भारतीय शिक्षा का इतिहास और राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद के बीच समानता
भारतीय शिक्षा का इतिहास और राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद आम में 3 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): बंगलौर, राष्ट्रीय शिक्षा नीति, अंग्रेज़ी भाषा।
बंगलौर
कर्नाटक का उच्च न्यायालय बंगलौर (अन्य वर्तनी: बेंगलुरु) (कन्नड़: ಬೆಂಗಳೂರು; उच्चारण) भारत के राज्य कर्नाटक की राजधानी है। बेंगलुरु शहर की जनसंख्या ८४ लाख है और इसके महानगरीय क्षेत्र की जनसंख्या ८९ लाख है, और यह भारत गणराज्य का तीसरा सबसे बड़ा शहर और पांचवा सबसे बड़ा महानगरीय क्षेत्र है। दक्षिण भारत में दक्कन के पठारीय क्षेत्र में ९०० मीटर की औसत ऊंचाई पर स्थित यह नगर अपने साल भर के सुहाने मौसम के लिए जाना जाता है। भारत के मुख्य शहरों में इसकी ऊंचाई सबसे ज़्यादा है। वर्ष २००६ में बेंगलूर के स्थानीय निकाय बृहत् बेंगलूर महानगर पालिकबी बी एम पी) ने एक प्रस्ताव के माध्यम से शहर के नाम की अंग्रेज़ी भाषा की वर्तनी को Bangalore से Bengaluru में परिवर्तित करने का निवेदन राज्य सरकार को भेजा। राज्य और केंद्रीय सरकार की स्वीकृति मिलने के बाद यह बदलाव १ नवंबर २०१४ से प्रभावी हो गया है। .
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राष्ट्रीय शिक्षा नीति
भारतीय संविधान के चौथे भाग में उल्लिखित नीति निदेशक तत्वों में कहा गया है कि प्राथमिक स्तर तक के सभी बच्चों को अनिवार्य एवं निःशुल्क शिक्षा की व्यवस्था की जाय। 1948 में डॉ॰ राधाकृष्णन की अध्यक्षता में विश्वविद्यालय शिक्षा आयोग के गठन के साथ ही भारत में शिक्षा-प्रणाली को व्यवस्थित करने का काम शुरू हो गया था। 1952 में लक्ष्मीस्वामी मुदालियर की अध्यक्षता में गठित माध्यमिक शिक्षा आयोग, तथा 1964 में दौलत सिंह कोठारी की अध्यक्षता में गठित शिक्षा आयोग की अनुशंशाओं के आधार पर 1968 में शिक्षा नीति पर एक प्रस्ताव प्रकाशित किया गया जिसमें ‘राष्ट्रीय विकास के प्रति वचनबद्ध, चरित्रवान तथा कार्यकुशल’ युवक-युवतियों को तैयार करने का लक्ष्य रखा गया। मई 1986 में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू की गई, जो अब तक चल रही है। इस बीच राष्ट्रीय शिक्षा नीति की समीक्षा के लिए 1990 में आचार्य राममूर्ति की अध्यक्षता में एक समीक्षा समिति, तथा 1993 में प्रो. यशपाल समिति का गठन किया गया। .
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अंग्रेज़ी भाषा
अंग्रेज़ी भाषा (अंग्रेज़ी: English हिन्दी उच्चारण: इंग्लिश) हिन्द-यूरोपीय भाषा-परिवार में आती है और इस दृष्टि से हिंदी, उर्दू, फ़ारसी आदि के साथ इसका दूर का संबंध बनता है। ये इस परिवार की जर्मनिक शाखा में रखी जाती है। इसे दुनिया की सर्वप्रथम अन्तरराष्ट्रीय भाषा माना जाता है। ये दुनिया के कई देशों की मुख्य राजभाषा है और आज के दौर में कई देशों में (मुख्यतः भूतपूर्व ब्रिटिश उपनिवेशों में) विज्ञान, कम्प्यूटर, साहित्य, राजनीति और उच्च शिक्षा की भी मुख्य भाषा है। अंग्रेज़ी भाषा रोमन लिपि में लिखी जाती है। यह एक पश्चिम जर्मेनिक भाषा है जिसकी उत्पत्ति एंग्लो-सेक्सन इंग्लैंड में हुई थी। संयुक्त राज्य अमेरिका के 19 वीं शताब्दी के पूर्वार्ध और ब्रिटिश साम्राज्य के 18 वीं, 19 वीं और 20 वीं शताब्दी के सैन्य, वैज्ञानिक, राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक प्रभाव के परिणाम स्वरूप यह दुनिया के कई भागों में सामान्य (बोलचाल की) भाषा बन गई है। कई अंतरराष्ट्रीय संगठनों और राष्ट्रमंडल देशों में बड़े पैमाने पर इसका इस्तेमाल एक द्वितीय भाषा और अधिकारिक भाषा के रूप में होता है। ऐतिहासिक दृष्टि से, अंग्रेजी भाषा की उत्पत्ति ५वीं शताब्दी की शुरुआत से इंग्लैंड में बसने वाले एंग्लो-सेक्सन लोगों द्वारा लायी गयी अनेक बोलियों, जिन्हें अब पुरानी अंग्रेजी कहा जाता है, से हुई है। वाइकिंग हमलावरों की प्राचीन नोर्स भाषा का अंग्रेजी भाषा पर गहरा प्रभाव पड़ा है। नॉर्मन विजय के बाद पुरानी अंग्रेजी का विकास मध्य अंग्रेजी के रूप में हुआ, इसके लिए नॉर्मन शब्दावली और वर्तनी के नियमों का भारी मात्र में उपयोग हुआ। वहां से आधुनिक अंग्रेजी का विकास हुआ और अभी भी इसमें अनेक भाषाओँ से विदेशी शब्दों को अपनाने और साथ ही साथ नए शब्दों को गढ़ने की प्रक्रिया निरंतर जारी है। एक बड़ी मात्र में अंग्रेजी के शब्दों, खासकर तकनीकी शब्दों, का गठन प्राचीन ग्रीक और लैटिन की जड़ों पर आधारित है। .
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संदर्भ
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