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भारत की स्वतन्त्रता और मरङ गोमके जयपाल सिंह मुंडा

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

भारत की स्वतन्त्रता और मरङ गोमके जयपाल सिंह मुंडा के बीच अंतर

भारत की स्वतन्त्रता vs. मरङ गोमके जयपाल सिंह मुंडा

भारत का ध्वज भारत की स्वतंत्रता से तात्पर्य ब्रिटिश शासन द्वारा 15 अगस्त, 1947 को भारत की सत्ता का हस्तांतरण भारत की जनता के प्रतिनिधियों को किए जाने से है। इस दिन दिल्ली के लाल किले पर भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरु ने भारत का राष्ट्रीय ध्वज फहरा कर स्वाधीनता का ऐलान किया। भारत के स्वाधीनता संग्राम की शुरुआत 1857 में हुए सिपाही विद्रोह को माना जाता है। स्वाधीनता के लिए हजारों लोगो ने जान की बली दी। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने 1930 कांग्रेस अधिवेशन में अंग्रेजो से पूर्ण स्वराज की मांग की थी। . मरङ गोमके जयपाल सिंह मुंडा अश्विनी कुमार पंकज द्वारा लिखित भारत में आदिवासी राजनीति के संस्थापक पैरोकार, झारखंड आंदोलन के सबसे बड़े नेता और भारतीय हॉकी के पहले कप्तान जयपाल सिंह मुंडा की हिंदी में प्रकाशित पहली जीवनी है। 2015 में प्रकाशित यह जीवनी जयपाल सिंह मुंडा के राजनीतिक योगदान और उनके जीवन के विविध पहलुओं को तथ्यगत रूप से सामने रखती है। .

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संदर्भ

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