धातुपाठ और संस्कृत के प्राचीन एवं मध्यकालीन शब्दकोश के बीच समानता
धातुपाठ और संस्कृत के प्राचीन एवं मध्यकालीन शब्दकोश आम में 3 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): संस्कृत भाषा, गणपाठ, अष्टाध्यायी।
संस्कृत भाषा
संस्कृत (संस्कृतम्) भारतीय उपमहाद्वीप की एक शास्त्रीय भाषा है। इसे देववाणी अथवा सुरभारती भी कहा जाता है। यह विश्व की सबसे प्राचीन भाषा है। संस्कृत एक हिंद-आर्य भाषा हैं जो हिंद-यूरोपीय भाषा परिवार का एक शाखा हैं। आधुनिक भारतीय भाषाएँ जैसे, हिंदी, मराठी, सिन्धी, पंजाबी, नेपाली, आदि इसी से उत्पन्न हुई हैं। इन सभी भाषाओं में यूरोपीय बंजारों की रोमानी भाषा भी शामिल है। संस्कृत में वैदिक धर्म से संबंधित लगभग सभी धर्मग्रंथ लिखे गये हैं। बौद्ध धर्म (विशेषकर महायान) तथा जैन मत के भी कई महत्त्वपूर्ण ग्रंथ संस्कृत में लिखे गये हैं। आज भी हिंदू धर्म के अधिकतर यज्ञ और पूजा संस्कृत में ही होती हैं। .
धातुपाठ और संस्कृत भाषा · संस्कृत के प्राचीन एवं मध्यकालीन शब्दकोश और संस्कृत भाषा ·
गणपाठ
गणपाठ पाणिनि के व्याकरण के पाँच भागों में से एक है। इसमें २६१ शब्दों का संग्रह है। पाणिनीय व्याकरण के चार अन्य भाग हैं- अष्टाध्यायी, शिवसूत्र, धातुपाठ तथा उणादिसूत्र। 'गण' का अर्थ है - समूह। जब बहुत से शब्दों को एक ही कार्य करना हो तो उनमें से प्रथम या प्रमुख शब्द को लेकर उसमें 'आदि' जोड़कर काम चला लिया जाता है। जैसे भ्वादि गण (.
गणपाठ और धातुपाठ · गणपाठ और संस्कृत के प्राचीन एवं मध्यकालीन शब्दकोश ·
अष्टाध्यायी
अष्टाध्यायी (अष्टाध्यायी .
अष्टाध्यायी और धातुपाठ · अष्टाध्यायी और संस्कृत के प्राचीन एवं मध्यकालीन शब्दकोश ·
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धातुपाठ और संस्कृत के प्राचीन एवं मध्यकालीन शब्दकोश के बीच तुलना
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संदर्भ
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