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दीपावली और मांडणा

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

दीपावली और मांडणा के बीच अंतर

दीपावली vs. मांडणा

दीपावली या दीवाली अर्थात "रोशनी का त्योहार" शरद ऋतु (उत्तरी गोलार्द्ध) में हर वर्ष मनाया जाने वाला एक प्राचीन हिंदू त्योहार है।The New Oxford Dictionary of English (1998) ISBN 0-19-861263-X – p.540 "Diwali /dɪwɑːli/ (also Divali) noun a Hindu festival with lights...". दीवाली भारत के सबसे बड़े और प्रतिभाशाली त्योहारों में से एक है। यह त्योहार आध्यात्मिक रूप से अंधकार पर प्रकाश की विजय को दर्शाता है।Jean Mead, How and why Do Hindus Celebrate Divali?, ISBN 978-0-237-534-127 भारतवर्ष में मनाए जाने वाले सभी त्यौहारों में दीपावली का सामाजिक और धार्मिक दोनों दृष्टि से अत्यधिक महत्त्व है। इसे दीपोत्सव भी कहते हैं। ‘तमसो मा ज्योतिर्गमय’ अर्थात् ‘अंधेरे से ज्योति अर्थात प्रकाश की ओर जाइए’ यह उपनिषदों की आज्ञा है। इसे सिख, बौद्ध तथा जैन धर्म के लोग भी मनाते हैं। जैन धर्म के लोग इसे महावीर के मोक्ष दिवस के रूप में मनाते हैं तथा सिख समुदाय इसे बन्दी छोड़ दिवस के रूप में मनाता है। माना जाता है कि दीपावली के दिन अयोध्या के राजा राम अपने चौदह वर्ष के वनवास के पश्चात लौटे थे। अयोध्यावासियों का ह्रदय अपने परम प्रिय राजा के आगमन से प्रफुल्लित हो उठा था। श्री राम के स्वागत में अयोध्यावासियों ने घी के दीपक जलाए। कार्तिक मास की सघन काली अमावस्या की वह रात्रि दीयों की रोशनी से जगमगा उठी। तब से आज तक भारतीय प्रति वर्ष यह प्रकाश-पर्व हर्ष व उल्लास से मनाते हैं। यह पर्व अधिकतर ग्रिगेरियन कैलन्डर के अनुसार अक्टूबर या नवंबर महीने में पड़ता है। दीपावली दीपों का त्योहार है। भारतीयों का विश्वास है कि सत्य की सदा जीत होती है झूठ का नाश होता है। दीवाली यही चरितार्थ करती है- असतो माऽ सद्गमय, तमसो माऽ ज्योतिर्गमय। दीपावली स्वच्छता व प्रकाश का पर्व है। कई सप्ताह पूर्व ही दीपावली की तैयारियाँ आरंभ हो जाती हैं। लोग अपने घरों, दुकानों आदि की सफाई का कार्य आरंभ कर देते हैं। घरों में मरम्मत, रंग-रोगन, सफ़ेदी आदि का कार्य होने लगता है। लोग दुकानों को भी साफ़ सुथरा कर सजाते हैं। बाज़ारों में गलियों को भी सुनहरी झंडियों से सजाया जाता है। दीपावली से पहले ही घर-मोहल्ले, बाज़ार सब साफ-सुथरे व सजे-धजे नज़र आते हैं। दीवाली नेपाल, भारत, श्रीलंका, म्यांमार, मारीशस, गुयाना, त्रिनिदाद और टोबैगो, सूरीनाम, मलेशिया, सिंगापुर, फिजी, पाकिस्तान और ऑस्ट्रेलिया की बाहरी सीमा पर क्रिसमस द्वीप पर एक सरकारी अवकाश है। . मांडणा राजस्थान एवं मध्य प्रदेश की कला है। मांडणा संस्कृत भाषा के शब्द मांडण का रूप है। जिसका अर्थ है 'खोजना'। मांडणे यहां के सामाजिक उत्सवों, धार्मिक पर्वो, शादी-विवाह, जन्मोत्सव, होली-दीवाली पर घर- आंगन का हिस्सा है जो प्राचीन वैदिक संस्कृति के प्रतीक हैं। मांडणों में कलश, पगल्या, स्वास्तिक, फूल, चौक, दीया, विनायक, खेड़ों चंग आदि प्रमुख हैं। मांडणे प्राय: ज्यामितीय आकार के होते हैं। परन्तु आजकल गोलाकार भी बनाए जाते हैं। राजस्थान में अभी भी गांव के लोग बृहत रूप से मांडणा बनाते हैं। दीपावली के दौरान मांडणा बनाने के लिए गांवों में आंगन को गेरू और गोबर से लीपा जाता है। इन्हें बनाने के लिए गेरू भिगोकर उसमें गोंद मिलाया जाता है। फिर ब्रश से धरातल पर गोल या चौकोर डिजाइन में गेरू से लीपते हैं। सूख जाने पर सफेद रंग, खडिया या चूने से ब्रश की सहायता से या सींक पर रूई की फुरेरी बनाकर डिजाइन बनाए जाते हैं। राजस्थान में दीपमाला के इस उत्सप में मांडणे चार चांद लगा देते है। उत्सवों में चित्रांकन की यह अनूठी परम्परा विविधता लिए हुए है। अलग-अलग अंचलों में वहां के रीति-रिवाज के अनुसार मांडणे बनाए जाते हैं। .

दीपावली और मांडणा के बीच समानता

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दीपावली और मांडणा के बीच तुलना

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संदर्भ

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