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मजलिस-ए-शूरा और सरदार अयाज़ सादिक़

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

मजलिस-ए-शूरा और सरदार अयाज़ सादिक़ के बीच अंतर

मजलिस-ए-शूरा vs. सरदार अयाज़ सादिक़

मजलिस-ए-शूरा (उर्दू) यानी पाकिस्तान की संसद पाकिस्तान में संघीय स्तर पर सर्वोच्च विधायी संस्था है। इस संस्थान में दो सदन हैं, निचले सदन या कौमी एसेंबली और ऊपरी सदन या सीनेट। पाकिस्तान का संविधान की धारा 50 के मुताबिक़ राष्ट्रपति भी मजलिस-ए-शूरा का हिस्सा हैं। इसकी दोनों सदनों में से निम्नसदन नैशनल असेम्बली एक अस्थाई इकाई है, और प्रती पाँचवे वर्ष, आम निर्वाचन द्वारा यह परिवर्तित होती रहती है, वहीं उच्चसदन सेनेट एक स्थाई इकाई है, जो कभी भंग नहीं होती है, परंतु भाग-दर-भाग इसके सदस्यों को बदल दिया जाता है। संसद की दोनों सदनों हेतु सभागृह इस्लामाबाद को पार्लिआमेंट हाउस में है। 1960 में संसद के आसन को कराँची से इस्लामाबाद लाया गया था। . सरदार अयाज़ सादिक पाकिस्तान के क़ौमी असेम्बली के वर्तमान सभापति हैं। वह पहली बार ३ जून २०१३ को फहमीदा मिर्जा के बाद क़ौमी असेम्बली के उन्नीसवीं सभापति बने, उनका पहला कार्यकाल 22 अगस्त 2015 को समाप्त हुआ। वह दूसरी बार, 9 नवंबर 2015 को पुनः इस पद पर काबिज़ हुए। लाहौर से नेशनल असेंबली के असेम्बली क्षेत्र १२२ से पंजाब (पाकिस्तान) के राष्ट्रीय विधानसभा अध्यक्ष अयाज सादिक २०१३ में ९३ हजार ३ से ८९ वोट लेकर सदस्य नेशनल असेंबली चुने गए थे। इस चुनाव को इमरान खान ने चुनाव न्यायाधिकरण में चयालनज किया था। चुनाव ट्रिब्यूनल के न्यायाधीश काज़िम अली मलिक ने कथित धांधली के मामले में दायर याचिका पर क्षेत्र के चुनाव को निरस्त करते हुए दोबारा मतदान कराने का अगस्त २०१५ में आदेश दिया था। सरदार अयाज सादिक तीसरी बार इस क्षेत्र में २०१३ में चुने गए थे। .

मजलिस-ए-शूरा और सरदार अयाज़ सादिक़ के बीच समानता

मजलिस-ए-शूरा और सरदार अयाज़ सादिक़ आम में 4 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): पाकिस्तान, पाकिस्तान की राष्ट्रीय सभा, पाकिस्तान की राष्ट्रीय सभा के अध्यक्ष, सरदार अयाज़ सादिक़

पाकिस्तान

इस्लामी जम्हूरिया पाकिस्तान या पाकिस्तान इस्लामी गणतंत्र या सिर्फ़ पाकिस्तान भारत के पश्चिम में स्थित एक इस्लामी गणराज्य है। 20 करोड़ की आबादी के साथ ये दुनिया का छठा बड़ी आबादी वाला देश है। यहाँ की प्रमुख भाषाएँ उर्दू, पंजाबी, सिंधी, बलूची और पश्तो हैं। पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद और अन्य महत्वपूर्ण नगर कराची व लाहौर रावलपिंडी हैं। पाकिस्तान के चार सूबे हैं: पंजाब, सिंध, बलोचिस्तान और ख़ैबर​-पख़्तूनख़्वा। क़बाइली इलाक़े और इस्लामाबाद भी पाकिस्तान में शामिल हैं। इन के अलावा पाक अधिकृत कश्मीर (तथाकथित आज़ाद कश्मीर) और गिलगित-बल्तिस्तान भी पाकिस्तान द्वारा नियंत्रित हैं हालाँकि भारत इन्हें अपना भाग मानता है। पाकिस्तान का जन्म सन् 1947 में भारत के विभाजन के फलस्वरूप हुआ था। सर्वप्रथम सन् 1930 में कवि (शायर) मुहम्मद इक़बाल ने द्विराष्ट्र सिद्धान्त का ज़िक्र किया था। उन्होंने भारत के उत्तर-पश्चिम में सिंध, बलूचिस्तान, पंजाब तथा अफ़गान (सूबा-ए-सरहद) को मिलाकर एक नया राष्ट्र बनाने की बात की थी। सन् 1933 में कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के छात्र चौधरी रहमत अली ने पंजाब, सिन्ध, कश्मीर तथा बलोचिस्तान के लोगों के लिए पाक्स्तान (जो बाद में पाकिस्तान बना) शब्द का सृजन किया। सन् 1947 से 1970 तक पाकिस्तान दो भागों में बंटा रहा - पूर्वी पाकिस्तान और पश्चिमी पाकिस्तान। दिसम्बर, सन् 1971 में भारत के साथ हुई लड़ाई के फलस्वरूप पूर्वी पाकिस्तान बांग्लादेश बना और पश्चिमी पाकिस्तान पाकिस्तान रह गया। .

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पाकिस्तान की राष्ट्रीय सभा

पाकिस्तान की राष्ट्रीय सभा या क़ौमी असेम्ब्ली (قومی اسمبلی; National Assembly, नैशनल असेम्ब्ली) पाकिस्तान की द्वीसदनीय संसद(मजलिस-ए शूरा), जिसका उच्चसदन सेनेट है, का निम्नसदन है। उर्दू भाषा मैं इसे कौमी इस्म्ब्ली कहा जाता हैं। इसमें कुल 342 आसन हैं, जिन में से 242 चुनाव के जरये चुने जाते हैं और बाक़ी के 70 महिलाओं और अल्पसंख्यकों के लिए आरक्षित हैं। क़ौमी इस्म्ब्ली पाकिस्तान की संधीय विधायिका की वह इकाई है, जिसे जनता द्वारा चुना जाता है(यह पाकिस्तान में लोकसभा की जोड़ीदार है)। .

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पाकिस्तान की राष्ट्रीय सभा के अध्यक्ष

पाकिस्तान की नेशनल असेंबली के अध्यक्ष, पाकिस्तान की संविधान द्वारा स्थापित एक संवैधानिक पद है, वे पाकिस्तान की नैशनल असेम्बली के सभापति एवं अधिष्ठाता हैं। अध्यक्ष राष्ट्रपति के उत्तराधिकार पंक्ति में पाकिस्तान की सेनेट के अध्यक्ष के पश्चात तीसरे स्थान पर हैं, यानी राष्ट्रपति के अभाव में वे राष्ट्रपतित्व का निर्वाह करते हैं, जबकि रुतबे के आधार पर वे राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और सेनेट के अध्यक्ष के बाद चौथे स्थान पर होता है। इसके अलावा अध्यक्ष विदेशों में भी निचले सदन के प्रवक्ता होता है। वे तटस्थ होता है। वह नेशनल असेंबली को भंग किए जाने के बाद अगले अध्यक्ष के चयन तक अध्यक्षता की जिम्मेदारियां निभाने है। .

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सरदार अयाज़ सादिक़

सरदार अयाज़ सादिक पाकिस्तान के क़ौमी असेम्बली के वर्तमान सभापति हैं। वह पहली बार ३ जून २०१३ को फहमीदा मिर्जा के बाद क़ौमी असेम्बली के उन्नीसवीं सभापति बने, उनका पहला कार्यकाल 22 अगस्त 2015 को समाप्त हुआ। वह दूसरी बार, 9 नवंबर 2015 को पुनः इस पद पर काबिज़ हुए। लाहौर से नेशनल असेंबली के असेम्बली क्षेत्र १२२ से पंजाब (पाकिस्तान) के राष्ट्रीय विधानसभा अध्यक्ष अयाज सादिक २०१३ में ९३ हजार ३ से ८९ वोट लेकर सदस्य नेशनल असेंबली चुने गए थे। इस चुनाव को इमरान खान ने चुनाव न्यायाधिकरण में चयालनज किया था। चुनाव ट्रिब्यूनल के न्यायाधीश काज़िम अली मलिक ने कथित धांधली के मामले में दायर याचिका पर क्षेत्र के चुनाव को निरस्त करते हुए दोबारा मतदान कराने का अगस्त २०१५ में आदेश दिया था। सरदार अयाज सादिक तीसरी बार इस क्षेत्र में २०१३ में चुने गए थे। .

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मजलिस-ए-शूरा और सरदार अयाज़ सादिक़ के बीच तुलना

मजलिस-ए-शूरा 46 संबंध है और सरदार अयाज़ सादिक़ 14 है। वे आम 4 में है, समानता सूचकांक 6.67% है = 4 / (46 + 14)।

संदर्भ

यह लेख मजलिस-ए-शूरा और सरदार अयाज़ सादिक़ के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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