लोगो
यूनियनपीडिया
संचार
Google Play पर पाएं
नई! अपने एंड्रॉयड डिवाइस पर डाउनलोड यूनियनपीडिया!
मुक्त
ब्राउज़र की तुलना में तेजी से पहुँच!
 

जलभर और भूजल

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

जलभर और भूजल के बीच अंतर

जलभर vs. भूजल

जलभर, जलभृत अथवा जलभरा (Aquifer) धरातल की सतह के नीचे चट्टानों का एक ऐसा संस्तर है जहाँ भूजल एकत्रित होता है और मनुष्य द्वारा नलकूपों से निकालने योग्य अनुकूल दशाओं में होता है। वैसे तो जल स्तर के नीचे की सारी चट्टानों में पानी उनके रन्ध्राकाश में अवश्य उपस्थित होता है लेकिन यह जरूरी नहीं कि उसे मानव उपयोग के लिये निकाला भी जा सके। जलभरे ऐसी चट्टानों के संस्तर हैं जिनमें रन्ध्राकाश बड़े होते हैं जिससे पानी की ज्यादा मात्रा इकठ्ठा हो सकती है तथा साथ ही इनमें पारगम्यता ज्यादा होती है जिससे पानी का संचरण एक जगह से दूसरी जगह को तेजी से होता है। सामन्यतय जलभर के लिये एक और दशा का होना आवश्यक है और वह है इस उच्च पारगम्य संस्तर के ठीक नीचे एक अपारगम्य जलरोधी शैल (Aquiclude) संस्तर की उपस्थिति। अतः जलभर ज्यादातर ऐसी बलुआ पत्थर चट्टानों में पाए जाते हैं जिनके नीचे शेल या सिल्टस्टोन की परत पायी जाती हो। जलभर को इस अपारगम्य जलरोधी परत की उपस्थिति के आधार पर प्रकारों में बाँटा जाता है - मुक्त जलभर (Unconfined aquifer) और संरोधित जलभर (Confined aquifer)। संरोधित जलभर वे हैं जिनमें ऊपर और नीचे दोनों तरफ जलरोधी संस्तर पाया जाता है और इनके रिचार्ज क्षेत्र दूसरे ऊँचाई वाले भागों में होते हैं। इन्ही संरोधित जलभरों में उत्स्रुत कूप (Artesian wells) भी पाए जाते हैं। जलभर की अन्य कई भौतिक विशेषताएँ होती हैं।जलभर के वर्गीकरण का एक और आधार है हाईड्रोलिक कंडक्टिविटी की दिशा। इसके आधार पर इन्हें समप्राय और असमप्राय जलभर में विभाजित किया जाता है। जलभरों में जल का धीमा किन्तु निरंतर प्रवाह होता रहता है जिसे अधोप्रवाह (underflow) कहते है। . भूजल (अंग्रेजी: Groundwater) या भूगर्भिक जल धरती की सतह के नीचे चट्टानों के कणों के बीच के अंतरकाश या रन्ध्राकाश में मौजूद जल को कहते हैं। सामान्यतः जब धरातलीय जल से अंतर दिखाने के लिये इस शब्द का प्रयोग सतह से नीचे स्थित जल (अंग्रेजी: Sub-surface water या Subsurface water) के रूप में होता है तो इसमें मृदा जल को भी शामिल कर लिया जाता है। हालाँकि, यह मृदा जल से अलग होता है जो केवल सतह से नीचे कुछ ही गहराई में मिट्टी में मौज़ूद जल को कहते हैं। भूजल एक मीठे पानी के स्रोत के रूप में एक प्राकृतिक संसाधन है। मानव के लिये जल की प्राप्ति का एक प्रमुख स्रोत भूजल के अंतर्गत आने वाले जलभरे अंग्रेजी: Aquifers) हैं जिनसे कुओं और नलकूपों द्वारा पानी निकाला जाता है। जो भूजल पृथ्वी के अन्दर अत्यधिक गहराई तक रिसकर प्रविष्ट हो चुका है और मनुष्य द्वारा वर्तमान तकनीक का सहारा लेकर नहीं निकला जा सकता या आर्थिक रूप से उसमें उपयोगिता से ज्यादा खर्च आयेगा, वह जल संसाधन का भाग नहीं है। संसाधन केवल वहीं हैं जिनके दोहन की संभावना प्रबल और आर्थिक रूप से लाभकार हो। अत्यधिक गहराई में स्थित भूजल को जीवाश्म जल या फोसिल वाटर कहते हैं। .

जलभर और भूजल के बीच समानता

जलभर और भूजल आम में 8 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): पारगम्यता, भूजल, भूजल पुनर्भरण, रन्ध्राकाश, शैल, जल चक्र, जल संसाधन, जल स्तर

पारगम्यता

निर्वात की पारगम्यता (लाल) की तुलना में लौहचुम्बकीय (भूरा), अनुचुम्बकीय (नीला) एवं प्रतिचुम्बकीय (हरा) पदार्थों की पारगम्यता का सरलीकृत चित्रण लौहचुम्बकीय पदार्थों की पारगम्यता उनमें उपस्थित फ्लक्स घनत्व का फलन होती है। विद्युतचुम्बकत्व के सन्दर्भ में पारगम्यता (permeability) किसी पदार्थ का वह गुण है जो उस पदार्थ में चुम्बकीय क्षेत्र स्थापित किये जाने में उस पदार्थ द्वारा प्रदर्शित 'सहायता' की मात्रा की माप बताता है। इसे ग्रीक वर्ण μ (म्यू) से प्रदर्शित किया जाता है.। .

जलभर और पारगम्यता · पारगम्यता और भूजल · और देखें »

भूजल

भूजल (अंग्रेजी: Groundwater) या भूगर्भिक जल धरती की सतह के नीचे चट्टानों के कणों के बीच के अंतरकाश या रन्ध्राकाश में मौजूद जल को कहते हैं। सामान्यतः जब धरातलीय जल से अंतर दिखाने के लिये इस शब्द का प्रयोग सतह से नीचे स्थित जल (अंग्रेजी: Sub-surface water या Subsurface water) के रूप में होता है तो इसमें मृदा जल को भी शामिल कर लिया जाता है। हालाँकि, यह मृदा जल से अलग होता है जो केवल सतह से नीचे कुछ ही गहराई में मिट्टी में मौज़ूद जल को कहते हैं। भूजल एक मीठे पानी के स्रोत के रूप में एक प्राकृतिक संसाधन है। मानव के लिये जल की प्राप्ति का एक प्रमुख स्रोत भूजल के अंतर्गत आने वाले जलभरे अंग्रेजी: Aquifers) हैं जिनसे कुओं और नलकूपों द्वारा पानी निकाला जाता है। जो भूजल पृथ्वी के अन्दर अत्यधिक गहराई तक रिसकर प्रविष्ट हो चुका है और मनुष्य द्वारा वर्तमान तकनीक का सहारा लेकर नहीं निकला जा सकता या आर्थिक रूप से उसमें उपयोगिता से ज्यादा खर्च आयेगा, वह जल संसाधन का भाग नहीं है। संसाधन केवल वहीं हैं जिनके दोहन की संभावना प्रबल और आर्थिक रूप से लाभकार हो। अत्यधिक गहराई में स्थित भूजल को जीवाश्म जल या फोसिल वाटर कहते हैं। .

जलभर और भूजल · भूजल और भूजल · और देखें »

भूजल पुनर्भरण

जल संतुलन भूजल पुनर्भरण (Groundwater recharge या deep drainage या deep percolation) एक जलवैज्ञानिक तकनीकी प्रक्रिया है जिसमें वर्षा जल को सतह से गहराई में ले जाया जाता है। पुनर्भरण का कार्य बहुत सीमा तक प्राकृइतिक रूप से भी होता है किन्तु आधुनिक जीवन को ध्यान में रखते हुए अब इसे कृत्रिम रूप से करने की महती आवश्यकता महसूस की जा रही है। .

जलभर और भूजल पुनर्भरण · भूजल और भूजल पुनर्भरण · और देखें »

रन्ध्राकाश

रन्ध्राकाश अथवा रन्ध्राकाशता किसी ठोस पदार्थ, जैसे कि चट्टान या मिट्टी, के कणों के बीच की खाली जगह को कहते हैं। यह भूजल के अध्ययन में एक महत्वपूर्ण कारक है और पानी के लिये चट्टानों की पारगम्यता इसी रंध्राकाश की मात्रा के ऊपर निर्भर होती है। किसी चट्टान संस्तर के के रूप में स्थापिईत होने के लिये यह आवश्यक है कि उसकी पारगम्यता और रंध्रावकाश दोनों अधिक हों। सतह के समीप के मण्डल में मृदा जल इसी मृदा के अन्दर पाए जाने वाले रन्ध्राकाश में स्थित होता है। .

जलभर और रन्ध्राकाश · भूजल और रन्ध्राकाश · और देखें »

शैल

कलराडो स्प्रिंग्स कंपनी का गार्डेन ऑफ् गॉड्स में स्थित ''संतुलित शैल'' कोस्टा रिका के ओरोसी के निकट की चट्टानें पृथ्वी की ऊपरी परत या भू-पटल (क्रस्ट) में मिलने वाले पदार्थ चाहे वे ग्रेनाइट तथा बालुका पत्थर की भांति कठोर प्रकृति के हो या चाक या रेत की भांति कोमल; चाक एवं लाइमस्टोन की भांति प्रवेश्य हों या स्लेट की भांति अप्रवेश्य हों, चट्टान अथवा शैल (रॉक) कहे जाते हैं। इनकी रचना विभिन्न प्रकार के खनिजों का सम्मिश्रण हैं। चट्टान कई बार केवल एक ही खनिज द्वारा निर्मित होती है, किन्तु सामान्यतः यह दो या अधिक खनिजों का योग होती हैं। पृथ्वी की पपड़ी या भू-पृष्ठ का निर्माण लगभग २,००० खनिजों से हुआ है, परन्तु मुख्य रूप से केवल २० खनिज ही भू-पटल निर्माण की दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं। भू-पटल की संरचना में ऑक्सीजन ४६.६%, सिलिकन २७.७%, एल्यूमिनियम ८.१ %, लोहा ५%, कैल्सियम ३.६%, सोडियम २.८%, पौटैशियम २.६% तथा मैग्नेशियम २.१% भाग का निर्माण करते हैं। .

जलभर और शैल · भूजल और शैल · और देखें »

जल चक्र

जल चक्र पृथ्वी पर उपलब्ध जल के एक रूप से दूसरे में परिवर्तित होने और एक भण्डार से दूसरे भण्डार या एक स्थान से दूसरे स्थान को गति करने की चक्रीय प्रक्रिया है जिसमें कुल जल की मात्रा का क्षय नहीं होता बस रूप परिवर्तन और स्थान परिवर्तन होता है। अतः यह प्रकृति में जल संरक्षण के सिद्धांत की व्याख्या है। इसके मुख्य चक्र में सर्वाधिक उपयोग में लाए जाने वाला जल रूप - पानी (द्रव) है जो वाष्प बनकर वायुमण्डल में जाता है फिर संघनित होकर बादल बनता है और फिर बादल बनकर ठोस (हिमपात) या द्रव रूप में वर्षा के रूप में बरसता है। हिम पिघलकर पुनः द्रव में परिवर्तित हो जाता है। इस तरह जल की कुल मात्रा स्थिर रहती है। यह पृथ्वी के सम्पूर्ण पर्यावरण रुपी पारिस्थितिक तंत्र में एक भूजैवरसायन चक्र (Geobiochemical cycle) का उदाहरण है।उन सभी घटनाओं का एक पूर्ण चक्र जिसमें होकर पानी, वायुमंडलीय जलवाष्प के रूप में आरंभ होकर द्रव्य या ठोस रूप में बरसता है और उसके पष्चात् वह भू-पृष्ठ के ऊपर या उसके भीतर बहने लगता है एवं अन्ततः वाष्पन तथा वाष्पोत्सर्जन द्वारा पुनः वायुमंडलीय जल-वाष्प के रूप में बल जाता है। जल के समुद्र से वायुमण्डल में तथा फिर भूमि पर बहुत सी अवस्थाओं जैसे अवक्षेपण अंतरोधन अपवाह, अन्त: स्यन्दन अन्त: स्त्रवण भौमजल संचयन वाष्पन तथा वाष्पोत्सर्जन इत्यादि प्रक्रियाओं के बाद पुन: समुद्र में वापिस जाने का घटना चक्र। जलीय परिसंचरण (circulation) द्वारा निर्मित एक चक्र जिसके अंतर्गत जल महासागर से वायुमंडल में, वायुमंडल से भूमि (भूतल) पर और भूमि से पुनः महासागर में पहुँच जाता है। महासागर से वाष्पीकरण द्वारा जलवाष्प के रूप में जल वायुमंडल में ऊपर उठता है जहाँ जलवाष्प के संघनन से बादल बनते हैं तथा वर्षण (precipitation) द्वारा जलवर्षा अथवा हिमवर्षा के रूप में जल नीचे भूतल पर आता है और नदियों से होता हुआ पुनः महासागर में पहुँच जाता है। इस प्रकार एक जल-चक्र पूरा हो जाता है। सागर से वायुमंडल तथा थल पर से होता हुआ वापस सागर तक जाने वाला जल का परिसंचरण चक्र। जल वापस सागर तक थल पर से बहता हुआ अथवा भूमिगत मार्गों से पहुंचता है। इस निरंतर चलते रहने वाले चक्र में जल अस्थायी रूप से जीवों में तथा ताजे पानी बर्फिली जमावटों अथवा भूमिगत भंडारों के रूप में जमा होता रहता है। .

जल चक्र और जलभर · जल चक्र और भूजल · और देखें »

जल संसाधन

जल संसाधन पानी के वह स्रोत हैं जो मानव के लिए उपयोगी हों या जिनके उपयोग की संभावना हो। पानी के उपयोगों में शामिल हैं कृषि, औद्योगिक, घरेलू, मनोरंजन हेतु और पर्यावरणीय गतिविधियों में। वस्तुतः इन सभी मानवीय उपयोगों में से ज्यादातर में ताजे जल की आवश्यकता होती है। पृथ्वी पर पानी की कुल उपलब्ध मात्रा अथवा भण्डार को जलमण्डल कहते हैं। पृथ्वी के इस जलमण्डल का ९७.५% भाग समुद्रों में खारे जल के रूप में है और केवल २.५% ही मीठा पानी है, उसका भी दो तिहाई हिस्सा हिमनद और ध्रुवीय क्षेत्रों में हिम चादरों और हिम टोपियों के रूप में जमा है। शेष पिघला हुआ मीठा पानी मुख्यतः जल के रूप में पाया जाता है, जिस का केवल एक छोटा सा भाग भूमि के ऊपर धरातलीय जल के रूप में या हवा में वायुमण्डलीय जल के रूप में है। मीठा पानी एक नवीकरणीय संसाधन है क्योंकि जल चक्र में प्राकृतिक रूप से इसका शुद्धीकरण होता रहता है, फिर भी विश्व के स्वच्छ पानी की पर्याप्तता लगातार गिर रही है दुनिया के कई हिस्सों में पानी की मांग पहले से ही आपूर्ति से अधिक है और जैसे-जैसे विश्व में जनसंख्या में अभूतपूर्व दर से वृद्धि हो रही हैं, निकट भविष्य मैं इस असंतुलन का अनुभव बढ़ने की उम्मीद है। पानी के प्रयोक्ताओं के लिए जल संसाधनों के आवंटन के लिए फ्रेमवर्क (जहाँ इस तरह की एक फ्रेमवर्क मौजूद है) जल अधिकार के रूप में जाना जाता है। आज जल संसाधन की कमी, इसके अवनयन और इससे संबंधित तनाव और संघर्ष विश्वराजनीति और राष्ट्रीय राजनीति में महत्वपूर्ण मुद्दे हैं। जल विवाद राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय दोनों स्तरों पर महत्वपूर्ण विषय बन चुके हैं। .

जल संसाधन और जलभर · जल संसाधन और भूजल · और देखें »

जल स्तर

किसी सतह से स्वतंत्र बहते हुए अथवा ठहरे हुए जल की ऊपरी सतह की दूरी को जल स्तर कहते हैं। अधिकांशतः इसका प्रयोग भूमिगत जल के लिए किया जाता है। !Savannah!.

जल स्तर और जलभर · जल स्तर और भूजल · और देखें »

सूची के ऊपर निम्न सवालों के जवाब

जलभर और भूजल के बीच तुलना

जलभर 11 संबंध है और भूजल 20 है। वे आम 8 में है, समानता सूचकांक 25.81% है = 8 / (11 + 20)।

संदर्भ

यह लेख जलभर और भूजल के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

अरे! अब हम फेसबुक पर हैं! »