महाकाव्य और युगसंध्या
शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ।
महाकाव्य और युगसंध्या के बीच अंतर
महाकाव्य vs. युगसंध्या
संस्कृत काव्यशास्त्र में महाकाव्य (एपिक) का प्रथम सूत्रबद्ध लक्षण आचार्य भामह ने प्रस्तुत किया है और परवर्ती आचार्यों में दंडी, रुद्रट तथा विश्वनाथ ने अपने अपने ढंग से इस महाकाव्य(एपिक)सूत्रबद्ध के लक्षण का विस्तार किया है। आचार्य विश्वनाथ का लक्षण निरूपण इस परंपरा में अंतिम होने के कारण सभी पूर्ववर्ती मतों के सारसंकलन के रूप में उपलब्ध है।महाकाव्य में भारत को भारतवर्ष अथवा भरत का देश कहा गया है तथा भारत निवासियों को भारती अथवा भरत की संतान कहा गया है . युगसंध्या कन्नड़ भाषा के विख्यात साहित्यकार सुजना (एस. नारायण शेट्टी) द्वारा रचित एक महाकाव्य है जिसके लिये उन्हें सन् 2002 में कन्नड़ भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .
महाकाव्य और युगसंध्या के बीच समानता
महाकाव्य और युगसंध्या आम में 0 बातें हैं (यूनियनपीडिया में)।
सूची के ऊपर निम्न सवालों के जवाब
- क्या महाकाव्य और युगसंध्या लगती में
- यह आम महाकाव्य और युगसंध्या में है क्या
- महाकाव्य और युगसंध्या के बीच समानता
महाकाव्य और युगसंध्या के बीच तुलना
महाकाव्य 66 संबंध है और युगसंध्या 7 है। वे आम 0 में है, समानता सूचकांक 0.00% है = 0 / (66 + 7)।
संदर्भ
यह लेख महाकाव्य और युगसंध्या के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें: