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मरग़ूब बानिहाली और साहित्य अकादमी पुरस्कार कश्मीरी

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

मरग़ूब बानिहाली और साहित्य अकादमी पुरस्कार कश्मीरी के बीच अंतर

मरग़ूब बानिहाली vs. साहित्य अकादमी पुरस्कार कश्मीरी

मरग़ूब बानिहाली कश्मीरी भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक कविता–संग्रह परतविस्तान के लिये उन्हें सन् 1979 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। . साहित्य अकादमी पुरस्कार एक साहित्यिक सम्मान है जो कुल २४ भाषाओं में प्रदान किया जाता है। इन भाषाओं में कश्मीरी भाषा भी शामिल है। .

मरग़ूब बानिहाली और साहित्य अकादमी पुरस्कार कश्मीरी के बीच समानता

मरग़ूब बानिहाली और साहित्य अकादमी पुरस्कार कश्मीरी आम में 3 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): परतविस्तान, भारतीय साहित्य अकादमी, कश्मीरी भाषा

परतविस्तान

परतविस्तान कश्मीरी भाषा के विख्यात साहित्यकार मरग़ूब बानिहाली द्वारा रचित एक कविता–संग्रह है जिसके लिये उन्हें सन् 1979 में कश्मीरी भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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भारतीय साहित्य अकादमी

भारत की साहित्य अकादमी भारतीय साहित्य के विकास के लिये सक्रिय कार्य करने वाली राष्ट्रीय संस्था है। इसका गठन १२ मार्च १९५४ को भारत सरकार द्वारा किया गया था। इसका उद्देश्य उच्च साहित्यिक मानदंड स्थापित करना, भारतीय भाषाओं और भारत में होनेवाली साहित्यिक गतिविधियों का पोषण और समन्वय करना है। .

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कश्मीरी भाषा

कश्मीरी भाषा एक भारतीय-आर्य भाषा है जो मुख्यतः कश्मीर घाटी तथा चेनाब घाटी में बोली जाती है। वर्ष २००१ की जनगणना के अनुसार भारत में इसके बोलने वालों की संख्या लगभग ५६ लाख है। पाक-अधिकृत कश्मीर में १९९८ की जनगणना के अनुसार लगभग १ लाख कश्मीरी भाषा बोलने वाले हैं। कश्मीर की वितस्ता घाटी के अतिरिक्त उत्तर में ज़ोजीला और बर्ज़ल तक तथा दक्षिण में बानहाल से परे किश्तवाड़ (जम्मू प्रांत) की छोटी उपत्यका तक इस भाषा के बोलने वाले हैं। कश्मीरी, जम्मू प्रांत के बानहाल, रामबन तथा भद्रवाह में भी बोली जाती है। प्रधान उपभाषा किश्तवाड़ की "कश्तवाडी" है। कश्मीर की भाषा कश्मीरी (कोशुर) है ये कश्मीर में वर्तमान समय में बोली जाने वाली भाषा है। कश्मीरी भाषा के लिए विभिन्न लिपियों का उपयोग किया गया है, जिसमें मुख्य लिपियां हैं- शारदा, देवनागरी, रोमन और परशो-अरबी है। कश्मीर वादी के उत्तर और पश्चिम में बोली जाने वाली भाषाएं - दर्ददी, श्रीन्या, कोहवाड़ कश्मीरी भाषा के उलट थीं। यह भाषा इंडो-आर्यन और हिंदुस्तानी-ईरानी भाषा के समान है। भाषाविदों का मानना ​​है कि कश्मीर के पहाड़ों में रहने वाले पूर्व नागावासी जैसे गंधर्व, यक्ष और किन्नर आदि,बहुत पहले ही मूल आर्यन से अलग हो गए। इसी तरह कश्मीरी भाषा को आर्य भाषा जैसा बनने में बहुत समय लगा। नागा भाषा स्वतः ही विकसित हुई है इस सब के बावजूद, कश्मीरी भाषा ने अपनी विशिष्ट स्वर शैली को बनाए रखा और 8 वीं-9 वीं शताब्दी में अन्य आधुनिक भारतीय भाषाओं की तरह, कई चरणों से गुजरना पड़ा। .

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मरग़ूब बानिहाली और साहित्य अकादमी पुरस्कार कश्मीरी के बीच तुलना

मरग़ूब बानिहाली 4 संबंध है और साहित्य अकादमी पुरस्कार कश्मीरी 94 है। वे आम 3 में है, समानता सूचकांक 3.06% है = 3 / (4 + 94)।

संदर्भ

यह लेख मरग़ूब बानिहाली और साहित्य अकादमी पुरस्कार कश्मीरी के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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