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व्हाइट होल और सामान्य आपेक्षिकता

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

व्हाइट होल और सामान्य आपेक्षिकता के बीच अंतर

व्हाइट होल vs. सामान्य आपेक्षिकता

व्हाइट होल (सफ़ेद छिद्र) (White hole) सामान्य आपेक्षिकता सिद्धांत के अंतर्गत, एक काल्पनिक क्षेत्र है जिसमें बाहर से प्रवेश संभव नहीं, हालाँकि इससे प्रकाश और पदार्थ का बहिर्गमन संभव है। एक प्रकार से यह, ब्लैक होल (कृष्ण विवर), जिसमें केवल बाहर से प्रवेश संभव है और पदार्थ या प्रकाश बाहर नहीं आ सकता, के उलटी स्थिति है। उपरोक्त दोनों क्षेत्र आइनस्टाइन क्षेत्र समीकरण द्वारा कल्पित किये गए हैं। अंतरिक्ष के अन्य पिण्डों की तरह श्वेत विवर भी द्रव्यमान और गुरुत्वाकर्षण बल से युक्त होते हैं। . सामान्य आपेक्षिकता सिद्धांत या सामान्य सापेक्षता सिद्धांत, जिसे अंग्रेजी में "जॅनॅरल थिओरी ऑफ़ रॅलॅटिविटि" कहते हैं, एक वैज्ञानिक सिद्धांत है जो कहता है कि ब्रह्माण्ड में किसी भी वस्तु की तरफ़ जो गुरुत्वाकर्षण का खिंचाव देखा जाता है उसका असली कारण है कि हर वस्तु अपने मान और आकार के अनुसार अपने इर्द-गिर्द के दिक्-काल (स्पेस-टाइम) में मरोड़ पैदा कर देती है। बरसों के अध्ययन के बाद जब १९१६ में अल्बर्ट आइंस्टीन ने इस सिद्धांत की घोषणा की तो विज्ञान की दुनिया में तहलका मच गया और ढाई-सौ साल से क़ायम आइज़क न्यूटन द्वारा १६८७ में घोषित ब्रह्माण्ड का नज़रिया हमेशा के लिए उलट दिया गया। भौतिक शास्त्र पर इसका इतना गहरा प्रभाव पड़ा कि लोग आधुनिक भौतिकी (माडर्न फ़िज़िक्स) को शास्त्रीय भौतिकी (क्लासिकल फ़िज़िक्स) से अलग विषय बताने लगे और अल्बर्ट आइंस्टीन को आधुनिक भौतिकी का पिता माना जाने लगा। .

व्हाइट होल और सामान्य आपेक्षिकता के बीच समानता

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व्हाइट होल और सामान्य आपेक्षिकता के बीच तुलना

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संदर्भ

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