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तानिकाशोथ और यक्ष्मा

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

तानिकाशोथ और यक्ष्मा के बीच अंतर

तानिकाशोथ vs. यक्ष्मा

केन्द्रीय तंत्रिका तंत्र की तानिकाएं (Meninges): '''दृढ़तानिका''' या ड्यूरा मैटर (dura mater), '''जालतानिका''' या अराकनॉयड (arachnoid), तथा '''मृदुतानिका''' या पिया मैटर (pia mater) तानिकाशोथ या मस्तिष्कावरणशोथ या मेनिन्जाइटिस (Meningitis) मस्तिष्क तथा मेरुरज्जु को ढंकने वाली सुरक्षात्मक झिल्लियों (मस्तिष्कावरण) में होने वाली सूजन होती है। यह सूजन वायरस, बैक्टीरिया तथा अन्य सूक्ष्मजीवों से संक्रमण के कारण हो सकती है साथ ही कम सामान्य मामलों में कुछ दवाइयों के द्वारा भी हो सकती है। इस सूजन के मस्तिष्क तथा मेरुरज्जु के समीप होने के कारण मेनिन्जाइटिस जानलेवा हो सकती है; तथा इसीलिये इस स्थिति को चिकित्सकीय आपात-स्थिति के रूप में वर्गीकृत किया गया है। मेनिन्जाइटिस के सबसे आम लक्षण सर दर्द तथा गर्दन की जकड़न के साथ-साथ बुखार, भ्रम अथवा परिवर्तित चेतना, उल्टी, प्रकाश को सहन करने में असमर्थता (फ़ोटोफोबिया) अथवा ऊंची ध्वनि को सहन करने में असमर्थता (फ़ोनोफोबिया) हैं। बच्चे अक्सर सिर्फ गैर विशिष्ट लक्षण जैसे, चिड़चिड़ापन और उनींदापन प्रदर्शित करते हैं। यदि कोई ददोरा भी दिख रहा है, तो यह मेनिन्जाइटिस के विशेष कारण की ओर संकेत हो सकता है; उदाहरण के लिये, मेनिन्गोकॉकल बैक्टीरिया के कारण होने वाले मेनिन्जाइटिस में विशिष्ट ददोरे हो सकते हैं। मेनिन्जाइटिस के निदान अथवा पहचान के लिये लंबर पंक्चर की आवश्यकता हो सकती है। स्पाइनल कैनाल में सुई डाल कर सेरिब्रोस्पाइनल द्रव (CSF) का एक नमूना निकाला जाता है जो मस्तिष्क तथा मेरुरज्जु को आवरण किये रहता है। सीएसएफ़ का परीक्षण एक चिकित्सा प्रयोगशाला में किया जाता है। तीव्र मैनिन्जाइटिस के प्रथम उपचार में तत्परता के साथ दी गयी एंटीबायोटिक तथा कुछ मामलों में एंटीवायरल दवा शामिल होती हैं। अत्यधिक सूजन से होने वाली जटिलताओं से बचने के लिये कॉर्टिकोस्टेरॉयड का प्रयोग भी किया जा सकता है। मेनिन्जाइटिस के गंभीर दीर्घकालिक परिणाम हो सकते हैं जैसे बहरापन, मिर्गी, हाइड्रोसेफॉलस तथा संज्ञानात्मक हानि, विशेष रूप से तब यदि इसका त्वरित उपचार न किया जाये। मेनिन्जाइटिस के कुछ रूपों से (जैसे कि मेनिन्जोकॉकी, ''हिमोफिलस इन्फ्लुएंजा'' टाइप बी, न्यूमोकोकी अथवा मम्स वायरस संक्रमणों से संबंधित) प्रतिरक्षण के द्वारा बचाव किया जा सकता है। . यक्ष्मा, तपेदिक, क्षयरोग, एमटीबी या टीबी (tubercle bacillus का लघु रूप) एक आम और कई मामलों में घातक संक्रामक बीमारी है जो माइक्रोबैक्टीरिया, आमतौर पर माइकोबैक्टीरियम तपेदिक के विभिन्न प्रकारों की वजह से होती है। क्षय रोग आम तौर पर फेफड़ों पर हमला करता है, लेकिन यह शरीर के अन्य भागों को भी प्रभावित कर सकता हैं। यह हवा के माध्यम से तब फैलता है, जब वे लोग जो सक्रिय टीबी संक्रमण से ग्रसित हैं, खांसी, छींक, या किसी अन्य प्रकार से हवा के माध्यम से अपना लार संचारित कर देते हैं। ज्यादातर संक्रमण स्पर्शोन्मुख और भीतरी होते हैं, लेकिन दस में से एक भीतरी संक्रमण, अंततः सक्रिय रोग में बदल जाते हैं, जिनको अगर बिना उपचार किये छोड़ दिया जाये तो ऐसे संक्रमित लोगों में से 50% से अधिक की मृत्यु हो जाती है। सक्रिय टीबी संक्रमण के आदर्श लक्षण खून-वाली थूक के साथ पुरानी खांसी, बुखार, रात को पसीना आना और वजन घटना हैं (बाद का यह शब्द ही पहले इसे "खा जाने वाला/यक्ष्मा" कहा जाने के लिये जिम्मेदार है)। अन्य अंगों का संक्रमण, लक्षणों की एक विस्तृत श्रृंखला प्रस्तुत करता है। सक्रिय टीबी का निदान रेडियोलोजी, (आम तौर पर छाती का एक्स-रे) के साथ-साथ माइक्रोस्कोपिक जांच तथा शरीर के तरलों की माइक्रोबायोलॉजिकल कल्चर पर निर्भर करता है। भीतरी या छिपी टीबी का निदान ट्यूबरक्यूलाइन त्वचा परीक्षण (TST) और/या रक्त परीक्षणों पर निर्भर करता है। उपचार मुश्किल है और इसके लिये, समय की एक लंबी अवधि में कई एंटीबायोटिक दवाओं के माध्यम से उपचार की आवश्यकता पड़ती है। यदि आवश्यक हो तो सामाजिक संपर्कों की भी जांच और उपचार किया जाता है। दवाओं के प्रतिरोधी तपेदिक (MDR-TB) संक्रमणों में एंटीबायोटिक प्रतिरोध एक बढ़ती हुई समस्या है। रोकथाम जांच कार्यक्रमों और बेसिलस काल्मेट-गुएरिन बैक्सीन द्वारा टीकाकरण पर निर्भर करती है। ऐसा माना जाता है कि दुनिया की आबादी का एक तिहाई एम.तपेदिक, से संक्रमित है, नये संक्रमण प्रति सेकंड एक व्यक्ति की दर से बढ़ रहे हैं। एक अनुमान के अनुसार, 2007 में विश्व में, 13.7 मिलियन जटिल सक्रिय मामले थे, जबकि 2010 में लगभग 8.8 मिलियन नये मामले और 1.5 मिलियन संबंधित मौतें हुई जो कि अधिकतर विकासशील देशों में हुई थीं। 2006 के बाद से तपेदिक मामलों की कुल संख्या कम हुई है और 2002 के बाद से नये मामलों में कमी आई है। तपेदिक का वितरण दुनिया भर में एक समान नहीं है; कई एशियाई और अफ्रीकी देशों में जनसंख्या का 80% ट्यूबरक्यूलाइन परीक्षणों में सकारात्मक पायी गयी, जबकि संयुक्त राज्य अमेरिका की आबादी का 5-10% परीक्षणों के प्रति सकारात्मक रहा है। प्रतिरक्षा में समझौते के कारण, विकासशील दुनिया के अधिक लोग तपेदिक से पीड़ित होते हैं, जो कि मुख्य रूप से HIV संक्रमण की उच्च दर और उसके एड्स में विकास के कारण होता है। .

तानिकाशोथ और यक्ष्मा के बीच समानता

तानिकाशोथ और यक्ष्मा आम में 7 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): टीकाकरण, एड्स, न्यूज़ीलैण्ड, हिपोक्रेटिस, ज्वर, केन्द्रीय तंत्रिका तंत्र, उप-सहारा अफ़्रीका

टीकाकरण

मुँह से पोलियो का टीका ग्रहण करता हुआ एक बच्चा किसी बीमारी के विरुद्ध प्रतिरोधात्मक क्षमता (immunity) विकसित करने के लिये जो दवा खिलायी/पिलायी या किसी अन्य रूप में दी जाती है उसे टीका (vaccine) कहते हैं तथा यह क्रिया टीकाकरण (Vaccination) कहलाती है। संक्रामक रोगों की रोकथाम के लिये टीकाकरण सर्वाधिक प्रभावी एवं सबसे सस्ती विधि माना जाता है। टीके, एन्टिजनी (antigenic) पदार्थ होते हैं। टीके के रूप में दी जाने वाली दवा या तो रोगकारक जीवाणु या विषाणु की जीवित किन्तु क्षीण मात्रा होती है या फिर इनको मारकर या अप्रभावी करके या फिर कोई शुद्ध किया गया पदार्थ, जैसे - प्रोटीन आदि हो सकता है। सनसे पहले चेचक का टीका आजमाया गया जो कि भारत या चीन २०० इसा पूर्व हुआ। .

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एड्स

उपार्जित प्रतिरक्षी अपूर्णता सहलक्षण या एड्स (अंग्रेज़ी:एड्स) मानवीय प्रतिरक्षी अपूर्णता विषाणु (एच.आई.वी) संक्रमण के बाद की स्थिति है, जिसमें मानव अपने प्राकृतिक प्रतिरक्षण क्षमता खो देता है। एड्स स्वयं कोई बीमारी नही है पर एड्स से पीड़ित मानव शरीर संक्रामक बीमारियों, जो कि जीवाणु और विषाणु आदि से होती हैं, के प्रति अपनी प्राकृतिक प्रतिरोधी शक्ति खो बैठता है क्योंकि एच.आई.वी (वह वायरस जिससे कि एड्स होता है) रक्त में उपस्थित प्रतिरोधी पदार्थ लसीका-कोशो पर आक्रमण करता है। एड्स पीड़ित के शरीर में प्रतिरोधक क्षमता के क्रमशः क्षय होने से कोई भी अवसरवादी संक्रमण, यानि आम सर्दी जुकाम से ले कर क्षय रोग जैसे रोग तक सहजता से हो जाते हैं और उनका इलाज करना कठिन हो जाता हैं। एच.आई.वी.

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न्यूज़ीलैण्ड

न्यूज़ीलैंड प्रशान्त महासागर में ऑस्ट्रेलिया के पास स्थित देश है। ये दो बड़े द्वीपों से बना है। न्यूजीलैंड (माओरी भाषा में: Aotearoa आओटेआरोआ) दक्षिण पश्चिमि पेसिफ़िक ओशन में दो बड़े द्वीप और अन्य कई छोटे द्वीपों से बना एक देश है। न्यूजीलैंड के ४० लाख लोगों में से लगभग तीस लाख लोग उत्तरी द्वीप में रहते हैं और दस लाख लोग दक्षिणि द्वीप में। यह द्वीप दुनिया के सबसे बडे द्वीपों में गिने जाते हैं। अन्य द्वीपों में बहुत कम लोग रहतें हैं और वे बहुत छोटे हैं। इनमें मुख्य है.

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हिपोक्रेटिस

हिपोक्रेटिस, या बुकरात, प्राचीन यूनान के एक प्रमुख विद्वान थे। ये यूनान के पाश्चात्य चिकित्सा शास्त्र के जन्म दाता थे। इन का जन्म ४६० - ३७० ई पूर्व माना जाता है। इन का जन्म प्राचीन यूनान के शहर कोस में हुवा। और मृत्यु शहर लारिस्सा में हुई। .

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ज्वर

जब शरीर का ताप सामान्य से अधिक हो जाये तो उस दशा को ज्वर या बुख़ार (फीवर) कहते है। यह रोग नहीं बल्कि एक लक्षण (सिम्टम्) है जो बताता है कि शरीर का ताप नियंत्रित करने वाली प्रणाली ने शरीर का वांछित ताप (सेट-प्वाइंट) १-२ डिग्री सल्सियस बढा दिया है। मनुष्य के शरीर का सामान्‍य तापमान ३७°सेल्सियस या ९८.६° फैरेनहाइट होता है। जब शरीर का तापमान इस सामान्‍य स्‍तर से ऊपर हो जाता है तो यह स्थिति ज्‍वर या बुखार कहलाती है। ज्‍वर कोई रोग नहीं है। यह केवल रोग का एक लक्षण है। किसी भी प्रकार के संक्रमण की यह शरीर द्वारा दी गई प्रतिक्रिया है। बढ़ता हुआ ज्‍वर रोग की गंभीरता के स्‍तर की ओर संकेत करता है। .

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केन्द्रीय तंत्रिका तंत्र

केन्द्रीय तंत्रिका तंत्र, तंत्रिका तंत्र का भाग है, जो बहुकोशिकीय जन्तुओं की सभी क्रियायों पर नियंत्रण और नियमन करता है। हड्डीवाले जीवों में तंत्रिका तंत्र मिनिन्जीज़ में संलग्न होता है। इसमें तंत्रिका तंत्र का अधिकांश भाग और मस्तिष्क और सुषुम्ना या मेरूरज्जु आते हैं। तंत्रिका तंत्र पृष्ठीय गुहा में स्थित होता है, जिसमे मस्तिष्क कपालीय गुहा में और मेरुरज्जु, मेरुरज्जु गुहा में होता है। मस्तिष्क खोपड़ी द्वारा सुरक्षित रहता है और मेरुरज्जु हड्डियों द्वारा। .

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उप-सहारा अफ़्रीका

उप-सहारा अफ़्रीका उप-सहारा अफ़्रीका एक भौगोलिक शब्द है जिसका आशय अफ़्रीका के उस भू भाग से है जो सहारा रेगिस्तान के दक्षिण में स्थित है। उप-सहारा अफ़्रीका को अश्वेत अफ़्रीका भी कहॉ जाता है क्योंकि इस क्षेत्र में मुख्यतः अश्वेत आबादी है। श्रेणी:अफ़्रीका श्रेणी:अफ़्रीका के क्षेत्र *.

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तानिकाशोथ और यक्ष्मा के बीच तुलना

तानिकाशोथ 47 संबंध है और यक्ष्मा 40 है। वे आम 7 में है, समानता सूचकांक 8.05% है = 7 / (47 + 40)।

संदर्भ

यह लेख तानिकाशोथ और यक्ष्मा के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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