उच्च स्वैरकल्पना और महाकाव्य
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उच्च स्वैरकल्पना और महाकाव्य के बीच अंतर
उच्च स्वैरकल्पना vs. महाकाव्य
उच्च स्वैरकल्पना या महाकाव्य स्वैरकल्पना स्वैरकल्पना की एक उपविधा है, जो या तो उसके अभिविन्यास की महाकाव्य प्रकृति द्वारा या फिर उसके पात्रों, विषयवस्तुओं, या कथानकों के महाकाव्य कद द्वारा परिभाषित की जाती हैं।. संस्कृत काव्यशास्त्र में महाकाव्य (एपिक) का प्रथम सूत्रबद्ध लक्षण आचार्य भामह ने प्रस्तुत किया है और परवर्ती आचार्यों में दंडी, रुद्रट तथा विश्वनाथ ने अपने अपने ढंग से इस महाकाव्य(एपिक)सूत्रबद्ध के लक्षण का विस्तार किया है। आचार्य विश्वनाथ का लक्षण निरूपण इस परंपरा में अंतिम होने के कारण सभी पूर्ववर्ती मतों के सारसंकलन के रूप में उपलब्ध है।महाकाव्य में भारत को भारतवर्ष अथवा भरत का देश कहा गया है तथा भारत निवासियों को भारती अथवा भरत की संतान कहा गया है .
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संदर्भ
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