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लोक प्रशासन और लोक प्रशासन के सिद्धान्त

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

लोक प्रशासन और लोक प्रशासन के सिद्धान्त के बीच अंतर

लोक प्रशासन vs. लोक प्रशासन के सिद्धान्त

लोक प्रशासन (Public administration) मोटे तौर पर शासकीय नीति (government policy) के विभिन्न पहलुओं का विकास, उन पर अमल एवं उनका अध्ययन है। प्रशासन का वह भाग जो सामान्य जनता के लाभ के लिये होता है, लोकप्रशासन कहलाता है। लोकप्रशासन का संबंध सामान्य नीतियों अथवा सार्वजनिक नीतियों से होता है। एक अनुशासन के रूप में इसका अर्थ वह जनसेवा है जिसे 'सरकार' कहे जाने वाले व्यक्तियों का एक संगठन करता है। इसका प्रमुख उद्देश्य और अस्तित्व का आधार 'सेवा' है। इस प्रकार की सेवा उठाने के लिए सरकार को जन का वित्तीय बोझ करों और महसूलों के रूप में राजस्व वसूल कर संसाधन जुटाने पड़ते हैं। जिनकी कुछ आय है उनसे कुछ लेकर सेवाओं के माध्यम से उसका समतापूर्ण वितरण करना इसका उद्देश्य है। किसी भी देश में लोक प्रशासन के उद्देश्य वहां की संस्थाओं, प्रक्रियाओं, कार्मिक-राजनीतिक व्यवस्था की संरचनाओं तथा उस देश के संविधान में व्यक्त शासन के सिद्धातों पर निर्भर होते हैं। प्रतिनिधित्व, उत्तरदायित्व, औचित्य और समता की दृष्टि से शासन का स्वरूप महत्व रखता है, लेकिन सरकार एक अच्छे प्रशासन के माध्यम से इन्हें साकार करने का प्रयास करती है। . लोक प्रशासन के सिद्धान्त इतिहास, संगठन के सिद्धान्त, सामाजिक सिद्धान्त एवं आम जनता से जुड़े अन्य विषयों के सम्मिश्रण से बने हैं। .

लोक प्रशासन और लोक प्रशासन के सिद्धान्त के बीच समानता

लोक प्रशासन और लोक प्रशासन के सिद्धान्त आम में 2 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): लोक प्रशासन का इतिहास, लोक प्रशासन की प्रकृति

लोक प्रशासन का इतिहास

एक व्यवस्थित अध्ययन के रूप में लोक-प्रशासन का विकास अभी नया ही है। लोक-प्रशासन के शैक्षिक अध्ययन का प्रारम्भ करने का श्रेय वुडरो विल्सन को जाता है जिसने १८८७ में प्रकाशित अपने लेख ‘द स्टडी ऑफ ऐडमिनिस्ट्रेशन' में इस शास्त्र के वैज्ञानिक आधार को विकसित करने की आवश्यकता पर बल दिया। इस लेख में राजनीति तथा प्रशासन के बीच स्पष्ट भिन्नता दिखाई गई और घोषित किया गया कि प्रशासन की राजनीति से दूर रहना चाहिए। इसी को तथाकथित ‘राजनीति-प्रशासन-द्विभाजन’ कहते हैं। लोक प्रशासन का इतिहास निम्नलिखित 5 चरणों में विभाज्य है- .

लोक प्रशासन और लोक प्रशासन का इतिहास · लोक प्रशासन का इतिहास और लोक प्रशासन के सिद्धान्त · और देखें »

लोक प्रशासन की प्रकृति

जिस प्रकार लोक प्रशासन की परिभाषा में कई दृष्टिकोण दिखाई देते हैं, उसी प्रकार इसकी प्रकृति के विषय में भी दो तरह के दृष्टिकोण हैं। प्रथम, व्यापक दृष्टिकोण जिसे 'पूर्ण विचार' अथवा 'एकीकृत विचार' कहा जाता है और दूसरा संकुचित दृष्टिकोण जिसे 'प्रबन्धकीय विचार' कहा जाता है। .

लोक प्रशासन और लोक प्रशासन की प्रकृति · लोक प्रशासन की प्रकृति और लोक प्रशासन के सिद्धान्त · और देखें »

सूची के ऊपर निम्न सवालों के जवाब

लोक प्रशासन और लोक प्रशासन के सिद्धान्त के बीच तुलना

लोक प्रशासन 41 संबंध है और लोक प्रशासन के सिद्धान्त 6 है। वे आम 2 में है, समानता सूचकांक 4.26% है = 2 / (41 + 6)।

संदर्भ

यह लेख लोक प्रशासन और लोक प्रशासन के सिद्धान्त के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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