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उपभाषा विज्ञान और हिंदी की विभिन्न बोलियाँ और उनका साहित्य

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

उपभाषा विज्ञान और हिंदी की विभिन्न बोलियाँ और उनका साहित्य के बीच अंतर

उपभाषा विज्ञान vs. हिंदी की विभिन्न बोलियाँ और उनका साहित्य

उपभाषा विज्ञान या बोली विज्ञान (Dialectology) भाषाविज्ञान की एक है शाखा जो बोलियों को भौगोलिक वितरण और व्याकरण की दृष्टि से अपने अध्ययन का लक्ष्य बनाती है। भौगोलिक वितरण पर विचार करते हुए सामाजिक वर्गों, जातीय स्तरों, व्यावसायिक वैविध्यों और धार्मिक, सांस्कृतिक विशेषताओं का भी ध्यान रखा जाता है। इन सब के अतिरिक्त बोली विज्ञान का एक लक्ष्य और भी है जिसे कोशविज्ञान (lexicology) का अंग माना जाता है। इसमें विभिन्न बोलियों के शब्दों को ध्वन्यात्मक प्रतिलेखन (Phonetic Transcription) में संगृहीत कर उनकी संकेतसीमा (Referent Range) स्पष्ट की जाती है। . हिन्दी की अनेक बोलियाँ (उपभाषाएँ) हैं, जिनमें अवधी, ब्रजभाषा, कन्नौजी, बुंदेली, बघेली, भोजपुरी, हरयाणवी, राजस्थानी, छत्तीसगढ़ी, मालवी, झारखंडी, कुमाउँनी, मगही आदि प्रमुख हैं। इनमें से कुछ में अत्यंत उच्च श्रेणी के साहित्य की रचना हुई है। ऐसी बोलियों में ब्रजभाषा और अवधी प्रमुख हैं। यह बोलियाँ हिन्दी की विविधता हैं और उसकी शक्ति भी। वे हिन्दी की जड़ों को गहरा बनाती हैं। हिन्दी की बोलियाँ और उन बोलियों की उपबोलियाँ हैं जो न केवल अपने में एक बड़ी परंपरा, इतिहास, सभ्यता को समेटे हुए हैं वरन स्वतंत्रता संग्राम, जनसंघर्ष, वर्तमान के बाजारवाद के खिलाफ भी उसका रचना संसार सचेत है। मोटे तौर पर हिंद (भारत) की किसी भाषा को 'हिंदी' कहा जा सकता है। अंग्रेजी शासन के पूर्व इसका प्रयोग इसी अर्थ में किया जाता था। पर वर्तमानकाल में सामान्यतः इसका व्यवहार उस विस्तृत भूखंड को भाषा के लिए होता है जो पश्चिम में जैसलमेर, उत्तर पश्चिम में अंबाला, उत्तर में शिमला से लेकर नेपाल की तराई, पूर्व में भागलपुर, दक्षिण पूर्व में रायपुर तथा दक्षिण-पश्चिम में खंडवा तक फैली हुई है। हिंदी के मुख्य दो भेद हैं - पश्चिमी हिंदी तथा पूर्वी हिंदी। .

उपभाषा विज्ञान और हिंदी की विभिन्न बोलियाँ और उनका साहित्य के बीच समानता

उपभाषा विज्ञान और हिंदी की विभिन्न बोलियाँ और उनका साहित्य आम में एक बात है (यूनियनपीडिया में): उपभाषा

उपभाषा

उपभाषा (अंग्रेज़ी: dialect, डायालॅक्ट​) किसी भाषा के ऐसे विशेष रूप को बोलते हैं जिसे उस भाषा के बोलने वाले लोगों में एक भिन्न समुदाय प्रयोग करता हो। अक्सर 'उपभाषा' किसी भाषा के क्षेत्रीय प्रकारों को कहा जाता है, उदाहरण के लिए छत्तीसगढ़ी, हरयाणवी, मारवाड़ी, ब्रजभाषा और खड़ीबोली हिन्दी की कुछ क्षेत्रीय उपभाषाएँ हैं।, Manisha Kulshreshtha, Ramkumar Mathur, pp.

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उपभाषा विज्ञान और हिंदी की विभिन्न बोलियाँ और उनका साहित्य के बीच तुलना

उपभाषा विज्ञान 4 संबंध है और हिंदी की विभिन्न बोलियाँ और उनका साहित्य 60 है। वे आम 1 में है, समानता सूचकांक 1.56% है = 1 / (4 + 60)।

संदर्भ

यह लेख उपभाषा विज्ञान और हिंदी की विभिन्न बोलियाँ और उनका साहित्य के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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