लोगो
यूनियनपीडिया
संचार
Google Play पर पाएं
नई! अपने एंड्रॉयड डिवाइस पर डाउनलोड यूनियनपीडिया!
इंस्टॉल करें
ब्राउज़र की तुलना में तेजी से पहुँच!
 

आनंद चंद्र बरुआ और बकुल बनर कविता

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

आनंद चंद्र बरुआ और बकुल बनर कविता के बीच अंतर

आनंद चंद्र बरुआ vs. बकुल बनर कविता

आनंद चंद्र बरुआ असमिया भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक कविता–संग्रह बकुल बनर कविता के लिये उन्हें सन् 1977 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। . बकुल बनर कविता असमिया भाषा के विख्यात साहित्यकार आनंद चंद्र बरुआ द्वारा रचित एक कविता–संग्रह है जिसके लिये उन्हें सन् 1977 में असमिया भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

आनंद चंद्र बरुआ और बकुल बनर कविता के बीच समानता

आनंद चंद्र बरुआ और बकुल बनर कविता आम में 2 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): भारतीय साहित्य अकादमी, असमिया भाषा

भारतीय साहित्य अकादमी

भारत की साहित्य अकादमी भारतीय साहित्य के विकास के लिये सक्रिय कार्य करने वाली राष्ट्रीय संस्था है। इसका गठन १२ मार्च १९५४ को भारत सरकार द्वारा किया गया था। इसका उद्देश्य उच्च साहित्यिक मानदंड स्थापित करना, भारतीय भाषाओं और भारत में होनेवाली साहित्यिक गतिविधियों का पोषण और समन्वय करना है। .

आनंद चंद्र बरुआ और भारतीय साहित्य अकादमी · बकुल बनर कविता और भारतीय साहित्य अकादमी · और देखें »

असमिया भाषा

आधुनिक भारतीय आर्यभाषाओं की शृंखला में पूर्वी सीमा पर अवस्थित असम की भाषा को असमी, असमिया अथवा आसामी कहा जाता है। असमिया भारत के असम प्रांत की आधिकारिक भाषा तथा असम में बोली जाने वाली प्रमुख भाषा है। इसको बोलने वालों की संख्या डेढ़ करोड़ से अधिक है। भाषाई परिवार की दृष्टि से इसका संबंध आर्य भाषा परिवार से है और बांग्ला, मैथिली, उड़िया और नेपाली से इसका निकट का संबंध है। गियर्सन के वर्गीकरण की दृष्टि से यह बाहरी उपशाखा के पूर्वी समुदाय की भाषा है, पर सुनीतिकुमार चटर्जी के वर्गीकरण में प्राच्य समुदाय में इसका स्थान है। उड़िया तथा बंगला की भांति असमी की भी उत्पत्ति प्राकृत तथा अपभ्रंश से भी हुई है। यद्यपि असमिया भाषा की उत्पत्ति सत्रहवीं शताब्दी से मानी जाती है किंतु साहित्यिक अभिरुचियों का प्रदर्शन तेरहवीं शताब्दी में रुद्र कंदलि के द्रोण पर्व (महाभारत) तथा माधव कंदलि के रामायण से प्रारंभ हुआ। वैष्णवी आंदोलन ने प्रांतीय साहित्य को बल दिया। शंकर देव (१४४९-१५६८) ने अपनी लंबी जीवन-यात्रा में इस आंदोलन को स्वरचित काव्य, नाट्य व गीतों से जीवित रखा। सीमा की दृष्टि से असमिया क्षेत्र के पश्चिम में बंगला है। अन्य दिशाओं में कई विभिन्न परिवारों की भाषाएँ बोली जाती हैं। इनमें से तिब्बती, बर्मी तथा खासी प्रमुख हैं। इन सीमावर्ती भाषाओं का गहरा प्रभाव असमिया की मूल प्रकृति में देखा जा सकता है। अपने प्रदेश में भी असमिया एकमात्र बोली नहीं हैं। यह प्रमुखतः मैदानों की भाषा है। .

असमिया भाषा और आनंद चंद्र बरुआ · असमिया भाषा और बकुल बनर कविता · और देखें »

सूची के ऊपर निम्न सवालों के जवाब

आनंद चंद्र बरुआ और बकुल बनर कविता के बीच तुलना

आनंद चंद्र बरुआ 4 संबंध है और बकुल बनर कविता 6 है। वे आम 2 में है, समानता सूचकांक 20.00% है = 2 / (4 + 6)।

संदर्भ

यह लेख आनंद चंद्र बरुआ और बकुल बनर कविता के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

अरे! अब हम फेसबुक पर हैं! »