कार्योत्तर विधि और दण्ड (समय की प्राचीन ईकाई)
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कार्योत्तर विधि और दण्ड (समय की प्राचीन ईकाई) के बीच अंतर
कार्योत्तर विधि vs. दण्ड (समय की प्राचीन ईकाई)
कार्योत्तर विधि (ex post facto law) उस प्रकार की विधि को कहते हैं जो किसी आपराधिक कार्य के होने के बाद उस कार्य के विधिक परिणाम को बदल दे। दण्ड विधि के सन्दर्भ में बात करें तो कोई कार्योत्तर विधि उस कार्य को दण्डनीय बना सकती है जो कार्य उस समय (कानून के लागू होने के पहले) वैध (आपराधिक नहीं) था। कार्योत्तर विधि किसी अपराध के लिए निर्धारित दण्ड को कम या अधिक कर सकती है। इसी प्रकार, कार्योत्तर विधि साक्ष्य के नियमों को भी बदल सकती है ताकि अपराधों में दण्द मिलना अधिक सम्भावित हो जाय। इसके विपरीत कार्योत्तर विधि का एक प्रकार सर्वक्षमा विधि (अमनेस्टी लॉ) है जो कुछ कृत्यों को वैध या अनपराधिक घोषित कर देती है। श्रेणी:विधि. यह हिन्दू समय मापन इकाई है। यह इकाई मध्यम श्रेणी की है।.
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संदर्भ
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