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कान्हा रावत और भरतपुर

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

कान्हा रावत और भरतपुर के बीच अंतर

कान्हा रावत vs. भरतपुर

कान्हा रावत का जन्म दिल्ली से ६० मील दक्षिण में स्थित रावत जाटों के उद्गम स्थान बहीन गाँव में चौधरी बीरबल के घर माता लाल देवी की कोख से संवत १६९७ (सन १६४०) में हुआ। कान्हा रावत एक धर्म योद्धा थे जो हिन्दू धर्म की रक्षा के लिए बलिदान हो गए। . भरतपुर राजस्थान का एक प्रमुख शहर होने के साथ-साथ देश का सबसे प्रसिद्ध पक्षी उद्यान भी है। 29 वर्ग कि॰मी॰ में फैला यह उद्यान पक्षी प्रेमियों के लिए किसी स्वर्ग से कम नहीं है। विश्‍व धरोहर सूची में शामिल यह स्थान प्रवासी पक्षियों का भी बसेरा है। भरतपुर शहर की बात की जाए तो इसकी स्थापना जाट शासक राजा सूरजमल ने की थी और यह अपने समय में जाटों का गढ़ हुआ करता था। यहाँ के मंदिर, महल व किले जाटों के कला कौशल की गवाही देते हैं। राष्ट्रीय उद्यान के अलावा भी देखने के लिए यहाँ अनेक जगह हैं इसका नामकरण राम के भाई भरत के नाम पर किया गया है। लक्ष्मण इस राज परिवार के कुलदेव माने गये हैं। इसके पूर्व यह जगह सोगडिया जाट सरदार रुस्तम के अधिकार में था जिसको महाराजा सूरजमल ने जीता और 1733 में भरतपुर नगर की नींव डाली .

कान्हा रावत और भरतपुर के बीच समानता

कान्हा रावत और भरतपुर आम में 3 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): डीग, मथुरा, जाट

डीग

डीग का जलमहल डीग का किला डीग राजस्थान प्रांत के भरतपुर जिले का एक प्राचीन ऐतिहासिक शहर है। इसका प्राचीन नाम दीर्घापुर था। स्कंद पुराण में दीर्घ या दीर्घापुर के रूप में इसका उल्लेख है। भरतपुर शहर से 32 किमी की दूरी पर स्थित है। डीग को भरतपुर राज्य की पहली राजधानी राजा ठाकुर बदन सिंह ने बनाया था। कभी भरतपुर के शासकों का ग्रीष्मकालीन आवास रहे, डीग ने क्षेत्र की भरतपुर राज्य की दूसरी राजधानी बनने की भूमिका निभाई है। यह रोचक छोटा सा नगर अपनी बेजोड किलेबंदी, अत्यधिक सुंदर बगीचों और कुछ भव्य महलों के कारण दर्शनीय है। यह नगर लगभग सौ वर्षो से उपेक्षित अवस्था में है, किंतु आज भी यहाँ भरतपुर के जाट-नरेशों के पुराने महल तथा अन्य भवन अपने भव्य सौंदर्य के लिए विख्यात हैं। नगर के चतुर्दिक मिट्टी की चहारदिवारी है और उसके चारों ओर गहरी खाई है। मुख्य द्वार 'शाह बुर्ज' कहलाता था। यह स्वयं ही एक गढ़ी के रूप में निर्मित था। इसकी लंबाई-चौड़ाई 50 गज़ है। प्रारंभ में यहाँ सैनिकों के रहने के लिए स्थान था। मुख्य दुर्ग यहाँ से एक मील है, जिसके चारों ओर एक सृदृढ़ दीवार है। बाहर क़िले के चतुर्दिक मार्गों की सुरक्षा के लिए छोटी-छोटी गढ़ियां बनाई गई थीं- जिनमें गोपालगढ़, जो मिट्टी का बना हुआ क़िला है, सबसे अधिक प्रसिद्ध था। यह शाहबुर्ज से कुछ ही दूर पर है। इन क़िलों की मोर्चाबंदी के अंदर सुंदर सुसज्जित नगर- डीग था, जो अपने वैभवकाल में (18वीं शती में) मुग़लों की तत्कालीन अस्तोन्मुख राजधानियों दिल्ली तथा आगरा के मुक़ाबले में खड़ा दीखता था। .

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मथुरा

मथुरा उत्तरप्रदेश प्रान्त का एक जिला है। मथुरा एक ऐतिहासिक एवं धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में प्रसिद्ध है। लंबे समय से मथुरा प्राचीन भारतीय संस्कृति एवं सभ्यता का केंद्र रहा है। भारतीय धर्म,दर्शन कला एवं साहित्य के निर्माण तथा विकास में मथुरा का महत्त्वपूर्ण योगदान सदा से रहा है। आज भी महाकवि सूरदास, संगीत के आचार्य स्वामी हरिदास, स्वामी दयानंद के गुरु स्वामी विरजानंद, कवि रसखान आदि महान आत्माओं से इस नगरी का नाम जुड़ा हुआ है। मथुरा को श्रीकृष्ण जन्म भूमि के नाम से भी जाना जाता है। .

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जाट

जाट उत्तरी भारत और पाकिस्तान की एक जाति है। वर्ष 2016 तक, जाट, भारत की कुल जनसंख्या का 0.1 प्रतिशत हैं । एन्साइक्लोपीडिया ब्रिटेनिका के अनुसार, .

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सूची के ऊपर निम्न सवालों के जवाब

कान्हा रावत और भरतपुर के बीच तुलना

कान्हा रावत 11 संबंध है और भरतपुर 42 है। वे आम 3 में है, समानता सूचकांक 5.66% है = 3 / (11 + 42)।

संदर्भ

यह लेख कान्हा रावत और भरतपुर के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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