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जनसत्ता और राम बहादुर राय

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

जनसत्ता और राम बहादुर राय के बीच अंतर

जनसत्ता vs. राम बहादुर राय

जनसत्ता हिन्दी का प्रमुख दैनिक समाचार पत्र है। . राम बहादुर राय हिंदी के प्रसिद्ध पत्रकार एवं इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र के अध्यक्ष हैं। राय दिल्ली से प्रकाशित हिंदी पाक्षिक प्रथम प्रवक्ता के संपादक हैं। वे जनसत्ता समाचार पत्र के संपादक भी रह चुके हैं। राम बहादुर राय ने पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर पर 'रहवरी के सवाल' और पूर्व प्रधानमंत्री विश्वनाथ प्रताप सिंह पर 'मंजिल से ज्यादा सफर' नामक पुस्तकें लिख चुके हैं। जेपी आंदोलन के संस्थापक संगठनकर्ता राम बहादुर राय ने सत्ता के गलियारों में चक्कर लगाने से साफ इनकार कर दिया। लोकनायक जयप्रकाश नारायण के सहयोगी रह चुके श्री राय ने बिहार में 1974 के छात्र आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभायी थी। वे जेपी आंदोलन के ग्यारह सदस्यीय स्थायी समिति से सदस्य थे। राय पहले व्यक्ति थे, जिन्हें 1973 में इंदिरा गांधी सरकार ने आंतरिक सुरक्षा संपोषण अधिनियम (मीसा) के तहत जेल जाना पड़ा। बाद में उन्हें दूसरी बार अठारह महीनों के लिए जेल जाना पड़ा। राय 1974 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद संगठन सचिव थे। श्री राय ने ही हवाला घोटाला को सुर्खियों में लाया था। वर्तमान में श्री राय देश की सबसे पुरानी 1948 में स्थापित बहुभाषी न्यूज एजेंसी हिन्दुस्थान समाचार के समूह सम्पादक हैं। .

जनसत्ता और राम बहादुर राय के बीच समानता

जनसत्ता और राम बहादुर राय आम में एक बात है (यूनियनपीडिया में): हिन्दी

हिन्दी

हिन्दी या भारतीय विश्व की एक प्रमुख भाषा है एवं भारत की राजभाषा है। केंद्रीय स्तर पर दूसरी आधिकारिक भाषा अंग्रेजी है। यह हिन्दुस्तानी भाषा की एक मानकीकृत रूप है जिसमें संस्कृत के तत्सम तथा तद्भव शब्द का प्रयोग अधिक हैं और अरबी-फ़ारसी शब्द कम हैं। हिन्दी संवैधानिक रूप से भारत की प्रथम राजभाषा और भारत की सबसे अधिक बोली और समझी जाने वाली भाषा है। हालांकि, हिन्दी भारत की राष्ट्रभाषा नहीं है क्योंकि भारत का संविधान में कोई भी भाषा को ऐसा दर्जा नहीं दिया गया था। चीनी के बाद यह विश्व में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा भी है। विश्व आर्थिक मंच की गणना के अनुसार यह विश्व की दस शक्तिशाली भाषाओं में से एक है। हिन्दी और इसकी बोलियाँ सम्पूर्ण भारत के विविध राज्यों में बोली जाती हैं। भारत और अन्य देशों में भी लोग हिन्दी बोलते, पढ़ते और लिखते हैं। फ़िजी, मॉरिशस, गयाना, सूरीनाम की और नेपाल की जनता भी हिन्दी बोलती है।http://www.ethnologue.com/language/hin 2001 की भारतीय जनगणना में भारत में ४२ करोड़ २० लाख लोगों ने हिन्दी को अपनी मूल भाषा बताया। भारत के बाहर, हिन्दी बोलने वाले संयुक्त राज्य अमेरिका में 648,983; मॉरीशस में ६,८५,१७०; दक्षिण अफ्रीका में ८,९०,२९२; यमन में २,३२,७६०; युगांडा में १,४७,०००; सिंगापुर में ५,०००; नेपाल में ८ लाख; जर्मनी में ३०,००० हैं। न्यूजीलैंड में हिन्दी चौथी सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषा है। इसके अलावा भारत, पाकिस्तान और अन्य देशों में १४ करोड़ १० लाख लोगों द्वारा बोली जाने वाली उर्दू, मौखिक रूप से हिन्दी के काफी सामान है। लोगों का एक विशाल बहुमत हिन्दी और उर्दू दोनों को ही समझता है। भारत में हिन्दी, विभिन्न भारतीय राज्यों की १४ आधिकारिक भाषाओं और क्षेत्र की बोलियों का उपयोग करने वाले लगभग १ अरब लोगों में से अधिकांश की दूसरी भाषा है। हिंदी हिंदी बेल्ट का लिंगुआ फ़्रैंका है, और कुछ हद तक पूरे भारत (आमतौर पर एक सरल या पिज्जाइज्ड किस्म जैसे बाजार हिंदुस्तान या हाफ्लोंग हिंदी में)। भाषा विकास क्षेत्र से जुड़े वैज्ञानिकों की भविष्यवाणी हिन्दी प्रेमियों के लिए बड़ी सन्तोषजनक है कि आने वाले समय में विश्वस्तर पर अन्तर्राष्ट्रीय महत्त्व की जो चन्द भाषाएँ होंगी उनमें हिन्दी भी प्रमुख होगी। 'देशी', 'भाखा' (भाषा), 'देशना वचन' (विद्यापति), 'हिन्दवी', 'दक्खिनी', 'रेखता', 'आर्यभाषा' (स्वामी दयानन्द सरस्वती), 'हिन्दुस्तानी', 'खड़ी बोली', 'भारती' आदि हिन्दी के अन्य नाम हैं जो विभिन्न ऐतिहासिक कालखण्डों में एवं विभिन्न सन्दर्भों में प्रयुक्त हुए हैं। .

जनसत्ता और हिन्दी · राम बहादुर राय और हिन्दी · और देखें »

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जनसत्ता और राम बहादुर राय के बीच तुलना

जनसत्ता 4 संबंध है और राम बहादुर राय 14 है। वे आम 1 में है, समानता सूचकांक 5.56% है = 1 / (4 + 14)।

संदर्भ

यह लेख जनसत्ता और राम बहादुर राय के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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