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अब इंसाफ़ होगा (1995 फ़िल्म) और साधना सरगम

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

अब इंसाफ़ होगा (1995 फ़िल्म) और साधना सरगम के बीच अंतर

अब इंसाफ़ होगा (1995 फ़िल्म) vs. साधना सरगम

अब इंसाफ़ होगा 1995 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। . साधना सरगम साधना सरगम (जन्म: 7 जुलाई 1962, असली नाम: साधना पुरुषोत्तम घाणेकर) भारतीय सिनेमा में काम करने वाली महिला पार्श्वगायिका हैं। साधना चार साल की आयु से गाने गा रही है। विश्वात्मा के "सात समुंदर पार" गाने से उन्हें ख्याति मिली। उनका जन्म महाराष्ट्र के दाभोल में संगीतकारों के परिवार में हुआ। "पहला नशा पहला खुमार", "दर्द करारा", "साईं राम साईं श्याम साईं भगवान", "बिन साजन झूला झूलूं", "धीरे धीरे आप मेरे", "चंदा रे चंदा रे", "हमको मालूम है", "माही वे", "क्या मौसम आया है", "सलाम-ए-इश्क", "अंगना में बाबा", "मेरी नींद मेरा चैन", "तेरा नाम लेने की", "तुझसे क्या चोरी है", "आइये आपका इंतजार था", "सुनो मियां सुनो", "ऐतबार नहीं करना" उनके मशहूर हिन्दी गीत है। उन्होंने लगभग हर भारतीय भाषा में गाने गाए हैं। .

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संदर्भ

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