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के-5 एसएलबीएम और रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

के-5 एसएलबीएम और रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन के बीच अंतर

के-5 एसएलबीएम vs. रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन

के-5 (K-5) मिसाइल कथित तौर पर भारतीय सामरिक बलों के लिए रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा विकासाधीन पानी के नीचे प्लेटफार्मों से लांच होने वाली मिसाइल है। इसे भारतीय नौसेना के अरिहंत वर्ग पनडुब्बियों के भविष्य के वेरिएंट में लेस किया जायेगा। यह 6,000 किलोमीटर की अधिकतम सीमा के साथ एक ठोस ईंधन मिसाइल होगी। . रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (अंग्रेज़ी:DRDO, डिफेंस रिसर्च एण्ड डेवलपमेंट ऑर्गैनाइज़ेशन) भारत की रक्षा से जुड़े अनुसंधान कार्यों के लिये देश की अग्रणी संस्था है। यह संगठन भारतीय रक्षा मंत्रालय की एक आनुषांगिक ईकाई के रूप में काम करता है। इस संस्थान की स्थापना १९५८ में भारतीय थल सेना एवं रक्षा विज्ञान संस्थान के तकनीकी विभाग के रूप में की गयी थी। वर्तमान में संस्थान की अपनी इक्यावन प्रयोगशालाएँ हैं जो इलेक्ट्रॉनिक्स, रक्षा उपकरण इत्यादि के क्षेत्र में अनुसंधान में रत हैं। पाँच हजार से अधिक वैज्ञानिक और पच्चीस हजार से भी अधिक तकनीकी कर्मचारी इस संस्था के संसाधन हैं। यहां राडार, प्रक्षेपास्त्र इत्यादि से संबंधित कई बड़ी परियोजनाएँ चल रही हैं। I love my India .

के-5 एसएलबीएम और रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन के बीच समानता

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के-5 एसएलबीएम और रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन के बीच तुलना

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संदर्भ

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