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कॉण्टैक्ट लैंस और संक्रमण

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

कॉण्टैक्ट लैंस और संक्रमण के बीच अंतर

कॉण्टैक्ट लैंस vs. संक्रमण

कांटैक्ट लेंस की एक जोड़ी, ऊपर की ओर मुंह किए हुए एक जोड़ी. एक दिवसीय डिस्पोजेबल पैकेजिंग में नीले रंग की कांटैक्ट लैंस कांटैक्ट लैंस (कांटैक्ट के नाम से भी लोकप्रिय) सामान्यतः आंख की कोर्निया (स्वच्छपटल) पर रखा जाने वाला एक सुधारक, प्रसाधनीय या रोगोपचारक लैंस होता है। 1508 में कांटैक्ट लैंसों की पहली कल्पनाओं को समझाने और रेखांकित करने का श्रेय लियोनार्डो दा विंसी को जाता है लेकिन वास्तविक कांटैक्ट लैंसों को बनाने और आंख पर लगाने में 300 वर्षों से भी अधिक लगे। आधुनिक नर्म कांटैक्ट लैंसों का आविष्कार चेक केमिस्ट ओटो विक्टरली और उसके सहायक ड्राह्सलाव लिम ने किया, जिसने उनके उत्पादन के लिये प्रयुक्त जेल का आविष्कार भी किया। कुछ नर्म कांटैक्ट लैंसों को हल्के नीले रंग का बनाया जाता है ताकि साफ करने और रखने के घोलों में वे आसानी से दिखाई दे सकें. रोगों में कुछ रोग तो ऐसे हैं जो पीड़ित व्यक्तियों के प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष संपर्क, या उनके रोगोत्पादक, विशिष्ट तत्वों से दूषित पदार्थों के सेवन एवं निकट संपर्क, से एक से दूसरे व्यक्तियों पर संक्रमित हो जाते हैं। इसी प्रक्रिया को संक्रमण (Infection) कहते हैं। सामान्य बोलचाल की भाषा में ऐसे रोगों को छुतहा रोग या छूआछूत के रोग कहते हैं। रोगग्रस्त या रोगवाहक पशु या मनुष्य संक्रमण के कारक होते हैं। संक्रामक रोग तथा इन रोग के संक्रमित होने की क्रिया समाज की दृष्टि से विशेष महत्व की है, क्योंकि विशिष्ट उपचार एवं अनागत बाधाप्रतिषेध की सुविधाओं के अभाव में इनसे महामारी (epidemic) फैल सकती है, जो कभी-कभी फैलकर सार्वदेशिक (pandemic) रूप भी धारण कर सकती है। .

कॉण्टैक्ट लैंस और संक्रमण के बीच समानता

कॉण्टैक्ट लैंस और संक्रमण आम में एक बात है (यूनियनपीडिया में): जीवाणु

जीवाणु

जीवाणु जीवाणु एक एककोशिकीय जीव है। इसका आकार कुछ मिलिमीटर तक ही होता है। इनकी आकृति गोल या मुक्त-चक्राकार से लेकर छड़, आदि आकार की हो सकती है। ये अकेन्द्रिक, कोशिका भित्तियुक्त, एककोशकीय सरल जीव हैं जो प्रायः सर्वत्र पाये जाते हैं। ये पृथ्वी पर मिट्टी में, अम्लीय गर्म जल-धाराओं में, नाभिकीय पदार्थों में, जल में, भू-पपड़ी में, यहां तक की कार्बनिक पदार्थों में तथा पौधौं एवं जन्तुओं के शरीर के भीतर भी पाये जाते हैं। साधारणतः एक ग्राम मिट्टी में ४ करोड़ जीवाणु कोष तथा १ मिलीलीटर जल में १० लाख जीवाणु पाए जाते हैं। संपूर्ण पृथ्वी पर अनुमानतः लगभग ५X१०३० जीवाणु पाए जाते हैं। जो संसार के बायोमास का एक बहुत बड़ा भाग है। ये कई तत्वों के चक्र में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं, जैसे कि वायुमंडलीय नाइट्रोजन के स्थरीकरण में। हलाकि बहुत सारे वंश के जीवाणुओं का श्रेणी विभाजन भी नहीं हुआ है तथापि लगभग आधी प्रजातियों को किसी न किसी प्रयोगशाला में उगाया जा चुका है। जीवाणुओं का अध्ययन बैक्टिरियोलोजी के अन्तर्गत किया जाता है जो कि सूक्ष्म जैविकी की ही एक शाखा है। मानव शरीर में जितनी भी मानव कोशिकाएं है, उसकी लगभग १० गुणा संख्या तो जीवाणु कोष की ही है। इनमें से अधिकांश जीवाणु त्वचा तथा अहार-नाल में पाए जाते हैं। हानिकारक जीवाणु इम्यून तंत्र के रक्षक प्रभाव के कारण शरीर को नुकसान नहीं पहुंचा पाते। कुछ जीवाणु लाभदायक भी होते हैं। अनेक प्रकार के परजीवी जीवाणु कई रोग उत्पन्न करते हैं, जैसे - हैजा, मियादी बुखार, निमोनिया, तपेदिक या क्षयरोग, प्लेग इत्यादि.

कॉण्टैक्ट लैंस और जीवाणु · जीवाणु और संक्रमण · और देखें »

सूची के ऊपर निम्न सवालों के जवाब

कॉण्टैक्ट लैंस और संक्रमण के बीच तुलना

कॉण्टैक्ट लैंस 20 संबंध है और संक्रमण 14 है। वे आम 1 में है, समानता सूचकांक 2.94% है = 1 / (20 + 14)।

संदर्भ

यह लेख कॉण्टैक्ट लैंस और संक्रमण के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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