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बाल गंगाधर तिलक और सूर्य नारायण व्यास

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

बाल गंगाधर तिलक और सूर्य नारायण व्यास के बीच अंतर

बाल गंगाधर तिलक vs. सूर्य नारायण व्यास

बाल गंगाधर तिलक (अथवा लोकमान्य तिलक,; २३ जुलाई १८५६ - १ अगस्त १९२०), जन्म से केशव गंगाधर तिलक, एक भारतीय राष्ट्रवादी, शिक्षक, समाज सुधारक, वकील और एक स्वतन्त्रता सेनानी थे। ये भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम के पहले लोकप्रिय नेता हुएँ; ब्रिटिश औपनिवेशिक प्राधिकारी उन्हें "भारतीय अशान्ति के पिता" कहते थे। उन्हें, "लोकमान्य" का आदरणीय शीर्षक भी प्राप्त हुआ, जिसका अर्थ हैं लोगों द्वारा स्वीकृत (उनके नायक के रूप में)। इन्हें हिन्दू राष्ट्रवाद का पिता भी कहा जाता है। तिलक ब्रिटिश राज के दौरान स्वराज के सबसे पहले और मजबूत अधिवक्ताओं में से एक थे, तथा भारतीय अन्तःकरण में एक प्रबल आमूल परिवर्तनवादी थे। उनका मराठी भाषा में दिया गया नारा "स्वराज्य हा माझा जन्मसिद्ध हक्क आहे आणि तो मी मिळवणारच" (स्वराज यह मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है और मैं इसे लेकर ही रहूँगा) बहुत प्रसिद्ध हुआ। उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के कई नेताओं से एक क़रीबी सन्धि बनाई, जिनमें बिपिन चन्द्र पाल, लाला लाजपत राय, अरविन्द घोष, वी० ओ० चिदम्बरम पिल्लै और मुहम्मद अली जिन्नाह शामिल थे। . पण्डित सूर्यनारायण व्यास (०२ मार्च १९०२ - २२ जून १९७६) हिन्दी के व्यंग्यकार, पत्रकार, स्वतंत्रता सेनानी एवं ज्योतिर्विद थे। उन्हें साहित्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में सन १९५८ में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। पं॰ व्यास ने 1967 में अंग्रेजी को अनन्त काल तक जारी रखने के विधेयक के विरोध में अपना पद्मभूषण लौटा दिया था। वे बहुआयामी प्रतिभा के धनी थे - वे इतिहासकार, पुरातत्त्ववेत्ता, क्रान्तिकारी, "विक्रम" पत्र के सम्पादक, संस्मरण लेखक, निबन्धकार, व्यंग्यकार, कवि; विक्रम विश्वविद्यालय, विक्रम कीर्ति मन्दिर, सिन्धिया शोध प्रतिष्ठान और कालिदास परिषद के संस्थापक, अखिल भारतीय कालिदास समारोह के जनक तथा ज्योतिष एवं खगोल के अपने युग के सर्वोच्च विद्वान थे। वे महर्षि सान्दीपनी की परम्परा के वाहक थे। खगोल और ज्योतिष के अपने समय के इस असाधारण व्यक्तित्व का सम्मान लोकमान्य तिलक एवं पं॰ मदनमोहन मालवीय भी करते थे। पं॰ नारायणजी के देश और विदेश में लगभग सात हजार से अधिक शिष्य फैले हुए थे जिन्हें वे वस्त्र, भोजन और आवास देकर निःशुल्क विद्या अध्ययन करवाते थे। अनेक इतिहासकारों ने यह भी खोज निकाला है कि पं॰ व्यास के उस गुरुकुल में स्वतन्त्रता संग्राम के अनेक क्रान्तिकारी वेश बदलकर रहते थे। .

बाल गंगाधर तिलक और सूर्य नारायण व्यास के बीच समानता

बाल गंगाधर तिलक और सूर्य नारायण व्यास आम में एक बात है (यूनियनपीडिया में): स्वराज

स्वराज

स्वराज का शाब्दिक अर्थ है - ‘स्वशासन’ या "अपना राज्य" ("self-governance" or "home-rule")। भारत के राष्ट्रीय आन्दोलन के समय प्रचलित यह शब्द आत्म-निर्णय तथा स्वाधीनता की माँग पर बल देता था। प्रारंभिक राष्ट्रवादियों (उदारवादियों) ने स्वाधीनता को दूरगामी लक्ष्य मानते हुए ‘स्वशासन’ के स्थान पर ‘अच्छी सरकार’ (ब्रिटिश सरकार) के लक्ष्य को वरीयता दी। तत्पश्चात् उग्रवादी काल में यह शब्द लोकप्रिय हुआ, जब बाल गंगाधर तिलक ने यह उद्घोषणा की कि ‘‘स्वराज मेरा जन्म सिद्ध अधिकार है और मैं इसे लेकर रहूँगा।’’ गाँधी ने सर्वप्रथम 1920 में कहा कि ‘‘मेरा स्वराज भारत के लिए संसदीय शासन की मांग है, जो वयस्क मताधिकार पर आधारित होगा। गाँधी का मत था स्वराज का अर्थ है जनप्रतिनिधियों द्वारा संचालित ऐसी व्यवस्था जो जन-आवश्यकताओं तथा जन-आकांक्षाओं के अनुरूप हो।’’ वस्तुत: गांधीजी का स्वराज का विचार ब्रिटेन के राजनैतिक, सामाजिक, आर्थिक, ब्यूरोक्रैटिक, कानूनी, सैनिक एवं शैक्षणिक संस्थाओं का बहिष्कार करने का आन्दोलन था। यद्यपि गांधीजी का स्वराज का सपना पूरी तरह से प्राप्त नहीं किया जा सका फिर भी उनके द्वारा स्थापित अनेक स्वयंसेवी संस्थाओं ने इस दिशा में काफी प्रयास किये। .

बाल गंगाधर तिलक और स्वराज · सूर्य नारायण व्यास और स्वराज · और देखें »

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बाल गंगाधर तिलक और सूर्य नारायण व्यास के बीच तुलना

बाल गंगाधर तिलक 37 संबंध है और सूर्य नारायण व्यास 29 है। वे आम 1 में है, समानता सूचकांक 1.52% है = 1 / (37 + 29)।

संदर्भ

यह लेख बाल गंगाधर तिलक और सूर्य नारायण व्यास के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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