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नीलकण्ठ सोमयाजि और माधवाचार्य की ज्या सारणी

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

नीलकण्ठ सोमयाजि और माधवाचार्य की ज्या सारणी के बीच अंतर

नीलकण्ठ सोमयाजि vs. माधवाचार्य की ज्या सारणी

नीलकण्ठ सोमयाजि (1444-1544) भारतीय गणितज्ञ थे। वह केरल प्रदेश से थे। . केरलीय गणित सम्प्रदाय के गणितज्ञ तथा खगोलशास्त्री माधवाचार्य ने चौदहवीं शताब्दी में विभिन्न कोणों के ज्या के मानों की एक सारणी निर्मित की थी। इस सारणी में चौबीस कोणों के ज्या के मान दिए गये हैं। जिन कोणों के ज्या के मान दिए गये हैं वे हैं: यह सारणी एक संस्कृत श्लोक के रूप में है जिसमें संख्यात्मक मानों को कटपयादि पद्धति का उपयोग करके निरूपित किया गया है। इससे सम्बन्धित माधव के मूल कार्य प्राप्त नहीं होते हैं किन्तु नीलकण्ठ सोमयाजि (1444–1544) के 'आर्यभटीयभाष्य' तथा शंकर वरियार (circa. 1500-1560) द्वारा रचित तन्त्रसंग्रह की 'युक्तिदीपिका/लघुवृत्ति' नामक टीका में भी हैं। .

नीलकण्ठ सोमयाजि और माधवाचार्य की ज्या सारणी के बीच समानता

नीलकण्ठ सोमयाजि और माधवाचार्य की ज्या सारणी आम में एक बात है (यूनियनपीडिया में): तंत्रसंग्रह

तंत्रसंग्रह

300px तंत्रसंग्रह नीलकण्ठ सोमयाजि द्वारा संस्कृत में रचित खगोलशास्त्रीय ग्रंथ है। यह ग्रंथ 1501 ई में पूर्ण हुआ। इसमें 432 श्लोक हैं जो आठ अध्यायों में विभक्त हैं। इस ग्रन्थ में ग्रहों की गति के पारम्परिक मॉडल के स्थान पर परिस्कृत मॉडल प्रस्तुत किया गया है। इसकी दो टीकाएँ ज्ञात हैं- पहली तंत्रसंग्रहव्याख्या (रचनाकार अज्ञात) तथा युक्तिभाषा (ज्येष्ठदेव द्वारा लगभग १५५० ई में रचित)। तंत्रसंग्रह में नीलकण्ठ सोमयाजि ने बुध और शुक्र ग्रहों की गति का आर्यभट द्वारा प्रस्तुत मॉडल को पुनः सामने रखा। इस ग्रन्थ में दिया हुआ इन दो ग्रहों के केन्द्र का समीकरण १७वीं शताब्दी में केप्लर के पहले तक सबसे शुद्ध मान देता था। .

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नीलकण्ठ सोमयाजि और माधवाचार्य की ज्या सारणी के बीच तुलना

नीलकण्ठ सोमयाजि 4 संबंध है और माधवाचार्य की ज्या सारणी 11 है। वे आम 1 में है, समानता सूचकांक 6.67% है = 1 / (4 + 11)।

संदर्भ

यह लेख नीलकण्ठ सोमयाजि और माधवाचार्य की ज्या सारणी के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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