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भारतीय आम चुनाव, 1951-2009

सूची भारतीय आम चुनाव, 1951-2009

भारतीय आम चुनाव में राजनीति दलों की स्थिति निम्नलिखित प्रकार से रही.

18 संबंधों: झारखंड पार्टी, प्रजा सोसलिस्ट पार्टी, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस, भारतीय जनसंघ, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी), भारतीय क्रांति दल, रिपब्लिकन पार्टी, लोक सभा, शिरोमणि अकाली दल, स्वतंत्र पार्टी, आंग्ल-भारतीय समुदाय, कांग्रेस, अखिल भारतीय राम राज्य परिषद, अखिल भारतीय हिन्दू महासभा, १९५१, १९५७, १९६२, १९६७

झारखंड पार्टी

झारखण्ड पार्टी भारत का एक राजनीतिक दल है। पार्टी की स्थापना ५ मार्च १९४९ को राँची में एक सम्मेलन में हुई। ८ जनवरी २००९ को हुए उपचुनाव में पार्टी नेता राजा पीटर ने तत्कालीन मुख्यमंत्री शिबू सोरेन को ९००० मतों से पराजित किया। .

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प्रजा सोसलिस्ट पार्टी

प्रजा सोसलिस्ट पार्टी (PSP) भारत का एक राजनीतीतिक दल था। यह सन् १९५२ में बनी थी और सन् १९७२ तक अस्तित्व में रही। इसका निर्माण समाजवादी पार्टी (सोसलिस्ट पार्टी) एवं किसान मजदूर प्रजा पार्टी के विलय के परिणामस्वरूप हुआ। सोसलिस्ट पार्टी जयप्रकाश नारायण, आचार्य नरेन्द्र देव, बसावन सिंह के नेतृत्व में चलने वाली पार्टी थी; किसान मजदूर प्रजा पार्टी के नेता जेबी कृपलानी थे। सन् १९५५ में इस दल से राममनोहर लोहिया के नेतृत्व में कई लोग अलग होकर "सोसलिस्ट पार्टी" के नाम से अलग दल बना लिये। इसके बाद पुन: सन् १९६९ में जार्ज फर्नाण्डीज के नेतृत्व में इससे कुछ लोग अलग होकर संयुक्त सोसलिस्ट पार्टी बना डाले। सन् १९६० में कृपलानी जी ने प्रजा सोसलिस्ट पार्टी छोड़ दी। इसी प्रकार सन् १९६४ मेम् अशोक मेहता इस पार्टी से निकाले जाने के बाद कंग्रेस में चले गये। सन् १९७२ में जार्ज फर्नांडीज की संयुक्त सोसलिस्ट पार्टी और प्रजा सोसलिस्ट पार्टी का विलय हो गया जिसका नाम सोसलिस्ट पार्टी रखा गया। अन्त में यह दल भी सन् १९७७ में जनता पार्टी में मिल गया। .

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भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस, अधिकतर कांग्रेस के नाम से प्रख्यात, भारत के दो प्रमुख राजनैतिक दलों में से एक हैं, जिन में अन्य भारतीय जनता पार्टी हैं। कांग्रेस की स्थापना ब्रिटिश राज में २८ दिसंबर १८८५ में हुई थी; इसके संस्थापकों में ए ओ ह्यूम (थियिसोफिकल सोसाइटी के प्रमुख सदस्य), दादा भाई नौरोजी और दिनशा वाचा शामिल थे। १९वी सदी के आखिर में और शुरूआती से लेकर मध्य २०वी सदी में, कांग्रेस भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम में, अपने १.५ करोड़ से अधिक सदस्यों और ७ करोड़ से अधिक प्रतिभागियों के साथ, ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन के विरोध में एक केन्द्रीय भागीदार बनी। १९४७ में आजादी के बाद, कांग्रेस भारत की प्रमुख राजनीतिक पार्टी बन गई। आज़ादी से लेकर २०१६ तक, १६ आम चुनावों में से, कांग्रेस ने ६ में पूर्ण बहुमत जीता हैं और ४ में सत्तारूढ़ गठबंधन का नेतृत्व किया; अतः, कुल ४९ वर्षों तक वह केन्द्र सरकार का हिस्सा रही। भारत में, कांग्रेस के सात प्रधानमंत्री रह चुके हैं; पहले जवाहरलाल नेहरू (१९४७-१९६५) थे और हाल ही में मनमोहन सिंह (२००४-२०१४) थे। २०१४ के आम चुनाव में, कांग्रेस ने आज़ादी से अब तक का सबसे ख़राब आम चुनावी प्रदर्शन किया और ५४३ सदस्यीय लोक सभा में केवल ४४ सीट जीती। तब से लेकर अब तक कोंग्रेस कई विवादों में घिरी हुई है, कोंग्रेस द्वारा भारतीय आर्मी का मनोबल गिराने का देश में विरोध किया जा रहा है । http://www.allianceofdemocrats.org/index.php?option.

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भारतीय जनसंघ

'''दीपक''' या '''दीया''' - भारतीय जनसंघ का चुनावचिह्न था। भारतीय जनसंघ के संस्थापक '''डॉ श्यामाप्रसाद मुखर्जी भारतीय जनसंघ भारत का एक पुराना राजनैतिक दल था जिससे १९८० में भारतीय जनता पार्टी बनी। इस दल का आरम्भ श्यामा प्रसाद मुखर्जी द्वारा 21 अक्टूबर 1951 को दिल्ली में की गयी थी। इस पार्टी का चुनाव चिह्न दीपक था। इसने 1952 के संसदीय चुनाव में २ सीटें प्राप्त की थी जिसमे डाक्टर मुखर्जी स्वयं भी शामिल थे। प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा लागू आपातकाल (1975-1976) के बाद जनसंघ सहित भारत के प्रमुख राजनैतिक दलों का विलय कर के एक नए दल जनता पार्टी का गठन किया गया। आपातकाल से पहले बिहार विधानसभा के भारतीय जनसंघ के विधायक दल के नेता लालमुनि चौबे ने जयप्रकाश नारायण के आंदोलन में बिहार विधानसभा से अपना त्यागपत्र दे दिया। जनता पार्टी 1980 में टूट गयी और जनसंघ की विचारधारा के नेताओं नें भारतीय जनता पार्टी का गठन किया। भारतीय जनता पार्टी 1998 से 2004 तक राष्ट्रीय प्रजातांत्रिक गठबंधन (NDA) सरकार की सबसे बड़ी पार्टी रही थी। 2014 के आम चुनाव में इसने अकेले अपने दम पर सरकार बनाने में सफलता प्राप्त की। .

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भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी)

माकपा का चिह्न भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) अथवा मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (संक्षिप्त: माकपा) भारत का एक साम्यवादी दल है। इस दल की स्थापना १९६४ में हुई थी। इस दल के महासचिव सीताराम येचुरी हैं। यह दल लोक लेहर का प्रकाशन करता है। २००४ के संसदीय चुनाव में इस दल को २२ ०६१ ६७७ मत (५.७%, ४३ सीटें) मिले। इस दल का युवा संगठन भारत कि जनवादी नौजवन सभा है। .

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भारतीय क्रांति दल

भारतीय क्रांति दल भारत का एक राजनैतिक दल था जिसकी स्थापना १९६७ में चौधरी चरण सिंह ने की थी। सन १९७७ के आम चुनावों के बाद यह दल जनता पार्टी में विलीन कर दिया गया। श्रेणी:भारत के राजनीतिक दल.

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रिपब्लिकन पार्टी

रिपब्लिकन पार्टी (जिसे "ग्रैंड ऑल्ड पार्टी" के नाम से भी जाना जाता है तथा जिससे प्रचिलित परिवर्णी शब्द GOP (जीओपी) से भी इसे जाना जाता है) संयुक्त राज्य अमरीका की दो सबसे बड़ी राजनीति पार्टीयों में से एक है, दूसरी डेमोक्रैटिक पार्टी है। 1854 में दासत्व-विरोधी कार्यकर्ताओं द्वारा स्थापित की गई रिपब्लिकन पार्टी ने देश की राजनीति पर 1860 से 1932 तक की ज्यादातर अवधि में अपना वर्चस्व रखा था। अमेरिका के 44 में से 18 राष्ट्रपति रिपब्लिकन पार्टी से बने हैं। सबसे नवीनतम समय में रिपब्लिकन पार्टी से बने राष्ट्रपति जॉर्ज वॉकर बुश थे, जिनका कार्यकाल 2001 से 2009 तक था। निवर्तमान समय में पार्टी की नीतिज्ञता अमेरिकी रूढ़िवादिता को प्रतिबिंबित करती है। रिपब्लिकन पार्टी की अमेरिकी रूढ़िवादिता पूरी तरह से उदारवाद की राजनीतिक विचारधारा की अस्वीकृति पर आधारित नहीं हैं, चूँकि अमेरिकी रूढ़िवादिता के कई सिद्धांत शास्त्रीय उदारवाद पर ही आधारित हैं। इसके विपरीत रिपब्लिकन पार्टी की रूढ़िवादिता मुख्यतः शास्त्रीय सिद्धान्तों पर आधारित है जो मुख्य राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी डेमोक्रैटिक पार्टी के आधुनिक उदारवाद के विरूद्ध है। डेमोक्रैटिक पार्टी की मुख्य विचारधारा समकालीन समय में अमेरिकी उदारवाद पर आधारित है। वर्ष 2010 में चुनी गई 112 वी कांग्रेस में रिपब्लिकन पार्टी के पास हाउस ऑफ़ रिप्रेजेंटेटिव (प्रतिनिधि सभा) में सीटों का बहुमत है तथा सीनेट (वरिष्ठ सभा) में यह अल्पमत में है। पार्टी के पास देश के कुल 50 राज्यों में से बहुमत में राज्यपाल हैं तथा राज्य विधायिकाओं में भी बहुमत है। 2012 में चुने गई 113 वें कांग्रेस में भी रिपब्लिकन पार्टी के पास हाउस ऑफ़ रिप्रेजेंटेटिव (प्रतिनिधि सभा) में सीटों का बहुमत है तथा सीनेट (वरिष्ठ सभा) में यह अल्पमत में है। साथ ही पार्टी के पास देश के कुल 50 राज्यों में से बहुमत में राज्यपाल हैं तथा राज्य विधायिकाओं में भी बहुमत है। .

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लोक सभा

लोक सभा, भारतीय संसद का निचला सदन है। भारतीय संसद का ऊपरी सदन राज्य सभा है। लोक सभा सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार के आधार पर लोगों द्वारा प्रत्यक्ष चुनाव द्वारा चुने हुए प्रतिनिधियों से गठित होती है। भारतीय संविधान के अनुसार सदन में सदस्यों की अधिकतम संख्या 552 तक हो सकती है, जिसमें से 530 सदस्य विभिन्न राज्यों का और 20 सदस्य तक केन्द्र शासित प्रदेशों का प्रतिनिधित्व कर सकते हैं। सदन में पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं होने की स्थिति में भारत का राष्ट्रपति यदि चाहे तो आंग्ल-भारतीय समुदाय के दो प्रतिनिधियों को लोकसभा के लिए मनोनीत कर सकता है। लोकसभा की कार्यावधि 5 वर्ष है परंतु इसे समय से पूर्व भंग किया जा सकता है .

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शिरोमणि अकाली दल

शिरोमणि अकाली दल पंजाब, भारत का एक प्रमुख क्षेत्रीय राजनीतिक दल है। प्रकाश सिंह बादल के नेतृत्व सुखबीर सिंह बादल इसके वर्तमान अध्यक्ष हैं। विश्व में सिखों को राजनीतिक आवाज़ देना इस दल का प्रमुख लक्ष्य है। तराजू इसका चुनाव चिह्न है। .

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स्वतंत्र पार्टी

स्वतंत्र पार्टी का ध्वज स्वतंत्र पार्टी, भारत का एक राजनैतिक दल था जिसकी स्थापना चक्रवर्ती राजगोपालाचारी ने अगस्त, १९५९ में की थी। इस दल ने जवाहरलाल नेहरू की समाजवादी नीति का विरोध किया और तथाकथित "लाइसेंस-परमिट राज" को समाप्त कर मुक्त अर्थव्यवस्था की वकालत की। भारत की उस समय की स्थिति ऐसी थी कि दुर्भाग्य से इसे जमींदारों और उद्योगपतियों की हितैषी पार्टी माना गया। स्वतंत्र पार्टी ने मध्य प्रदेश, राजस्थान और गुजरात में अच्छी सफलता प्राप्त की थी लेकिन पीलू मोदी की अध्यक्षता वाली इस पार्टी के भारतीय लोकदल में विलय के साथ इसका अस्तित्व खत्म हो गया। .

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आंग्ल-भारतीय समुदाय

आंग्ल-भारतीय या ऐंग्लो इंडियन(ऍङ्ग्लो-इण्डियन) विशेष शब्द है जो जाति और भाषा के संबंध में प्रयुक्त होता है। जाति के संबंध में यह उन अंग्रेजों की ओर संकेत करता है जो भारत में बस गए हैं या व्यवसाय अथवा पदाधिकार से यहाँ प्रवास करते हैं। इनकी संख्या तो आज भारत में विशेष नहीं है और मात्र प्रवासी होने के कारण उनको देश के राजनीतिक अधिकार भी प्राप्त नहीं, परंतु एक दूसरा वर्ग उनसे संबंधित इस देश का है और उसे देश के नागरिकों के सारे हक भी हासिल हैं। यह वर्ग भारत के अंग्रेज प्रवासियों और भारतीय स्त्रियों के संपर्क से उत्पन्न हुआ है जो ऐंग्लो इंडियन कहलाता है। इनकी संख्या काफी है और लोकसभा में इनके विशेष प्रतिनिधि के लिए संवैधानिक अधिकार भी सुरक्षित हैं। इस समुदाय के समझदार व्यक्ति अपने को सर्वथा भारतीय और भारत के सुख-दु:ख में शरीक मानते हैं, परंतु अधिकतर ये स्थानीय जनता से घना संपर्क नहीं बना पाते और इंग्लैंड की सहायता की अपेक्षा करते हैं। इनका अंग्रेजों से रक्तसंबंध होना, अंग्रेजी का इनकी जन्मजात और साधारण बोलचाल की भाषा होना और उनका धर्म से ईसाई होना भी उन्हें अपना विदेशी रूप बनाए रखने में सहायक होते हैं। उनकी समूची संस्कृति अंग्रेजी विचारधारा और रहन-सहन से प्रभावित तथा अनुप्रमाणित है। तथापि अब वे धीरे-धीरे देश की नित्य बदलती परिस्थितियों के अनुकूल होते जा रहे हैं। ऐंग्लो इंडियन शब्द का व्यवहार प्रवासी अंग्रेजों की भारतीय माताओं से प्रसूत संततियों अथवा उनसे प्रजनित संतानों से भिन्न भाषा के अर्थ में भी होता है। ऐंग्लो इंडियन भाषा के अनेक रूप हैं। कभी तो इसका प्रयोग भारतीयों द्वारा लिखी शुद्ध अंग्रेजी के अर्थ में हुआ है और कभी उन अंग्रेजों की भाषा के संबंध में भी जिन्होंने भारत में रहकर लिखा है, यद्यपि भाषाशास्त्र की दृष्टि से दोनों में स्थानीय प्रभावों के अतिरिक्त कोई विशेष भेद नहीं है। फिर ऐंग्लो इंडियन से तात्पर्य उस संकर हिंदी भाषा से भी है जो भारत के ऐंग्लों इंडियन अपने से भिन्न भारतीयों से बोलते हैं। इस शब्द का व्यवहार अनेक बार उस हिंदी भाषा के संबंध में भी हुआ है जिसे हिंदुस्तानी कहते हैं। परंतु इस अर्थ में इसका उपयोग अकारण और अनुचित दोनों हैं। नोट':- राष्ट्रपति को लोकसभा में 2 एंग्लो इंडियन को मनोनीत करने का अधिकार हैं। जबकि राज्यपाल विधान सभा मे 01 एंग्लो इंडियन को मनोनीत करता है। .

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कांग्रेस

कांग्रेस का आशय इन सब से है।.

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अखिल भारतीय राम राज्य परिषद

अखिल भारतीय राम राज्य परिषद भारत की एक सनातन हिन्दू वर्णाश्रम धर्मशासित राष्ट्र स्थापित करने वाले उद्देश्य वाली पार्टी है। इसकी स्थापना स्वामी करपात्री ने सन् १९४८ में की थी। इस दल ने सन् १९५२ के प्रथम लोकसभा चुनाव में ३ सीटें प्राप्त की थी। सन् १९५२, १९५७ एवं १९६२ के विधान सभा चुनावों में हिन्दी क्षेत्रों (मुख्यत: राजस्थान) में इस दल ने दर्जनों सीटें हासिल की थी। अन्य हिन्दूवादी दलों की भांति यह दल भी समान नागरिक संहिता का पक्षधर है। लोकसभा में 15 मई 1952 को पहली बार हिंदी में संबोधन सीकर के तत्कालीन सांसद एन.एल.

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अखिल भारतीय हिन्दू महासभा

अखिल भारतीय हिन्दू महासभा का ध्वज अखिल भारत हिन्दू महासभा भारत का एक राजनीतिक दल है। यह एक भारतीय राष्ट्रवादी संगठन है। इसकी स्थापना सन १९१५ में हुई थी। विनायक दामोदर सावरकर इसके अध्यक्ष रहे। केशव बलराम हेडगेवार इसके उपसभापति रहे तथा इसे छोड़कर सन १९२५ में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना की। भारत के स्वतन्त्रता के उपरान्त जब महात्मा गांधी की हत्या हुई तब इसके बहुत से कार्यकर्ता इसे छोड़कर भारतीय जनसंघ में भर्ती हो गये। .

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१९५१

१९५१ ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

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१९५७

1957 ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

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१९६२

1962 ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

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१९६७

1967 ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

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