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आर्यभटीय और योजन

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

आर्यभटीय और योजन के बीच अंतर

आर्यभटीय vs. योजन

आर्यभटीय नामक ग्रन्थ की रचना आर्यभट प्रथम (४७६-५५०) ने की थी। यह संस्कृत भाषा में आर्या छंद में काव्यरूप में रचित गणित तथा खगोलशास्त्र का ग्रंथ है। इसकी रचनापद्धति बहुत ही वैज्ञानिक और भाषा बहुत ही संक्षिप्त तथा मंजी हुई है। इसमें चार अध्यायों में १२३ श्लोक हैं। आर्यभटीय, दसगीतिका पाद से आरम्भ होती है। इसके चार अध्याय इस प्रकार हैं: 1. योजन वैदिक काल की हिन्दू लम्बाई मापन की इकाई है। 100 योजन से एक महायोजन बनता है। चार गाव्यूति .

आर्यभटीय और योजन के बीच समानता

आर्यभटीय और योजन आम में एक बात है (यूनियनपीडिया में): योजन

योजन

योजन वैदिक काल की हिन्दू लम्बाई मापन की इकाई है। 100 योजन से एक महायोजन बनता है। चार गाव्यूति .

आर्यभटीय और योजन · योजन और योजन · और देखें »

सूची के ऊपर निम्न सवालों के जवाब

आर्यभटीय और योजन के बीच तुलना

आर्यभटीय 38 संबंध है और योजन 8 है। वे आम 1 में है, समानता सूचकांक 2.17% है = 1 / (38 + 8)।

संदर्भ

यह लेख आर्यभटीय और योजन के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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