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भारत के विदेश सचिव और २०१४ में निधन

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

भारत के विदेश सचिव और २०१४ में निधन के बीच अंतर

भारत के विदेश सचिव vs. २०१४ में निधन

भारतीय विदेश सचिव भारत के विदेशों से सम्बंध में विदेश मंत्रालय में नियुक्त के सर्वोच्च्य राजनयिक होते हैं। विदेश सचिव भारतीय विदेश सेवा के अनुभवी अफसर होते हैं जो विभिन्न देशों में राजदूत रह चुके हैं। . निम्नलिखित सूची २०१४ में निधन हो गये लोगों की है। यहाँ पर सभी दिनांक के क्रमानुसार हैं और एक दिन की दो या अधिक प्रविष्टियाँ होने पर उनके मूल नाम को वर्णक्रमानुसार में दिया गया है। यहाँ लिखने का अनुक्रम निम्न है.

भारत के विदेश सचिव और २०१४ में निधन के बीच समानता

भारत के विदेश सचिव और २०१४ में निधन आम में एक बात है (यूनियनपीडिया में): जगत मेहता

जगत मेहता

जगत मेहता एक प्रबुद्ध समाजकर्मी और सेवानिवृत्त भारतीय विदेश सेवा अधिकारी थे। 17 जुलाई 1922 को प्रख्यात शिक्षाविद् डॉ॰ मोहन सिंह मेहता तथा विद्यादेवी के घर जन्मे जगत मेहता की प्रारंभिक शिक्षा विद्या भवन स्कूल में हुई। मेहता की उच्च शिक्षा इलाहाबाद विश्वविद्यालय तथा कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में हुई। मेहता मार्च 1947 में भारतीय विदेश सेवा में चयनित हुए तथा विदेश नीति आयोजना विभाग के पहले प्रमुख बने। इससे पूर्व, जगत सिंह मेहता इलाहाबाद विश्वविद्यालय में प्राध्यापक तथा भारतीय नौसेना में भी कार्यरत रहे थे। जगत मेहता की 1960 में भारत चीन सीमा-विवाद सुलझाने, 1975 में युगाण्डा से निकाले गये भारतीयों के मुद्दे का निराकरण करने, 1976 में पाकिस्तान के साथ सामान्य संबंधों की बहाली, भारत पाकिस्तान के मध्य 1976 में सलाल बांध एवं 1977 में फरक्का बांध विवाद निपटाने तथा नेपाल के साथ 1978 में व्यापारिक रिश्तों संबंधी समझौतों में ऐतिहासिक भूमिका रही। जगत मेहता ने अपने विदेश सेवा काल में 50 से अधिक देशों के साथ भारत के बहुपक्षीय संबंधों पर नेतृत्व किया। कॉमनवैल्थ प्रधानमंत्रियों तथा संयुक्त राष्ट्र संघ के विभिन्न सम्मेलनों व बैठकों में मेहता की उपस्थिति व योगदान भारत की वैदेशिक कूटनीति के इतिहास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। जगत मेहता 1976 से 1979 के मध्य, देश के विदेश-सचिव रहे। वे टेक्सास विश्वविद्यालय में विजिटिंग प्रोफेसर भी रहे। जगत सिंह मेहता अपने पिता द्वारा संस्थापित संस्था सेवा मन्दिर से पूरी उम्र जुड़े रहे तथा समाज-कार्यों के माध्यम से इन्होंने उदयपुर के लगभग 400 गांवों के समेकित विकास में प्रमुख भूमिका निभाई। 1985 से 94 तक वे सेवा मन्दिर के अध्यक्ष भी रहे तथा 1993 से 2000 तक उदयपुर की ही एक प्रतिष्ठित शिक्षण संस्था विद्या भवन के अध्यक्ष रहे। 1985 से अंत तक डॉ॰ मोहन सिंह मेहता मेमोरियल ट्रस्ट के प्रन्यासी भी रहे। जगत मेहता उदयपुर स्थित झील संरक्षण समिति के अध्यक्ष भी थे तथा उदयपुर की झीलों के लिये चिंता करते रहे। उनके परिवार में तीन पुत्र विक्रम मेहता, अजय मेहता तथा उदय मेहता एवं एक पुत्री विजया हैं। विदेश नीति के क्षेत्र में सम्पूर्ण विश्व में विशिष्ट पहचान रखने वाले तथा प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू से लेकर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह तक को विदेश नीति के मसलों पर सारगर्भित सलाह देने वाले, पूर्व विदेश सचिव पद्मभूषण जगत मेहता का 6 मार्च 2014 गुरूवार को उदयपुर में निधन हुआ। .

जगत मेहता और भारत के विदेश सचिव · जगत मेहता और २०१४ में निधन · और देखें »

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भारत के विदेश सचिव और २०१४ में निधन के बीच तुलना

भारत के विदेश सचिव 39 संबंध है और २०१४ में निधन 194 है। वे आम 1 में है, समानता सूचकांक 0.43% है = 1 / (39 + 194)।

संदर्भ

यह लेख भारत के विदेश सचिव और २०१४ में निधन के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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