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आत्मज्ञान और वैदिक परम्परा

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

आत्मज्ञान और वैदिक परम्परा के बीच अंतर

आत्मज्ञान vs. वैदिक परम्परा

आत्मज्ञान मन के भीतर की जागरूपता है। भारतीय दर्शन में इसका प्रतीक शिव, विष्णु अथवा शक्ति हैं। इसका वर्णन बहुत वेद और उपनिषद में मिलता है। वैदिक परम्परा के अनुसार इस परम्परा का गूढ रहस्य चेतना अथवा आत्मज्ञान विज्ञान है। श्रेणी:भारतीय दर्शन आत्माज्ञान अस्तित्व के साथ एकत्व की अनुभूति है।. वैदिक परम्परा वेद धर्म अथवा हिन्दू धर्म का दूसरा नाम है। इस के अनुसार इस परम्परा का गूढ रहस्य चेतना अथवा आत्मज्ञान विज्ञान है। श्रेणी:वैदिक धर्म.

आत्मज्ञान और वैदिक परम्परा के बीच समानता

आत्मज्ञान और वैदिक परम्परा आम में 3 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): चेतना, वेद, आत्मज्ञान

चेतना

१७वीं सदी से चेतना का एक चित्रण चेतना कुछ जीवधारियों में स्वयं के और अपने आसपास के वातावरण के तत्वों का बोध होने, उन्हें समझने तथा उनकी बातों का मूल्यांकन करने की शक्ति का नाम है। विज्ञान के अनुसार चेतना वह अनुभूति है जो मस्तिष्क में पहुँचनेवाले अभिगामी आवेगों से उत्पन्न होती है। इन आवेगों का अर्थ तुरंत अथवा बाद में लगाया जाता है। .

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वेद

वेद प्राचीन भारत के पवितत्रतम साहित्य हैं जो हिन्दुओं के प्राचीनतम और आधारभूत धर्मग्रन्थ भी हैं। भारतीय संस्कृति में वेद सनातन वर्णाश्रम धर्म के, मूल और सबसे प्राचीन ग्रन्थ हैं, जो ईश्वर की वाणी है। ये विश्व के उन प्राचीनतम धार्मिक ग्रंथों में हैं जिनके पवित्र मन्त्र आज भी बड़ी आस्था और श्रद्धा से पढ़े और सुने जाते हैं। 'वेद' शब्द संस्कृत भाषा के विद् शब्द से बना है। इस तरह वेद का शाब्दिक अर्थ 'ज्ञान के ग्रंथ' है। इसी धातु से 'विदित' (जाना हुआ), 'विद्या' (ज्ञान), 'विद्वान' (ज्ञानी) जैसे शब्द आए हैं। आज 'चतुर्वेद' के रूप में ज्ञात इन ग्रंथों का विवरण इस प्रकार है -.

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आत्मज्ञान

आत्मज्ञान मन के भीतर की जागरूपता है। भारतीय दर्शन में इसका प्रतीक शिव, विष्णु अथवा शक्ति हैं। इसका वर्णन बहुत वेद और उपनिषद में मिलता है। वैदिक परम्परा के अनुसार इस परम्परा का गूढ रहस्य चेतना अथवा आत्मज्ञान विज्ञान है। श्रेणी:भारतीय दर्शन आत्माज्ञान अस्तित्व के साथ एकत्व की अनुभूति है।.

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सूची के ऊपर निम्न सवालों के जवाब

आत्मज्ञान और वैदिक परम्परा के बीच तुलना

आत्मज्ञान 10 संबंध है और वैदिक परम्परा 4 है। वे आम 3 में है, समानता सूचकांक 21.43% है = 3 / (10 + 4)।

संदर्भ

यह लेख आत्मज्ञान और वैदिक परम्परा के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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