लोगो
यूनियनपीडिया
संचार
Google Play पर पाएं
नई! अपने एंड्रॉयड डिवाइस पर डाउनलोड यूनियनपीडिया!
डाउनलोड
ब्राउज़र की तुलना में तेजी से पहुँच!
 

महात्मा गांधी का शिक्षा दर्शन और शिक्षाशास्त्री

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

महात्मा गांधी का शिक्षा दर्शन और शिक्षाशास्त्री के बीच अंतर

महात्मा गांधी का शिक्षा दर्शन vs. शिक्षाशास्त्री

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का व्यक्तित्व और कृतित्व आदर्शवादी रहा है। उनका आचरण प्रयोजनवादी विचारधारा से ओतप्रोत था। संसार के अधिकांश लोग उन्हें महान राजनीतिज्ञ एवं समाज सुधारक के रूप में जानते हैं। पर उनका यह मानना था कि सामाजिक उन्नति हेतु शिक्षा का एक मत्वपूर्ण योगदान होता है। अतः गांधीजी का शिक्षा के क्षेत्र में भी विशेष योगदान रहा है। उनका मूलमंत्र था - 'शोषण-विहीन समाज की स्थापना करना'। उसके लिए सभी को शिक्षित होना चाहिए। क्योंकि शिक्षा के अभाव में एक स्वस्थ समाज का निर्माण असंभव है। अतः गांधीजी ने जो शिक्षा के उद्देश्यों एवं सिद्धांतों की व्याख्या की तथा प्रारंभिक शिक्षा योजना उनके शिक्षादर्शन का मूर्त रूप है। अतएव उनका शिक्षादर्शन उनको एक शिक्षाशास्त्री के रूप में भी समाज के सामने प्रस्तुत करता है। उनका शिक्षा के प्रति जो योगदान था वह अद्वितीय था। उनका मानना था कि मेरे प्रिय भारत में बच्चों को 3H की शिक्षा अर्थात् head hand heart की शिक्षा दी जावे। शिक्षा उन्हें स्वावलंबी बनाये और वे देश को मतबूत बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दे सकें। . पूरब और पश्चिम के अनेक शिक्षाशास्त्री - शंकर, रामानुज, निंबार्क, कर्वे, मदनमोहन मालवीय, सुकरात न्यूटन, स्पेसर आदि हुए हैं। पश्चिम के शिक्षाशास्त्रियों में सुकरात, अफलातून (प्लेटो) और उसके शिष्य अरस्तू का प्रमुख स्थान है। .

महात्मा गांधी का शिक्षा दर्शन और शिक्षाशास्त्री के बीच समानता

महात्मा गांधी का शिक्षा दर्शन और शिक्षाशास्त्री आम में 0 बातें हैं (यूनियनपीडिया में)।

सूची के ऊपर निम्न सवालों के जवाब

महात्मा गांधी का शिक्षा दर्शन और शिक्षाशास्त्री के बीच तुलना

महात्मा गांधी का शिक्षा दर्शन 5 संबंध है और शिक्षाशास्त्री 10 है। वे आम 0 में है, समानता सूचकांक 0.00% है = 0 / (5 + 10)।

संदर्भ

यह लेख महात्मा गांधी का शिक्षा दर्शन और शिक्षाशास्त्री के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

अरे! अब हम फेसबुक पर हैं! »