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ऋषि और गौरा देवी

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

ऋषि और गौरा देवी के बीच अंतर

ऋषि vs. गौरा देवी

ऋषि भारतीय परंपरा में श्रुति ग्रंथों को दर्शन करने (यानि यथावत समझ पाने) वाले जनों को कहा जाता है। आधुनिक बातचीत में मुनि, योगी, सन्त अथवा कवि इनके पर्याय नाम हैं। ऋषि शब्द की व्युत्पत्ति 'ऋष' है जिसका अर्थ देखना होता है। ऋषि के प्रकाशित कृतियों को आर्ष कहते हैं जो इसी मूल से बना है, इसके अतिरिक्त दृष्टि (नज़र) जैसे शब्द भी इसी मूल से हैं। सप्तर्षि आकाश में हैं और हमारे कपाल में भी। ऋषि आकाश, अन्तरिक्ष और शरीर तीनों में होते हैं। . चिपको आंदोलन को शुरू करने मे गौरा देवी की महत्वपूर्ण भूमिका थी। गौरा देवी (अंग्रेजी: Gaura Devi) जिनका जन्म १९२५ में उत्तराखंड के लाता गाॅंव में हुआ था। इन्हें चिपको आन्दोलन की जननी माना जाता है। उस वक़्त गाॅंव में काफी बड़े-बड़े पेड़ -पौधे थे जो कि पूरे क्षेत्र को घेरे हुए थे। इनकी शादी मात्र १२ वर्ष की उम्र में मेहरबान सिंह के साथ कर दी थीं, जो कि नज़दीकी गांव रेणी के निवासी थे। मेहरबान सिंह जो कि एक किसान था और भेड़ों को पालता और उनकी ऊन का व्यापार किया करता था। शादी के १० वर्ष उपरांत मेहरबान की मृत्यु हो जाने के कारण गौरा देवी को अपने बच्चे का लालन - पालन करने में काफी दिक्कतें आई थीं। कुछ समय बाद गौरा महिला मण्डल की अध्यक्ष भी बन गई थी। अलाकांडा में चंडी प्रसाद भट्ट तथा गोविंद सिंह रावत नामक लोगों ने अभियान चलाते हुए सन् १९७४ में २५०० देवदार वृक्षों को काटने के लिए चिन्हित किया गया था लेकिन गौरा देवी ने इनका विरोध किया और पेड़ों की रक्षा करने का अभियान चलाया, इसी कारण गौरा देवी चिपको वूमन के नाम से जानी जाती है। दस साल बाद देवी ने एक साक्षात्कार में कहा था की भाइयों ये जंगल हमारा माता का घर जैसा है यहां से हमें फल,फूल,सब्जियां मिलती अगर यहां के पेड़ - पौधे काटोगे तो निश्चित ही बाढ़ आएगी। गौरा देवी अपने जीवन काल में कभी विद्यालय नहीं जा सकी थीं लेकिन इन्हें प्राचीन वेद,पुराण,रामायण,भगवतगीता,महाभारत तथा ऋषि - मुनियों की सारी जानकारी थी। चिपको वूमन के नाम से जाने वाली गौरा देवी का निधन ६६ वर्ष की उम्र में ०४ जुलाई १९९१ में हो गया था। .

ऋषि और गौरा देवी के बीच समानता

ऋषि और गौरा देवी आम में एक बात है (यूनियनपीडिया में): वेद

वेद

वेद प्राचीन भारत के पवितत्रतम साहित्य हैं जो हिन्दुओं के प्राचीनतम और आधारभूत धर्मग्रन्थ भी हैं। भारतीय संस्कृति में वेद सनातन वर्णाश्रम धर्म के, मूल और सबसे प्राचीन ग्रन्थ हैं, जो ईश्वर की वाणी है। ये विश्व के उन प्राचीनतम धार्मिक ग्रंथों में हैं जिनके पवित्र मन्त्र आज भी बड़ी आस्था और श्रद्धा से पढ़े और सुने जाते हैं। 'वेद' शब्द संस्कृत भाषा के विद् शब्द से बना है। इस तरह वेद का शाब्दिक अर्थ 'ज्ञान के ग्रंथ' है। इसी धातु से 'विदित' (जाना हुआ), 'विद्या' (ज्ञान), 'विद्वान' (ज्ञानी) जैसे शब्द आए हैं। आज 'चतुर्वेद' के रूप में ज्ञात इन ग्रंथों का विवरण इस प्रकार है -.

ऋषि और वेद · गौरा देवी और वेद · और देखें »

सूची के ऊपर निम्न सवालों के जवाब

ऋषि और गौरा देवी के बीच तुलना

ऋषि 20 संबंध है और गौरा देवी 17 है। वे आम 1 में है, समानता सूचकांक 2.70% है = 1 / (20 + 17)।

संदर्भ

यह लेख ऋषि और गौरा देवी के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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