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देवबन्दी और सुन्नी इस्लाम

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

देवबन्दी और सुन्नी इस्लाम के बीच अंतर

देवबन्दी vs. सुन्नी इस्लाम

देवबन्दी (उर्दू:, अंग्रेज़ी: Deobandi) सुन्नी इस्लाम के हनफ़ी पन्थ की एक प्रमुख विचारधारा है जिसमें कुरआन व शरियत का कड़ाई से पालन करने पर ज़ोर है। यह भारत के उत्तर प्रदेश राज्य में स्थित दारुल उलूम देवबन्द से प्रचारित हुई है जो विश्व में इस्लामी शिक्षा का दूसरा बड़ा केन्द्र है। इसके अनुयायी इसे एक विशुद्ध इस्लामी विचारधारा मानते हैं जो कर्मकांड-हीन है। ये इस्लाम के उस तरीके पर अमल करते हैं, जो अल्लाह के नबी हजरत मुहम्मद स० ले कर आये थे, तथा जिसे ख़ुलफ़ा-ए-राशिदीन (अबु बकर अस-सिद्दीक़​, उमर इब्न अल-ख़त्ताब​, उस्मान इब्न अफ़्फ़ान​ और अली इब्न अबू तालिब​), सहाबा-ए-कराम, ताबेईन ने अपनाया तथा प्रचार-प्रसार किया। . सुन्नी मुस्लिम इस्लाम के सबसे बड़े सम्प्रदाय सुन्नी इस्लाम को मानने वाले मुस्लिम हैं। सुन्नी इस्लाम को अहले सुन्नत व'ल जमाअत (अरबी: أهل السنة والجماعة‎ "(मुहम्म्द के) आदर्श लोग और समुदाय") या संक्षिप्त में अहल अस- सुन्नाह (अरबी: أهل السنة‎) भी कहते हैं। सुन्नी शब्द अरबी के सुन्नाह (अरबी: سنة) से आया है, जिसका अर्थ (पैगम्बर मोहम्मद) की बातें और कर्म या उनके आदर्श है। सामान्य अर्थों में सुन्नी -पवित्र ईशसन्देश्टा मुहम्मद स० के निधन के पश्चात जिन लोगों ने मुहम्मद स० द्वारा बताये गये नियमों का पालन किया सुन्नी कहलाऐ। सुन्नी दुनिया में 80% हैं ये आंकड़ा 5 गिरोह को मिलाकर बनता हैं।.

देवबन्दी और सुन्नी इस्लाम के बीच समानता

देवबन्दी और सुन्नी इस्लाम आम में 3 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): हनफ़ी पन्थ, इस्लाम, क़ुरआन

हनफ़ी पन्थ

हनफ़ी (अरबी الحنفي) सुन्नी इस्लाम के चार पन्थों में से सबसे पुराना और सबसे ज़्यादा अनुयायियों वाला पन्थ है। अबु खलीफ़ा, तुर्क साम्राज्य और मुगल साम्राज्य के शासक हनाफी पन्थ के अनुयायी थे। आज हनाफी स्कूल लिवैन्ट, इराक, अफ़गानिस्तान, पाकिस्तान, बांग्लादेश, भारत, चीन, मारीशस, तुर्की, अल्बानिया, मैसेडोनिया में बाल्कन में प्रमुख है। .

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इस्लाम

इस्लाम (अरबी: الإسلام) एक एकेश्वरवादी धर्म है, जो इसके अनुयायियों के अनुसार, अल्लाह के अंतिम रसूल और नबी, मुहम्मद द्वारा मनुष्यों तक पहुंचाई गई अंतिम ईश्वरीय पुस्तक क़ुरआन की शिक्षा पर आधारित है। कुरान अरबी भाषा में रची गई और इसी भाषा में विश्व की कुल जनसंख्या के 25% हिस्से, यानी लगभग 1.6 से 1.8 अरब लोगों, द्वारा पढ़ी जाती है; इनमें से (स्रोतों के अनुसार) लगभग 20 से 30 करोड़ लोगों की यह मातृभाषा है। हजरत मुहम्मद साहब के मुँह से कथित होकर लिखी जाने वाली पुस्तक और पुस्तक का पालन करने के निर्देश प्रदान करने वाली शरीयत ही दो ऐसे संसाधन हैं जो इस्लाम की जानकारी स्रोत को सही करार दिये जाते हैं। .

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क़ुरआन

'''क़ुरान''' का आवरण पृष्ठ क़ुरआन, क़ुरान या कोरआन (अरबी: القرآن, अल-क़ुर्'आन) इस्लाम की पवित्रतम किताब है और इसकी नींव है। मुसलमान मानते हैं कि इसे अल्लाह ने फ़रिश्ते जिब्रील द्वारा हज़रत मुहम्मद को सुनाया था। मुसलमान मानते हैं कि क़ुरआन ही अल्लाह की भेजी अन्तिम और सर्वोच्च किताब है। यह ग्रन्थ लगभग 1400 साल पहले अवतरण हुई है। इस्लाम की मान्यताओं के मुताबिक़ क़ुरआन अल्लाह के फ़रिश्ते जिब्रील (दूत) द्वारा हज़रत मुहम्मद को सन् 610 से सन् 632 में उनकी मौत तक ख़ुलासा किया गया था। हालांकि आरंभ में इसका प्रसार मौखिक रूप से हुआ पर पैग़म्बर मुहम्मद की मौत के बाद सन् 633 में इसे पहली बार लिखा गया था और सन् 653 में इसे मानकीकृत कर इसकी प्रतियाँ इस्लामी साम्राज्य में वितरित की गईं थी। मुसलमानों का मानना है कि ईश्वर द्वारा भेजे गए पवित्र संदेशों के सबसे आख़िरी संदेश क़ुरआन में लिखे गए हैं। इन संदेशों की शुरुआत आदम से हुई थी। हज़रत आदम इस्लामी (और यहूदी तथा ईसाई) मान्यताओं में सबसे पहला नबी (पैग़म्बर या पयम्बर) था और इसकी तुलना हिन्दू धर्म के मनु से एक हद तक की जा सकती है। जिस तरह से हिन्दू धर्म में मनु की संतानों को मानव कहा गया है वैसे ही इस्लाम में आदम की संतानों को आदमी कहा जाता है। तौहीद, धार्मिक आदेश, जन्नत, जहन्नम, सब्र, धर्म परायणता (तक्वा) के विषय ऐसे हैं जो बारम्बार दोहराए गए। क़ुरआन ने अपने समय में एक सीधे साधे, नेक व्यापारी इंसान को, जो अपने ‎परिवार में एक भरपूर जीवन गुज़ार रहा था। विश्व की दो महान शक्तियों ‎‎(रोमन तथा ईरानी) के समक्ष खड़ा कर दिया। केवल यही नहीं ‎उसने रेगिस्तान के अनपढ़ लोगों को ऐसा सभ्य बना दिया कि पूरे विश्व पर ‎इस सभ्यता की छाप से सैकड़ों वर्षों बाद भी इसके निशान पक्के मिलते हैं। ‎क़ुरआन ने युध्द, शांति, राज्य संचालन इबादत, परिवार के वे आदर्श प्रस्तुत ‎किए जिसका मानव समाज में आज प्रभाव है। मुसलमानों के अनुसार कुरआन में दिए गए ज्ञान से ये साबित होता है कि हज़रत मुहम्मद एक नबी है | .

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देवबन्दी और सुन्नी इस्लाम के बीच तुलना

देवबन्दी 19 संबंध है और सुन्नी इस्लाम 11 है। वे आम 3 में है, समानता सूचकांक 10.00% है = 3 / (19 + 11)।

संदर्भ

यह लेख देवबन्दी और सुन्नी इस्लाम के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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