लोगो
यूनियनपीडिया
संचार
Google Play पर पाएं
नई! अपने एंड्रॉयड डिवाइस पर डाउनलोड यूनियनपीडिया!
इंस्टॉल करें
ब्राउज़र की तुलना में तेजी से पहुँच!
 

शाहनामा और संवेदनहीनता

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

शाहनामा और संवेदनहीनता के बीच अंतर

शाहनामा vs. संवेदनहीनता

शाहनामा या शाहनामे (شاهنامه) फ़ारसी भाषा का एक महाग्रंथ है जिसके रचायिता फ़िरदोसी हैं। इसमें ईरान पर अरबी फ़तह (सन् 636) के पूर्व के शासकों का चरित लिखा गया है। ख़ोरासान के महमूद ग़ज़नी के दरबार में प्रस्तुत इस किताब को फ़िरदौसी ने 30 साल की मेहनत के बाद सन् 1010 में तैयार किया था। इसमें मुखयतः दोहे हैं, जो दो मुख्य भागों में विभक्त हैं - मिथकीय (या कवि-कल्पित) और ऐतिहासिक सासानी शासकों से मेल खाते। कहा जाता है कि महमूद गज़नवी ने फिरदौसी को यह वचन दिया था कि वह 'शाहनामा' के हर शब्द के लिए एक दीनार देगा। वर्षों की मेहनत के बाद जब 'शाहनामा' तैयार हो गया और फिरदौसी उसे लेकर महमूद गज़नबी के दरबार में गया तो सम्राट ने उसे प्रत्येक शब्द के लिए एक दीनार नहीं बल्कि एक दिरहम का भुगतान करा दिया। कहा जाता है इस पर नाराज होकर फिरदौसी लौट गया और उसने एक दिरहम भी नहीं लिया। यह वायदा ख़िलाफ़ी कुछ ऐसी थी जैसे किसी कवि के प्रति शब्द एक रुपये देने का वचन देकर प्रति शब्द एक पैसा दिया जाये। फिरदौसी ने गुस्से में आकर महमूद गज़नबी के खिलाफ़ कुछ पंक्तियां लिखी। वे पंक्तियां इतनी प्रभावशाली थी कि पूरे साम्राज्य में फैल गयीं। कुछ साल बाद महमूद गज़नवी से उसके विश्वासपात्र मंत्रियों ने निवेदन किया कि फिरदौसी को उसी दर पर भुगतान कर दिया जाये जो तय की गयी थी। सम्राट के कारण पूछने पर प्रधानमंत्री ने कहा कि हम लोग साम्राज्य के जिस कोने में जाते हैं हमें वे पंक्तियां सुनने को मिलती हैं जो फिरदौसी ने आपके विरुद्ध लिखी हैं और हमारा सिर्फ शर्म से झुक जाता है। उसे निर्धारित दर पर पैसा दे दिया जायेगा तो हमें बड़ा नैतिक बल मिलेगा।' सम्राट ने आदेश दे दिया। दीनारों से भरी गाड़ी जब फिरदौसी के घर पहुंची तो घर के अंदर से फिरदौसी का जनाज़ा निकल रहा था। पूरी उम्र गरीबी, तंगी और मुफ़लिसी में काटने के बाद फिरदौसी मर चुका था। कहते हैं कि फिरदौसी की एकमात्र संतान उसकी लड़की ने भी यह धान लेने से इंकार कर दिया था। इस तरह सम्राट कवि का कर्जदार रहा और आज भी है। शायद यही वजह है कि आज फिरदौसी का शाहनामा जितना प्रसिद्ध है उतनी ही या उससे ज्यादा प्रसिद्ध वे पंक्तियां है जो फिरदौसी ने महमूद गज़नबी की आलोचना करते हुए लिखी थीं। फिरदौसी का 'शाहनामा' दरअसल ईरान का इतिहास ही नहीं ईरानी अस्मिता की पहचान है। उसमें प्राचीन ईरान की उपलब्धियों का बखान है। सम्राटों का इतिहास है। प्राचीन फ़ारसी ग्रंथों को नया रूप देकर उनको शामिल किया गया है। मिथक और इतिहास के सम्मिश्रण से एक अद्भुत प्रभाव उत्पन्न हुआ है। प्रेम, विद्रोह, वीरता, दुष्टता, मानवीयता, युद्ध, साहस के ऐसे उत्कृष्ट उदाहरण हैं जिन्होंने 'शाहनामा' को ईरानी साहित्य की अमर कृति बना दिया है। ईरानी साहित्य में 'शाहनामा' जितनी तरह से जितनी बार छपा है उतना और कोई पुस्तक नहीं छपी है। फिरदौसी ने रुस्तम और सोहराब जैसे पात्र निर्मित किए हैं जो मानव-स्मृति का हिस्सा बन चुके हैं। | accessdate. संवेदनाहरण" (एनेस्थेसिया) या "निश्चेतना" (देखें वर्तनी में अंतर ग्रीक से व्युत्पत्त,.

शाहनामा और संवेदनहीनता के बीच समानता

शाहनामा और संवेदनहीनता आम में एक बात है (यूनियनपीडिया में): हकीम अबुल कासिम फिरदौसी तुसी

हकीम अबुल कासिम फिरदौसी तुसी

हकीम अबुल कासिम फिरदौसी तुसी (फारसी-حکیم ابوالقاسم فردوسی توسی) फारसी कवि थे। उन्होने शाहनामा की रचना की जो बाद में फारस (ईरान) की राष्ट्रीय महाकाव्य बन गई। इसमें उन्होने सातवीं सदी में फारस पर अरबी फतह के पहले के ईरान के बारे में लिखा है। .

शाहनामा और हकीम अबुल कासिम फिरदौसी तुसी · संवेदनहीनता और हकीम अबुल कासिम फिरदौसी तुसी · और देखें »

सूची के ऊपर निम्न सवालों के जवाब

शाहनामा और संवेदनहीनता के बीच तुलना

शाहनामा 8 संबंध है और संवेदनहीनता 18 है। वे आम 1 में है, समानता सूचकांक 3.85% है = 1 / (8 + 18)।

संदर्भ

यह लेख शाहनामा और संवेदनहीनता के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

अरे! अब हम फेसबुक पर हैं! »