सामग्री की तालिका
79 संबंधों: चक दे! इंडिया, चक्र (1981 फ़िल्म), डॉन (1978 फ़िल्म), तेज़ाब (फ़िल्म), दाग (1952 फ़िल्म), दिल तो पागल है, दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे, दिलीप कुमार, देव आनन्द, देवदास (1955 फ़िल्म), देवदास (२००२ फ़िल्म), नया दौर, नसीरुद्दीन शाह, नाना पाटेकर, परिन्दा, फ़िल्मफ़ेयर, फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार, बाज़ीगर, ब्रह्मचारी (1968 फ़िल्म), ब्लैक, बेटा (फ़िल्म), बेईमान (1972 फ़िल्म), बॉबी (१९७३ फ़िल्म), भारत भूषण, मनोज कुमार, मासूम (1983 फ़िल्म), मुझे जीने दो (1963 फ़िल्म), राम और श्याम (1967 फ़िल्म), राज कपूर, राजा हिन्दुस्तानी, राजेश खन्ना, लगान (२००१ फ़िल्म), लीडर (1964 फ़िल्म), शम्मी कपूर, शाहरुख़ ख़ान, शक्ति (1982 फ़िल्म), श्री चैतन्य महाप्रभु (१९५४ फ़िल्म), सच्चा झूठा (1970 फ़िल्म), सनी देओल, सारांश (1984 फ़िल्म), सागर (1985 फ़िल्म), संजय दत्त, संजीव कुमार, सुनील दत्त, स्वदेश (2004 फ़िल्म), हम (1991 फ़िल्म), जिस देश में गंगा बहती है, जैकी श्रॉफ, जोधा अकबर (2008 फ़िल्म), घायल (फ़िल्म), ... सूचकांक विस्तार (29 अधिक) »
- फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार
चक दे! इंडिया
चक दे! इंडिया 2007 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
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चक्र (1981 फ़िल्म)
चक्र 1981 में बनी हिन्दी भाषा की फ़िल्म है। .
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डॉन (1978 फ़िल्म)
डॉन १९७८ की एक हिन्दी क्राइम थ्रिलर फिल्म है। सलीम-जावेद द्वारा लिखी इस फ़िल्म के निर्माता नरीमन ईरानी हैं, तथा निर्देशक चंद्र बरोट हैं। अमिताभ बच्चन, ज़ीनत अमान, इफ़्तेखार, प्राण, हेलन, ओम शिवपुरी, सत्येन कप्पू तथा पिंचू कपूर ने फ़िल्म में मुख्य भूमिकाऐं निभाई हैं। कल्याणजी आनंदजी ने फ़िल्म में संगीत दिया है, तथा फ़िल्म के गीत अंजान और इंदीवर ने लिखे हैं। अमिताभ बच्चन ने फ़िल्म में अंडरवर्ल्ड बॉस 'डॉन' की, और उसके हमशक्ल 'विजय' की दोहरी भूमिका निभाई थी। फ़िल्म की कहानी बम्बई की झुग्गियों के निवासी विजय के इर्द-गिर्द घूमती है, जो संयोग से डॉन का हमशक्ल हैं। बम्बई पुलिस के डीसीपी डी'सिल्वा विजय से डॉन का रूप लेने को कहते हैं, ताकि वह पुलिस के मुखबिर के रूप में काम कर सके, और साथ ही डॉन के आपराधिक नेटवर्क का भंडाफोड़ करने में पुलिस की मदद कर सकें। .
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तेज़ाब (फ़िल्म)
तेज़ाब 1988 में बनी हिन्दी भाषा की फ़िल्म है। एक्शन रूमानी इस फिल्म में अनिल कपूर और माधुरी दीक्षित मुख्य भूमिका में है। फिल्म ने चार फिल्मफेयर पुरस्कार जीते थे। गीत "एक दो तीन" से माधुरी बहुत लोकप्रिय हुई। फिल्म 1988 की सबसे सफल हिन्दी फिल्म भी थी। .
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दाग (1952 फ़िल्म)
दाग 1952 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। इस फिल्म के मुख्य कलाकार दिलीप कुमार हैं। .
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दिल तो पागल है
दिल तो पागल है 1997 में बनी भारतीय हिन्दी फिल्म है। जिसका निर्देशन यश चोपड़ा ने किया है। इसमें मुख्य किरदार में शाहरुख खान, माधुरी दीक्षित, करिश्मा कपूर हैं। शाहरुख खान और यश चोपड़ा की यह एक साथ तीसरी फिल्म है। इससे पहले वह डर (1993) और दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे (1995) में साथ काम किए थे। .
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दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे
दिलवाले दुल्हनिया ले जायेंगे 1995 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है, जो डीडीएलजे के नाम से भी प्रसिद्ध है। इस पहला प्रदर्शन 19 अक्टूबर 1995 को हुआ और 20 अक्टूबर 1995 को यह पूरे भारत में निर्गमित हुई। इस फिल्म का निर्देशन प्रसिद्ध फिल्म निर्माता और निर्देशक यश चोपड़ा के पुत्र आदित्य चोपड़ा ने किया। शाहरुख खान, काजोल और अमरीश पुरी इसके प्रमुख कलाकारों में थे। इस फिल्म के नाम सबसे ज्यादा चलने का रिकॉर्ड है। यह मुंबई के मराठा मंदिर में तेरह सालों से भी ज्यादा समय तक चली.
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दिलीप कुमार
दिलीप कुमार (जन्म 11 दिसंबर, 1922; जन्म का नाम: यूसुफ़ ख़ान), हिन्दी फ़िल्मों के एक प्रसिद्ध और लोकप्रिय अभिनेता है जो भारतीय संसद के उच्च सदन राज्य सभा के सदस्य रह चुके है। दिलीप कुमार को उनके दौर का बेहतरीन अभिनेता माना जाता है, त्रासद या दु:खद भूमिकाओं के लिए मशहूर होने के कारण उन्हे 'ट्रेजिडी किंग' भी कहा जाता था। उन्हें भारतीय फ़िल्मों के सर्वोच्च सम्मान दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया है, इसके अलावा दिलीप कुमार को पाकिस्तान का सर्वोच्च नागरिक सम्मान निशान-ए-इम्तियाज़ से भी सम्मानित किया गया है। .
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देव आनन्द
देव आनन्द उर्फ़ धरमदेव पिशोरीमल आनंद (जन्म २६ सितंबर १९२३- मृत्यु ३ दिसम्बर २०११) हिन्दी फ़िल्मों के एक प्रसिद्ध अभिनेता थे। .
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देवदास (1955 फ़िल्म)
देवदास 1955 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। 1955 मे बनी यह फिल्म शरत्चंद्र चटोपाध्यायके उपन्यास 'देवदास'पर आधारीत है। इसी उपन्यास पर आधारीत इसी नाम की फिल्म 1936 मे भी बन चुकी है। 1936 की फिल्म कुंदनलाल सहगल द्वारा अभिनित थी, जबकी 1955 मे रिलीज हुए देवदासमे दिलीप कुमारने प्रमुख किरदार निभाया है। फिल्म को बहुत जादा सफलता मिली और यह फिल्म बॉलीवूडमे एक मिसाल बन गयी। दिलीपकुमारके साथही साथ पारो और चंद्रमुखी का किरदार निभाने वाली सुचित्रा सेन और वैजयंतीमाला के अभिनय को भी बडा सराहया गया। इस फिल्म के चलते दिलीपकुमार एक सशक्त अभिनेता के रूप मे उभर आए। .
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देवदास (२००२ फ़िल्म)
देवदास शरतचन्द्र चट्टोपाध्याय के उपन्यास देवदास पर आधारित चलचित्र है। यह इसी नाम पर बना तीसरा और प्रथम रंगीन चलचित्र है। इस चलचित्र में शाहरुख़ खान, ऐश्वर्या राय और माधुरी दीक्षित प्रमुख भुमिका में हैं और इसका निर्देशन संजय लीला भंसाली ने किया है। जब यह चलचित्र प्रदर्शित किया गया था, तब यह बॉलीवुड का सर्वाधिक बजट वाला चलचित्र था जिसका बजट ५० करोड़ रु बताया जाता है। हिन्दी के अतिरिक्त इसे छः अन्य भाषाओं में प्रदर्शित किया गया था: अंग्रेजी़, गुजराती, फ्रांसीसी, मंदारिन (चीनी), थाई और पंजाबी। .
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नया दौर
नया दौर १९५७ में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
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नसीरुद्दीन शाह
नसीरुद्दीन शाह हिन्दी फ़िल्मों के एक प्रसिद्ध अभिनेता हैं। नसीरुद्दीन शाह, जिन्हें हिंदी फ़िल्म उद्योग में अदाकारी का एक पैमाना कहा जाए तो शायद ही किसी को एतराज हो। नसीर की काबिलियत का सबसे बड़ा सुबूत है, सिनेमा की दोनों धाराओं में उनकी कामयाबी। नसीर का नाम अगर पैरेलल सिनेमा के सबसे बेहतरीन अभिनेताओं की सूची में शामिल हुआ तो बॉलीवुड की मुख्य धारा या व्यापारिक फ़िल्मों में भी उन्होंने बड़ी कामयाबी हासिल की है। नसीर अपने शानदार अंदाज से मुख्य धारा के चहेते सितारे बन गए, ऐसा सितारा जिसने हर तरह के किरदार को बेहतरीन अभिनय से जिंदा कर दिया। ये सितार जब भी स्क्रीन पर आया देखने वाले के दिल पर उस किरदार की यादगार छाप छोड़ गया। उसकी कॉमेडी ने पब्लिक को खूब गुदगुदाया तो एक्शन में भी उसका अलग ही अंदाज नजर आया। मुख्य धारा सिनेमा में नसीरुद्दीन शाह के सफर की शुरुआत 1980 में आई फ़िल्म 'हम पांच' से हुई। फ़िल्म भले ही व्यापारिक थी, लेकिन इसमें नसीर के अभिनय की गहराई समानांतर सिनेमा वाली फ़िल्मों से कम नहीं थी। गुलामी को अपनी तकदीर मान चुके एक गांव में विद्रोह की आवाज बुलंद करते नौजवान के किरदार में नसीर ने जान फूंक दी। हालांकि फ़िल्म बॉक्स ऑफिस पर कामयाब नहीं रही और एक व्यापारिक एक्टर के तौर पर सफलता साबित करने के लिए नसीर को टिकट खिड़की पर भी बिकाऊ बनने की जरूरत थी। और उनके लिए ये काम किया 'जाने भी दो यारों' ने। बॉलीवुड की ऑल टाइम बेस्ट कॉमेडी फ़िल्मों में शुमार 'जाने भी दो यारों' में रवि वासवानी और नसीर की जोड़ी ने बेजोड़ कॉमिक टाइमिंग दिखाई और फ़िल्म बेहद कामयाब रही। लेकिन कमर्शियल सिनेमा में नसीर की सबसे बड़ी कामयाबी बनी 'मासूम'। बाप और बेटे के रिश्तों को उकेरती 'मासूम' में नसीर ने कमाल की अदाकारी से ना केवल खूब वाहवाही बटोरी बल्कि फ़िल्म भी सुपरहिट हुई और नसीर को एक स्टार का दर्जा मिल गया। नसीर के इस स्टार स्टेटस को और मजबूत किया 1986 में आई सुभाष घई की मल्टीस्टारर मेगाबजट फ़िल्म 'कर्मा' ने। फ़िल्म में नसीर के लिए अपनी छाप छोड़ना आसान नहीं था क्योंकि वहां अभिनय सम्राट "दिलीप कुमार भी थे। और उस दौर के नए नवेले सितारे जैकी श्रॉफ और अनिल कपूर भी थे। 1987 में गुलजार की 'इजाजत' नसीर के लिए कामयाबी का एक और जरिया बन कर आई। एक जज्बाती कहानी, बेहतरीन निर्देशन, शानदार अभिनय और यादगार संगीत। 'इजाजत' ने बॉक्स ऑफिस पर जबरदस्त कामयाबी हासिल की और बतौर व्यापारिक एक्टर नसीर का रुतबा और बढ़ गया। 'त्रिदेव' जैसी सुपरहिट फ़िल्म देकर, 90 का दशक आते-आते नसीर ने व्यापारिक फ़िल्मों में भी अपनी अलग पहचान बना ली थी। 2003 में आई हॉलीवुड फ़िल्म 'द लीग ऑफ एक्सट्रा ऑर्डिनरी जेंटलमेन' में नसीरुद्दीन ने कैप्टन नीमो का किरदार निभाया तो दूसरी तरफ पाकिस्तानी फ़िल्म 'खुदा के लिए' में भी उन्होंने शानदार काम किया। देश से लेकर परदेस तक, नसीरुद्दीन शाह ने अपनी अदाकारी का लोहा सारी दुनिया में मनवाया है। लेकिन नसीर अपनी काबिलियत को खुशकिस्मती का नाम देते हैं। वो कहते हैं, 'मैं खुद को खुशकिस्मत मानता हूं कि मुझे इतने मौके मिले, लेकिन मैं व्यापारिक फ़िल्मों से अभी संतुष्ट नहीं हूँ।' 2008 में आई 'अ वेडनेसडे' ने नसीर की कमाल की अदाकारी का एक और नजराना पेश किया तो 'इश्किया', 'राजनीति', 'सात खून माफ' और 'डर्टी पिक्चर' जैसी फ़िल्मों के जरिए नसीरुद्दीन ने बार-बार ये साबित किया कि एक सच्चे कलाकार को उम्र बांध नहीं सकती। हाल ही में रिलीज हुई फ़िल्म 'मैक्सिमम' में भी नसीर की जोरदार एक्टिंग ने दर्शकों का खूब मनोरंजन किया है। आज के नसीरुद्दीन शाह की बात करें तो शायद ही ऐसा कोई रोल है जो उनपर फिट नहीं बैठे। आखिर वो एक्टर ही ऐसे हैं कि हर रोल के मुताबिक खुद को ढाल लेते हैं। लेकिन एक समय था जब नसीर को दो रोल करने की इच्छा थी जो उस समय उन्हें नहीं मिले। लेकिन बाद 'मिर्जा गालिब', दूरदर्शन धारावाहिक में उन्हें दो रोल मिले जिसमें उन्होंने ग़ालिब का वास्तविक चित्र उभारने की कोशिश की। लेकिन आप जानकर हैरान रह जाएंगे कि गालिब बनने की नसीर की तमन्ना उनके दिल में एक अधूरे ख्वाब की तरह अटकी हुई थी। 1988 में सीरियल बनाने से सालों पहले गुलजार साहब गालिब पर एक फ़िल्म बनाना चाहते थे और उस फ़िल्म में गालिब के तौर पर उनकी दिली इच्छा संजीव कुमार को लेने की थी। नसीर साहब ने इस बारे में बताते हुए कहा, 'मैंने गुलजार भाई को चिठ्ठी लिखी और अपनी फोटोग्राफ्स भेजी, मैंने लिखा कि ये क्या कर रहे हैं, इस फ़िल्म में आपको मुझे लेना चाहिए।' लेकिन संजीव कुमार को दिल का दौरा पड़ गया था और सेहत उनका साथ नहीं दे रही थी। फिर उसके बाद गुलजार साहब के दिल में उस रोल के लिए अमिताभ के नाम का खयाल आया। लेकिन वहां भी बात नहीं बनी और आखिरकार गालिब पर फ़िल्म बनाने का प्लान ही ठंडे बस्ते में पड़ गया। शायद उस वक्त गुलजार को भी नहीं मालूम होगा कि इस किरदार पर तो तकदीर ने किसी और का नाम लिख दिया है। कई साल बाद गुलजार साहब ने एक दिन नसीर को फोन लगाया। नसीर ने बताया, 'एक दिन मुझे गुलजार भाई का फोन आया कि सीरियल में काम करोगे। मैंने पूछा कौन सा सीरियल तो उन्होंने बताया गालिब पर है। मैंने बिना कुछ सोचे फौरन हां कह दिया।' साल 1982 में 'गांधी' के रिलीज होने के अट्ठारह साल बाद कमल हासन ने 'हे राम' बनाई, जिसने नसीर साहब की गांधी बनने की तमन्ना को भी पूरा कर दिया। सधी हुई अदाकरी और बेजोड़ अंदाज से उन्होंने ना केवल गांधी के किरदार में जान डाल दी। बेजोड़ एक्टिंग और गजब की क्षमता से हर तरह के किरदार निभाने वाले नसीर ने अपनी छाप नकारात्मक भूमिकाओं में भी छोड़ी। समानांतर सिनेमा का ये हीरो कमर्शियल फ़िल्मों में एक ख़तरनाक विलेन के तौर पर भी हमेशा याद किया जाता रहेगा। हिन्दी सिनेमा में विलेन का ये नया चेहरा था, खूंखार और अजीबोगरीब शक्ल वाला कोई गुंडा नहीं बल्कि सोफेस्टिकेटेड इंसान जिसके दिमाग में सिर्फ जहर ही जहर था। विलेन का ये किरदार जितना संजीदा था उससे भी ज्यादा संजीदगी से उसे निभाया था नसीरुद्दीन शाह ने। वैसे खलनायक के तौर पर उनकी एक दो फ़िल्में नहीं थीं। 'मोहरा' में उन्होंने दिखाया विलेन का वो चेहरा जो किसी के भी दिल में खौफ पैदा कर सकता है। अंधा होने का नाटक करने वाला एक शिकारी, लेकिन ये नसीर की असली पहचान नहीं थी। नसीर की असली पहचान समानांतर सिनेमा था। सिनेमा की वो धारा जिसमें एक स्टार के लिए कम और एक्टर के लिए गुंजाइश ज्यादा होती है। और ये बात किसी से छुपी नहीं कि नसीर एक एक्टर पहले और स्टार बाद में हैं। समानांतर सिनेमा के इस सितारे ने स्मिता पाटिल, शबाना आजमी, अमरीश पुरी और ओम पुरी जैसे माहिर कलाकारों के साथ मिलकर आर्ट फ़िल्मों को एक नई पहचान दी। 'निशान्त' जैसी सेंसेटिव फ़िल्म से अभिनय का सफर शुरू करने वाले नसीर ने 'आक्रोश', 'स्पर्श', 'मिर्च मसाला', 'भवनी भवाई', 'अर्धसत्य', 'मंडी' और 'चक्र' जैसी फ़िल्मों में अभिनय की नई मिसाल पेश कर दी। .
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नाना पाटेकर
विश्वनाथ "नाना" पाटेकर (जन्म: 1 जनवरी, 1951) हिन्दी एवं मराठी फ़िल्मों के एक अभिनेता हैं। .
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परिन्दा
परिन्दा 1989 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। इसको निर्मित और निर्देशित विधु विनोद चोपड़ा ने किया है। फिल्म में मुख्य भूमिकाओं में नाना पाटेकर, जैकी श्रॉफ, अनिल कपूर और माधुरी दीक्षित हैं, जबकि सहायक भूमिकाओं में सुरेश ओबेरॉय और टॉम आल्टर है। रिलीज होने पर परिन्दा को आलोचकों की प्रशंसा प्राप्त हुई। इस फिल्म को कई लोगों द्वारा हिंदी सिनेमा में यथार्थवाद की शुरुआत में एक महत्वपूर्ण मोड़ माना जाता है। परिन्दा ने दो राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार और पांच फिल्मफेयर पुरस्कार भी जीते तथा 1990 में अकादमी पुरस्कार में विदेशी भाषा की सर्वश्रेष्ठ फिल्म के लिए उसे भारत की तरफ से आधिकरिक तौर पर भेजा गया था। .
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फ़िल्मफ़ेयर
फ़िल्मफ़ेयर एक फ़िल्मी पत्रिका है। .
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फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार
फिल्मफेयर पुरस्कार समारोह भारतीय सिनेमा के इतिहास की सबसे पुरानी और प्रमुख घटनाओं में से एक रही है। इसकी शुरुआत सबसे पहले 1954 में हुई जब राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार की भी स्थापना हुई थी। पुरस्कार जनता के मत एवं ज्यूरी के सदस्यों के मत दोनों के आधार पर दी हर साल दी जाती है। .
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बाज़ीगर
बाज़ीगर 1993 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। इसका निर्देशन अब्बास-मस्तान ने किया और मुख्य भूमिकाओं में शाहरुख खान और काजोल है। यह शाहरुख खान पहली सफल भूमिका थी जिसमें वो एकमात्र हीरो थे। यह काजोल की पहली व्यावसायिक सफल फिल्म भी थी। अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी को गाता रहे मेरा दिल के साथ शुरुआत करनी थी, लेकिन वह फिल्म बीच में ही बंद हो गई और यह उनकी पहली फिल्म बन गई। बाजीगर पहली फिल्म थी जिसमें शाहरुख खान ने खलनायक की भूमिका निभाई और पहली बार खान ने सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के लिए फिल्मफेयर पुरस्कार अर्जित किया। .
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ब्रह्मचारी (1968 फ़िल्म)
ब्रह्मचारी १९६८ में बनी हिन्दी भाषा की फ़िल्म है जिसका निर्देशन भप्पी सोनी ने किया है और जिसके निर्माता जी.
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ब्लैक
ब्लैक 2005 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार और ब्लैक
बेटा (फ़िल्म)
बेटा इन्द्र कुमार द्वारा निर्देशित 1992 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। मुख्य भूमिकाओं में अनिल कपूर, माधुरी दीक्षित और अरुणा ईरानी है। यह एक तमिल फिल्म की रीमेक है जिसमें राधा अभिंनेत्री थी। जो बी.
देखें फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार और बेटा (फ़िल्म)
बेईमान (1972 फ़िल्म)
बेईमान 1972 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार और बेईमान (1972 फ़िल्म)
बॉबी (१९७३ फ़िल्म)
बॉबी 1973 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। यह फिल्म डिम्पल कपाडिया और राज कपूर के बेटे ऋषि कपूर की पहली फिल्म है। यह फिल्म १९७३ की सबसे हिट फिल्म मानी जाती है। .
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भारत भूषण
भारत भूषण हिन्दी फ़िल्मों के एक अभिनेता थे। .
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मनोज कुमार
मनोज कुमार एक हिन्दी फिल्म अभिनेता हैं।उनका पूर्व नाम हरिकिशन गिरि गोस्वामी था फ़िल्म जगत् के प्रसिद्ध भारतीय अभिनेता, निर्माता व निर्देशक हैं। अपनी फ़िल्मों के जरिए मनोज कुमार ने लोगों को देशभक्ति की भावना का गहराई से एहसास कराया। मनोज कुमार शहीद-ए-आजम भगत सिंह से बेहद प्रभावित हैं और इसी भावना ने उन्हें 'शहीद' जैसी कालजई फ़िल्म में देश के इस अमर सपूत के किरदार को जीवंत करने की प्रेरणा दी थी। 1992 में मनोज कुमार को भारत सरकार द्वारा पद्मश्री से सम्मानित किया गया। .
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मासूम (1983 फ़िल्म)
मासूम 1983 में बनी हिन्दी भाषा की फ़िल्म है। यह समीक्षकों द्वारा प्रशंसित फिल्म निर्माता शेखर कपूर के निर्देशन की शुरुआत थी। इस फिल्म में तनुजा, सुप्रिया पाठक और सईद जाफ़री के साथ प्रमुख भूमिकाओं में नसीरुद्दीन शाह और शबाना आज़मी है। इसमें जुगल हंसराज, अराधना और उर्मिला मातोंडकर बाल कलाकार हैं। पटकथा, संवाद और गीत गुलजार द्वारा लिखें गए जबकि संगीत आर॰ डी॰ बर्मन द्वारा दिया गया। .
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मुझे जीने दो (1963 फ़िल्म)
मुझे जीने दो (अंग्रेजी: Mujhe Jeene Do) सन 1963 में बनी एक मशहूर हिन्दी फिल्म का नाम है जिसका निर्देशन मणि भट्टाचार्य ने किया था। अजन्ता आर्ट के बैनर तले बनी व डकैतों के वास्तविक जीवन पर आधारित बालीवुड की इस फिल्म में सुनील दत्त, वहीदा रहमान, निरूपा रॉय, राजेन्द्र नाथ एवं मुमताज़ ने अभिनय किया था। चम्बल घाटी के डाकू समस्याग्रस्त इलाके भिण्ड एवं मुरैना जिलों के खतरनाक बीहड़ों में मध्य प्रदेश पुलिस के सुरक्षा कवच में फिल्मायी गयी, तथा मोहन स्टूडियो मुम्बई में बनी इस फिल्म में वहीदा रहमान व सुनील दत्त के अभिनय की बेहतरीन प्रतिभा का प्रदर्शन हुआ था। जयदेव के संगीत निर्देशन ने इसे सर्वश्रेष्ठ फिल्म का दर्ज़ा दिलाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभायी थी। .
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राम और श्याम (1967 फ़िल्म)
राम और श्याम १९६७ में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
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राज कपूर
राज कपूर (१९२४-१९८८) प्रसिद्ध अभिनेता, निर्माता एवं निर्देशक थे। नेहरूवादी समाजवाद से प्रेरित अपनी शुरूआती फ़िल्मों से लेकर प्रेम कहानियों को मादक अंदाज से परदे पर पेश करके उन्होंने हिंदी फ़िल्मों के लिए जो रास्ता तय किया, इस पर उनके बाद कई फ़िल्मकार चले। भारत में अपने समय के सबसे बड़े 'शोमैन' थे। सोवियत संघ और मध्य-पूर्व में राज कपूर की लोकप्रियता दंतकथा बन चुकी है। उनकी फ़िल्मों खासकर श्री ४२० में बंबई की जो मूल तस्वीर पेश की गई है, वह फ़िल्म निर्माताओं को अभी भी आकर्षित करती है। राज कपूर की फ़िल्मों की कहानियां आमतौर पर उनके जीवन से जुड़ी होती थीं और अपनी ज्यादातर फ़िल्मों के मुख्य नायक वे खुद होते थे। .
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राजा हिन्दुस्तानी
राजा हिन्दुस्तानी 1996 में बनी धर्मेश दर्शन द्वारा निर्देशित हिन्दी भाषा की प्रेमकहानी फ़िल्म है। आमिर खान और करिश्मा कपूर द्वारा प्रमुख भूमिका निभाई गई हैं। 15 नवंबर 1996 को जारी यह फ़िल्म 1965 की जब जब फूल खिले की रीमेक है, जिसमें शशि कपूर और नन्दा कलाकार हैं। फिल्म का संगीत नदीम-श्रवण द्वारा दिया गया था, जिसमें समीर के बोल थे। जारी होने के बाद यह वर्ष की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म बनी। इसने सात स्टार स्क्रीन पुरस्कार सहित पांच फिल्मफेयर पुरस्कार जीते थे। .
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राजेश खन्ना
राजेश खन्ना (जन्म: 29 दिसम्बर 1942 - मृत्यु: 18 जुलाई 2012) एक भारतीय बॉलीवुड अभिनेता, निर्देशक व निर्माता थे। उन्होंने कई हिन्दी फ़िल्में बनायीं और राजनीति में भी प्रवेश किया। वे नई दिल्ली लोक सभा सीट से पाँच वर्ष 1991-96 तक कांग्रेस पार्टी के सांसद रहे। बाद में उन्होंने राजनीति से सन्यास ले लिया। उन्होंने कुल 180 फ़िल्मों और 163 फीचर फ़िल्मों में काम किया, 128 फ़िल्मों में मुख्य भूमिका निभायी, 22 में दोहरी भूमिका के अतिरिक्त 17 छोटी फ़िल्मों में भी काम किया। व तीन साल 1969-71 के अंदर १५ solo हिट फ़िल्मों में अभिनय करके बॉलीवुड का सुपरस्टार कहे जाने लगे। उन्हें फ़िल्मों में सर्वश्रेष्ठ अभिनय के लिये तीन बार फिल्म फेयर पुरस्कार मिला और १४ बार मनोनीत किया गया। बंगाल फ़िल्म जर्नलिस्ट एसोसिएशन द्वारा हिन्दी फ़िल्मों के सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार भी अधिकतम चार बार उनके ही नाम रहा और २५ बार मनोनीत किया गया। 2005 में उन्हें फ़िल्मफेयर का लाइफटाइम अचीवमेण्ट अवार्ड दिया गया। राजेश खन्ना हिन्दी सिनेमा के पहले सुपर स्टार थे। 1966 में उन्होंने आखिरी खत नामक फ़िल्म से अपने अभिनय की शुरुआत की। राज़, बहारों के सपने, आखिरी खत - उनकी लगातार तीन कामयाब फ़िल्में रहीं और बहारों के सपने पूर्णतः असफल हुई। उन्होंने 1966-1991 में 74 स्वर्ण जयंती फ़िल्में की। (golden jubilee hits)। उन्होंने 1966-1991 में 22 रजत जयंती फ़िल्में किया। उन्होंने 1966-1996 में 9 सामान्य हित्त फ़िल्म किया। उन्होंने 1966-2013 में 163 फ़िल्म किया और 105 हिट रहे। .
देखें फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार और राजेश खन्ना
लगान (२००१ फ़िल्म)
लगान २००१ में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। लगान (उर्फ़ लगान: वन्स अपॊन अ टाइम इन इन्डीया) हिन्दी चलचित्र ई.स.२००१ में भारत में प्र्स्तुत की गई थी। यह फ़िल्म आशुतोष गौरीकर की मूल कथा पर आधारित है, जिसका उन्होनेही दिग्दर्शन किया है। आमीर ख़ान इसके सहनिर्माता होने के अलावा मुख्य अभिनेता भी है। साथ मे ग्रेसी सींह, रचेल शॅली और पॉल ब्लॅकथॉर्न ने पात्र निभाये है। फ़िल्म रानी विक्टोरिया के ब्रिटानी राज की एक सूखा पीडित गांव के किसानो पर कठोर ब्रीटानी लगान की कहानी है। जब किसान लगान कम करने की मांग कर्ते हैं, तब ब्रिटानी अफ़्सर एक प्रस्ताव देतें है। अगर क्रिकॅट के खेल में उन्को गांववासीओं ने परजित किया तो लगान मांफ़। चूनौती स्वीकारने के बाद गांवनिवासीऒं पर क्या बीतती है, यही इस फ़िल्म का चरीत्र है। इस फ़िल्म की समालोचनात्म्क सरहाना के अलावा इस को कई देसी और विदेशी पुरस्कार भी मिले है। ऑस्कर के "सर्वोत्तम अंतरराष्ट्रीय फ़िल्म" पुरस्कार के लिये नियुक्त की गई यह तिसरी हिन्दी फ़िल्म है। इससे पह्ले "मधर इन्डीया" और "सलाम बॉम्बे" नियुक्त किये जा चुके हैं। ई.स.२००१ की यह बहुत लोकप्रिय फ़िल्म रही। ई.स.२००७ तक इस की डीवीडी की बिक्री सबसे अव्वल थी। जीतू मीना फुलवाड़ा फुलवाड़ा9057673720 .
देखें फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार और लगान (२००१ फ़िल्म)
लीडर (1964 फ़िल्म)
लीडर 1964 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार और लीडर (1964 फ़िल्म)
शम्मी कपूर
शम्मी कपूर (जन्म: 21 अक्टूबर, 1931 निधन: 14 अगस्त, 2011) हिन्दी फ़िल्मों के एक अभिनेता थे। उन्होने जंगली, तुमसा नही देखा, दिल देके देखो, सिंगापुर, कॉलेज गर्ल, प्रोफेसर, चाइना टाउन, प्यार किया तो डरना क्या, कश्मीर की कली, जानवर, तीसरी मंज़िल, अंदाज़, एन इवनिंग इन पेरिस, ब्रह्मचारी और सच्चाई जैसी हिट फ़िल्मों में काम किया। .
देखें फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार और शम्मी कपूर
शाहरुख़ ख़ान
शाहरुख़ ख़ान (उच्चारण; जन्म 2 नवम्बर 1965), जिन्हें अक्सर शाहरुख खान के रूप में श्रेय दिया जाता है और अनौपचारिक रूप में एसआरके नाम से सन्दर्भित किया जाता, एक भारतीय फ़िल्म अभिनेता है। अक्सर मीडिया में इन्हें "बॉलीवुड का बादशाह", "किंग खान", "रोमांस किंग" और किंग ऑफ़ बॉलीवुड नामों से पुकारा जाता है। खान ने रोमैंटिक नाटकों से लेकर ऐक्शन थ्रिलर जैसी शैलियों में 75 हिन्दी फ़िल्मों में अभिनय किया है। फिल्म उद्योग में उनके योगदान के लिये उन्होंने तीस नामांकनों में से चौदह फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार जीते हैं। वे और दिलीप कुमार ही ऐसे दो अभिनेता हैं जिन्होंने साथ फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार आठ बार जीता है। 2005 में भारत सरकार ने उन्हें भारतीय सिनेमा के प्रति उनके योगदान के लिए पद्म श्री से सम्मानित किया। अर्थशास्त्र में उपाधी ग्रहण करने के बाद इन्होने अपने करियर की शुरुआत १९८० में रंगमंचों व कई टेलिविज़न धारावाहिकों से की और १९९२ में व्यापारिक दृष्टी से सफल फ़िल्म दीवाना से फ़िल्म क्षेत्र में कदम रखा। इस फ़िल्म के लिए उन्हें फ़िल्मफ़ेयर प्रथम अभिनय पुरस्कार प्रदान किया गया। इसके पश्च्यात उन्होंने कई फ़िल्मों में नकारात्मक भूमिकाएं अदा की जिनमे डर (१९९३), बाज़ीगर (१९९३) और अंजाम (१९९४) शामिल है। वे कई प्रकार की भूमिकाओं में दिखे व भिन्न-भिन्न प्रकार की फ़िल्मों में कार्य किया जिनमे रोमांस फ़िल्में, हास्य फ़िल्में, खेल फ़िल्में व ऐतिहासिक ड्रामा शामिल है। उनके द्वारा अभिनीत ग्यारह फ़िल्मों ने विश्वभर में १ बिलियन का व्यवसाय किया है। खान की कुछ फ़िल्में जैसे दिलवाले दुल्हनिया ले जायेंगे (१९९५), कुछ कुछ होता है (१९९८), ''देवदास'' (२००२), ''चक दे! इंडिया'' (२००७), ओम शांति ओम (२००७), रब ने बना दी जोड़ी (२००८) और रा.वन (२०११) अबतक की सबसे बड़ी हीट फ़िल्मों में रही है और कभी खुशी कभी ग़म (२००१), कल हो ना हो (२००३), वीर ज़ारा (२००६)। वेल्थ रिसर्च फर्म वैल्थ एक्स के मुताबिक किंग खान पहले सबसे अमीर भारतीय अभिनेता बन गए हैं। फर्म ने अभिनेता की कुल संपत्ति 3660 करोड़ रूपए आंकी थी लेकिन अब 4000 करोङ बताई जाती है। .
देखें फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार और शाहरुख़ ख़ान
शक्ति (1982 फ़िल्म)
शक्ति वर्ष 1982 में रिलीज़ हुई एक प्रसिद्ध हिंदी फिल्म है, जिसका निर्देशन प्रख्यात फ़िल्मकार रमेश सिप्पी ने किया है। .
देखें फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार और शक्ति (1982 फ़िल्म)
श्री चैतन्य महाप्रभु (१९५४ फ़िल्म)
श्री चैतन्य महाप्रभु 1954 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार और श्री चैतन्य महाप्रभु (१९५४ फ़िल्म)
सच्चा झूठा (1970 फ़िल्म)
सच्चा झूठा 1970 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार और सच्चा झूठा (1970 फ़िल्म)
सनी देओल
अजय सिंह देओल (जन्म: 19 अक्टूबर, 1956) हिन्दी फ़िल्मों के एक भारतीय अभिनेता हैं। वह बीते जमाने के मशहूर बॉलीवुड अभिनेता धर्मेन्द्र के पुत्र है। तथा इनकी माता का नाम प्रकाश कौर तथा हेमा मालिनी इनकी सौतेली मां है। सनी देओल के भाई का नाम बॉबी देओल है। .
देखें फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार और सनी देओल
सारांश (1984 फ़िल्म)
सारांश १९८४ में बनी हिन्दी भाषा की फ़िल्म है। .
देखें फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार और सारांश (1984 फ़िल्म)
सागर (1985 फ़िल्म)
सागर 1985 में बनी हिन्दी भाषा की फ़िल्म है। .
देखें फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार और सागर (1985 फ़िल्म)
संजय दत्त
संजय दत्त (जन्म २९ जुलाई १९५९) एक भारतीय अभिनेता और फ़िल्म निर्माता हैं जिन्हें हिन्दी सिनेमा में उनके काम के लिए जाना जाता है। वो थोड़े-बहुत राजनीति से भी जुड़े हुए हैं और १९९३ में हुए मुम्बई बम हमलों के मामले में कुख्यात भी हैं। दत्त प्रसिद्ध फ़िल्म कलाकार एवं राजनीतिज्ञ सुनील दत्त एवं अभिनेत्री नर्गिस के पुत्र हैं। उन्होंने हिन्दी फ़िल्मों में सन् १९८१ में काम करना आरम्भ किया। उसके बाद उन्होंने कई प्रसिद्ध हिन्दी फ़िल्मों में अभिनय किया। उन्होंने फ़िल्मों में प्रेमी, हास्य जैसे अभिनय भी किये और अपराधी, ठग और पुलिस अधिकारी का अभिनय भी किया जिसके लिए अपने प्रशंसकों और फ़िल्म समालोचकों से अभूतपूर्व प्रशंसा प्राप्त की। दत्त को अप्रैल १९९३ में आतंकवादियों की सहायता करना, नौ मिमी पिस्टल को अवैध तरिके से अपने घर पर रखने और एके-छप्पन रायफल रखने के आरोप में आतंकवादी तथा विघटनकारी क्रियाकलाप (निवारण) अधिनियम (टाडा) के तहत गिरफ्तार किया गया। १८ माह जेल की सजा काटने के बाद, उन्हें अप्रैल १९९५ में जमानत मिल गई। जुलाई २००७ में उन्हें छः वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई। भारत के सर्वोच्य न्यायालय ने २१ मार्च २०१३ के अपने एक निर्णय में उन्हें १९९३ के मुम्बई बम विस्फोट मामले में पाँच वर्ष की सश्रम कारावास की सजा सुनाई। .
देखें फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार और संजय दत्त
संजीव कुमार
संजीव कुमार (मूल नाम: हरीभाई जरीवाला; जन्म: 9 जुलाई 1938, मृत्यु: 6 नवम्बर 1985) हिन्दी फ़िल्मों के एक प्रसिद्ध अभिनेता थे। उनका पूरा नाम हरीभाई जरीवाला था। वे मूल रूप से गुजराती थे। इस महान कलाकार का नाम फ़िल्मजगत की आकाशगंगा में एक ऐसे धुव्रतारे की तरह याद किया जाता है जिनके बेमिसाल अभिनय से सुसज्जित फ़िल्मों की रोशनी से बॉलीवुड हमेशा जगमगाता रहेगा। उन्होंने नया दिन नयी रात फ़िल्म में नौ रोल किये थे। कोशिश फ़िल्म में उन्होंने गूँगे बहरे व्यक्ति का शानदार अभिनय किया था। शोले फ़िल्म में ठाकुर का चरित्र उनके अभिनय से अमर हो गया। उन्हें श्रेष्ठ अभिनेता के लिए राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार के अलावा फ़िल्मफ़ेयर क सर्वश्रेष्ठ अभिनेता व सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता पुरस्कार दिया गया। वे आजीवन कुँवारे रहे और मात्र 47 वर्ष की आयु में सन् 1984 में हृदय गति रुक जाने से बम्बई में उनकी मृत्यु हो गयी। 1960 से 1984 तक पूरे पच्चीस साल तक वे लगातार फ़िल्मों में सक्रिय रहे। उन्हें उनके शिष्ट व्यवहार व विशिष्ट अभिनय शैली के लिये फ़िल्मजगत में हमेशा याद किया जायेगा। .
देखें फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार और संजीव कुमार
सुनील दत्त
सुनील दत्त (अंग्रेजी: Sunil Dutt, पंजाबी: ਸੁਨੀਲ ਦੱਤ, जन्म: 6 जून 1929, मृत्यु: 25 मई 2005), जिनका असली नाम बलराज दत्त था, भारतीय फिल्मों के विख्यात अभिनेता, निर्माता व निर्देशक थे, जिन्होंने कुछ पंजाबी फिल्मों में भी अभिनय किया। इसके अतिरिक्त उन्होंने भारतीय राजनीति में भी सार्थक भूमिका निभायी। मनमोहन सिंह की सरकार में 2004 से 2005 तक वे खेल एवं युवा मामलों के कैबिनेट मन्त्री रहे। उनके पुत्र संजय दत्त भी फिल्म अभिनेता हैं। उन्होंने 1984 में कांग्रेस पार्टी के टिकट पर मुम्बई उत्तर पश्चिम लोक सभा सीट से चुनाव जीता और सांसद बने। वे यहाँ से लगातार पाँच बार चुने जाते रहे। उनकी मृत्यु के बाद उनकी बेटी प्रिया दत्त ने अपने पिता से विरासत में मिली वह सीट जीत ली। भारत सरकार ने 1968 में उन्हें पद्म श्री सम्मान प्रदान किया। इसके अतिरिक्त वे बम्बई के शेरिफ़ भी चुने गये। .
देखें फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार और सुनील दत्त
स्वदेश (2004 फ़िल्म)
स्वदेश 2004 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार और स्वदेश (2004 फ़िल्म)
हम (1991 फ़िल्म)
हम 1991 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार और हम (1991 फ़िल्म)
जिस देश में गंगा बहती है
जिस देश में गंगा बहती है हिन्दी भाषा की एक फ़िल्म है जो १९६० में प्रदर्शित हुई थी। इस फ़िल्म के निर्देशक थे राधू कर्माकर और निर्माता राज कपूर थे। इस फ़िल्म को १९६० के फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कारों में सर्वश्रेष्ठ फ़िल्म के अलावा तीन अन्य श्रेणियों में पुरस्कृत किया गया था। .
देखें फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार और जिस देश में गंगा बहती है
जैकी श्रॉफ
जैकी श्रॉफ (जन्म नाम:जयकिशन काकुभाई श्रॉफ, तिथि: 1 फरवरी, 1957) हिन्दी फ़िल्मों के एक प्रसिद्ध अभिनेता हैं। .
देखें फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार और जैकी श्रॉफ
जोधा अकबर (2008 फ़िल्म)
जोधा अकबर 2008 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार और जोधा अकबर (2008 फ़िल्म)
घायल (फ़िल्म)
घायल वर्ष 1990 की निर्देशक राजकुमार संतोषी एवं निर्माता धर्मेन्द्र की एक्शन-ड्रामा आधारित फिल्म है। फिल्म में सनी देओल, मीनाक्षी शेषाद्री, अमरीश पुरी तथा राज बब्बर ने मुख्य भूमिकाएं निभाई है। फिल्म घायल को सात फिल्मफेयर पुरस्कार से नवाजा गया जिनमें यह सर्वश्रेष्ठ फिल्म से विजयी रही। फिल्म घायल के समकक्ष में आमिर खान की फिल्म दिल भी प्रतिस्पर्धा में रही, लेकिन बाॅक्स-ऑफिस में अपने श्रेष्ठ प्रदर्शन से 'सुपरहिट' दर्ज साबित हुई तथा वर्ष 1990 के बाॅलिवुड सिनेमा की सबसे ज्यादा वित्तीय लाभ देने में द्वितीय स्थान पर रही। फिल्म घायल को दक्षिण-भारतीय भाषा में भी पुनर्निर्माण किया गया जिनमें क्रमशः 1992 को भानुप्रिया के साथ भरथन नाम से तमिल संस्करण, फिर 1998 में श्रीकांथ अभिनीत 'गमयम' नाम से तेलुगु संस्करण और शिवराजकुमार एवं सुचित्रा कृष्णमूर्ति अभिनीत 'विश्वा' नाम से कन्नड़ संस्करण सम्मिलित रही। अभिनेता सनी देओल को विशेष ज्युरी अवार्ड के तौर पर राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार की ओर से सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का खिताब नवाजा गया। .
देखें फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार और घायल (फ़िल्म)
वास्तव (1999 फ़िल्म)
वास्तव 1999 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार और वास्तव (1999 फ़िल्म)
खानदान (1965 फ़िल्म)
खानदान १९६५ में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार और खानदान (1965 फ़िल्म)
गाइड (1965 फ़िल्म)
गाइड 1965 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। यह भारत के प्रसिद्ध अंग्रेज़ी लेखक आर के नारायण के द गाइड नाम के उपन्यास पर आधारित है। .
देखें फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार और गाइड (1965 फ़िल्म)
गोल माल (1979 फ़िल्म)
गोल माल 1979 में बनी हिन्दी भाषा की एक हास्य फिल्म है। .
देखें फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार और गोल माल (1979 फ़िल्म)
आँधी (1975 फ़िल्म)
आँधी (अंग्रेजी: storm) 1975 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार और आँधी (1975 फ़िल्म)
आनन्द (फ़िल्म)
आनन्द १९७१ में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। इस फ़िल्म के निर्माता, निर्देशक, लेखक एवं संपादक ऋषिकेश मुखर्जी हैं। इस फ़िल्म के मुख्य कलाकार राजेश खन्ना एवं अमिताभ बच्चन हैं। इस फ़िल्म को राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार में सर्वश्रेष्ठ फ़िल्म के अलावा फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कारों में छः श्रेणियों में पुरस्कृत किया गया था। .
देखें फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार और आनन्द (फ़िल्म)
आमिर ख़ान
आमिर खान (नस्तालीक़: عامر خان) (जन्म आमिर हुसैन खान; मार्च 14, 1965) एक भारतीय फ़िल्म अभिनेता, निर्माता, निर्देशक, पटकथा लिखनेवाले, कभी कभी गायक और आमिर खान प्रोडक्सनस के संस्थापक-मालिक है। अपने चाचा नासिर हुसैन की फ़िल्म यादों की बारात (1973) में आमिर खान एक बाल कलाकार की भूमिका में नज़र आए थे और ग्यारह साल बाद खान का करियर फ़िल्म होली (1984) से आरम्भ हुआ उन्हें अपने चचेरे भाई मंसूर खान के साथ फ़िल्म क़यामत से क़यामत तक (1988) के लिए अपनी पहली व्यवसायिक सफलता मिली और उन्होंने फ़िल्म में एक्टिंग के लिए फिल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ मेल नवोदित पुरस्कार (सर्वश्रेष्ठ नवोदित पुरूष कलाकार के लिए फ़िल्मफेयर पुरस्कार) जीता। पिछले आठ नामांकन के बाद 1980 और 1990 के दौरान, खान को राजा हिन्दुस्तानी (1996), के लिए पहला फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार मिला जो अब तक की उनकी एक बड़ी व्यवसायिक सफलता थी। उन्हें बाद में फिल्मफेयर कार्यक्रम में दूसरा सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार और लगान में उनके अभिनय के लिए 2001 में कई अन्य पुरस्कार मिले और अकादमी पुरस्कार के लिए नामांकित किया गया। अभिनय से चार साल का सन्यास लेने के बाद, केतन मेहता की फ़िल्म द रायजिंग (2005) से खान ने वापसी की। २००७ में, वे निर्देशक के रूप में फ़िल्म तारे ज़मीन पर का निर्देशन किया, जिसके लिए उन्हें फिल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ निर्देशक पुरस्कार दिया गया। कई कॉमर्शियल सफल फ़िल्मों का अंग होने के कारण और बहुत ही अच्छा अभिनय करने के कारण, वे हिन्दी सिनेमा के एक प्रमुख अभिनेता बन गए हैं। .
देखें फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार और आमिर ख़ान
आशीर्वाद (1968 फ़िल्म)
आशीर्वाद 1968 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार और आशीर्वाद (1968 फ़िल्म)
आज़ाद (1955 फ़िल्म)
आज़ाद 1955 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार और आज़ाद (1955 फ़िल्म)
आक्रोश (1980 फ़िल्म)
आक्रोश 1980 में बनी हिन्दी भाषा की फ़िल्म है। .
देखें फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार और आक्रोश (1980 फ़िल्म)
कमल हासन
कमल हासन (जन्म 7 नवम्बर 1954 को परमकुडी, मद्रास राज्य, भारत में) एक भारतीय फ़िल्म अभिनेता, पटकथा लेखक और फ़िल्म निर्माता, भारतीय सिनेमा के प्रमुख, किरदार को जीने वाले अभिनेताओं में से एक माने जाते हैं। कमल हासन, राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार और फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार सहित कई भारतीय फ़िल्म पुरस्कारों के विजेता के तौर पर जाने जाते हैं और उन्हें सर्वश्रेष्ठ विदेशी भाषा फ़िल्म के लिए अकादमी पुरस्कार प्रतियोगिता में भारत द्वारा प्रस्तुत सर्वाधिक फिल्मों वाले अभिनेता होने का गौरव प्राप्त है। अभिनय और निर्देशन के अलावा, वे एक पटकथा लेखक, गीतकार, पार्श्वगायक और कोरियोग्राफर हैं। उनकी फ़िल्म निर्माण कंपनी, राजकमल इंटरनेशनल ने उनकी कई फ़िल्मों का निर्माण किया। कमल हासन ने अपने 63वें जन्मदिन पर एक ऐप लॉन्च किया, जिसका नाम है 'मय्यम व्हिसल'.
देखें फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार और कमल हासन
कहो ना प्यार है
कहो ना प्यार है 2000 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। इस फिल्म के निर्देशक और लेखक राकेश रोशन हैं। इस फिल्म के द्वारा ऋतिक रोशन और अमीषा पटेल ने फिल्मों में अपने अभिनय के सफर को शुरू किया था। इसमें ऋतिक रोशन रोहित और राज की दोहरी भूमिका निभाएँ हैं। यह फिल्म 2000 की सबसे सफल फिल्म थी। इसे बहुत अधिक पुरस्कार भी मिले। इस फिल्म के लिए राकेश रोशन को पहली बार निर्माता और निर्देशक के रूप में फिल्मफेयर पुरस्कार मिला। सर्वश्रेष्ठ अभिनेता और सर्वश्रेष्ठ नवोदित अभिनेता के लिए ऋतिक रोशन को एक ही फिल्म में यह दोनों पुरस्कार भी मिल गया। .
देखें फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार और कहो ना प्यार है
काला पानी (1958 फ़िल्म)
काला पानी 1958 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। इस फिल्म का निर्माण देव आनंद ने नवकेतन फिल्म के लिए किया था। फिल्म में संगीत सचिन देव बर्मन का था। .
देखें फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार और काला पानी (1958 फ़िल्म)
कुछ कुछ होता है
कुछ कुछ होता है 1998 की हिन्दी भाषा की हास्य प्रेमकहानी फ़िल्म फिल्म है। इसे करण जौहर ने लिखा और निर्देशित किया और लोकप्रिय ऑन-स्क्रीन जोड़ी शाहरुख खान और काजोल ने अपनी चौथी फिल्म में एक साथ अभिनय किया। रानी मुखर्जी ने सहायक भूमिका निभाई, जबकि सलमान खान की एक विस्तारित विशेष उपस्थिति भी थी। इस फिल्म से सना सईद जिन्होंने सहायक भूमिका निभाई, अपनी फिल्म करियर की शुरुआत की। यह करण जौहर की निर्देशन शुरुआत थी। फिल्म भारत और विदेशों में सफल रही और साल की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली भारतीय फिल्म बन गई। साथ ही यह हम आपके हैं कौन और दिलवाले दुल्हनिया ले जायेंगे के बाद सबसे ज्यादा कमाई करने वाली भारतीय फिल्म बनी। भारत के बाहर, यह फिल्म कभी खुशी कभी ग़म द्वारा रिकॉर्ड तोड़े जाने से पहले सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फ़िल्म थी। कुछ कुछ होता है को आलोचकों से सकारात्मक समीक्षा मिली। विशेष प्रशंसा काजोल के प्रदर्शन को मिली। साउंडट्रैक भी साल का सबसे बड़ा विक्रेता बन गया। फिल्म ने फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार, ज़ी सिने पुरस्कार और स्टार स्क्रीन पुरस्कार में "सर्वश्रेष्ठ फिल्म" पुरस्कार जीता। .
देखें फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार और कुछ कुछ होता है
क्रान्तिवीर
क्रान्तिवीर 1994 में बनी हिन्दी भाषा की अपराधिक पृष्ठभूमि की एक्शन फिल्म है। इसका निर्देशन मेहुल कुमार ने किया और फिल्म में नाना पाटेकर, डिंपल कपाड़िया, अतुल अग्निहोत्री, ममता कुलकर्णी, डैनी डेन्जोंगपा और परेश रावल प्रमुख भूमिका निभाते हैं। यह वर्ष की तीसरी सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म बन गई, इसके अलावा इसने तीन स्टार स्क्रीन पुरस्कार, चार फिल्मफेयर पुरस्कार और एक राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीता। .
देखें फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार और क्रान्तिवीर
कोहिनूर (1960 फ़िल्म)
कोहिनूर 1960 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार और कोहिनूर (1960 फ़िल्म)
कोई मिल गया
कोई मिल गया 2003 में बनी हिन्दी भाषा की विज्ञान कथा साहित्य फिल्म है। इसका निर्देशन और निर्माण राकेश रोशन ने किया और मुख्य भूमिकाओं में ऋतिक रोशन और प्रीति जिंटा है। रेखा की भी महत्त्वपूर्ण सहायक भूमिका है। जारी होने पर फिल्म सफल रही थी और इसने कई पुरस्कार जीते थे। इसकी अगली दो कड़ी भी आई - कृष और कृष 3। .
देखें फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार और कोई मिल गया
अनाड़ी (1959 फ़िल्म)
अनाड़ी 1959 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार और अनाड़ी (1959 फ़िल्म)
अनिल कपूर
अनिल कपूर (जन्म: 24 दिसंबर, 1959) हिन्दी फ़िल्मों के एक प्रसिद्ध अभिनेता हैं। .
देखें फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार और अनिल कपूर
अनुपम खेर
अनुपम खेर हिन्दी फिल्मों के एक प्रसिद्ध अभिनेता हैं। वह किरन खेर के पति हैं। 2004 में भारत सरकार द्वारा पद्मश्री से सम्मानित किया। .
देखें फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार और अनुपम खेर
अभिनेता
अभिनेता वह पुरुष कलाकार है जो एक चलचित्र या नाटक में किसी चरित्र का अभिनय करता है। अभिनेता परिकल्पना एवं दर्शक के बीच माध्यम का काम करता है। जो दी गयी भूमिका को किसी मंच (चलचित्र, नाटक, रेडियो) द्वारा दर्शक के लिए प्रस्तुत करता है। अभिनय की कला का ज्ञान एवं अभिनेता के भाव प्रस्तुतीकरण को सार्थक बनाता है। .
देखें फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार और अभिनेता
अमर अकबर एन्थोनी (1977 फ़िल्म)
अमर अकबर एन्थोनी 1977 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार और अमर अकबर एन्थोनी (1977 फ़िल्म)
अमिताभ बच्चन
अमिताभ बच्चन (जन्म-११ अक्टूबर, १९४२) बॉलीवुड के सबसे लोकप्रिय अभिनेता हैं। १९७० के दशक के दौरान उन्होंने बड़ी लोकप्रियता प्राप्त की और तब से भारतीय सिनेमा के इतिहास में सबसे प्रमुख व्यक्तित्व बन गए हैं। बच्चन ने अपने करियर में कई पुरस्कार जीते हैं, जिनमें तीन राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार और बारह फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार शामिल हैं। उनके नाम सर्वाधिक सर्वश्रेष्ठ अभिनेता फ़िल्मफेयर अवार्ड का रिकार्ड है। अभिनय के अलावा बच्चन ने पार्श्वगायक, फ़िल्म निर्माता और टीवी प्रस्तोता और भारतीय संसद के एक निर्वाचित सदस्य के रूप में १९८४ से १९८७ तक भूमिका की हैं। इन्होंने प्रसिद्द टी.वी.
देखें फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार और अमिताभ बच्चन
अमोल पालेकर
अमोल पालेकर अमोल पालेकर (जन्म: 24 नवंबर, 1944) हिन्दी फ़िल्मों के एक प्रसिद्ध अभिनेता हैं। अपने अभिनय से सभी का दिल बहलाने के बाद आजकल वे एक निर्देशक के रूप मे कही ज्यादा सक्रिय हैं। .
देखें फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार और अमोल पालेकर
अर्जुन पंडित (1976 फ़िल्म)
अर्जुन पंडित 1976 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार और अर्जुन पंडित (1976 फ़िल्म)
अशोक कुमार (अभिनेता)
अशोक कुमार (অশোক কুমার; १३ अक्टूबर १९११, भागलपुर, कुमुद कुमार गांगुली - १० दिसम्बर २००१, मुंबई) हिन्दी फ़िल्मों के एक अभिनेता थे। सन् १९९९ में भारत सरकार ने उन्हें कला के क्षेत्र में उनके योगदानों के लिए पद्म भूषण से सम्मानित किया। ये महाराष्ट्र राज्य से थे। .
देखें फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार और अशोक कुमार (अभिनेता)
अविष्कार (1973 फ़िल्म)
अविष्कार 1973 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार और अविष्कार (1973 फ़िल्म)
ऋतिक रोशन
हृथिक रोशन (हिन्दी: ऋतिक रोशन, उच्चारण: /10 जनवरी 1974 जन्म) एक भारतीय अभिनेता है जो बॉलीवुड में काम कर रहे हैं।इनका जन्म एक कायस्थ परिवार में हुआ था। सन 1980 में हृतिक रोशन ने एक बालकलाकार के रूप में फिल्मोमें पदर्पण होनेके बाद फिल्म कहो ना प्यार है (2000) में प्रमुख भूमिका निभाई.
देखें फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार और ऋतिक रोशन
ऋषि कपूर
ऋषि कपूर (जन्म: 4 सितंबर, 1952) हिन्दी फ़िल्मों के एक अभिनेता हैं। ऋषि कपूर एक भारतीय फ़िल्म अभिनेता, फ़िल्म निर्माता और निर्देशक है। वह एक बाल कलाकार के रूप मे काम कर चुके है। उन्हें बॉबी के लिए 1974 में सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के लिए फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार और साथ ही 2008 में फ़िल्मफेयर लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार सहित अन्य पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चूका है। उन्होंने उनकी पहली फ़िल्म में शानदार भूमिका के लिए 1971 में राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार प्राप्त किया। .
देखें फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार और ऋषि कपूर
यह भी देखें
फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार
- 57वे फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार
- 61वे फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार
- दक्षिण फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार
- फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार
- फ़िल्मफ़ेयर पुरुष प्रथम अभिनय पुरस्कार
- फ़िल्मफ़ेयर महिला प्रथम अभिनय पुरस्कार
- फ़िल्मफ़ेयर विशेष पुरस्कार
- फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार
- फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार - आलोचक
- फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री पुरस्कार
- फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ कथा पुरस्कार
- फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ खलनायक पुरस्कार
- फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ गीतकार पुरस्कार
- फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ छायाकार पुरस्कार
- फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ निर्देशक पुरस्कार
- फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायक पुरस्कार
- फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायिका पुरस्कार
- फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ फ़िल्म पुरस्कार
- फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ संगीतकार पुरस्कार
- फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ संवाद लेखन पुरस्कार
- फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता पुरस्कार
- फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री पुरस्कार
- फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ हास्य अभिनेता पुरस्कार