सामग्री की तालिका
41 संबंधों: ऊषा उत्थुप, दैनिक जागरण, फ़रीदा जलाल, फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार, फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री पुरस्कार, फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ संवाद लेखन पुरस्कार, फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री पुरस्कार, बंकिमचन्द्र चट्टोपाध्याय, भारत, यश राज फ़िल्म्स, यश जौहर, रानी मुखर्जी, लता मंगेशकर, शाहरुख़ ख़ान, सिमोन सिंह, संदेश शांडिल्य, सुदेश भोंसले, सुनिधि चौहान, सुषमा सेठ, सोनू निगम, हिन्दी, हिमानी शिवपुरी, जतिन-ललित, जया बच्चन, जुगल हंसराज, जॉनी लीवर, वन्दे मातरम्, वाद्य संगीत, ग़दर: एक प्रेम कथा, आलोक नाथ, कभी अलविदा ना कहना, करण जौहर, करीना कपूर, काजोल देवगन, कविता कृष्णमूर्ति, अचला सचदेव, अमित कुमार, अमिताभ बच्चन, अलका याज्ञिक, उदित नारायण, ऋतिक रोशन।
- आदेश श्रीवास्तव द्वारा संगीतबद्ध फिल्में
- जतिन–ललित द्वारा संगीतबद्ध फिल्में
ऊषा उत्थुप
ऊषा उत्थुप (पूर्व में अय्यर) (உஷா உதுப், ঊষা উথুপ) (जन्म - 8 नवम्बर 1947) भारत की एक लोकप्रिय पॉप गायिका हैं। उन्हें 1960 के दशक के उतर्राध, 1970 और 1980 के दशक में अपने लोकप्रिय हिट के लिए जाना जाता है। उन्होंने करीब 16 भाषाओं में गाने गाएं हैं जिसमें बंगाली, हिंदी, पंजाबी, असमी, उड़िया, गुजराती, मराठी, कोंकणी, मलयालम, कन्नड़, तमिल, तुलु और तेलुगु शामिल हैं। वे कई विदेशी भाषाओं में भी गाना गा सकती हैं जिसमें अंग्रेजी, डच, फ्रेंच, जर्मन, इतालवी, सिंहली, स्वाहिली, रूसी, नेपाली, अरबी, क्रियोल, ज़ुलु और स्पेनिश शामिल हैं। .
देखें कभी खुशी कभी ग़म और ऊषा उत्थुप
दैनिक जागरण
दैनिक जागरण उत्तर भारत का सर्वाधिक लोकप्रिय समाचारपत्र है। पिछले कई वर्षोँ से यह भारत में सर्वाधिक प्रसार संख्या वाला समाचार-पत्र बन गया है। यह समाचारपत्र विश्व का सर्वाधिक पढ़ा जाने वाला दैनिक है। इस बात की पुष्टि विश्व समाचारपत्र संघ (वैन) द्वारा की गई है। वर्ष 2008 में बीबीसी और रॉयटर्स की नामावली के अनुसार यह प्रतिवेदित किया गया कि यह भारत में समाचारों का सबसे विश्वसनीय स्रोत दैनिक जागरण है। .
देखें कभी खुशी कभी ग़म और दैनिक जागरण
फ़रीदा जलाल
फ़रीदा जलाल हिन्दी फिल्मों की एक प्रसिद्ध अभिनेत्री हैं। .
देखें कभी खुशी कभी ग़म और फ़रीदा जलाल
फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार
फिल्मफेयर पुरस्कार समारोह भारतीय सिनेमा के इतिहास की सबसे पुरानी और प्रमुख घटनाओं में से एक रही है। इसकी शुरुआत सबसे पहले 1954 में हुई जब राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार की भी स्थापना हुई थी। पुरस्कार जनता के मत एवं ज्यूरी के सदस्यों के मत दोनों के आधार पर दी हर साल दी जाती है। .
देखें कभी खुशी कभी ग़म और फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार
फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री पुरस्कार
फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री पुरस्कार फ़िल्मफ़ेयर पत्रिका द्वारा प्रति वर्ष दिया जाने वाला पुरस्कार है। यह हिन्दी फ़िल्म में बेहतर अभिनय के लिये सहायक अभिनेत्री को फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार समारोह में दिया जाता है। .
देखें कभी खुशी कभी ग़म और फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री पुरस्कार
फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ संवाद लेखन पुरस्कार
Kajol with karan johar.jpg फिल्मफेयर पुरस्कार के लिए सर्वश्रेष्ठ संवाद लेखन विजेता, करण जौहर फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ संवाद लेखन पुरस्कारों की वर्षवार सूची श्रेणी:फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार.
देखें कभी खुशी कभी ग़म और फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ संवाद लेखन पुरस्कार
फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री पुरस्कार
फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री पुरस्कार फ़िल्मफ़ेयर पत्रिका द्वारा प्रति वर्ष दिया जाने वाला पुरस्कार है। यह हिन्दी फ़िल्म में बेहतर अभिनय के लिये अभिनेत्री फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार समारोह में दिया जाता है। .
देखें कभी खुशी कभी ग़म और फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री पुरस्कार
बंकिमचन्द्र चट्टोपाध्याय
'''वन्दे मातरम्''' के रचयिता बंकिमचन्द्र चट्टोपाध्याय बंकिमचन्द्र चट्टोपाध्याय (बंगाली: বঙ্কিমচন্দ্র চট্টোপাধ্যায়) (२७ जून १८३८ - ८ अप्रैल १८९४) बंगाली के प्रख्यात उपन्यासकार, कवि, गद्यकार और पत्रकार थे। भारत के राष्ट्रीय गीत 'वन्दे मातरम्' उनकी ही रचना है जो भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के काल में क्रान्तिकारियों का प्रेरणास्रोत बन गया था। रवीन्द्रनाथ ठाकुर के पूर्ववर्ती बांग्ला साहित्यकारों में उनका अन्यतम स्थान है। आधुनिक युग में बंगला साहित्य का उत्थान उन्नीसवीं सदी के मध्य से शुरु हुआ। इसमें राजा राममोहन राय, ईश्वर चन्द्र विद्यासागर, प्यारीचाँद मित्र, माइकल मधुसुदन दत्त, बंकिम चन्द्र चट्टोपाध्याय, रवीन्द्रनाथ ठाकुर ने अग्रणी भूमिका निभायी। इसके पहले बंगाल के साहित्यकार बंगला की जगह संस्कृत या अंग्रेजी में लिखना पसन्द करते थे। बंगला साहित्य में जनमानस तक पैठ बनाने वालों मे शायद बंकिम चन्द्र चट्टोपाध्याय पहले साहित्यकार थे। .
देखें कभी खुशी कभी ग़म और बंकिमचन्द्र चट्टोपाध्याय
भारत
भारत (आधिकारिक नाम: भारत गणराज्य, Republic of India) दक्षिण एशिया में स्थित भारतीय उपमहाद्वीप का सबसे बड़ा देश है। पूर्ण रूप से उत्तरी गोलार्ध में स्थित भारत, भौगोलिक दृष्टि से विश्व में सातवाँ सबसे बड़ा और जनसंख्या के दृष्टिकोण से दूसरा सबसे बड़ा देश है। भारत के पश्चिम में पाकिस्तान, उत्तर-पूर्व में चीन, नेपाल और भूटान, पूर्व में बांग्लादेश और म्यान्मार स्थित हैं। हिन्द महासागर में इसके दक्षिण पश्चिम में मालदीव, दक्षिण में श्रीलंका और दक्षिण-पूर्व में इंडोनेशिया से भारत की सामुद्रिक सीमा लगती है। इसके उत्तर की भौतिक सीमा हिमालय पर्वत से और दक्षिण में हिन्द महासागर से लगी हुई है। पूर्व में बंगाल की खाड़ी है तथा पश्चिम में अरब सागर हैं। प्राचीन सिन्धु घाटी सभ्यता, व्यापार मार्गों और बड़े-बड़े साम्राज्यों का विकास-स्थान रहे भारतीय उपमहाद्वीप को इसके सांस्कृतिक और आर्थिक सफलता के लंबे इतिहास के लिये जाना जाता रहा है। चार प्रमुख संप्रदायों: हिंदू, बौद्ध, जैन और सिख धर्मों का यहां उदय हुआ, पारसी, यहूदी, ईसाई, और मुस्लिम धर्म प्रथम सहस्राब्दी में यहां पहुचे और यहां की विविध संस्कृति को नया रूप दिया। क्रमिक विजयों के परिणामस्वरूप ब्रिटिश ईस्ट इण्डिया कंपनी ने १८वीं और १९वीं सदी में भारत के ज़्यादतर हिस्सों को अपने राज्य में मिला लिया। १८५७ के विफल विद्रोह के बाद भारत के प्रशासन का भार ब्रिटिश सरकार ने अपने ऊपर ले लिया। ब्रिटिश भारत के रूप में ब्रिटिश साम्राज्य के प्रमुख अंग भारत ने महात्मा गांधी के नेतृत्व में एक लम्बे और मुख्य रूप से अहिंसक स्वतन्त्रता संग्राम के बाद १५ अगस्त १९४७ को आज़ादी पाई। १९५० में लागू हुए नये संविधान में इसे सार्वजनिक वयस्क मताधिकार के आधार पर स्थापित संवैधानिक लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित कर दिया गया और युनाईटेड किंगडम की तर्ज़ पर वेस्टमिंस्टर शैली की संसदीय सरकार स्थापित की गयी। एक संघीय राष्ट्र, भारत को २९ राज्यों और ७ संघ शासित प्रदेशों में गठित किया गया है। लम्बे समय तक समाजवादी आर्थिक नीतियों का पालन करने के बाद 1991 के पश्चात् भारत ने उदारीकरण और वैश्वीकरण की नयी नीतियों के आधार पर सार्थक आर्थिक और सामाजिक प्रगति की है। ३३ लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल के साथ भारत भौगोलिक क्षेत्रफल के आधार पर विश्व का सातवाँ सबसे बड़ा राष्ट्र है। वर्तमान में भारतीय अर्थव्यवस्था क्रय शक्ति समता के आधार पर विश्व की तीसरी और मानक मूल्यों के आधार पर विश्व की दसवीं सबसे बडी अर्थव्यवस्था है। १९९१ के बाज़ार-आधारित सुधारों के बाद भारत विश्व की सबसे तेज़ विकसित होती बड़ी अर्थ-व्यवस्थाओं में से एक हो गया है और इसे एक नव-औद्योगिकृत राष्ट्र माना जाता है। परंतु भारत के सामने अभी भी गरीबी, भ्रष्टाचार, कुपोषण, अपर्याप्त सार्वजनिक स्वास्थ्य-सेवा और आतंकवाद की चुनौतियां हैं। आज भारत एक विविध, बहुभाषी, और बहु-जातीय समाज है और भारतीय सेना एक क्षेत्रीय शक्ति है। .
देखें कभी खुशी कभी ग़म और भारत
यश राज फ़िल्म्स
यश राज फ़िल्म्स का लोगो यश राज फ़िल्म्स भारतीय निर्माता - निर्देशक यश चोपड़ा द्वारा स्थापित कंपनी है जो की एक हिंदी फिल्म निर्देशक और निर्माता है। वोह पहले अपने भाई के फिल्म कंपनी बर फिल्म्स में काम करते थे और बाद में उन्होंने सन १९७० में अपनी खुद की कम्पनी चालू की। इनके द्वारा बनाई गयी फिल्मे सन २००४ व २००५ में तीन अच्छी पर्दर्शन करने वाली फिल्मे दे चुकी है। यश राज फिल्म्स विकिपीडिया, मुक्त विश्वकोश से यश राज फिल्म्स प्रकार निजी 1970 स्थापित संस्थापक यश चोपड़ा मुख्यालय मुंबई, भारत प्रमुख लोगों आदित्य चोपड़ा (अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक) उदय चोपड़ा (निदेशक) पामेला चोपड़ा (निदेशक) रानी मुखर्जी (निदेशक) आशिष सिंह (उपराष्ट्रपति - उत्पादन) रोहन मल्होत्रा (उपराष्ट्रपति - वितरण) अवतार पानसेर (उपाध्यक्ष - अंतर्राष्ट्रीय संचालन) मानन मेहता (उपाध्यक्ष - विपणन और मर्केंडाइजिंग) अक्षय विधहानी (उपाध्यक्ष - वित्त और वाईआरएफ स्टूडियोज) विजय कुमार (उपराष्ट्रपति - होम वीडियो और लाइसेंसिंग) आशीष पाटिल (उपाध्यक्ष - वाई फिल्म्स) आनंद गुरनानी (उपाध्यक्ष - डिजिटल) उत्पाद सिनेमा स्टूडियो उत्पादन वितरण विपणन संगीत घरेलू वीडियो प्रतिभा प्रबंधन VFX उत्पादन के बाद ब्रांड पार्टनरशिप लाइसेंसिंग मर्केंडाइजिंग विशेष प्रभाव डिजिटल सहायक YRF स्टूडियोज वाईआरएफ उत्पादन वाईआरएफ वितरण वाईआरएफ विपणन वाईआरएफ संगीत वाईआरएफ होम वीडियो वाई फिल्म्स वाईआरएफ टेलीविजन वाईआरएफ मनोरंजन yFX VFX स्टूडियो वाईआरएफ प्रतिभा वाईआरएफ लाइसेंसिंग वाईआरएफ मर्चेंडाइजिंग वाईआरएफ ब्रांड पार्टनरशिप वाईआरएफ डिजिटल वाईआरएफ यूएसए वाईआरएफ यू.के.
देखें कभी खुशी कभी ग़म और यश राज फ़िल्म्स
यश जौहर
"यश जोहर" भारतीय हिंदी सिनेमा के एक प्रसिद्ध निर्माता थे। यश का जन्म ६ सितम्बर १९२९ को हुआ था और मृत्यु २६ जून २००४ को हुए थी। इन्होने धर्मा प्रोडक्शन की स्थापना १९७६ में की थी। ये अपनी भव्यता के कारण भारत के साथ विदेशो में भी प्रसिद्ध है। .
देखें कभी खुशी कभी ग़म और यश जौहर
रानी मुखर्जी
रानी मुखर्जी हिन्दी फिल्मों की एक प्रसिद्ध अभिनेत्री हैं। 2005 में वे बॉलीवुड के शीर्ष 10 शक्तिशाली लोगों में सिर्फ एक महिला थी। रानी ही एक ऐसी अभिनेत्री है जिसे फिल्मफेयर ने 3 साल लगातार (2004-2006) बॉलीवुड की शीर्ष अभिनेत्री घोषित किया। रानी समाज सेवा के कामों में बहुत सक्रिय रहती हैं और उन्होंने बहुत सारी संस्थाओं के लिये चंदा इकठ्ठा किया है। उन्होंने 2 विश्व टूर में हिस्सा लिया है जहाँ बॉलीवुड के और सितारों के साथ उन्होंने स्टेज शो में दर्शकों के सामने प्रदर्शन किया। अपने पहले टूर में वे आमिर खान, ऐश्वर्या राय बच्चन, अक्षय खन्ना और ट्विंकल खन्ना के साथ थीं और दूसरे में शाहरुख़ खान, सैफ अली ख़ान, प्रीती ज़िंटा, अर्जुन रामपाल और प्रियंका चोपड़ा के साथ दिखीं| 2005 में उन्हें बॉलीवुड की तरफ से पाकिस्तान के राष्ट्रपति परवेज़ मुशर्रफ के साथ खाने पर न्योता दिया गया। 2006 में उन्हें बाकी बॉलीवुड अभिनेत्रियों के साथ ऑस्ट्रेलिया के कोम्मनवेल्थ खेलों में भारतीय परंपरा का प्रदर्शन किया। .
देखें कभी खुशी कभी ग़म और रानी मुखर्जी
लता मंगेशकर
लता मंगेशकर (जन्म 28 सितंबर, 1929 इंदौर) भारत की सबसे लोकप्रिय और आदरणीय गायिका हैं, जिनका छ: दशकों का कार्यकाल उपलब्धियों से भरा पड़ा है। हालाँकि लता जी ने लगभग तीस से ज्यादा भाषाओं में फ़िल्मी और गैर-फ़िल्मी गाने गाये हैं लेकिन उनकी पहचान भारतीय सिनेमा में एक पार्श्वगायक के रूप में रही है। अपनी बहन आशा भोंसले के साथ लता जी का फ़िल्मी गायन में सबसे बड़ा योगदान रहा है। लता की जादुई आवाज़ के भारतीय उपमहाद्वीप के साथ-साथ पूरी दुनिया में दीवाने हैं। टाईम पत्रिका ने उन्हें भारतीय पार्श्वगायन की अपरिहार्य और एकछत्र साम्राज्ञी स्वीकार किया है। .
देखें कभी खुशी कभी ग़म और लता मंगेशकर
शाहरुख़ ख़ान
शाहरुख़ ख़ान (उच्चारण; जन्म 2 नवम्बर 1965), जिन्हें अक्सर शाहरुख खान के रूप में श्रेय दिया जाता है और अनौपचारिक रूप में एसआरके नाम से सन्दर्भित किया जाता, एक भारतीय फ़िल्म अभिनेता है। अक्सर मीडिया में इन्हें "बॉलीवुड का बादशाह", "किंग खान", "रोमांस किंग" और किंग ऑफ़ बॉलीवुड नामों से पुकारा जाता है। खान ने रोमैंटिक नाटकों से लेकर ऐक्शन थ्रिलर जैसी शैलियों में 75 हिन्दी फ़िल्मों में अभिनय किया है। फिल्म उद्योग में उनके योगदान के लिये उन्होंने तीस नामांकनों में से चौदह फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार जीते हैं। वे और दिलीप कुमार ही ऐसे दो अभिनेता हैं जिन्होंने साथ फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार आठ बार जीता है। 2005 में भारत सरकार ने उन्हें भारतीय सिनेमा के प्रति उनके योगदान के लिए पद्म श्री से सम्मानित किया। अर्थशास्त्र में उपाधी ग्रहण करने के बाद इन्होने अपने करियर की शुरुआत १९८० में रंगमंचों व कई टेलिविज़न धारावाहिकों से की और १९९२ में व्यापारिक दृष्टी से सफल फ़िल्म दीवाना से फ़िल्म क्षेत्र में कदम रखा। इस फ़िल्म के लिए उन्हें फ़िल्मफ़ेयर प्रथम अभिनय पुरस्कार प्रदान किया गया। इसके पश्च्यात उन्होंने कई फ़िल्मों में नकारात्मक भूमिकाएं अदा की जिनमे डर (१९९३), बाज़ीगर (१९९३) और अंजाम (१९९४) शामिल है। वे कई प्रकार की भूमिकाओं में दिखे व भिन्न-भिन्न प्रकार की फ़िल्मों में कार्य किया जिनमे रोमांस फ़िल्में, हास्य फ़िल्में, खेल फ़िल्में व ऐतिहासिक ड्रामा शामिल है। उनके द्वारा अभिनीत ग्यारह फ़िल्मों ने विश्वभर में १ बिलियन का व्यवसाय किया है। खान की कुछ फ़िल्में जैसे दिलवाले दुल्हनिया ले जायेंगे (१९९५), कुछ कुछ होता है (१९९८), ''देवदास'' (२००२), ''चक दे! इंडिया'' (२००७), ओम शांति ओम (२००७), रब ने बना दी जोड़ी (२००८) और रा.वन (२०११) अबतक की सबसे बड़ी हीट फ़िल्मों में रही है और कभी खुशी कभी ग़म (२००१), कल हो ना हो (२००३), वीर ज़ारा (२००६)। वेल्थ रिसर्च फर्म वैल्थ एक्स के मुताबिक किंग खान पहले सबसे अमीर भारतीय अभिनेता बन गए हैं। फर्म ने अभिनेता की कुल संपत्ति 3660 करोड़ रूपए आंकी थी लेकिन अब 4000 करोङ बताई जाती है। .
देखें कभी खुशी कभी ग़म और शाहरुख़ ख़ान
सिमोन सिंह
फिल्म एवं टेलीविजन अभिनेत्री सिमोन सिंह, (जन्म 10 नवंबर, जमशेदपुर) के एक सिख पिता एवं बंगाली माता के परिवार में। सिमोन ने अपने कैरियर की शुरुआत टेलीविजन सीरियल स्वाभिमान, से सन 1995 में की। इसके बाद इन्होंने एक अन्य मशहूर सीरियल हिना, में मुख्य किरदार निभाया। इसके तुरंत बाद इन्होंने भारतीय सिनेमा की दुनिया में एक रिश्ता: द बॉन्ड ऑफ लव से 2001 में कदम रखा। सिमोन ने और कई फिल्मों में छोटी-छोटी भूमिकाएँ निभाई हैं और इनके अभिनय की तारीफ बोमन ईरानी सैफ अली खान एवं डिंपल कपाड़िया के साथ की गयी फिल्म बीईंग सायरस में खूब की गयी। .
देखें कभी खुशी कभी ग़म और सिमोन सिंह
संदेश शांडिल्य
संदेश शांडिल्य एक भारतीय संगीतकार, गीतकार वा गायक हैं, इन्हे कभी खुशी कभी गम, चमेली, रोड, उफ क्या जादू क्या मोहब्बत वा सोचा ना था के लि जाना जाता है। इनका 2001 का एलबम पिया बसंती एक बड़ा-होट था वा 2001 एमटीवी वीडियो म्यूजिक अवार्ड मे जीता था। इनका एक बहुत प्रसंसनीय कार्य आओगे जब तुम, जब वी मेट फिल्म से है। श्रेणी:संगीतकार श्रेणी:गीतकार श्रेणी:गायक.
देखें कभी खुशी कभी ग़म और संदेश शांडिल्य
सुदेश भोंसले
सुदेश भोंसले एक भारतीय पाश्व गायक है। इनका जन्म एन आर भोंसले और श्रीमती सुमनताय भोंसले के घर हुआ। सुदेश भोंसले को उनकी अमिताभ बच्चन के गानो के लिये जाना जाता है। सुदेश भोंसले को पहला अवसर फिल्म जलजला (१९८८) के पार्शव गायन मे मिला। व्यवसायिक तोर पर इन्होने कई साल सन्जीव कुमार और अनिल कपुर के लिये मिमिक्री आर्टिस्ट के तौर पर डबिन्ग की। इनको पहली सफलता अमिताभ बच्चन अभिनित फिल्म हम (१९९०) के गाने 'जुम्मा चुम्मा दे दे' से मिली। सन २०१० मे इन्होने महात्मा रामचन्द्र वीर और आचार्य धर्मेन्द्र द्वारा रचिय वज्रान्ग वन्दना महास्त्रोत एव्म वज्रान्ग विनय स्रोत के अदभुत एव्म अद्धितय भजनो को अपना मधुर स्वर दिया है। श्रेणी:भारतीय फिल्म पार्श्वगायक श्रेणी:जीवित लोग.
देखें कभी खुशी कभी ग़म और सुदेश भोंसले
सुनिधि चौहान
सुनिधि चौहान (जन्म निधी चौहान, १४ अगस्त १९८३) एक भारतीय पार्श्वगायिका है जो हिन्दी गीतों को गाने के लिए लोकप्रिय है। उन्होंने मराठी, कन्नड़, तमिल, तेलुगु, बंगाली, असमिया और गुजराती फ़िल्मों में भी २००० से अधिक गीत गाए हैं। चौहान ने गायन की शुरुआत चार वर्ष की आयु से की और एक स्थानीय टीवी मेज़बान ने उनकी इस प्रतिभा को देखा। उन्हें प्रसिद्धी टेलिविज़न गायन प्रतियोगिता मेरी आवाज़ सुनो से मिली जिसमे जित के बाद उन्होंने पार्श्वगायन क्षेत्र में शस्त्र फ़िल्म से पदार्पण किया। उन्हें लोकप्रियता राम गोपाल वर्मा की फ़िल्म मस्त से मिली जिसमे उन्होंने "रुकी रुकी सी ज़िंदगी" गीत गाया जो एक हीट गीत साबित हुआ। उन्हें कुल चौदह फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कारों का नामांकन और तीन में जित हासिल हुई। उन्होंने दो स्टार स्क्रीन पुरस्कार, दो आइफा पुरस्कार और एक ज़ी सिने पुरस्कार जीते हैं। .
देखें कभी खुशी कभी ग़म और सुनिधि चौहान
सुषमा सेठ
सुषमा सेठ भारतीय सिनेमा, टीवी व रंगमंच की जानीमानी अभिनेत्री हैं। अपने अभिनय सफर की शुरुवात उन्होंने 70 के दशक में की। उन्होंने सबसे अधिक हिन्दी फिल्मों में नायक के माँ के किरदार निभाये। प्रेम रोग, राम तेरी गंगा मैली, चाँदनी, दीवाना, कभी खुशी कभी गम और कल न न हो जैसी चर्चित फिल्मों में उन्होंने काम किया है। सुषमा ने कई टीवी धारावाहिकों में भी काम किया जैसे कि हम लोग व देख भाई देख। 80 के पूर्वार्ध में दूरदर्शन पर प्रसारित पहले सोप ओपेरा हम लोग में उनके द्वारा निभाया दादी का किरदार बेहद लोकप्रिय रहा। दादी को गले के कैंसर से पीड़ित दिखाया गया था, वे मृत्यु की कगार पर थीं पर यह सुषमा की लोकप्रियता ही थी जिसके कारण इस किरदार की उम्र को दर्शकों की माँग पर बढ़ाना पड़ा। .
देखें कभी खुशी कभी ग़म और सुषमा सेठ
सोनू निगम
सोनू निगम (जन्म: ३० जुलाई १९७३, फरीदाबाद, हरियाणा, भारत) हिन्दी फिल्मों के एक प्रसिद्ध गायक हैँ। वे हिन्दी के अलावा कन्नड़, उड़िया, तमिल, असमिया, पंजाबी, बंगाली, मराठी और तेलुगु फ़िल्मों में भी गा चुके हैं। इन्होने बहुत से इन्डि-पॉप एलबम बनाए हैं और कुछ हिंदी फिल्मों में काम किया है। .
देखें कभी खुशी कभी ग़म और सोनू निगम
हिन्दी
हिन्दी या भारतीय विश्व की एक प्रमुख भाषा है एवं भारत की राजभाषा है। केंद्रीय स्तर पर दूसरी आधिकारिक भाषा अंग्रेजी है। यह हिन्दुस्तानी भाषा की एक मानकीकृत रूप है जिसमें संस्कृत के तत्सम तथा तद्भव शब्द का प्रयोग अधिक हैं और अरबी-फ़ारसी शब्द कम हैं। हिन्दी संवैधानिक रूप से भारत की प्रथम राजभाषा और भारत की सबसे अधिक बोली और समझी जाने वाली भाषा है। हालांकि, हिन्दी भारत की राष्ट्रभाषा नहीं है क्योंकि भारत का संविधान में कोई भी भाषा को ऐसा दर्जा नहीं दिया गया था। चीनी के बाद यह विश्व में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा भी है। विश्व आर्थिक मंच की गणना के अनुसार यह विश्व की दस शक्तिशाली भाषाओं में से एक है। हिन्दी और इसकी बोलियाँ सम्पूर्ण भारत के विविध राज्यों में बोली जाती हैं। भारत और अन्य देशों में भी लोग हिन्दी बोलते, पढ़ते और लिखते हैं। फ़िजी, मॉरिशस, गयाना, सूरीनाम की और नेपाल की जनता भी हिन्दी बोलती है।http://www.ethnologue.com/language/hin 2001 की भारतीय जनगणना में भारत में ४२ करोड़ २० लाख लोगों ने हिन्दी को अपनी मूल भाषा बताया। भारत के बाहर, हिन्दी बोलने वाले संयुक्त राज्य अमेरिका में 648,983; मॉरीशस में ६,८५,१७०; दक्षिण अफ्रीका में ८,९०,२९२; यमन में २,३२,७६०; युगांडा में १,४७,०००; सिंगापुर में ५,०००; नेपाल में ८ लाख; जर्मनी में ३०,००० हैं। न्यूजीलैंड में हिन्दी चौथी सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषा है। इसके अलावा भारत, पाकिस्तान और अन्य देशों में १४ करोड़ १० लाख लोगों द्वारा बोली जाने वाली उर्दू, मौखिक रूप से हिन्दी के काफी सामान है। लोगों का एक विशाल बहुमत हिन्दी और उर्दू दोनों को ही समझता है। भारत में हिन्दी, विभिन्न भारतीय राज्यों की १४ आधिकारिक भाषाओं और क्षेत्र की बोलियों का उपयोग करने वाले लगभग १ अरब लोगों में से अधिकांश की दूसरी भाषा है। हिंदी हिंदी बेल्ट का लिंगुआ फ़्रैंका है, और कुछ हद तक पूरे भारत (आमतौर पर एक सरल या पिज्जाइज्ड किस्म जैसे बाजार हिंदुस्तान या हाफ्लोंग हिंदी में)। भाषा विकास क्षेत्र से जुड़े वैज्ञानिकों की भविष्यवाणी हिन्दी प्रेमियों के लिए बड़ी सन्तोषजनक है कि आने वाले समय में विश्वस्तर पर अन्तर्राष्ट्रीय महत्त्व की जो चन्द भाषाएँ होंगी उनमें हिन्दी भी प्रमुख होगी। 'देशी', 'भाखा' (भाषा), 'देशना वचन' (विद्यापति), 'हिन्दवी', 'दक्खिनी', 'रेखता', 'आर्यभाषा' (स्वामी दयानन्द सरस्वती), 'हिन्दुस्तानी', 'खड़ी बोली', 'भारती' आदि हिन्दी के अन्य नाम हैं जो विभिन्न ऐतिहासिक कालखण्डों में एवं विभिन्न सन्दर्भों में प्रयुक्त हुए हैं। .
देखें कभी खुशी कभी ग़म और हिन्दी
हिमानी शिवपुरी
हिमानी शिवपुरी हिन्दी फिल्मों की एक अभिनेत्री हैं। .
देखें कभी खुशी कभी ग़म और हिमानी शिवपुरी
जतिन-ललित
जतिन और ललित पंडित जतिन-ललित हिन्दी फिल्मों की संगीतकार जोड़ी है। इसमें दो भाई जतिन पंडित और ललित पंडित है। दोनों का ताल्लुक उल्लेखनीय संगीत परिवार से है जिसका मूल हिसार, हरियाणा में है। उनके चाचा पण्डित जसराज है और अभिनेत्रियाँ सुलक्षणा पंडित और विजयता पंडित उनकी बहनें है। पहली फिल्म जिसमें उन्होंने संगीत दिया था वो थी 1991 की यारा दिलदारा। इस फिल्म का एक गीत बिन तेरे सनम काफी सफल हुआ था। सफलता उन्हें खिलाड़ी से मिली थी। कई सफल फ़िल्में जिसमें इन्होंने संगीत दिया वह है:- जो जीता वोही सिकंदर, कभी हाँ कभी ना, खामोशी: द म्युजकल, दिलवाले दुल्हनिया ले जायेंगे, यस बॉस, जब प्यार किसी से होता है, कुछ कुछ होता है, मोहब्बतें, कभी खुशी कभी ग़म और फना वगैरह। दोनों को फ़िल्मफेयर पुरस्कार के सर्वश्रेष्ठ संगीतकार की श्रेणी में 11 बार नामित किया लेकिन वह यह पुरस्कार एक बार भी नहीं जीत पाए। 2006 में दोनों भाई ने जोड़ी तोड़ दी। ललित पंडित ने कुछ फ़िल्मों में अकेले संगीत दिया जिसमें उन्हें साजिद-वाजिद के साथ दबंग के लिये अंतत ये पुरस्कार प्राप्त हुआ। .
देखें कभी खुशी कभी ग़म और जतिन-ललित
जया बच्चन
जया बच्चन (जया भादुरी, विवाह पूर्व) हिन्दी फिल्मों की एक अभिनेत्री हैं। .
देखें कभी खुशी कभी ग़म और जया बच्चन
जुगल हंसराज
जुगल हंसराज हिन्दी फ़िल्मों के एक अभिनेता हैं। .
देखें कभी खुशी कभी ग़म और जुगल हंसराज
जॉनी लीवर
जॉन प्रकाश राव जनुमाला नामक आंध्र प्रदेश के प्रकाशम जिले में सन 1957 अगस्त 14 को जन्मे, जॉनी लीवर हिन्दी फिल्म के एक प्रसिद्ध हास्य अभिनेता है। .
देखें कभी खुशी कभी ग़म और जॉनी लीवर
वन्दे मातरम्
'''वन्दे मातरम्''' के रचयिता बंकिमचन्द्र चट्टोपाध्याय वन्दे मातरम् (बाँग्ला: বন্দে মাতরম) अवनीन्द्रनाथ टैगोर द्वारा बनाया गया भारतमाता का चित्र बंकिमचन्द्र चट्टोपाध्याय द्वारा संस्कृत बाँग्ला मिश्रित भाषा में रचित इस गीत का प्रकाशन सन् १८८२ में उनके उपन्यास आनन्द मठ में अन्तर्निहित गीत के रूप में हुआ था। इस उपन्यास में यह गीत भवानन्द नाम के संन्यासी द्वारा गाया गया है। इसकी धुन यदुनाथ भट्टाचार्य ने बनायी थी। सन् २००३ में, बीबीसी वर्ल्ड सर्विस द्वारा आयोजित एक अन्तरराष्ट्रीय सर्वेक्षण में, जिसमें उस समय तक के सबसे मशहूर दस गीतों का चयन करने के लिये दुनिया भर से लगभग ७,००० गीतों को चुना गया था और बी०बी०सी० के अनुसार १५५ देशों/द्वीप के लोगों ने इसमें मतदान किया था उसमें वन्दे मातरम् शीर्ष के १० गीतों में दूसरे स्थान पर था। .
देखें कभी खुशी कभी ग़म और वन्दे मातरम्
वाद्य संगीत
वाद्य संगीत ऐसी संगीत रचना होती है जिसमें बोल और गायन नहीं होते हैं। ऐसे संगीत की रचना पूर्ण रूप से वाद्य यन्त्र पर की जाती है। ऐसी रचना संगीत रचयिता स्वयं अपने किसी प्रदर्शन के लिये कर सकता है। वाद्य संगीत की परम्परा पश्चिमी संस्कृति और भारत में बहुत प्राचीन है। भारत में बहुत पहले समय से वीणा के उपयोग से वाद्य संगीत की रचना की जाती थी। .
देखें कभी खुशी कभी ग़म और वाद्य संगीत
ग़दर: एक प्रेम कथा
ग़दर 2001 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें कभी खुशी कभी ग़म और ग़दर: एक प्रेम कथा
आलोक नाथ
आलोक नाथ हिन्दी फ़िल्मों के एक प्रसिद्ध अभिनेता हैं। आलोक नाथ हिन्दी फ़िल्मों के एक प्रसिद्ध अभिनेता हैं। .
देखें कभी खुशी कभी ग़म और आलोक नाथ
कभी अलविदा ना कहना
कभी अलविदा ना कहना 2006 में बनी हिन्दी भाषा की नाटकीय प्रेमकहानी फ़िल्म है। इसका निर्देशन करण जौहर ने किया और धर्मा प्रोडक्शन्स बैनर के तहत इसे निर्मित किया गया। इसमें प्रमुख भूमिकाओं में शाहरुख खान, रानी मुखर्जी, अभिषेक बच्चन और प्रीति जिंटा हैं जबकि सहायक भूमिका को अमिताभ बच्चन और किरन खेर द्वारा निभाया गया है। कहानी अधिकतर न्यूयॉर्क शहर में गुजरती है और व्यभिचार के विषयों की पड़ताल करती है। यह अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विशेष रूप से संयुक्त राज्य अमेरिका में सफलता थी। यह रिलीज के समय विदेशों में सबसे ज्यादा कमाई करने वाली भारतीय फिल्म बन गई। .
देखें कभी खुशी कभी ग़म और कभी अलविदा ना कहना
करण जौहर
करण जौहर करण जौहर (जन्म: 25 मई, 1975) हिन्दी एक प्रसिद्ध भारतीय फिल्म निर्देशक, उत्पादक, चलचित्र लेखक, कॉस्ट़्यूम दिज़ाइनर, अभिनेता और टिवि होस्ट है। वह हिरू जौहर और यश जौहर के पुत्र है। वह धर्मा प्रोडक्शन्स कम्पनी के मुखिया भी है। वह भारत और विश्व के सबसे ज़्यादा कमाई करने वाले फिल्मो का उत्पादन करने के लिये प्रसिद्ध है। इनमे से चार फिल्मे, जिनमे शाहरुख खान अभिनेता के पात्र मे मौजूद है, विदेशी फिल्म उद्योग मे भारत के सबसे ज़्यादा कमाने वाले उत्पादन मे से है। इन फिल्मो कि कामयाबी के कारण, करण जोहर को भारतीय सिनेमा का पश्चिम अनुभूति मे बदलाव लाने के लिए श्रेय दिया गया है। आदित्य चोपड़ा द्वारा निर्देशित 'दिलवाले दुल्हनिया ले जायेंगे' नामक फिल्म मे अभिनेता के पात्र मे करण जोहर ने फिल्मो मे शुरुआत किया था। उन्होंने बाद मे बेहद सफल रोमानी कॉमेडी, कुछ कुछ होता है के साथ अपने निर्देशन जीविका की शुरुआत की। इस फिल्म से उसे सर्वश्रेष्ठ निर्देशक के लिये और सर्वश्रेष्ठ पटकथा के लिये फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार से सम्मानित भी किया गया। उनकी दूसरी फिल्मे परिवारिक नाटक, कभी खुशी कभी ग़म (२००१) और रोमांटिक नाटक, कभी अलविदा ना कहना (२००६) थे। कभी अलविदा ना कहना (2006) व्यभिचार के विषय के साथ जुडा हुआ एक फिल्म था। दोनों ही फिल्मों ने भारत और विदेशों में प्रमुख वित्तीय सफलताए प्राप्त की। इस प्रकार जौहर ने बॉलीवुड के सबसे सफल फिल्म निर्माताओं के तालिका में खुद को स्थापित कर लिया। उनकी चौथी फिल्म माइ नेम इज़ ख़ान (२०१०) को सकारात्मक समीक्षा मिली और उस फिल्म ने दुनिया भर मे २०० करोड़ रुपये कमाए। इन सब के कारण्, वह खुद को भारतीय सिनेमा में सबसे सफल निर्देशक और निर्माता के रूप में स्थापित किया है। यही सूचना के कारण उन्होने अपनी पहली फिल्म कुछ कुछ होता है बनाई। करण जौहर एक कुशल निर्देशक के रूप मे जाने जाते है। .
देखें कभी खुशी कभी ग़म और करण जौहर
करीना कपूर
करीना कपूर (जन्म: २१ सितम्बर १९८०) बॉलीवुड फिल्मों में काम करने वाली एक भारतीय फ़िल्म अभिनेत्री हैं। कपूर फ़िल्म परिवार में जन्मी करीना ने अभिनय की शुरुआत साल २००० में रिलीज़ हुई फ़िल्म रिफ्युज़ी के साथ की। इस फ़िल्म में अपने अभिनय के लिए उन्हें फिल्मफेयर बेस्ट फीमेल डेब्यू यानि उस साल अपने अभिनय जीवन की शुरुआत करने वाली अभिनेत्रियों में से सर्वश्रेष्ठ अभिनत्री का पुरस्कार भी मिला। साल २००१ में, अपनी दूसरी फ़िल्म मुझे कुछ कहना है रिलीज़ होने के साथ ही, कपूर को अपनी पहली व्यावसायिक सफलता मिली। इसके बाद इसी साल आई करन जौहर की नाटक से भरपूर फ़िल्म कभी खुशी कभी ग़म में भी करीना नज़र आयीं। ये फ़िल्म उस साल विदेशों में सबसे ज़्यादा कमाई करने वाली भारतीय फ़िल्म बन गई और साथ ही करीना के लिए ये तब तक की सबसे बड़ी व्यावसायिक सफलता थी। २००२ और २००३ में लगातार कई फिल्मों की असफलता और एक जैसी भूमिकाएं करने की वजह से करीना को समीक्षालों से काफ़ी नकारात्मक प्रतिक्रियाएं मिलीं, उसके बाद करीना ने एक जैसी भूमिकाओं या टाईपकास्ट (typecast) से बचने के लिए ज्यादा मेहनत वाली और कठिन भूमिकाएं लेना शुरू कर दिया। फ़िल्म चमेली (Chameli) में देह व्यापार करने वाली एक लड़की की भूमिका ने उनके करियर की दिशा बदल दी। इस फ़िल्म में अपने अभिनय के लिए उन्हें फ़िल्मफेयर स्पेशल परफोर्मेंस अवार्ड या फ़िल्मफेयर विशिष्ट प्रदर्शन पुरस्कार (Filmfare Special Performance Award) भी मिला। इसके बाद, फ़िल्म समीक्षकों द्वारा बहुप्रशंसित फिल्मों देव और ओंकारा में अभिनय के लिए उन्हें फिल्मफेयर समारोह में आलोचकों की दृष्टि से दो सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री पुरस्कार (Critics Awards for Best Actress) भी मिले। २००४ और २००६ के बीच अभिनय के क्षेत्र में इतनी अलग-अलग तरह की भूमिकाएं करने के बाद उन्हें बहुमुखी प्रतिभा की धनी अभिनेत्री के रूप में जाना जाने लगा। वर्ष २००७ में, कपूर ने व्यावसायिक दृष्टि से बेहद सफल रही कॉमेडी-रोमांस फ़िल्म जब वी मेट में अपने प्रदर्शन के लिए फिल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री पुरस्कार जीता.बॉक्स ऑफिस पर कमाई करने के मामले में भले ही उनकी फिल्मों का प्रदर्शन काफी अलग अलग रहा हो लेकिन करीना ख़ुद को हिन्दी फ़िल्म उद्योग में आज कल की अग्रणी फ़िल्म अभिनेत्री के रूप में स्थापित करने में सफल रही हैं। .
देखें कभी खुशी कभी ग़म और करीना कपूर
काजोल देवगन
(बांग्ला: কাজল দেবগন Kajol Debgon, काजोल हिंदी फ़िल्मों की एक प्रसिद्ध अभिनेत्री हैं जिनका जन्म 5 अगस्त 1974 को हुआ था। उनकी माँ तनुजा अभिनेत्री थी और नानी शोभना समर्थ भी अभिनेत्री थीं। उनकी छोटी बहिन तनिषा भी अब फिल्मों मैं काम कर रही हैं। उनके पिता का नाम शोमू मुखर्जी है। वे फिल्में बनाते थे। काजोल ने अपना फिल्मी सफ़र फिल्म बेखुदी से शुरू किया जिसमें उनके पात्र का नाम राधिका था। वह फिल्म तो नहीं चली पर उनकी बाद की फिल्में बहुत प्रसिद्ध हुईं। जैसे कि बाज़ीगर और दिलवाले दुल्हनिया ले जायेंगे। उहोंने अपने सहकर्मी और प्रेमी, अजय देवगन से २४ फरवरी 1999 को विवाह किया था। उनकी एक छोटी बेटी है जिसका नाम न्यसा है। उनके नाम कुल ६ फिल्मफेयर और उनमें से ५ सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के पुरस्कार हैं जो की एक कीर्तिमान है। वह यह कीर्तिमान अपनी मौसी नूतन के साथ साझा करती हैं। .
देखें कभी खुशी कभी ग़म और काजोल देवगन
कविता कृष्णमूर्ति
कविता कृष्णमूर्ति(जन्म:१९५८) भारतीय सिनेमा की एक महत्वपूर्ण पार्श्वगायिका है।कविता जब आठ साल की थीं तो उन्होंने एक गायन प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार जीता। तभी से वह बड़ी होकर एक मशहूर गायिका बनने का सपना देखने लगी थीं। .
देखें कभी खुशी कभी ग़म और कविता कृष्णमूर्ति
अचला सचदेव
अचला सचदेव (३ मई १९२० – ३० अप्रैल २०१२) हिंदी चलचित्र की मशहूर अभिनेत्री जिन्होंने लगभग २५० फिल्मों में अभिनय किया था। .
देखें कभी खुशी कभी ग़म और अचला सचदेव
अमित कुमार
अमित कुमार एक भारतीय फिल्म पार्श्व गायक, अभिनेता, निर्देशक और संगीत निर्देशक हैं। वह भारतीय गायक और अभिनेता किशोर कुमार और बंगाली गायक और अभिनेत्री रुमा गुहा ठाकुर के पुत्र हैं। अपने पिता की तरह, अमित कलकत्ता में दुर्गा पूजा समारोह के दौरान गाने के लिए गायन और बचपन से गाया करते थे। एक बार जब वह बंगाली अभिनेता उत्तम कुमार द्वारा आयोजित एक दुर्गा पूजा समारोह में मंच पर प्रदर्शन कर रहे थे, लोग ज्यादा गाने की मांग कर रहे थे और यह जानकारी उसकी मां तक पहुंच गई। उसने किशोर कुमार से शिकायत की कि उनका बेटा "फिल्मी" गाने गा रहा था। सुनकर, किशोर कुमार ने उसे बंबई में लाने का फैसला किया। .
देखें कभी खुशी कभी ग़म और अमित कुमार
अमिताभ बच्चन
अमिताभ बच्चन (जन्म-११ अक्टूबर, १९४२) बॉलीवुड के सबसे लोकप्रिय अभिनेता हैं। १९७० के दशक के दौरान उन्होंने बड़ी लोकप्रियता प्राप्त की और तब से भारतीय सिनेमा के इतिहास में सबसे प्रमुख व्यक्तित्व बन गए हैं। बच्चन ने अपने करियर में कई पुरस्कार जीते हैं, जिनमें तीन राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार और बारह फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार शामिल हैं। उनके नाम सर्वाधिक सर्वश्रेष्ठ अभिनेता फ़िल्मफेयर अवार्ड का रिकार्ड है। अभिनय के अलावा बच्चन ने पार्श्वगायक, फ़िल्म निर्माता और टीवी प्रस्तोता और भारतीय संसद के एक निर्वाचित सदस्य के रूप में १९८४ से १९८७ तक भूमिका की हैं। इन्होंने प्रसिद्द टी.वी.
देखें कभी खुशी कभी ग़म और अमिताभ बच्चन
अलका याज्ञिक
अलका याज्ञिक भारतीय सिनेमा की एक प्रसिद्ध पार्श्वगायिका हैं। वे हिंदी सिनेमा में तीन दशकों तक अपनी गायकी के लिए विख्यात हैं। हिंदी सिनेमा में वे सबसे ज्यादा गाने रिकॉर्ड करने वाली पांचवी पार्श्वगायिका हैं। उन्हें फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायिका पुरस्कार के ३६ नामांकनों में से ७ बार पुरस्कार मिल चुका है जो कि खुद में एक रिकॉर्ड है। उन्हें दो राष्ट्रीय पुरस्कार भी प्राप्त है। साथ ही उनके २० गाने बीबीसी के "बॉलीवुड के श्रेष्ठ ४० सदाबहार साउंडट्रैक" में शामिल हैं। उनके कुछ हिट गानों में से हैं — "कुछ कुछ होता है", "टिप टिप बरसा पानी", "परदेसी परदेसी", "छम्मा छम्मा", "पूछो ज़रा पूछो", "एक दो तीन", "चाँद छुपा बादल में", "लाल दुपट्टा", "मुझको राणाजी" और "बाज़ीगर ओ बाज़ीगर"। .
देखें कभी खुशी कभी ग़म और अलका याज्ञिक
उदित नारायण
उदित नारायण हिन्दी फिल्मों के एक प्रसिद्ध नेपाली गायक हैं। उदित नारायण का जन्म 27 नवम्बर को नेपाल के सप्तरी जिले में हुआ। उन्होंने अपना पहला हिन्दी गाना मुकेश जी के साथ गाया। उन्हें तीन देशीय पुरस्कार तथा पांच फिल्म फेयर पुरस्कार मिले हैं। वर्ष 2009 में भारत सरकार ने उन्हें पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित किया। उदित नारायण नेपाल में और भारत में भी एक प्रख्यात गायक के रूप में जाने जाते हैं। नेपाली फ़िल्म में उन्होंने बहुत हिट गाने गाए हैं और उनका गीत अधिकतर लोगों को पसंद है। उनके स्वर में जादू है। वे किशोर अवस्था से ही गायन कला के क्षेत्र में लग गये थे जो कि आज इस मुकाम पर है। संपूर्ण बॉलीवुड में उन्हें आज भी एक बेहतर गायक माना जाता है। नेपाल में अभी के समय में भी उनके स्वर से तुलना किसी भी गायक से नहीं की जा सकती है। उदित जी का मातृभाषा मैथिली हैं और वो नेपाल के मिथिलांचल इलाके से आते हैं। जैसे कि नेपाल और भारत के बीच बेटी और रोटी का सम्बन्ध है उसी तरह उनका ननिहाल भारत के बिहार राज्य में है। .
देखें कभी खुशी कभी ग़म और उदित नारायण
ऋतिक रोशन
हृथिक रोशन (हिन्दी: ऋतिक रोशन, उच्चारण: /10 जनवरी 1974 जन्म) एक भारतीय अभिनेता है जो बॉलीवुड में काम कर रहे हैं।इनका जन्म एक कायस्थ परिवार में हुआ था। सन 1980 में हृतिक रोशन ने एक बालकलाकार के रूप में फिल्मोमें पदर्पण होनेके बाद फिल्म कहो ना प्यार है (2000) में प्रमुख भूमिका निभाई.
देखें कभी खुशी कभी ग़म और ऋतिक रोशन
यह भी देखें
आदेश श्रीवास्तव द्वारा संगीतबद्ध फिल्में
- अंगारे (1998 फ़िल्म)
- अनाड़ी नम्बर वन (1999 फ़िल्म)
- अपने दम पर (1996 फ़िल्म)
- अपहरण (2005 फ़िल्म)
- अलग (2006 फ़िल्म)
- आँखें (2002 फ़िल्म)
- आओ प्यार करें (1994 फ़िल्म)
- इज़्ज़त की रोटी (1993 फ़िल्म)
- इन्टरनेशनल खिलाड़ी (1999 फ़िल्म)
- कभी खुशी कभी ग़म
- काश आप हमारे होते (2003 फ़िल्म)
- कुंवारा (2000 फ़िल्म)
- चलते चलते (2003 फ़िल्म)
- चिंगारी (2006 फ़िल्म)
- ज़ुल्म-ओ-सितम (1998 फ़िल्म)
- जोरू का गुलाम (2000 फ़िल्म)
- तरकीब (2000 फ़िल्म)
- दिल तेरा दीवाना (1996 फ़िल्म)
- दिल ने फिर याद किया (2001 फ़िल्म)
- दीवानापन (2001 फ़िल्म)
- दीवार (2004 फ़िल्म)
- देव (2004 फ़िल्म)
- बाग़बान (2003 फ़िल्म)
- बाबुल (2006 फ़िल्म)
- भाई भाई (1997 फ़िल्म)
- राजा की आयेगी बारात (1997 फ़िल्म)
- लव एट टाइम्स स्क्वैर (2003 फ़िल्म)
- लाल बादशाह (1999 फ़िल्म)
- वीरगति (1995 फ़िल्म)
- वेलकम बैक (फ़िल्म)
- शस्त्र (1996 फ़िल्म)
- शिकारी (2000 फ़िल्म)
- सावन (2006 फ़िल्म)
- सैंडविच (2006 फ़िल्म)
- हसीना मान जायेगी (1999 फ़िल्म)
जतिन–ललित द्वारा संगीतबद्ध फिल्में
- अलबेला (2001 फ़िल्म)
- आँखें (2002 फ़िल्म)
- आदमी (1993 फ़िल्म)
- कभी खुशी कभी ग़म
- कभी हाँ कभी ना
- कसम (2001 फ़िल्म)
- कुछ कुछ होता है
- क्रांति (2002 फ़िल्म)
- खामोशी (1996 फ़िल्म)
- खिलाड़ी (1992 फ़िल्म)
- खूबसूरत (1999 फ़िल्म)
- गैंगस्टर (1994 फ़िल्म)
- चलते चलते (2003 फ़िल्म)
- चीता (1994 फ़िल्म)
- जब प्यार किसी से होता है (1998 फ़िल्म)
- ज़मीर (2005 फ़िल्म)
- दावा (1997 फ़िल्म)
- दिल क्या करे
- दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे
- दिल्लगी (1999 फ़िल्म)
- निशाना (1995 फ़िल्म)
- पाँडव (1995 फ़िल्म)
- प्यार किया तो डरना क्या (1998 फ़िल्म)
- प्यार तो होना ही था
- प्यार में ट्विस्ट (2005 फ़िल्म)
- फ़ना (२००६ चलचित्र)
- फिर भी दिल है हिन्दुस्तानी
- भूकंप (1993 फ़िल्म)
- मोहब्बतें
- यारा दिलदारा
- राजू चाचा (2000 फ़िल्म)
- राजू बन गया जेंटलमैन
- रिटर्न ऑफ ज्वैलथीफ (1996 फ़िल्म)
- रोक सको तो रोक लो (2004 फ़िल्म)
- वास्तव (1999 फ़िल्म)
- वाह ! तेरा क्या कहना (2002 फ़िल्म)
- संघर्ष (1999 फ़िल्म)
- सरफ़रोश (1999 फ़िल्म)
- सिलसिला है प्यार का
- सेंसर (2001 फ़िल्म)
- सोच (2002 फ़िल्म)
- हंसते खेलते (1994 फ़िल्म)
- हम तुम
- हासिल (2003 फ़िल्म)
कभी खुशी कभी ग़म (2001 फ़िल्म), कभी खुशी कभी ग़म (२००१ फ़िल्म), कभी खुशी कभी ग़म, २००१ फ़िल्म के रूप में भी जाना जाता है।