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अल-राज़ी और आयुर्विज्ञान

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

अल-राज़ी और आयुर्विज्ञान के बीच अंतर

अल-राज़ी vs. आयुर्विज्ञान

मुहम्मद इब्न जकारिया राजी (अरबी: أبو بكر محمد بن يحيى بن زكريا الرازي‎ अबू बक्र मोहम्मद बिन याहिया बिन जकारिया अल-राजी; फारसी: محمد زکریای رازی‎ मोहम्मद-ए-जकारिया-ए-राजी), फारस (इरान) के प्रसिद्ध हकीम थे (संभवत: सन् ८५०-९२३)। इनका जन्म तेहरान के पास राज नामक नगर में हुआ था। इनके जन्म तथा मृत्यु का यथार्थ समय अनिश्चित है। ये फारस की खाड़ी पर स्थित बसरा नगर में बस गए थे। अरबी में चिकित्साशास्त्र पर पुस्तक लिखनेवाले हकीमों में इन्हें अग्रगण्य समझा जाता है। इन्होंने लगभग २०० पुस्तकें लिखीं, जिनमें चिकित्साशास्त्र की अन्य पुस्तकों के सिवाय इस विषय का एक सार्वभौम कोश तथा गणित, ज्योतिष, धर्म और दर्शनशास्त्र पर भी पुस्तकें थीं। अपनी एक पुस्तक में इन्होंने सर्वप्रथम चेचक को मसूरिका से भिन्न रोग बताया। इनकी अरबी की पुस्तकों का अनुवाद लैटिन भाषा में किया गया और इस प्रकार इनके द्वारा संचित ज्ञान का यूरोप में प्रसार हुआ। . आधुनिक गहन चिकित्सा कक्ष (ICU) आयुर्विज्ञान, विज्ञान की वह शाखा है जिसका संबंध मानव शरीर को निरोग रखने, रोग हो जाने पर रोग से मुक्त करने अथवा उसका शमन करने तथा आयु बढ़ाने से है।आयुर्विज्ञान विज्ञान की वह शाखा है, जिसका संबंध मानव शरीर को निरोग रखने, रोग हो जाने पर रोग से मुक्त करने अथवा उसका निदान करने तथा आयु बढ़ाने से है। भारत आयुर्विज्ञान का जन्मदाता है। अपने प्रारम्भिक समय में आयुर्विज्ञान का अध्ययन जीव विज्ञान की एक शाखा के समान ही किया गया था। बाद में 'शरीर रचना' तथा 'शरीर क्रिया विज्ञान' आदि को इसका आधार बनाया गया। .

अल-राज़ी और आयुर्विज्ञान के बीच समानता

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अल-राज़ी और आयुर्विज्ञान के बीच तुलना

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संदर्भ

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