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उष्णदेशीय आयुर्विज्ञान और यक्ष्मा

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

उष्णदेशीय आयुर्विज्ञान और यक्ष्मा के बीच अंतर

उष्णदेशीय आयुर्विज्ञान vs. यक्ष्मा

नाइजेरिया में परीक्षण के लिये बच्चे का रक्त का नमूना लिया जा रहा है। उष्णदेशीय आयुर्विज्ञान उष्ण देशों के उन विशेष रोगों की चिकित्सा का विज्ञान है, जो अन्य देशों में नहीं होते। ये व्याधियाँ इन देशों में विशेष रूप से ऐसे कारणों पर निर्भर हैं जो इनके प्रसरण में सहायक हैं अथवा वे रोग हैं जो स्वच्छता के अभाव, शिक्षा के निम्न स्तर तथा लोगों की निम्न आर्थिक अवस्था से संबद्ध हैं। इस प्रकार के रोगों में पोषक तत्वों की कमी के कारण उत्पन्न रोग तथा कुछ संक्रामक रोग हैं। यद्यपि कुछ द्वैषिता (मैलिग्नैन्सी) तथा चिरकालिक व्ह्रिसन (क्रॉनिक डिजेनरेशन) वाले रोग इसके अंतर्गत आते हैं, तथापि जनस्वास्थ्य की दृष्टि से उनका स्थान गौण है। उष्णदेशीय आयुर्विज्ञान उन व्याधियों पर विशेष ध्यान देता है जो समशीतोष्ण किंतु अधिक उन्नत देशों में आभ्यंतरिक (दबी हुई) रहती हैं; परंतु यक्ष्मा (तपेदिक), उपदंश आदि व्याधियों पर, जो विश्व में समान रूप से फैली हुई हैं, विशेष ध्यान नहीं देता, यद्यपि ये ही रोग इन देशों में होनेवाली अधिकांश मृत्युओं का कारण होते हैं। पूर्वोक्त उष्णदेशीय व्याधियों की कसौटी कामचलाऊ ही है क्योंकि कुछ व्याधियाँ, जो अब उष्ण देशों के लिए आभ्यंतरिक हैं, पहले यहीं उग्र रूप में पाई जाती थीं। उदाहरण के लिए जुड़ी (मलेरिया) को लीजिए। यह १९वीं शताब्दी में उत्तरी संयुक्त राज्य अमरीका में पाया जाता था और अब वहाँ के लिए आभ्यंतरिक व्याधि है। उष्णदेशीय आयुर्विज्ञान में इसे महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है। . यक्ष्मा, तपेदिक, क्षयरोग, एमटीबी या टीबी (tubercle bacillus का लघु रूप) एक आम और कई मामलों में घातक संक्रामक बीमारी है जो माइक्रोबैक्टीरिया, आमतौर पर माइकोबैक्टीरियम तपेदिक के विभिन्न प्रकारों की वजह से होती है। क्षय रोग आम तौर पर फेफड़ों पर हमला करता है, लेकिन यह शरीर के अन्य भागों को भी प्रभावित कर सकता हैं। यह हवा के माध्यम से तब फैलता है, जब वे लोग जो सक्रिय टीबी संक्रमण से ग्रसित हैं, खांसी, छींक, या किसी अन्य प्रकार से हवा के माध्यम से अपना लार संचारित कर देते हैं। ज्यादातर संक्रमण स्पर्शोन्मुख और भीतरी होते हैं, लेकिन दस में से एक भीतरी संक्रमण, अंततः सक्रिय रोग में बदल जाते हैं, जिनको अगर बिना उपचार किये छोड़ दिया जाये तो ऐसे संक्रमित लोगों में से 50% से अधिक की मृत्यु हो जाती है। सक्रिय टीबी संक्रमण के आदर्श लक्षण खून-वाली थूक के साथ पुरानी खांसी, बुखार, रात को पसीना आना और वजन घटना हैं (बाद का यह शब्द ही पहले इसे "खा जाने वाला/यक्ष्मा" कहा जाने के लिये जिम्मेदार है)। अन्य अंगों का संक्रमण, लक्षणों की एक विस्तृत श्रृंखला प्रस्तुत करता है। सक्रिय टीबी का निदान रेडियोलोजी, (आम तौर पर छाती का एक्स-रे) के साथ-साथ माइक्रोस्कोपिक जांच तथा शरीर के तरलों की माइक्रोबायोलॉजिकल कल्चर पर निर्भर करता है। भीतरी या छिपी टीबी का निदान ट्यूबरक्यूलाइन त्वचा परीक्षण (TST) और/या रक्त परीक्षणों पर निर्भर करता है। उपचार मुश्किल है और इसके लिये, समय की एक लंबी अवधि में कई एंटीबायोटिक दवाओं के माध्यम से उपचार की आवश्यकता पड़ती है। यदि आवश्यक हो तो सामाजिक संपर्कों की भी जांच और उपचार किया जाता है। दवाओं के प्रतिरोधी तपेदिक (MDR-TB) संक्रमणों में एंटीबायोटिक प्रतिरोध एक बढ़ती हुई समस्या है। रोकथाम जांच कार्यक्रमों और बेसिलस काल्मेट-गुएरिन बैक्सीन द्वारा टीकाकरण पर निर्भर करती है। ऐसा माना जाता है कि दुनिया की आबादी का एक तिहाई एम.तपेदिक, से संक्रमित है, नये संक्रमण प्रति सेकंड एक व्यक्ति की दर से बढ़ रहे हैं। एक अनुमान के अनुसार, 2007 में विश्व में, 13.7 मिलियन जटिल सक्रिय मामले थे, जबकि 2010 में लगभग 8.8 मिलियन नये मामले और 1.5 मिलियन संबंधित मौतें हुई जो कि अधिकतर विकासशील देशों में हुई थीं। 2006 के बाद से तपेदिक मामलों की कुल संख्या कम हुई है और 2002 के बाद से नये मामलों में कमी आई है। तपेदिक का वितरण दुनिया भर में एक समान नहीं है; कई एशियाई और अफ्रीकी देशों में जनसंख्या का 80% ट्यूबरक्यूलाइन परीक्षणों में सकारात्मक पायी गयी, जबकि संयुक्त राज्य अमेरिका की आबादी का 5-10% परीक्षणों के प्रति सकारात्मक रहा है। प्रतिरक्षा में समझौते के कारण, विकासशील दुनिया के अधिक लोग तपेदिक से पीड़ित होते हैं, जो कि मुख्य रूप से HIV संक्रमण की उच्च दर और उसके एड्स में विकास के कारण होता है। .

उष्णदेशीय आयुर्विज्ञान और यक्ष्मा के बीच समानता

उष्णदेशीय आयुर्विज्ञान और यक्ष्मा आम में 2 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): संयुक्त राज्य, संक्रामक रोग

संयुक्त राज्य

संयुक्त राज्य अमेरिका (United States of America) (यू एस ए), जिसे सामान्यतः संयुक्त राज्य (United States) (यू एस) या अमेरिका कहा जाता हैं, एक देश हैं, जिसमें राज्य, एक फ़ेडरल डिस्ट्रिक्ट, पाँच प्रमुख स्व-शासनीय क्षेत्र, और विभिन्न अधिनस्थ क्षेत्र सम्मिलित हैं। 48 संस्पर्शी राज्य और फ़ेडरल डिस्ट्रिक्ट, कनाडा और मेक्सिको के मध्य, केन्द्रीय उत्तर अमेरिका में हैं। अलास्का राज्य, उत्तर अमेरिका के उत्तर-पश्चिमी भाग में स्थित है, जिसके पूर्व में कनाडा की सीमा एवं पश्चिम मे बेरिंग जलसन्धि रूस से घिरा हुआ है। वहीं हवाई राज्य, मध्य-प्रशान्त में स्थित हैं। अमेरिकी स्व-शासित क्षेत्र प्रशान्त महासागर और कॅरीबीयन सागर में बिखरें हुएँ हैं। 38 लाख वर्ग मील (98 लाख किमी2)"", U.S. Census Bureau, database as of August 2010, excluding the U.S. Minor Outlying Islands.

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संक्रामक रोग

संक्रामक रोग, रोग जो किसी ना किसी रोगजनित कारको (रोगाणुओं) जैसे प्रोटोज़ोआ, कवक, जीवाणु, वाइरस इत्यादि के कारण होते है। संक्रामक रोगों में एक शरीर से अन्य शरीर में फैलने की क्षमता होती है। मलेरिया, टायफायड, चेचक, इन्फ्लुएन्जा इत्यादि संक्रामक रोगों के उदाहरण हैं। .

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उष्णदेशीय आयुर्विज्ञान और यक्ष्मा के बीच तुलना

उष्णदेशीय आयुर्विज्ञान 5 संबंध है और यक्ष्मा 40 है। वे आम 2 में है, समानता सूचकांक 4.44% है = 2 / (5 + 40)।

संदर्भ

यह लेख उष्णदेशीय आयुर्विज्ञान और यक्ष्मा के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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