लोगो
यूनियनपीडिया
संचार
Google Play पर पाएं
नई! अपने एंड्रॉयड डिवाइस पर डाउनलोड यूनियनपीडिया!
डाउनलोड
ब्राउज़र की तुलना में तेजी से पहुँच!
 

उत्तर प्रदेश और कतिकी मेला

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

उत्तर प्रदेश और कतिकी मेला के बीच अंतर

उत्तर प्रदेश vs. कतिकी मेला

आगरा और अवध संयुक्त प्रांत 1903 उत्तर प्रदेश सरकार का राजचिन्ह उत्तर प्रदेश भारत का सबसे बड़ा (जनसंख्या के आधार पर) राज्य है। लखनऊ प्रदेश की प्रशासनिक व विधायिक राजधानी है और इलाहाबाद न्यायिक राजधानी है। आगरा, अयोध्या, कानपुर, झाँसी, बरेली, मेरठ, वाराणसी, गोरखपुर, मथुरा, मुरादाबाद तथा आज़मगढ़ प्रदेश के अन्य महत्त्वपूर्ण शहर हैं। राज्य के उत्तर में उत्तराखण्ड तथा हिमाचल प्रदेश, पश्चिम में हरियाणा, दिल्ली तथा राजस्थान, दक्षिण में मध्य प्रदेश तथा छत्तीसगढ़ और पूर्व में बिहार तथा झारखंड राज्य स्थित हैं। इनके अतिरिक्त राज्य की की पूर्वोत्तर दिशा में नेपाल देश है। सन २००० में भारतीय संसद ने उत्तर प्रदेश के उत्तर पश्चिमी (मुख्यतः पहाड़ी) भाग से उत्तरांचल (वर्तमान में उत्तराखंड) राज्य का निर्माण किया। उत्तर प्रदेश का अधिकतर हिस्सा सघन आबादी वाले गंगा और यमुना। विश्व में केवल पाँच राष्ट्र चीन, स्वयं भारत, संयुक्त राज्य अमेरिका, इंडोनिशिया और ब्राज़ील की जनसंख्या उत्तर प्रदेश की जनसंख्या से अधिक है। उत्तर प्रदेश भारत के उत्तर में स्थित है। यह राज्य उत्तर में नेपाल व उत्तराखण्ड, दक्षिण में मध्य प्रदेश, पश्चिम में हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान तथा पूर्व में बिहार तथा दक्षिण-पूर्व में झारखण्ड व छत्तीसगढ़ से घिरा हुआ है। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ है। यह राज्य २,३८,५६६ वर्ग किलोमीटर के क्षेत्रफल में फैला हुआ है। यहाँ का मुख्य न्यायालय इलाहाबाद में है। कानपुर, झाँसी, बाँदा, हमीरपुर, चित्रकूट, जालौन, महोबा, ललितपुर, लखीमपुर खीरी, वाराणसी, इलाहाबाद, मेरठ, गोरखपुर, नोएडा, मथुरा, मुरादाबाद, गाजियाबाद, अलीगढ़, सुल्तानपुर, फैजाबाद, बरेली, आज़मगढ़, मुज़फ्फरनगर, सहारनपुर यहाँ के मुख्य शहर हैं। . कतकी मेला, उत्तर प्रदेश के बुन्देलखण्ड क्षेत्र में बांदा जिले में स्थित एक कस्बे कलिंजर के कालिंजर दुर्ग में प्रतिवर्ष कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर पाँच दिवस के लिये लगता है। इसमें हजारों श्रद्धालुओं कि भीड़ उमड़ती है। साक्ष्यों के अनुसार यह मेला चंदेल शासक परिमर्दिदेव (११६५-१२०२) के समय आरम्भ हुआ था, जो आज तक लगता आ रहा है। इस कालिंजर महोत्सव का उल्लेख सर्वप्रथम परिमर्दिदेव के मंत्री एवं नाटककार वत्सराज रचित नाटक रूपक षटकम में मिलता है। उनके शासनकाल में हर वर्ष मंत्री वत्सराज के दो नाटकों का मंचन इसी महोत्सव के अवसर पर किया जाता था। कालांतर में मदनवर्मन के समय एक पद्मावती नामक नर्तकी के नृत्य कार्यक्रमों का उल्लेख भी कालिंजर के इतिहास में मिलता है। उसका नृत्य उस समय महोत्सव का मुख्य आकर्षण हुआ करता था। एक सहस्र वर्ष से यह परंपरा आज भी कतकी मेले के रूप चलती चली आ रही है, जिसमें विभिन्न अंचलों के लाखों लोग यहाँ आकर विभिन्न सरोवरों में स्नान कर नीलकंठेश्वर महादेव के दर्शन कर पुण्य लाभ अर्जित करते हैं। तीर्थ-पर्यटक दुर्ग के ऊपर एवं नीचे लगे मेले में खरीददारी आदि भी करते हैं। इसके अलावा यहाँ ढेरों तीर्थयात्री तीन दिन का कल्पवास भी करते हैं। इस भीड़ के उत्साह के आगे दुर्ग की अच्छी चढ़ाई भी कम होती प्रतीत होती है। यहां ऊपर पहाड़ के बीचों-बीच गुफानुमा तीन खंड का नलकुंठ है जो सरग्वाह के नाम से प्रसिद्ध है। वहां भी श्रद्धालुओं की भीड़ जुटती है। .

उत्तर प्रदेश और कतिकी मेला के बीच समानता

उत्तर प्रदेश और कतिकी मेला आम में 5 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): पूर्णिमा, बिठूर, गंगा नदी, कानपुर, कार्तिक

पूर्णिमा

पूर्णिमा पंचांग के अनुसार मास की 15वीं और शुक्लपक्ष की अंतिम तिथि है जिस दिन चंद्रमा आकाश में पूरा होता है। इस दिन का भारतीय जनजीवन में अत्यधिक महत्व हैं। हर माह की पूर्णिमा को कोई न कोई पर्व अथवा व्रत अवश्य मनाया जाता हैं। .

उत्तर प्रदेश और पूर्णिमा · कतिकी मेला और पूर्णिमा · और देखें »

बिठूर

बिठूर, उत्तर प्रदेश में कानपुर के पश्चिमोत्तर दिशा में २७ किमी दूर स्थित एक नगर है। मेरठ के अलावा बिठूर में भी सन १८५७ में भारतीय स्वतंत्रता का प्रथम संग्राम का श्रीगणेश हुआ था। यह शहर उत्तर प्रदेश के औद्योगिक शहर कानपुर से 22 किलोमीटर दूर कन्नौज रोड़ पर स्थित है। बिठूर उत्तर प्रदेश में गंगा किनारे एक ऐसा सोया हुआ सा, छोटा सा क़स्बा है जो किसी ज़माने में सत्ता का केंद्र हुआ करता था। कानपुर के पास आज यहाँ की पुरानी ऐतिहासिक इमारतें, बारादरियाँ और मंदिर जीर्ण-शीर्ण हालत में पड़ी हैं; लेकिन स्थानीय लोगों के पास इतिहास की वो यादें हैं जिनका पाठ हर बच्चे को स्कूल में सिखाया जाता है। ये नानाराव और तात्या टोपे जैसे लोगों की धरती रही है। टोपे परिवार की एक शाखा आज भी बैरकपुर में है और यहीं झाँसी की रानी लक्ष्मी बाई का बचपन बीता। उसी दौर में कानपुर से अपनी जान बचाकर भाग रहे अंग्रेज़ों को सतीचौरा घाट पर मौत के घाट उतार दिया गया। बाद में उसके बदले में अंग्रेज़ों ने गाँव के गाँव तबाह कर दिए औऱ एक एक पेड़ से लटका कर बीस-बीस लोगों को फाँसी दे दी गई। जीत के बाद अँग्रेज़ों ने बिठूर में नानाराव पेशवा के महल को तो मटियामेट कर ही दिया था, जब ताँत्या टोपे के रिश्तेदारों को 1860 में ग्वालियर जेल से रिहा किया गया तो उन्होंने बिठूर लौटकर पाया कि उनका घर भी जला दिया गया है। .

उत्तर प्रदेश और बिठूर · कतिकी मेला और बिठूर · और देखें »

गंगा नदी

गंगा (गङ्गा; গঙ্গা) भारत की सबसे महत्त्वपूर्ण नदी है। यह भारत और बांग्लादेश में कुल मिलाकर २,५१० किलोमीटर (कि॰मी॰) की दूरी तय करती हुई उत्तराखण्ड में हिमालय से लेकर बंगाल की खाड़ी के सुन्दरवन तक विशाल भू-भाग को सींचती है। देश की प्राकृतिक सम्पदा ही नहीं, जन-जन की भावनात्मक आस्था का आधार भी है। २,०७१ कि॰मी॰ तक भारत तथा उसके बाद बांग्लादेश में अपनी लंबी यात्रा करते हुए यह सहायक नदियों के साथ दस लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल के अति विशाल उपजाऊ मैदान की रचना करती है। सामाजिक, साहित्यिक, सांस्कृतिक और आर्थिक दृष्टि से अत्यन्त महत्त्वपूर्ण गंगा का यह मैदान अपनी घनी जनसंख्या के कारण भी जाना जाता है। १०० फीट (३१ मी॰) की अधिकतम गहराई वाली यह नदी भारत में पवित्र मानी जाती है तथा इसकी उपासना माँ तथा देवी के रूप में की जाती है। भारतीय पुराण और साहित्य में अपने सौन्दर्य और महत्त्व के कारण बार-बार आदर के साथ वंदित गंगा नदी के प्रति विदेशी साहित्य में भी प्रशंसा और भावुकतापूर्ण वर्णन किये गये हैं। इस नदी में मछलियों तथा सर्पों की अनेक प्रजातियाँ तो पायी ही जाती हैं, मीठे पानी वाले दुर्लभ डॉलफिन भी पाये जाते हैं। यह कृषि, पर्यटन, साहसिक खेलों तथा उद्योगों के विकास में महत्त्वपूर्ण योगदान देती है तथा अपने तट पर बसे शहरों की जलापूर्ति भी करती है। इसके तट पर विकसित धार्मिक स्थल और तीर्थ भारतीय सामाजिक व्यवस्था के विशेष अंग हैं। इसके ऊपर बने पुल, बांध और नदी परियोजनाएँ भारत की बिजली, पानी और कृषि से सम्बन्धित ज़रूरतों को पूरा करती हैं। वैज्ञानिक मानते हैं कि इस नदी के जल में बैक्टीरियोफेज नामक विषाणु होते हैं, जो जीवाणुओं व अन्य हानिकारक सूक्ष्मजीवों को जीवित नहीं रहने देते हैं। गंगा की इस अनुपम शुद्धीकरण क्षमता तथा सामाजिक श्रद्धा के बावजूद इसको प्रदूषित होने से रोका नहीं जा सका है। फिर भी इसके प्रयत्न जारी हैं और सफ़ाई की अनेक परियोजनाओं के क्रम में नवम्बर,२००८ में भारत सरकार द्वारा इसे भारत की राष्ट्रीय नदी तथा इलाहाबाद और हल्दिया के बीच (१६०० किलोमीटर) गंगा नदी जलमार्ग को राष्ट्रीय जलमार्ग घोषित किया है। .

उत्तर प्रदेश और गंगा नदी · कतिकी मेला और गंगा नदी · और देखें »

कानपुर

कानपुर भारतवर्ष के उत्तरी राज्य उत्तर प्रदेश का एक प्रमुख औद्योगिक नगर है। यह नगर गंगा नदी के दक्षिण तट पर बसा हुआ है। प्रदेश की राजधानी लखनऊ से ८० किलोमीटर पश्चिम स्थित यहाँ नगर प्रदेश की औद्योगिक राजधानी के नाम से भी जाना जाता है। ऐतिहासिक और पौराणिक मान्यताओं के लिए चर्चित ब्रह्मावर्त (बिठूर) के उत्तर मध्य में स्थित ध्रुवटीला त्याग और तपस्या का संदेश दे रहा है। यहाँ की आबादी लगभग २७ लाख है। .

उत्तर प्रदेश और कानपुर · कतिकी मेला और कानपुर · और देखें »

कार्तिक

हिन्दू पंचांग के अनुसार साल के आठवें माह का नाम कार्तिक हैं। .

उत्तर प्रदेश और कार्तिक · कतिकी मेला और कार्तिक · और देखें »

सूची के ऊपर निम्न सवालों के जवाब

उत्तर प्रदेश और कतिकी मेला के बीच तुलना

उत्तर प्रदेश 217 संबंध है और कतिकी मेला 13 है। वे आम 5 में है, समानता सूचकांक 2.17% है = 5 / (217 + 13)।

संदर्भ

यह लेख उत्तर प्रदेश और कतिकी मेला के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

अरे! अब हम फेसबुक पर हैं! »