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बांग्लादेश के उपजिले और माधबपुर उपज़िला

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

बांग्लादेश के उपजिले और माधबपुर उपज़िला के बीच अंतर

बांग्लादेश के उपजिले vs. माधबपुर उपज़िला

बांग्लादेश में उपजिले,(উপজেলা, उच्चारण:उपोजेला) जिलों के अधीनस्थ, बांग्लादेश के तृतीय स्तर के प्रशासनिक अंचल हैं। बांग्लादेश को ऐसे, कुल १९० प्रशासनिक अंचलों में विभाजित किया गया है। प्रत्येक उपज़िले में अनेक यूनियन परिषद्, नगर पालिकाएँ और मोहल्ले और पाड़ाएँ होते है। प्रत्येक जिले में औसतन ८ से १५ उपजिले होते हैं, जबकि न्यूनतम ४ और अधिक्तम् २२ उपजिले हैं। इन उपजिलों को पूर्वतः "थाना" कहा जाता था। उपजिलों का नाम, सामान्यतः संभंधित जनपदीय मुख्यालय के नाम पर रखा जाता है। प्रत्येक उपजिले में, एक उपजिला निर्वाहि अधिकारी नियुक्त किया जाता है, जोकि उस उपजिले का सर्वोच्च प्रशासनिक अधिकारी होता है। तथा सरे उपजिलों में एक उपजिला परिषद् होती है, जोकि उपजिले की मुख्य प्रशासनिक निकाय होती है। . माधबपुर उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह सिलेट विभाग के हाबीगंज ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल ८ उपज़िले हैं, और मुख्यालय हाबीगंज सदर उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से उत्तर-पूर्व की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। .

बांग्लादेश के उपजिले और माधबपुर उपज़िला के बीच समानता

बांग्लादेश के उपजिले और माधबपुर उपज़िला आम में 7 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): ढाका, बांग्लादेश, बांग्लादेश का प्रशासनिक भूगोल, बांग्लादेश के जिले, बांग्लादेश के विभाग, बांग्लादेश के उपजिले, सिलहट विभाग

ढाका

ढाका (बांग्ला: ঢাকা) बांग्लादेश की राजधानी है। बूढ़ी गंगा नदी के तट पर स्थित यह देश का सबसे बड़ा शहर है। राजधानी होने के अलावा यह बांग्लादेश का औद्यौगिक और प्रशासनिक केन्द्र भी है। यहाँ पर धान, गन्ना और चाय का व्यापार होता है। ढाका की जनसंख्या लगभग 1.1 करोड़ है (२००१ की जनसंख्या: ९,०००,०२)) जो इसे दुनिया के ग्यारहवें सबसे बड़ी जनसंख्या वाले शहर का दर्जा भी दिलाता है। ढाका का अपना इतिहास रहा है और इसे दुनिया में मस्जिदों के शहर के नाम से जाना जाता है। मुगल सल्तनत के दौरान इस शहर को १७ वीं सदी में जहांगीर नगर के नाम से भी जाना जाता था, यह न सिर्फ प्रादेशिक राजधानी हुआ करती थी बल्कि यहाँ पर निर्मित होने वाले मलमल के व्यापार में इस शहर का पूरी दुनिया में दबदबा था। आधुनिक ढाका का निर्माण एवं विकास ब्रिटिश शासन के दौरान उन्नीसवीं शताब्दी में हुआ और जल्द ही यह कोलकाता के बाद पूरे बंगाल का दूसरा सबसे बड़ा शहर बन गया। भारत विभाजन के बाद १९४७ में ढाका पूर्वी पाकिस्तान की प्रशासनिक राजधानी बना तथा १९७२ में बांग्लादेश के स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में अस्तित्व में आने पर यह राष्ट्रीय राजधानी घोषित हुआ। आधुनिक ढाका देश की राजनीति, अर्थव्यवस्था, एवं संस्कृति का मुख्य केन्द्र है। ढाका न सिर्फ देश का सबसे साक्षर (६३%) शहर है- - बल्कि बांग्लादेश के शहरों में सबसे ज्यादा विविधता वाला शहर भी है। हालांकि आधुनिक ढाका का शहरी आधारभूत ढांचा देश में सबसे ज्यादा विकसित है परंतु प्रदूषण, यातायात कुव्यवस्था, गरीबी, अपराध जैसी समस्यायें इस शहर के लिए बड़ी चुनौतियां हैं। सारे देश से लोगों का ढाका की ओर पलायन भी सरकार के लिए एक बड़ी समस्या का रूप लेता जा रहा है। .

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बांग्लादेश

बांग्लादेश गणतन्त्र (बांग्ला) ("गणप्रजातन्त्री बांग्लादेश") दक्षिण जंबूद्वीप का एक राष्ट्र है। देश की उत्तर, पूर्व और पश्चिम सीमाएँ भारत और दक्षिणपूर्व सीमा म्यान्मार देशों से मिलती है; दक्षिण में बंगाल की खाड़ी है। बांग्लादेश और भारतीय राज्य पश्चिम बंगाल एक बांग्लाभाषी अंचल, बंगाल हैं, जिसका ऐतिहासिक नाम “বঙ্গ” बंग या “বাংলা” बांग्ला है। इसकी सीमारेखा उस समय निर्धारित हुई जब 1947 में भारत के विभाजन के समय इसे पूर्वी पाकिस्तान के नाम से पाकिस्तान का पूर्वी भाग घोषित किया गया। पूर्व और पश्चिम पाकिस्तान के मध्य लगभग 1600 किमी (1000 मील) की भौगोलिक दूरी थी। पाकिस्तान के दोनों भागों की जनता का धर्म (इस्लाम) एक था, पर उनके बीच जाति और भाषागत काफ़ी दूरियाँ थीं। पश्चिम पाकिस्तान की तत्कालीन सरकार के अन्याय के विरुद्ध 1971 में भारत के सहयोग से एक रक्तरंजित युद्ध के बाद स्वाधीन राष्ट्र बांग्लादेश का उदभव हुआ। स्वाधीनता के बाद बांग्लादेश के कुछ प्रारंभिक वर्ष राजनैतिक अस्थिरता से परिपूर्ण थे, देश में 13 राष्ट्रशासक बदले गए और 4 सैन्य बगावतें हुई। विश्व के सबसे जनबहुल देशों में बांग्लादेश का स्थान आठवां है। किन्तु क्षेत्रफल की दृष्टि से बांग्लादेश विश्व में 93वाँ है। फलस्वरूप बांग्लादेश विश्व की सबसे घनी आबादी वाले देशों में से एक है। मुसलमान- सघन जनसंख्या वाले देशों में बांग्लादेश का स्थान 4था है, जबकि बांग्लादेश के मुसलमानों की संख्या भारत के अल्पसंख्यक मुसलमानों की संख्या से कम है। गंगा-ब्रह्मपुत्र के मुहाने पर स्थित यह देश, प्रतिवर्ष मौसमी उत्पात का शिकार होता है और चक्रवात भी बहुत सामान्य हैं। बांग्लादेश दक्षिण एशियाई आंचलिक सहयोग संस्था, सार्क और बिम्सटेक का प्रतिष्ठित सदस्य है। यह ओआइसी और डी-8 का भी सदस्य है।.

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बांग्लादेश का प्रशासनिक भूगोल

बांग्लादेश एक एकात्मक राज्य है, अतः उसकी शासन प्रणाली किसी एकमेव शक्ति के रूप में सुनियोजित है, जिसमें केन्द्रीय सरकार अन्ततः सर्वोच्च है, तथा सारी उपराष्ट्रीय इकाइयाँ और उनको प्राप्त होने वाले अधिकार केन्द्रीय सरकार के पूर्णतः अधीन हैं और केन्द्रीय सरकार के अंतर्गत् कार्य करती हैं(जोकि भारत या अमेरिका जैसे संघात्मक देशों के विरुद्ध है, जहाँ राज्य सरकारें संघीय सरकार से स्वतंत्र रूप से कार्य करती हैं)। अतः बांग्लादेश के उपराष्ट्रीय इकाइयाँ पूर्णतः प्रशासनिक निकाय हैं, और इनका राष्ट्रीय राजनीती में कोई प्रत्यक्ष भूमिका नहीं होती है। .

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बांग्लादेश के जिले

बांग्लादेश में जिले,(জেলা, उच्चारण:जेला) विभागों के अधीनस्थ, बांग्लादेश के द्वितीय स्तर के प्रशासनिक उपविभाजन हैं। बांग्लादेश को ऐसे, कुल ६४ जनपदों में विभाजित किया गया है। प्रत्येक जिलों को कई उपजिलों में विभाजित किया गया है। प्रत्येक जिले में औसतन ८ से १५ उपजिले होते हैं। जबकि न्यूनतम ४ और अधिक्तम् २२ उपजिले हैं। २०१६ की स्थितिनुसार, बांग्लादेश में कुल ४९३ उपजिले हैं। जिलों का नाम, सामान्यतः संभंधित जनपदीय मुख्यालय के नाम पर रखा जाता है, जिन्हें जिला सदर कहा जाता है। प्रत्येक जिले में, एक जिला आयुक्त नियुक्त किया जाता है, जोकि जिले का सर्वोच्च प्रशासनिक अधिकारी होता है। तथा सरे जिलों में एक जिला परिषद् होती है, जोकि जिले की मुख्य प्रशासनिक निकाय होती है। .

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बांग्लादेश के विभाग

बांग्लादेश के विभाग(বিভাগ, उच्चारण:बिभाग्/बीभाग्), बांग्लादेश के सबसे बड़े उपराष्ट्रीय-स्तरीन प्रशासनिक उपविभाजन हैं। बांग्लादेश को ऐसे, कुल ८ प्रशासनिक अंचलों में संयोजित किया गया है, जिन्हें विभाग कहा जाता है। प्रत्येक विभाग के अंतर्गत अधिक्तम् १३ (ढाका विभाग) और न्यूनतम् ४ (सिलेट विभाग) ज़िले आते हैं। इन विभागों का नाम, संभंधित विभागीय मुख्यालय के नाम पर रखा गया है। .

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बांग्लादेश के उपजिले

बांग्लादेश में उपजिले,(উপজেলা, उच्चारण:उपोजेला) जिलों के अधीनस्थ, बांग्लादेश के तृतीय स्तर के प्रशासनिक अंचल हैं। बांग्लादेश को ऐसे, कुल १९० प्रशासनिक अंचलों में विभाजित किया गया है। प्रत्येक उपज़िले में अनेक यूनियन परिषद्, नगर पालिकाएँ और मोहल्ले और पाड़ाएँ होते है। प्रत्येक जिले में औसतन ८ से १५ उपजिले होते हैं, जबकि न्यूनतम ४ और अधिक्तम् २२ उपजिले हैं। इन उपजिलों को पूर्वतः "थाना" कहा जाता था। उपजिलों का नाम, सामान्यतः संभंधित जनपदीय मुख्यालय के नाम पर रखा जाता है। प्रत्येक उपजिले में, एक उपजिला निर्वाहि अधिकारी नियुक्त किया जाता है, जोकि उस उपजिले का सर्वोच्च प्रशासनिक अधिकारी होता है। तथा सरे उपजिलों में एक उपजिला परिषद् होती है, जोकि उपजिले की मुख्य प्रशासनिक निकाय होती है। .

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सिलहट विभाग

सिलहट बांग्लादेश का एक उपक्षेत्र है इसका मुख्यालय सिलहट है। इस उपक्षेत्र या प्रान्त में ४ जिले हैं। हबीबगंज, मौलवी बजार, सुनामगंज, सिलहट। श्रेणी:बांग्लादेश के विभाग श्रेणी:सिलेट विभाग.

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बांग्लादेश के उपजिले और माधबपुर उपज़िला के बीच तुलना

बांग्लादेश के उपजिले 16 संबंध है और माधबपुर उपज़िला 17 है। वे आम 7 में है, समानता सूचकांक 21.21% है = 7 / (16 + 17)।

संदर्भ

यह लेख बांग्लादेश के उपजिले और माधबपुर उपज़िला के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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