजन की मात्रा का अनुमान लगाना कठिन होता है। सौभाग्य से, हमारी आकाशगंगा (गैलॅक्सी) में देखा गया है के आणविक बादलों में हाइड्रोजन के साथ-साथ कार्बन मोनोऑक्साइड (CO) के अणु भी मिलते हैं और इस कार्बन मोनोऑक्साइड से उभरती रोशनी उतनी ही प्रबल होती है जितनी उसके इर्द-गिर्द हाइड्रोजन की मात्रा होती है। हालांकि यह हाइड्रोजन की मात्रा को अनुमानित करने का तरीका हमारी आकाशगंगा में तो चल जाता है, कुछ वैज्ञानिकों का मानना है के कार्बन मोनोऑक्साइड के रोशानपन और हाइड्रोजन की मात्रा का यह सम्बन्ध शायद कुछ दूसरी आकाशगंगाओं में सच न हो। .
आणविक बादल और सौर मंडल का गठन और विकास · आणविक बादल और सौर मण्डल ·
आदिग्रह चक्र
एक चित्रकार द्वारा कल्पनित किसी तारे के इर्द-गिर्द परिक्रमा करता आदिग्रह चक्र आदिग्रह चक्र या प्रोटोप्लैनॅटेरी डिस्क या प्रॉपलिड एक नए जन्में तारे के इर्द-गिर्द घूमता घनी गैस का चक्र होता है। कभी-कभी इस चक्र में जगह-जगह पर पदार्थों का जमावड़ा हो जाने से पहले धूल के कण और फिर ग्रह जन्म ले लेते हैं। .
आदिग्रह चक्र और सौर मंडल का गठन और विकास · आदिग्रह चक्र और सौर मण्डल ·
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संदर्भ
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