कल हो ना हो और वाद्य संगीत
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कल हो ना हो और वाद्य संगीत के बीच अंतर
कल हो ना हो vs. वाद्य संगीत
कल हो ना हो 2003 में बनी हिन्दी भाषा की नाटकीय प्रेमकहानी फ़िल्म है। इस फ़िल्म के द्वारा निखिल आडवाणी ने निर्देशक के रूप में बॉलीवुड में पदार्पण किया। इस फिल्म में जया बच्चन, शाहरुख खान, सैफ अली खान और प्रीति जिंटा प्रमुख भूमिका में हैं, जिसमें सुषमा सेठ, रीमा लागू, लिलेट दुबे और डेलनाज़ पॉल भूमिकाओं का समर्थन करते हैं। धर्मा प्रोडक्शन्स के बैनर तले बनी इस फ़िल्म को यश जौहर एवं करण जौहर ने निर्माण किया। सगीत शंकर एहसान लॉय ने दिया और गीत जावेद अख्तर ने लिखे। फिल्म को सकारात्मक आलोचनात्मक प्रतिक्रिया मिली और यह व्यावसायिक रूप से साल की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली भारतीय फिल्म बनी थी। इसने 2004 में दो राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार, आठ फिल्मफेयर पुरस्कार, तेरह अंतर्राष्ट्रीय भारतीय फ़िल्म अकादमी पुरस्कार, तीन स्टार स्क्रीन पुरस्कार और दो ज़ी सिने पुरस्कार जीते। . वाद्य संगीत ऐसी संगीत रचना होती है जिसमें बोल और गायन नहीं होते हैं। ऐसे संगीत की रचना पूर्ण रूप से वाद्य यन्त्र पर की जाती है। ऐसी रचना संगीत रचयिता स्वयं अपने किसी प्रदर्शन के लिये कर सकता है। वाद्य संगीत की परम्परा पश्चिमी संस्कृति और भारत में बहुत प्राचीन है। भारत में बहुत पहले समय से वीणा के उपयोग से वाद्य संगीत की रचना की जाती थी। .
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संदर्भ
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