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कामिकागम और शैवसिद्धान्त

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

कामिकागम और शैवसिद्धान्त के बीच अंतर

कामिकागम vs. शैवसिद्धान्त

कामिकागम या कामिकातन्त्र १२वीं शताब्दी में रचित एक सम्स्कृत ग्रन्थ है। यह शैवसिद्धान्त नामक सम्प्रदाय का ग्रन्थ है। इसके दो भाग हैं- पूर्वभाग तथा उत्तरभाग। अध्यायों की कुल संख्या ७५ है। श्रेणी:संस्कृत ग्रन्थ. शैवसिद्धान्त, आगम शैव सम्प्रदाय तथा वैदिक शैव सम्प्रदाय का सम्मिलित सिद्धान्त है। यह द्वैत सिद्धान्त है। शैवसिद्धान्त का लक्ष्य शिव की कृपा की प्राप्ति द्वारा ज्ञानी बनना है। .

कामिकागम और शैवसिद्धान्त के बीच समानता

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कामिकागम और शैवसिद्धान्त के बीच तुलना

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संदर्भ

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