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चुड़ैल और भूत-प्रेत

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

चुड़ैल और भूत-प्रेत के बीच अंतर

चुड़ैल vs. भूत-प्रेत

चुड़ैल भारतीय उपमहाद्वीप और कुछ दक्षिण-पूर्वी एशिया के हिस्सों में लोककथा में एक प्रकार की दानव या राक्षसनी है। इनकी पहचान के लिये कहा जाता है कि ये उन महिलायों से बनती है जो प्रसव के समय मर जाती हैं। इनका रूप घिनौना और भयंकर बताया जाता है। लेकिन वो सुंदर स्त्री का रूप भी धारण कर सकती है। उन्हें सिर्फ उनके उल्टे पैरों की वजह से पहचाना जा सकता है। इस मामले में इसकी डायन से कई समानताएँ हैं। हाल फिलहाल में महिलाओं को चुड़ैल बताकर उनपर जादू-टोना का आरोप लगाकर मारने के मामलें सामने आते हैं। . भूत-प्रेत लोककथा और संस्कृति में अलौकिक प्राणी होते हैं जो किसी मृतक की आत्मा से बनते हैं। ऐसा माना जाता है कि जिस किसी की मृत्यु से पहले कोई इच्छा पूर्ण नहीं हो पाती और वो पुनर्जन्म के लिये स्वर्ग या नरक नहीं जा पाते वो भूत बन जाते हैं। इसका कारण हिंसक मृत्यु हो सकती है, या मृतक के जीवन में अनिश्चित मामलों होते हैं या उनकी अंत्येष्टि उचित संस्कार से नहीं की गई होती हैं। भूत-प्रेत में विश्वास पीढ़ियों से भारत के लोगों के दिमाग में गहराई से जुड़ा हुआ है और यह आधुनिक तकनीक और वैज्ञानिक विकास के युग में अभी भी बना हुआ है। भारत में कई कथित तौर पर भूत से पीडित स्थान हैं, जैसे कि जीर्ण इमारतें, शाही मकान, किले, बंगले, घाट आदि। कई फ़िल्मों का निर्माण इसपर किया जा चुका हैं। मुहावरें के रूप में भी इनका प्रयोग होता हैं, जैसे: भूत सवार होना, भूत उतारना, भूत लगना, आदि। .

चुड़ैल और भूत-प्रेत के बीच समानता

चुड़ैल और भूत-प्रेत आम में 2 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): पिशाच, लोककथा

पिशाच

फिलिप बर्न-जोन्स द्वारा पिशाच, 1897 पिशाच कल्पित प्राणी है जो जीवित प्राणियों के जीवन-सार खाकर जीवित रहते हैं आमतौर पर उनका खून पीकर.

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लोककथा

लोककथाएँ वे कहानियाँ हैं जो मनुष्य की कथा प्रवृत्ति के साथ चलकर विभिन्न परिवर्तनों एवं परिवर्धनों के साथ वर्तमान रूप में प्राप्त होती हैं। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि कुछ निश्चित कथानक रूढ़ियों और शैलियों में ढली लोककथाओं के अनेक संस्करण, उसके नित्य नई प्रवृत्तियों और चरितों से युक्त होकर विकसित होने के प्रमाण है। एक ही कथा विभिन्न संदर्भों और अंचलों में बदलकर अनेक रूप ग्रहण करती हैं। लोकगीतों की भाँति लोककथाएँ भी हमें मानव की परंपरागत वसीयत के रूप में प्राप्त हैं। दादी अथवा नानी के पास बैठकर बचपन में जो कहानियाँ सुनी जाती है, चौपालों में इनका निर्माण कब, कहाँ कैसे और किसके द्वारा हुआ, यह बताना असंभव है। "यद्यपि दादी नानी से ज्यादा कहानियाँ दादा नाना सुनाते हैं लेकिन फिर भी दादी-नानी को ही ज्यादा महता देना भी विरासत में चली आ रही परिपाटी का ही परिणाम है!"-डॉ.रवींद्र भारतीय .

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सूची के ऊपर निम्न सवालों के जवाब

चुड़ैल और भूत-प्रेत के बीच तुलना

चुड़ैल 8 संबंध है और भूत-प्रेत 11 है। वे आम 2 में है, समानता सूचकांक 10.53% है = 2 / (8 + 11)।

संदर्भ

यह लेख चुड़ैल और भूत-प्रेत के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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