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औद्योगीकरण और स्लो फूड

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

औद्योगीकरण और स्लो फूड के बीच अंतर

औद्योगीकरण vs. स्लो फूड

सन् १८६० के आस-पास जर्मनी के एक औद्योगिक कारखाने का दृष्य औद्योगीकरण एक सामाजिक तथा आर्थिक प्रक्रिया का नाम है। इसमें मानव-समूह की सामाजिक-आर्थिक स्थिति बदल जाती है जिसमें उद्योग-धन्धों का बोलबाला होता है। वस्तुत: यह आधुनीकीकरण का एक अंग है। बड़े-पैमाने की उर्जा-खपत, बड़े पैमाने पर उत्पादन, धातुकर्म की अधिकता आदि औद्योगीकरण के लक्षण हैं। एक प्रकार से यह निर्माण कार्यों को बढ़ावा देने के हिसाब से अर्थप्रणाली का बड़े पैमाने पर संगठन है। . स्लो फूड एक अन्तर्राष्ट्रीय संगठन है जिसकी स्थापना कार्लो पेट्रिनी ने १९८६ में की थी। अधिकांश लोगों के अनुसार स्लो फूड की स्थापना फास्ट फूड के विरोध में हुई, लेकिन वास्तव में इस संगठन का उद्देश्य काफी व्यापक रहा है। फिर भी मूलतः स्लो फूड के सदस्य सिद्धांत रूप में फास्ट फूड के विरुद्ध हैं। स्लो फूड मूलत: तेज औद्योगीकरण के कारण मशीनी होते जा रहे मानव जीवन के विरोध में है क्योंकि इसके कारण खानपान की पुरानी अनूठी परंपराओं और खाद्य पदार्थों की कई किस्मों का इस के कारण विलोप होता जा रहा है।। हिन्दुस्तान लाइव। १७ नवम्बर २०१० स्लो फूड का आरंभ ऐसे खाद्य पदार्थो के उत्पादन से जुड़ा रहा है, जो न केवल अच्छे, स्वच्छ और उचित हों बल्कि बेहतरीन स्वाद वाले और स्वास्थ्यवर्धक भी हों। इतना ही नहीं, उपज के दौरान कार्य स्थिति भी अच्छी रही हो। जैव विविधता का भी इसमें महत्त्वपूर्ण स्थान रहा है जिसने स्वाद निधि संजोने के इस काम को खाद्य पदार्थो की तमाम अनूठी किस्मों के संरक्षण के प्रयास में बदल दिया है। एक रेस्ट्रां का मेन्यु प्लैकर्ड, यूनान विश्व भर में स्लो फूड की विभिन्न इकाइयां हैं जिन्हें कॉनविविया कहते हैं। इनकी नियमित बैठकें होती हैं। स्वाद शिक्षा (टेस्ट एजुकेशन) के उद्देश्य से संगठन में कई ऐसे समूह भी बने हुए हैं, जिनका काम स्वाद चखना है। इस कार्यक्रम के तहत कोई भी व्यक्ति उन खाद्य पदार्थो का स्वाद ले सकता है जिनके अनूठे तरह से संरक्षण के लिए स्लो फूड प्रयासरत रहता है और यह अनुभव करता है कि वह कैसे भिन्न हैं। संगठन का काम उत्पादकों व सह-उत्पादकों में संबंध बनाना है। सह-उत्पादक शब्द का आशय उन लोगों से है जो अपने समुदाय में सक्रिय हैं और उत्पादकों से संपर्क में रहकर अपने खाद्य पदार्थो के स्रोत के बारे में जानकारी प्राप्त करते हैं। वे संगठन की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने में योगदान करने वाले बनते हैं। स्लो फूड खाद्य उत्पादन को कारीगरी मानता है। इसी कारण संगठन को आशा है कि यदि उपभोक्ताओं को इस बारे में जागरूक किया जाए कि खाद्य पदार्थ कहां से आते हैं, तो वह अवश्य बदलाव के बारे में सोचेंगे। .

औद्योगीकरण और स्लो फूड के बीच समानता

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औद्योगीकरण और स्लो फूड के बीच तुलना

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संदर्भ

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