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यमराज और हिंदू धर्म में कर्म

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

यमराज और हिंदू धर्म में कर्म के बीच अंतर

यमराज vs. हिंदू धर्म में कर्म

यमराज हिन्दू धर्म के अनुसार मृत्यु के देवता हैं। इनका उल्लेख वेद में भी आता है। इनकी जुड़वां बहन यमुना (यमी) है। यमराज, महिषवाहन (भैंसे पर सवार) दण्डधर हैं। वे जीवों के शुभाशुभ कर्मों के निर्णायक हैं। वे परम भागवत, बारह भागवताचार्यों में हैं। यमराज दक्षिण दिशा के दिक् पाल कहे जाते हैं और आजकल मृत्यु के देवता माने जाते हैं। दक्षिण दिशा के इन लोकपाल की संयमनीपुरी समस्त प्राणियों के लिये, जो अशुभकर्मा हैं, बड़ी भयप्रद है। यम, धर्मराज, मृत्यु, अन्तक, वैवस्वत, काल, सर्वभूतक्षय, औदुभ्बर, दघ्न, नील, परमेष्ठी, वृकोदर, चित्र और चित्रगुप्त - इन चौदह नामों से यमराज की आराधना होती है। इन्हीं नामों से इनका तर्पण किया जाता है। विश्वकर्मा की पुत्री संज्ञा से भगवान सूर्य के पुत्र यमराज, श्राद्धदेव मनु और यमुना उत्पन्न हुईं। . कर्म हिंदू धर्म की वह अवधारणा है, जो एक प्रणाली के माध्यम से कार्य-कारण के सिद्धांत की व्याख्या करती है, जहां पिछले हितकर कार्यों का हितकर प्रभाव और हानिकर कार्यों का हानिकर प्रभाव प्राप्त होता है, जो पुनर्जन्म का एक चक्र बनाते हुए आत्मा के जीवन में पुन: अवतरण या पुनर्जन्म की क्रियाओं और प्रतिक्रियाओं की एक प्रणाली की रचना करती है। कहा जाता है कि कार्य-कारण सिद्धांत न केवल भौतिक दुनिया में लागू होता है, बल्कि हमारे विचारों, शब्दों, कार्यों और उन कार्यों पर भी लागू होता है जो हमारे निर्देशों पर दूसरे किया करते हैं। परमहंस स्वामी महेश्वराआनंद, मानव में छिपी शक्ति, इबेरा वरलैग, पृष्ठ 23, ISBN 3-85052-197-4 जब पुनर्जन्म का चक्र समाप्त हो जाता है, तब कहा जाता है कि उस व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है, या संसार से मुक्ति मिलती है। सभी पुनर्जन्म मानव योनि में ही नहीं होते हैं। कहते हैं कि पृथ्वी पर जन्म और मृत्यु का चक्र 84 लाख योनियों में चलता रहता है, लेकिन केवल मानव योनि में ही इस चक्र से बाहर निकलना संभव है।परमहंस स्वामी महेश्वराआनंद, मानव में छिपी शक्ति, इबेरा वरलैग, पृष्ठ 24, ISBN 3-85052-197-4 .

यमराज और हिंदू धर्म में कर्म के बीच समानता

यमराज और हिंदू धर्म में कर्म आम में एक बात है (यूनियनपीडिया में): हिन्दू धर्म

हिन्दू धर्म

हिन्दू धर्म (संस्कृत: सनातन धर्म) एक धर्म (या, जीवन पद्धति) है जिसके अनुयायी अधिकांशतः भारत,नेपाल और मॉरिशस में बहुमत में हैं। इसे विश्व का प्राचीनतम धर्म कहा जाता है। इसे 'वैदिक सनातन वर्णाश्रम धर्म' भी कहते हैं जिसका अर्थ है कि इसकी उत्पत्ति मानव की उत्पत्ति से भी पहले से है। विद्वान लोग हिन्दू धर्म को भारत की विभिन्न संस्कृतियों एवं परम्पराओं का सम्मिश्रण मानते हैं जिसका कोई संस्थापक नहीं है। यह धर्म अपने अन्दर कई अलग-अलग उपासना पद्धतियाँ, मत, सम्प्रदाय और दर्शन समेटे हुए हैं। अनुयायियों की संख्या के आधार पर ये विश्व का तीसरा सबसे बड़ा धर्म है। संख्या के आधार पर इसके अधिकतर उपासक भारत में हैं और प्रतिशत के आधार पर नेपाल में हैं। हालाँकि इसमें कई देवी-देवताओं की पूजा की जाती है, लेकिन वास्तव में यह एकेश्वरवादी धर्म है। इसे सनातन धर्म अथवा वैदिक धर्म भी कहते हैं। इण्डोनेशिया में इस धर्म का औपचारिक नाम "हिन्दु आगम" है। हिन्दू केवल एक धर्म या सम्प्रदाय ही नहीं है अपितु जीवन जीने की एक पद्धति है। .

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यमराज और हिंदू धर्म में कर्म के बीच तुलना

यमराज 21 संबंध है और हिंदू धर्म में कर्म 62 है। वे आम 1 में है, समानता सूचकांक 1.20% है = 1 / (21 + 62)।

संदर्भ

यह लेख यमराज और हिंदू धर्म में कर्म के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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