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द मेट्रिक्स और ब्लेड रनर

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

द मेट्रिक्स और ब्लेड रनर के बीच अंतर

द मेट्रिक्स vs. ब्लेड रनर

द मेट्रिक्स (The Matrix) (1999) विज्ञान कथा पर आधारित एक एक्शन फ़िल्म है जिसका लेखन एवं निर्देशन लैरी तथा एंडी वाचोवस्की ने किया है तथा कियानू रीव्स, लॉरेंस फिशबर्न, कैरी-एन्नी मॉस, जो पैंटोलियानो एवं ह्यूगो वीविंग इसके मुख्य कलाकार हैं। इसे सर्वप्रथम 31 मार्च 1999 को अमेरिका में प्रदर्शित किया गया एवं फ़िल्मों, कॉमिक्स पुस्तकों, वीडियो गेमों तथा एनिमेशन की द मेट्रिक्स श्रृंखला की पहली कड़ी के रूप में उपयोग किया गया है। फ़िल्म एक भविष्य की व्याख्या करती है जिसमें मानवीय यथार्थ बोध वास्तविक रूप से मैट्रिक्स है: सजीव मशीनों द्वारा सृजित एक अनुकृत यथार्थ जो मानवीय जनसंख्या को शान्त तथा अधीन करने के लिए तब सक्षम होता है जब उनके शरीर की उष्मा तथा विद्युतीय अभिक्रिया का उपयोग उर्जा के स्रोत के रूप में किया जाता है। इस सत्य को जानने के बाद, कंप्यूटर प्रोग्रामर "नियो" को अन्य लोगों के साथ मशीनों के खिलाफ विद्रोह में शामिल किया जाता है जिन्हें "स्वप्न लोक" से मुक्त करके यथार्थ स्थिति में भेजा गया था। फ़िल्म सामग्री में कई संदर्भों को शामिल किया गया है जैसे - साइबरपंक एवं हैकर उपसंस्कृति, दार्शनिक तथा धार्मिक विचार, एवं ऐलिसेज़ एड्वैन्चर्स इन वण्डरलैण्ड, हांगकांग एक्शन सिनेमा, स्पाघेटी वेस्टर्न्स, डिस्टोपियन कहानियां एवं जापानी एनिमेशन के प्रति आभार व्यतीत किया गया है। . ब्लेड रनर 1982 की एक अमेरिकी साइंस फिक्शन कथा फिल्म है, जिसे रिडले स्कॉट ने निर्देशित किया है और जो हैरिसन फोर्ड, रटगेर हॉयर तथा सीन यंग द्वारा अभिनीत है। हैम्पटन फैंचर और डेविड पीपुल्स द्वारा लिखित पटकथा, कुछ हद तक डू एंड्रोयड्स ड्रीम ऑफ़ इलेक्ट्रिक शीप? नामक उपन्यास पर आधारित है। जो फिलिप के.एच.

द मेट्रिक्स और ब्लेड रनर के बीच समानता

द मेट्रिक्स और ब्लेड रनर आम में 3 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): डीवीडी, दि न्यू यॉर्क टाइम्स, कृत्रिम बुद्धिमत्ता

डीवीडी

अंकीय चित्रीय चक्रिका या अंचिच (DVD, जिसे डिजिटल वर्सटाइल डिस्क या डिजिटल वीडियो डिस्क) के रूप में भी जाना जाता है, एक ऑप्टिकल डिस्क स्टोरेज मीडिया फॉर्मेट है और इसे 1995 में Sony, Panasonic और Samsung द्वारा विकसित और आविष्कार किया गया। इसका मुख्य उपयोग वीडियो और डेटा का भंडारण करना है। DVD का आकार कॉम्पैक्ट डिस्क (CD) के समान ही होता है, लेकिन ये छह गुना अधिक डेटा भंडारण करते हैं। DVD शब्द के परिवर्तित रूप अक्सर डाटा के डिस्क पर संग्रहण पद्धति को वर्णित करते हैं: DVD-ROM (रीड ओन्ली मेमोरी) में डेटा को सिर्फ पढ़ा जा सकता है, लिखा नहीं जा सकता, DVD-R और DVD+R (रिकॉर्ड योग्य) डेटा को सिर्फ एक बार रिकॉर्ड कर सकते हैं और उसके बाद एक DVD-ROM के रूप में कार्य करते हैं; DVD-RW (री-राइटेबल), DVD+RW और DVD-RAM (रैंडम एक्सेस मेमोरी) डेटा को कई बार रिकॉर्ड कर सकता है और मिटा सकता है। मानक DVD लेज़र द्वारा इस्तमाल तरंग दैर्घ्य 650 nm है; इस प्रकार, प्रकाश का रंग लाल है। DVD-वीडियो और DVD-ऑडियो डिस्क, क्रमशः उचित रूप से संरचित और स्वरूपित वीडियो और ऑडियो सामग्री को संदर्भित करता है। वीडियो सामग्री वाले अंचिच (DVD) सहित, अंचिच (DVD) के अन्य प्रकार को, अंचिच (DVD) डेटा डिस्क कहा जा सकता है। .

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दि न्यू यॉर्क टाइम्स

दि न्यू यॉर्क टाइम्स अमेरिका का एक दैनिक समाचार पत्र है। .

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कृत्रिम बुद्धिमत्ता

किस्मत, प्रारंभिक स्किल्स सहित एक रोबोट कृत्रिम बुद्धिमत्ता (अंग्रेज़ी:आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) का अर्थ है कृत्रिम तरीक़े से विकसित की गई बौदि्धक क्षमता। कृत्रिम बुद्धिमत्ता का आरंभ 1950 के दशक में हुआ था। ये संगणक और संगणक प्रोग्रामों को उन्हीं तर्कों के आधार पर चलाने का प्रयास होता है जिसके आधार पर मानव मस्तिष्क चलते हैं। कृत्रिम बुद्धिमत्ता का उद्देश्य होता है कि संगणक अपने-आप तय कर पाये उसकी अगली गतिविधि क्या होगी। इसके लिए संगणक को अलग-अलग परिस्थितियों के अनुसार अपनी प्रतिक्रिया चुनने के लिए प्रोग्राम किया जाता है। इसके पीछे यही प्रयास होता है कि संगणक मानव की सोचने की प्रक्रिया की नकल कर पाये। इसका एक अनूठा उदाहरण है शतरंज खेलने वाले संगणक। ये संगणक प्रोग्राम मानव मस्तिष्क की लगभग हर चाल की काट और अपनी अगली चाल सोचने के लिए संगणक को प्रोग्राम किया हुआ है। ये इतना सफल रहा है कि मई 1997में आईबीएम का संगणक डीप ब्लू ने विश्व के सबसे नामी शतरंज खिलाड़ी गैरी कास्परोव को हरा चुका है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस दो शब्दों से मिलकर बना होता है। 1-   आर्टिफिशियल जिसका मललव होता है ऐसाी वस्तु जो प्राकृतिक नहीं हो मतलव कि उसे मानव के द्वारा वनाया गया हो या कहे की कृत्रिम हो। 2.   इंटेलिजेंस - इस तात्पर्य है कि सोचने, समझने एवं सीखने की योग्यता है। इस प्रकार हम कह सकते है कि एक इस तरह का सिस्टम विकसित करना जो कृत्रिम रूप से सोचने, समझने एवं सीखने की क्षमता रखता हो जैसे की मानव रखता हैं। मतलब की एक ऐसा सिस्टम जो व्यवहार  प्रतिक्रिया देने में दक्ष हो और जो मानव से भी वेहतर हो। इस पर अध्यन चल रहा है। इसे लघु शब्दों में एआई भी कह सकते है हम कह सकते है कि फेसबुक में जो फ्रेन्ड सजेशन का जो ऑप्शन है वह ए.आई का एक हिस्सा है। कई बार हम रोबोट को एआई कह देते है ऐसा नहीं है रोबोट एक ऐसा सिस्टम है जिसमें एआई को डाला गया है। हम इसे इस तरह भी परिभाषित कर सकते है की  इस प्रकार का  अध्यन जिसमें हम एक ऐसा सोफटवेयर विकसित करे जिससे  एक कम्प्यूटर भी इंसान की तरह और उससे बेहतर प्रतिक्रिया दे सके। एआई में कई विषय आते है जिसमे दर्शन, समाजशास्त्र और गणित एवं भाषा का ज्ञान होता हैं। एआई को चार भागों में विभाजित कर सकते हैं। 1-   इंसान की तरह सोचना 2- इंसान की तरह व्यवहार करना 3- तर्क एवं विचारो युक्त मतलब संवदेनशील, बुद्धिमान,  तथ्यों को समझना एवं तर्क एवं विचारों पर अपनी प्रतिक्रिया भी देना। इस तरह हम कह सकते है कृत्रिम तरह से एक ऐसा सिस्टम विकसित करना जो इंसान की तरह कार्य कर सके, सोच सके एवं अपनी प्रतिक्रिया दे सके है। जब भी मानव बुद्धिमत्ता की चर्चा होती है, तब अनेक बुद्धिमान लोगों का स्मरण होता है। हाल के वर्षों में मानवीय सोच समझ इतनी तेजी से विकसित होती जा रही है कि प्रकृति की रचना को हर क्षेत्र में कड़ी चुनौती दे रही है। विज्ञाण की प्रगति के साथ साथ हरेक चीज कृत्रिम बनती जा रही है। इस प्रगति में मानव ने बुद्धिमत्ता के क्षेत्र में भी अपने अनुभव और आकांक्षाओं से कृत्रिम बुद्धिमत्ता यानि कृत्रिम बुद्धिमत्ता विकसित करने का प्रयास किया है। वैज्ञानिकों द्वारा ऐसे संगणक भी आविष्कृत कर लिए गए हैं जिनमें जटिल से जटिल कार्य को न्यूनतम समय में करने की क्षमता होती है। आधुनिक कंप्यूटरीकृत मशीनें किसी लिखे हुए पाठ को मानव की तरह से ही शब्दों की पहचान कर एवं पढ़ सकती है। ऑटो पायलट मोड पर वायुयान, मशीन द्वारा संचालित किये जाते हैं। कंप्यूटरों में ध्वनियां और आवाजों को पहचानने की क्षमता होती है। किन्तु कृत्रिम बुद्धिमत्ता एक रूप से सीमित भी है, क्योंकि इसका सामर्थ्य इसकी प्रोग्रामिंग पर निर्भर करता है। लेकिन मानवीय मस्तिष्क में ऐसी कोई सीमा निश्चित नहीं होती है। कृत्रिम बुद्धिमत्ता ने मानवीय कार्य को काफी सुविधाजनक बना दिया है। सौ मस्तिष्कों की क्षमता वाला कार्य, मात्र एक ही संगणक सुलभ कर सकता है। ये बात गणनाओं व तर्कों के संदर्भ में है। एआई के प्रमुख एप्लीकेशन निम्न है 1- एक्सपर्ट सिस्टम 2 - गेम प्लेयिंग 3 - स्पीच रिकग्निशन 4 - नेचुरल लैंग्वेज 5 - कंप्यूटर विज़न 6 - न्यूरल नेटवर्क 7 - रोबोटिक्स 8 - फाइनेंस 9 - कंप्यूटर साइंस 10 - मौसम का पूर्वानुमान 11 - उड्डयन इसे तीन भागो में विभाजित किया गया है 1-कमजोर कृत्रिम बुद्धिमत्ता 2-शक्तिशाली कृत्रिम बुद्धिमत्ता 3- विलक्षणता कृत्रिम बुद्धिमत्ता के फायदे और नुकसान ऐसा माना जा रहा है कि इससे कम कम हो जायेंगे और मानव के स्थान पर मशीनो को काम में लिया जायेगा जिसके कई नुकसान भी हो सकते है कि मशीन स्वयं ही निर्णय लेने लगेगी और उस पर नियंत्रण नहीं किया गया तो वह मानव सभ्यता के लिए हानिकारक हो सकता है .

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द मेट्रिक्स और ब्लेड रनर के बीच तुलना

द मेट्रिक्स 63 संबंध है और ब्लेड रनर 15 है। वे आम 3 में है, समानता सूचकांक 3.85% है = 3 / (63 + 15)।

संदर्भ

यह लेख द मेट्रिक्स और ब्लेड रनर के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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