वास्तविकता और व्यक्तिपरकता
शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ।
वास्तविकता और व्यक्तिपरकता के बीच अंतर
वास्तविकता vs. व्यक्तिपरकता
वास्तविकता 'जो है' उसका दूसरा नाम है। इसे यथार्थता भी कहते हैं। . व्यक्तिपरकता (Subjectivity) चेतना, वास्तविकता और सत्य के बोध से सम्बन्धित वह दार्शनिक अवधारणा है जिसमें किसी व्यक्ति या अन्य बोध करने वाले जीव को वास्तविकता वसी प्रतीत होती है जैसे उसके अपने स्वयं के गुणों द्वारा प्रभावित हो। यह वस्तुनिष्ठता के विपरीत होती है जिसमें तथ्य वैश्विक-रूप से सत्य होते हैं और बोध करने वाले व्यक्ति या जीव के भीतरी गुणों पर निर्भर नहीं होते। उदाहरण के लिये कोई व्यक्ति क्रोधित हो तो उसे व्यक्तिपरक रूप से कोई अन्य व्यक्ति शत्रु प्रतीत हो सकता है जबकी वस्तुनिष्ठ सत्य में यह अन्य व्यक्ति मित्र हो। .
वास्तविकता और व्यक्तिपरकता के बीच समानता
वास्तविकता और व्यक्तिपरकता आम में एक बात है (यूनियनपीडिया में): वास्तविकता।
सूची के ऊपर निम्न सवालों के जवाब
- क्या वास्तविकता और व्यक्तिपरकता लगती में
- यह आम वास्तविकता और व्यक्तिपरकता में है क्या
- वास्तविकता और व्यक्तिपरकता के बीच समानता
वास्तविकता और व्यक्तिपरकता के बीच तुलना
वास्तविकता 3 संबंध है और व्यक्तिपरकता 7 है। वे आम 1 में है, समानता सूचकांक 10.00% है = 1 / (3 + 7)।
संदर्भ
यह लेख वास्तविकता और व्यक्तिपरकता के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें: