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हाथी

सूची हाथी

अफ़्रीकी हाथी का कंकाल हाथी जमीन पर रहने वाला एक विशाल आकार का प्राणी है। यह जमीन पर रहने वाला सबसे विशाल स्तनपायी है। यह एलिफैन्टिडी कुल और प्रोबोसीडिया गण का प्राणी है। आज एलिफैन्टिडी कुल में केवल दो प्रजातियाँ जीवित हैं: ऍलिफ़स तथा लॉक्सोडॉण्टा। तीसरी प्रजाति मैमथ विलुप्त हो चुकी है।जीवित दो प्रजातियों की तीन जातियाँ पहचानी जाती हैं:- ''लॉक्सोडॉण्टा'' प्रजाति की दो जातियाँ - अफ़्रीकी खुले मैदानों का हाथी (अन्य नाम: बुश या सवाना हाथी) तथा (अफ़्रीकी जंगलों का हाथी) - और ऍलिफ़स जाति का भारतीय या एशियाई हाथी।हालाँकि कुछ शोधकर्ता दोनों अफ़्रीकी जातियों को एक ही मानते हैं,अन्य मानते हैं कि पश्चिमी अफ़्रीका का हाथी चौथी जाति है।ऍलिफ़ॅन्टिडी की बाकी सारी जातियाँ और प्रजातियाँ विलुप्त हो गई हैं। अधिकतम तो पिछले हिमयुग में ही विलुप्त हो गई थीं, हालाँकि मैमथ का बौना स्वरूप सन् २००० ई.पू.

59 संबंधों: चिड़ियाघर, एलिफैन्टिडी, एशिया, एशियाई हाथी, डीऑक्सीराइबो न्यूक्लिक अम्ल, तस्करी, दक्षिण अफ़्रीका, द्वीप, धूप, नर, परभक्षी, परजीवी, पश्चिमी अफ्रीका, प्राणी, प्रोबोसीडिया, पूर्वी अफ्रीका, बोर्नियो, भारत, भारतीय हाथी, महाद्वीप, मैमथ, यूनान, रज्जुकी, लिंग, शाकाहार, सहारा मरुस्थल, सिंह, सवाना, सुमात्रा, स्तनधारी, सूंस, सूअर, हाथीदाँत, हिमयुग, जाति, जाति (जीवविज्ञान), जॉन एडवर्ड ग्रे, वनमानुष, वर्षावन, विलुप्ति, गर्भ काल, गाय, इंडोनेशिया, कशेरुकी प्राणी, क्रीत, अफ़्रीका, अफ़्रीकी हाथी, अवैध शिकार, अंगोला, उपजाति, ..., १९५५, १९७९, १९८०, १९९०, १९९५, २०००, २००७, २००८, २०१० सूचकांक विस्तार (9 अधिक) »

चिड़ियाघर

कैलिफोर्निया के सैन डिएगो चिड़ियाघर का प्रवेश द्वार, मई 2007. चिड़ियाघर या प्राणिउपवन (Zoological garden) वह संस्थान है जहाँ जीवित पशु पक्षियों को बहुत बड़ी संख्या में संग्रहीत कर रखा जाता है। लोग इन संग्रहित पशु पक्षियों को सुविधा और सुरक्षापूर्वक देख सकें इसकी भी व्यवस्था की जाती है। यहाँ उनके प्रजनन और चिकित्सा आदि की भी व्यवस्था होती है। दुनिया भर में आम जनता के लिए खोले गए प्रमुख पशु संग्रहालयों की संख्या अब 1,000 से भी अधिक है और उनमें से लगभग 80 प्रतिशत शहरों में हैं। जीवित पशु पक्षियों के संग्रह को रखने की परिपाटी बहुत प्राचीन है। ऐसे उपवनों के होने का सबसे पुराना उल्लेख चीन में ईसा के 1200 वर्ष पूर्व में मिलता है। चीन के चाऊ वंश के प्रथम शासक के पास उस समय ऐसा एक पशु पक्षियों का संग्रहालय था। ईसा के 2000 वर्ष पूर्व के मिस्रवासियों की कब्रों के आसपास पशुओं की हड्डियाँ पाई गई हैं, जिससे पता लगता है कि वे लोग आमोद प्रमोद के लिए अपने आसपास पशुओं को रखा करते थे। पीछे रोमन लोग भी पशुओं को पकड़कर अपने पास रखते थे। प्राचीन रोमनों और यूनानियों के पास ऐसे संग्रह थे जिनमें सिंह, बाघ, चीता, तेंदुए आदि रहते थे। ऐसा पता लगता है कि ईसा के 29 वर्ष पूर्व ऑगस्टस ऑक्टेवियस (Augustus Octavious) के पास 410 बाघ, 260 चीते और 600 अफ्रीकी जंतुओं का संग्रह था, जिसमें बाघ राइनोसिरस, हिपोपॉटैमस (दरियाई घोड़ा), भालू, हाथी, मकर, साँप, सील (seal), ईगल (उकाब) इत्यादि थे। पीछे जंतुओं के संग्रह की दिशा में उत्तरोत्तर वृद्धि हेती रही है और आज संसार के प्रत्येक देश और प्रत्येक बड़े-बड़े नगर में प्राणिउपवन विद्यमान हैं। .

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एलिफैन्टिडी

एलिफैन्टिडी (Elephantidae) विशालकाय, शाकाहारी, स्तनपोषी प्राणियों का कुल है। इसके प्राणियों को सामूहिक रूप से हाथी और मैमथ (mammoth) कहते हैं। श्रेणी:स्तनपोषी कुल.

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एशिया

एशिया या जम्बुद्वीप आकार और जनसंख्या दोनों ही दृष्टि से विश्व का सबसे बड़ा महाद्वीप है, जो उत्तरी गोलार्द्ध में स्थित है। पश्चिम में इसकी सीमाएं यूरोप से मिलती हैं, हालाँकि इन दोनों के बीच कोई सर्वमान्य और स्पष्ट सीमा नहीं निर्धारित है। एशिया और यूरोप को मिलाकर कभी-कभी यूरेशिया भी कहा जाता है। एशियाई महाद्वीप भूमध्य सागर, अंध सागर, आर्कटिक महासागर, प्रशांत महासागर और हिन्द महासागर से घिरा हुआ है। काकेशस पर्वत शृंखला और यूराल पर्वत प्राकृतिक रूप से एशिया को यूरोप से अलग करते है। कुछ सबसे प्राचीन मानव सभ्यताओं का जन्म इसी महाद्वीप पर हुआ था जैसे सुमेर, भारतीय सभ्यता, चीनी सभ्यता इत्यादि। चीन और भारत विश्व के दो सर्वाधिक जनसंख्या वाले देश भी हैं। पश्चिम में स्थित एक लंबी भू सीमा यूरोप को एशिया से पृथक करती है। तह सीमा उत्तर-दक्षिण दिशा में नीचे की ओर रूस में यूराल पर्वत तक जाती है, यूराल नदी के किनारे-किनारे कैस्पियन सागर तक और फिर काकेशस पर्वतों से होते हुए अंध सागर तक। रूस का लगभग तीन चौथाई भूभाग एशिया में है और शेष यूरोप में। चार अन्य एशियाई देशों के कुछ भूभाग भी यूरोप की सीमा में आते हैं। विश्व के कुल भूभाग का लगभग ३/१०वां भाग या ३०% एशिया में है और इस महाद्वीप की जनसंख्या अन्य सभी महाद्वीपों की संयुक्त जनसंख्या से अधिक है, लगभग ३/५वां भाग या ६०%। उत्तर में बर्फ़ीले आर्कटिक से लेकर दक्षिण में ऊष्ण भूमध्य रेखा तक यह महाद्वीप लगभग ४,४५,७९,००० किमी क्षेत्र में फैला हुआ है और अपने में कुछ विशाल, खाली रेगिस्तानों, विश्व के सबसे ऊँचे पर्वतों और कुछ सबसे लंबी नदियों को समेटे हुए है। .

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एशियाई हाथी

एशियाई हाथी ऍलिफ़स प्रजाति की एकमात्र जीवित जाति है जो पश्चिम में भारत से लेकर पूर्व में बोर्नियो द्वीप तक पाया जाता है। इसकी तीन उपजातियाँ पहचानी जाती हैं —ऍलिफ़स मॅक्सिमस मॅक्सिमस श्रीलंका में, भारतीय हाथी (ऍलिफ़स मॅक्सिमस इन्डिकस) एशियाई मुख्यभूमि में, तथा ऍलिफ़स मॅक्सिमस सुमात्रेनस इंडोनीशिया के सुमात्रा द्वीप में। एशिया में यह ज़मीन का सबसे बड़ा जीवित प्राणी है। सन् १९८६ ई. से आइ.यू.सी.ऍन. ने इसे विलुप्तप्राय जाति की सूचि में डाला है क्योंकि पिछली तीन पीढ़ियों (क़रीब ६० से ७५ वर्ष) से इसकी आबादी में ५० प्रतिशत की गिरावट पायी गई है। यह जाति वस्तुतः आवासीय क्षेत्र की कमी, अधःपतन तथा विखण्डन का शिकार हुई है।सन् २००३ ई. में इसकी जंगली आबादी ४१,४१० तथा ५२,३४५ के बीच आंकी गई थी। एशियाई हाथी दीर्घायु होते हैं; सबसे लम्बी आयु ८६ वर्ष की दर्ज की गई है। सदियों से इस जानवर को दक्षिणी तथा दक्षिण पूर्वी एशिया में पालतू बनाया गया है तथा इसका विभिन्न प्रकार से उपयोग किया गया है। प्राचीन भारत में इसको घोड़ों की तरह सेना में प्रयोग किया जाता था। इसको धार्मिक जुलूसों में भी इसतेमाल किया जाता है। आधुनिक काल में इसे जंगल से पेड़ों के लट्ठे ढोने के काम में लाया जाता है। इसको पर्यटकों को, तथा राष्ट्रीय उद्यानों में सवारी कराने में भी इस्तेमाल किया जाता है।जंगली हाथियों को देखने के लिए विदेशी पर्यटक उन जगहों में आते हैं जहाँ उनके दिखने की सबसे ज़्यादा संभावना होती है;इससे राज्य को आमदनी भी होती है, लेकिन ऐसी जगहें ख़तरनाक होती हैं क्योंकि जंगली हाथी क़ाफ़ी आक्रामक होते हैं और मनुष्य की उपस्थिति में भगदड़ मचाते हैं जिससे खेती को क़ाफ़ी नुकसान होता है और ऐसी अवस्था में हाथी गाँवों में घुसकर जान-माल को नुकसान पहुँचाते हैं। .

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डीऑक्सीराइबो न्यूक्लिक अम्ल

डीएनए के घुमावदार सीढ़ीनुमा संरचना के एक भाग की त्रिविम (3-D) रूप डी एन ए जीवित कोशिकाओं के गुणसूत्रों में पाए जाने वाले तंतुनुमा अणु को डी-ऑक्सीराइबोन्यूक्लिक अम्ल या डी एन ए कहते हैं। इसमें अनुवांशिक कूट निबद्ध रहता है। डी एन ए अणु की संरचना घुमावदार सीढ़ी की तरह होती है। डीएनए की एक अणु चार अलग-अलग रास वस्तुओं से बना है जिन्हें न्यूक्लियोटाइड कहते है। हर न्यूक्लियोटाइड एक नाइट्रोजन युक्त वस्तु है। इन चार न्यूक्लियोटाइडोन को एडेनिन, ग्वानिन, थाइमिन और साइटोसिन कहा जाता है। इन न्यूक्लियोटाइडोन से युक्त डिऑक्सीराइबोस नाम का एक शक्कर भी पाया जाता है। इन न्यूक्लियोटाइडोन को एक फॉस्फेट की अणु जोड़ती है। न्यूक्लियोटाइडोन के सम्बन्ध के अनुसार एक कोशिका के लिए अवश्य प्रोटीनों की निर्माण होता है। अतः डी इन ए हर एक जीवित कोशिका के लिए अनिवार्य है। डीएनए आमतौर पर क्रोमोसोम के रूप में होता है। एक कोशिका में गुणसूत्रों के सेट अपने जीनोम का निर्माण करता है; मानव जीनोम 46 गुणसूत्रों की व्यवस्था में डीएनए के लगभग 3 अरब आधार जोड़े है। जीन में आनुवंशिक जानकारी के प्रसारण की पूरक आधार बाँधना के माध्यम से हासिल की है। उदाहरण के लिए, एक कोशिका एक जीन में जानकारी का उपयोग करता है जब प्रतिलेखन में, डीएनए अनुक्रम डीएनए और सही आरएनए न्यूक्लियोटाइडों के बीच आकर्षण के माध्यम से एक पूरक शाही सेना अनुक्रम में नकल है। आमतौर पर, यह आरएनए की नकल तो शाही सेना न्यूक्लियोटाइडों के बीच एक ही बातचीत पर निर्भर करता है जो अनुवाद नामक प्रक्रिया में एक मिलान प्रोटीन अनुक्रम बनाने के लिए प्रयोग किया जाता है। वैकल्पिक भानुमति में एक कोशिका बस एक प्रक्रिया बुलाया डीएनए प्रतिकृति में अपने आनुवंशिक जानकारी कॉपी कर सकते हैं। डी एन ए की रूपचित्र की खोज अंग्रेजी वैज्ञानिक जेम्स वॉटसन और के द्वारा सन १९५३ में किया गया था। इस खोज के लिए उन्हें सन १९६२ में नोबेल पुरस्कार सम्मानित किया गया। .

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तस्करी

तस्करी अवैध रूप से सामान या व्यक्तियों के एक देश से दूसरे देश के परिवहन को कहते हैं। तस्करी करने वाले व्यक्ति को तस्कर कहते हैं। तस्करी की अभिप्रेरणा के विभिन्न कारण हैं जिनमें आर्थिक लाभ प्रधान कारण है। इसके अंतर्गत नशीले पदार्थों का लाना-ले जाना, व्यक्तियों का अवैध प्रवास करवाना, कर की चोरी, कारागार के अंदर कैदी को प्रतिबन्धित वस्तुएँ पहुँचाना या तस्करी की जानी वाली वस्तु आदि विषय आते हैं। हवाई अड्डे पर विदेश से ख़रीदी वस्तु का सीमा शुल्क जमा न करना भी तस्करी की परिधि में आता है। श्रेणी:परिवहन.

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दक्षिण अफ़्रीका

दक्षिण अफ़्रीका (साउथ अफ़्रीका भी कहा जाता है, अंग्रेज़ी उच्चारण: साउथ् ऍफ़्रिक) अफ़्रीका महाद्वीप के दक्षिणी छोर पर स्थित एक गणराज्य है। इसकी सीमाएँ उत्तर में नामीबिया, बोत्सवाना और ज़िम्बाब्वे और उत्तर-पूर्व में मोज़ाम्बिक़ और स्वाज़ीलैंड के साथ लगती हैं, जबकि लेसूथो एक स्वतंत्र देश है, जो पूरी तरह से दक्षिण अफ़्रीका से घिरा हुआ है। आधुनिक मानव की बसाहट दक्षिण अफ़्रीका में एक लाख साल पुरानी है। यूरोपीय लोगों के आगमन के दौरान क्षेत्र में रहने वाले बहुसंख्यक स्थानीय लोग आदिवासी थे, जो अफ़्रीका के विभिन्न क्षेत्रों से हजार साल पहले आए थे। 4थी-5वीं सदी के दौरान बांतू भाषी आदिवासी दक्षिण को ओर बढ़े और दक्षिण अफ़्रीका के वास्तविक निवासियों, खोई सान लोगों, को विस्थापित करने के साथ-साथ उनके साथ शामिल भी हो गए। यूरोपीय लोगों के आगमन के दौरान कोसा और ज़ूलु दो बड़े समुदाय थे। केप समुद्री मार्ग की खोज के करीबन डेढ़ शताब्दी बाद 1962 में डच ईस्ट इंडिया कंपनी ने उस जगह पर खानपान केंद्र (रिफ्रेशमेंट सेंटर) की स्थापना की, जिसे आज केप टाउन के नाम से जाना जाता है। 1806 में केप टाउन ब्रिटिश कॉलोनी बन गया। 1820 के दौरान बुअर (डच, फ्लेमिश, जर्मन और फ्रेंच सेटलर्ज़) और ब्रिटिश लोगों के देश के पूर्वी और उत्तरी क्षेत्रों में बसने के साथ ही यूरोपीय बसाहट में वृद्धि हुई। इसके साथ ही क्षेत्र पर क़ब्ज़े के लिए कोसा, जुलू और अफ़्रिकानरों के बीच झड़पें भी बढ़ती गई। हीरे और बाद में सोने की खोज के साथ ही 19वीं सदी में द्वंद शुरू हो गया, जिसे अंग्रेज़-बुअर युद्ध के नाम से जाना जाता है। हालाँकि ब्रिटिश ने बुअरों पर युद्ध में जीत हासिल कर ली थी, लेकिन 1910 में दक्षिण अफ़्रीका को ब्रिटिश डोमिनियन के तौर पर सीमित स्वतंत्रता प्रदान की। 1961 में दक्षिण अफ़्रीका को गणराज्य का दर्जा मिला। देश के भीतर और बाहर विरोध के बावजूद सरकार ने रंगभेद की नीति को जारी रखा। 20वीं सदी में देश की दमनकारी नीतियों के विरोध में बहिष्कार करना शुरू किया। काले दक्षिण अफ़्रीकी और उनके सहयोगियों के सालों के अंदरुनी विरोध, कार्रवाई और प्रदर्शन के परिणामस्वरूप आख़िरकार 1990 में दक्षिण अफ़्रीकी सरकार ने वार्ता शुरू की, जिसकी परिणति भेदभाव वाली नीति के ख़त्म होने और 1994 में लोकतांत्रिक चुनाव से हुई। देश फिर से राष्ट्रकुल देशों में शामिल हुआ। दक्षिण अफ़्रीका, अफ़्रीका में जातीय रूप से सबसे ज़्यादा विविधताओं वाला देश है और यहाँ अफ़्रीका के किसी भी देश से ज़्यादा सफ़ेद लोग रहते हैं। अफ़्रीकी जनजातियों के अलावा यहाँ कई एशियाई देशों के लोग भी हैं जिनमे सबसे ज़्यादा भारत से आये लोगों की संख्या है। .

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द्वीप

फीजी का एक लघु द्वीप एड्रियाटिक सागर का एक द्वीप समुई द्वीप, थाईलैंड संयुक्त राज्य के निचले सैरैनैक झील में एक द्वीप द्वीप स्थलखण्ड के एसे भाग होतें हैं, जिनके चारों ओर जल का विस्तार पाया जाता हैं। आकार में द्वीप छोटे भी हो सकते हैं तथा बड़े भी। इनका आकार कुछ वर्ग मीटर से लेकर ह्ज़ारों वर्ग किलोमीटर तक पाया जाता हैं। .

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धूप

धूप सूर्यकिरणों से सीधे प्रकाश और गरमी को कहते हैं। इसके अंतर्गत विकिरण के दृश्य अंश (visible parts) ही नहीं आते, वरन् अदृश्य नीललोहित (blue and red) और अवरक्त किरणें (infrared) भी आती हैं। इसमें सूर्य की परावर्तित और प्रकीर्णित किरणें सम्मिलित नहीं हैं। .

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नर

मानव के नरों को पुरुष (♂) कहा जाता है। एक जीव का लिंग है जो की छोटे मोबाइल गमेट्स पैदा करता हैं जिसे की स्पर्म या शुक्राणु भी कहते हैं। हर एक शुक्राणु एक मादा अंडे के साथ क्रिया कर एक गर्भ के रूप में विकास कर सकता हैं। हर कोई प्रजाति इस पुरुष और स्त्री के पहचान से नहीं जानी जा सकती है। इंसानों और जानवरों में लिंग जहाँ लिंग (अंग) से बताया जा सकता हैं वही अन्य जीवो में यह कई अन्य बातों पर निर्भर करता हैं। .

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परभक्षी

भारतीय अजगर एक चीतल को मुदुमलाई वन्यजीव अभयारण्य, केरल में निगलता हुआ परभक्षी (predator) वह वन्य जीव होता है जो अन्य प्राणियों का शिकार करके उन्हें खाकर अपना तथा अपने परिवार का पेट भरता है।Begon, M., Townsend, C., Harper, J. (1996).

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परजीवी

परजीवी का मतलब होता है दूसरे जीवो पर आश्रित जीव.

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पश्चिमी अफ्रीका

अफ्रीका महाद्वीप के दक्षिणी भाग को दक्षिणी अफ्रीका कहते हैं। इसमें बोत्सवानालेसोथोनामीबियादक्षिण अफ्रीकास्वाजीलैंड देश आते हैं। इनके विस्तृत आंकड़े इस प्रकार से हैं:- .

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प्राणी

प्राणी या जंतु या जानवर 'ऐनिमेलिया' (Animalia) या मेटाज़ोआ (Metazoa) जगत के बहुकोशिकीय और सुकेंद्रिक जीवों का एक मुख्य समूह है। पैदा होने के बाद जैसे-जैसे कोई प्राणी बड़ा होता है उसकी शारीरिक योजना निर्धारित रूप से विकसित होती जाती है, हालांकि कुछ प्राणी जीवन में आगे जाकर कायान्तरण (metamorphosis) की प्रकिया से गुज़रते हैं। अधिकांश जंतु गतिशील होते हैं, अर्थात अपने आप और स्वतंत्र रूप से गति कर सकते हैं। ज्यादातर जंतु परपोषी भी होते हैं, अर्थात वे जीने के लिए दूसरे जंतु पर निर्भर रहते हैं। अधिकतम ज्ञात जंतु संघ 542 करोड़ साल पहले कैम्ब्रियन विस्फोट के दौरान जीवाश्म रिकॉर्ड में समुद्री प्रजातियों के रूप में प्रकट हुए। .

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प्रोबोसीडिया

हाथी गण या प्रोबोसीडिया (Proboscidea), शुंडधारी जंतुओं का एक गण है। भारत तथा अफ्रीका में पाए जानेवाले हाथी 'स्तनपायी' वर्ग के 'शुंडी' गण के जंतुओं का प्रतिनिधित्व करते हैं। ये जंतु अपने शुंड एवं विशाल शरीर के कारण अन्य जीवित स्तनपायी जंतुओं से भिन्न होते हैं। परंतु इन्हीं जंतुओं के सदृश आकारवाले कई विलुप्त जंतुओं के जीवाश्म पूर्व काल से ज्ञात हैं। उन प्राचीन जंतुओं की तुलना अन्य स्तनपायी जंतुओं से की जा सकती है। .

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पूर्वी अफ्रीका

अफ्रीका महाद्वीप के पूर्वी भाग को पूर्वी अफ्रीका कहते हैं। इसमें बुरूंडीकोमोरोज़जिबूतीईरीट्रियाइथियोपियाकीनियामैडागास्करमलावीमारीशसमोजाम्बिकरवांडासेशल्ससोमालियातंजानियायुगांडाजाम्बियाज़िम्बाबवे देश आते हैं। इनके विस्तृत आंकड़े इस प्रकार से हैं:- .

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बोर्नियो

बोर्नियो (इण्डोनेशियाई: कालिमंतान, मलय: बोर्नियो, अंग्रेज़ी: Borneo) विश्व का तीसरा सबसे बड़ा और एशिया का सबसे बड़ा द्वीप है। भौगोलिक रूप से यह जावा से उत्तर में, सुलावेसी से पश्चिम में और सुमात्रा से पूर्व में स्थित है। यह इंडोनेशिया, मलेशिया एवं ब्रुनेई देशों में बंटा हुआ है। बोर्नियो का लगभग ७३% क्षेत्रफल इंडोनेशिया में आता है। द्वीप के उत्तर में पूर्वी मलेशिया के साबाह और सारावाक राज्य पूरे द्वीपीय क्षेत्रफल के २६% हैं जबकि नन्हा ब्रुनेई देश इसका केवल १% ही है। बोर्नियो का एक बड़ा भूभाग जंगलों से ढका हुआ है और यह पृथ्वी से सबसे प्राचीन जंगलों में से हैं। .

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भारत

भारत (आधिकारिक नाम: भारत गणराज्य, Republic of India) दक्षिण एशिया में स्थित भारतीय उपमहाद्वीप का सबसे बड़ा देश है। पूर्ण रूप से उत्तरी गोलार्ध में स्थित भारत, भौगोलिक दृष्टि से विश्व में सातवाँ सबसे बड़ा और जनसंख्या के दृष्टिकोण से दूसरा सबसे बड़ा देश है। भारत के पश्चिम में पाकिस्तान, उत्तर-पूर्व में चीन, नेपाल और भूटान, पूर्व में बांग्लादेश और म्यान्मार स्थित हैं। हिन्द महासागर में इसके दक्षिण पश्चिम में मालदीव, दक्षिण में श्रीलंका और दक्षिण-पूर्व में इंडोनेशिया से भारत की सामुद्रिक सीमा लगती है। इसके उत्तर की भौतिक सीमा हिमालय पर्वत से और दक्षिण में हिन्द महासागर से लगी हुई है। पूर्व में बंगाल की खाड़ी है तथा पश्चिम में अरब सागर हैं। प्राचीन सिन्धु घाटी सभ्यता, व्यापार मार्गों और बड़े-बड़े साम्राज्यों का विकास-स्थान रहे भारतीय उपमहाद्वीप को इसके सांस्कृतिक और आर्थिक सफलता के लंबे इतिहास के लिये जाना जाता रहा है। चार प्रमुख संप्रदायों: हिंदू, बौद्ध, जैन और सिख धर्मों का यहां उदय हुआ, पारसी, यहूदी, ईसाई, और मुस्लिम धर्म प्रथम सहस्राब्दी में यहां पहुचे और यहां की विविध संस्कृति को नया रूप दिया। क्रमिक विजयों के परिणामस्वरूप ब्रिटिश ईस्ट इण्डिया कंपनी ने १८वीं और १९वीं सदी में भारत के ज़्यादतर हिस्सों को अपने राज्य में मिला लिया। १८५७ के विफल विद्रोह के बाद भारत के प्रशासन का भार ब्रिटिश सरकार ने अपने ऊपर ले लिया। ब्रिटिश भारत के रूप में ब्रिटिश साम्राज्य के प्रमुख अंग भारत ने महात्मा गांधी के नेतृत्व में एक लम्बे और मुख्य रूप से अहिंसक स्वतन्त्रता संग्राम के बाद १५ अगस्त १९४७ को आज़ादी पाई। १९५० में लागू हुए नये संविधान में इसे सार्वजनिक वयस्क मताधिकार के आधार पर स्थापित संवैधानिक लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित कर दिया गया और युनाईटेड किंगडम की तर्ज़ पर वेस्टमिंस्टर शैली की संसदीय सरकार स्थापित की गयी। एक संघीय राष्ट्र, भारत को २९ राज्यों और ७ संघ शासित प्रदेशों में गठित किया गया है। लम्बे समय तक समाजवादी आर्थिक नीतियों का पालन करने के बाद 1991 के पश्चात् भारत ने उदारीकरण और वैश्वीकरण की नयी नीतियों के आधार पर सार्थक आर्थिक और सामाजिक प्रगति की है। ३३ लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल के साथ भारत भौगोलिक क्षेत्रफल के आधार पर विश्व का सातवाँ सबसे बड़ा राष्ट्र है। वर्तमान में भारतीय अर्थव्यवस्था क्रय शक्ति समता के आधार पर विश्व की तीसरी और मानक मूल्यों के आधार पर विश्व की दसवीं सबसे बडी अर्थव्यवस्था है। १९९१ के बाज़ार-आधारित सुधारों के बाद भारत विश्व की सबसे तेज़ विकसित होती बड़ी अर्थ-व्यवस्थाओं में से एक हो गया है और इसे एक नव-औद्योगिकृत राष्ट्र माना जाता है। परंतु भारत के सामने अभी भी गरीबी, भ्रष्टाचार, कुपोषण, अपर्याप्त सार्वजनिक स्वास्थ्य-सेवा और आतंकवाद की चुनौतियां हैं। आज भारत एक विविध, बहुभाषी, और बहु-जातीय समाज है और भारतीय सेना एक क्षेत्रीय शक्ति है। .

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भारतीय हाथी

कोण्णि, पतनम्तिट्ट में एक हाथी प्रशिक्षण केंद्र में सोमन नामक हाथी भारतीय हाथी, एलिफ़ास मैक्सिमस इंडिकस एशियाई हाथी की चार उपजातियों में से एक है। यह अधिकतम मात्रा में भारत में मिलता है। यह उपप्रजाति बांग्लादेश, पाकिस्तान, भूटान, कंबोडिया, चीन, लाओस, मलेशियाई प्रायद्वीप, बर्मा/म्यांमार, नेपाल, थाईलैंड और वियतनाम में भी पाया जाता है। एशियाई हाथी की तीन अन्य उपजातियाँ हैं सुमात्राई हाथी (ए.मै. सुमात्रानुस), श्रीलंकाई हाथी (ए.मै. मैक्सिमस) और बोर्नियो का हाथी (ए.मै. बोर्निएंसिस)। .

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महाद्वीप

महाद्वीपों को समाहित या विभाजित किया जा सकता है, उदाहरणतः यूरेशिया को प्रायः यूरोप तथा एशिया में विभाजित किया जाता है लाल रंग में। बक्मिन्स्टर फुलर द्वारा डायमैक्सियम नक्शा जो दर्शित करता है भूमिखण्ड कम से कम विरूपण समेत, एक एक लगातार महाद्वीप में बंटे हुए विश्व के महाद्वीप महाद्वीप (en:Continent) एक विस्तृत ज़मीन का फैलाव है जो पृथ्वी पर समुद्र से अलग दिखाई देतै हैं। महाद्वीप को व्यक्त करने के कोई स्पष्ट मापदण्ड नहीं है। अलग-अलग सभ्यताओं और वैज्ञानिकों नें महाद्वीप की अलग परिभाषा दी है। पर आम राय ये है कि एक महाद्वीप धरती बहुत बड़ा का विस्तृत क्षेत्र होता है जिसकी सीमाएं स्पष्ट पहचानी जा सके.

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मैमथ

मैमथ (अंग्रेजी:Mammoth), एक विशालकाय हाथी सदृश जीव था जो अब विलुप्त हो चुका है। इसका वैज्ञानिक नाम 'मैमुथस प्राइमिजीनियस'(Mammuthus primigenius) है। यह साइबेरिया के टुंड्रा प्रदेश में बर्फ में दबे एक हाथी का नाम है, जो अब विलुप्त हो चुका है, परन्तु बर्फ के कारण जिसका संपूर्ण मृत शरीर आज भी सुरक्षित मिला है। अनुमान लगाया जाता है कि फ्रांस में यह जंतु हिम युग के अंत तक और साइबीरिया में संभवत: और आगे तक जीवित रहा होगा। मैमथ शब्द की उत्पत्ति साइबीरियाई भाषा के 'मैमथ' शब्द से मानी जाती है, जिसका अभिप्राय 'भूमि के नीचे रहनेवाले जंतु' से होता है। चूँकि इस हाथी का शरीर सदैव जमे हुए बर्फीले कीचड़ के नीचे ही पाया गया है, अत: उस देश के किसान मैमथ को एक प्रकार का वृहत छछूँदर ही समझते थे। फ्रांस की गुफाओं में पूर्व प्रस्तरयुगीन (Palaeolithic) शिकारी मानव के उपर्युक्त हाथी के बहुत से चित्र बनाकर छोड़े हैं, जिससे स्पष्ट हो जाता है कि यह जंतु पहले यूरोप (और संभवत: भारत और उत्तरी अमरीका, जहाँ उससे मिलते जुलते हाथियों के अवशेष प्राप्त हुए हैं) में रहा करता था और हिम युग के समाप्त होने और बर्फ के खिसकने पर भोजन की खोज में उत्तर की ओर बढ़ा और वहाँ की दलदली भूमि में अपने भारी शरीर के कारण धँस गया तथा दलदल के साथ जम गया। आकार में मैमथ वर्तमान हाथियों के ही बराबर होते थे, परंतु कई गुणों में उनसे भिन्न थे। उदाहरणार्थ वर्तमान हाथियों के प्रतिकूल मैमथ का शरीर भूरे और काले तथा कई स्थानों पर जमीन तक लंबे बालों से ढँका था, खोपड़ी छोटी और ऊँची, कान छोटे तथा मैमथ दंत (tusk) अत्यधिक (14 फुट तक) लंबे (यद्यपि कमजोर) थे। मैमथ दंत की एक विशेषता यह भी थी कि वे सर्पिल (spiral) थे। मैमथ दंत इतनी अच्छी दशा में सुरक्षित हैं कि आज भी उद्योग में उनका उपयोग है और मध्कालीन समय में तो साइबेरिया से लेकर चीन के मध्य उनका अच्छा व्यापार भी होता था। सच तो यह है कि बर्फ में दबे रहने के कारण मैमथों, का सारा शरीर ही इतनी अच्छी दशा में सुरक्षित मिला है कि न केवल इनका मांस खाने योग्य पाया गया वरन उनके मुँह और आमाशय में पड़ा उस समय का भोजन भी अभी तक सुरक्षित मिला है। .

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यूनान

यूनान यूरोप महाद्वीप में स्थित देश है। यहां के लोगों को यूनानी अथवा यवन कहते हैं। अंग्रेजी तथा अन्य पश्चिमी भाषाओं में इन्हें ग्रीक कहा जाता है। यह भूमध्य सागर के उत्तर पूर्व में स्थित द्वीपों का समूह है। प्राचीन यूनानी लोग इस द्वीप से अन्य कई क्षेत्रों में गए जहाँ वे आज भी अल्पसंख्यक के रूप में मौज़ूद है, जैसे - तुर्की, मिस्र, पश्चिमी यूरोप इत्यादि। यूनानी भाषा ने आधुनिक अंग्रेज़ी तथा अन्य यूरोपीय भाषाओं को कई शब्द दिये हैं। तकनीकी क्षेत्रों में इनकी श्रेष्ठता के कारण तकनीकी क्षेत्र के कई यूरोपीय शब्द ग्रीक भाषा के मूलों से बने हैं। इसके कारण ये अन्य भाषाओं में भी आ गए हैं।ग्रीस की महिलाएं देह व्यापार के धंधे में सबसे आगे है.

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रज्जुकी

रज्जुकी (संघ कॉर्डेटा) जीवों का एक समूह है जिसमें कशेरुकी (वर्टिब्रेट) और कई निकट रूप से संबंधित अकशेरुकी (इनवर्टिब्रेट) शामिल हैं। इनका इस संघ मे शामित होना इस आधार पर सिद्ध होता है कि यह जीवन चक्र मे कभी न कभी निम्न संरचनाओं को धारण करते हैं जो हैं, एक पृष्ठ‍रज्जु (नोटोकॉर्ड), एक खोखला पृष्ठीय तंत्रिका कॉर्ड, फैरेंजियल स्लिट एक एंडोस्टाइल और एक पोस्ट-एनल पूंछ। संघ कॉर्डेटा तीन उपसंघों मे विभाजित है: यूरोकॉर्डेटा, जिसका प्रतिनिधित्व ट्युनिकेट्स द्वारा किया जाता है; सेफालोकॉर्डेटा, जिसका प्रतिनिधित्व लैंसलेट्स द्वारा किया जाता है और क्रेनिएटा, जिसमे वर्टिब्रेटा शामिल हैं। हेमीकॉर्डेटा को चौथे उपसंघ के रूप मे प्रस्तुत किया जाता है पर अब इसे आम तौर पर एक अलग संघ के रूप में जाना जाता है। यूरोकॉर्डेट के लार्वा में एक नोटॉकॉर्ड और एक तंत्रिका कॉर्ड पायी जाती है पर वयस्क होने पर यह लुप्त हो जातीं हैं। सेफालोकॉर्डेट एक नोटॉकॉर्ड और एक तंत्रिका कॉर्ड पायी जाती है लेकिन कोई मस्तिष्क या विशेष संवेदना अंग नहीं होता और इनका एक बहुत ही सरल परिसंचरण तंत्र होता है। क्रेनिएट ही वह उपसंघ है जिसके सदस्यों में खोपड़ी मिलती है। इनमे वास्तविक देहगुहा पाई जाती है। इनमे जनन स्तर सदैव त्री स्तरीय पाया जाता है। सामान्यत लैंगिक जनन पाया जाता है। सामान्यत प्रत्यक्ष विकास होता है। इनमे RBC उपस्थित होती है। इनमे द्वीपार्शविय सममिती पाई जाती है। इसके जंतु अधिक विकसित होते है। श्रेणी:जीव विज्ञान *.

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लिंग

व्याकरण से सम्बन्धित 'लिंग' के लिये लिंग (व्याकरण) देखें। ---- मानव पुरुष और स्त्री का वाह्य दृष्य जीवविज्ञान में लिंग (Sex, Gender) से तात्पर्य उन पहचानों या लक्षणों से जिनके द्वारा जीवजगत् में नर को मादा से पृथक् पहचाना जाता है। जंतुओं में असंख्य जंतु ऐसे होते हैं जिन्हें केवल बाह्य चिह्नों से ही नर, या मादा नहीं कहा जा सकता। नर तथा मादा का निर्णय दो प्रकार के चिह्नों, प्राथमिक (primary) और गौण (secondary) लैंगिक लक्षणों (sexual characters), द्वारा किया जाता है। वानस्पतिक जगत् में नर तथा मादा का भेद, विकसित प्राणियों की भाँति, पृथक्-पृथक् नहीं पाया जाता। जो की सत्य है। .

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शाकाहार

दुग्ध उत्पाद, फल, सब्जी, अनाज, बादाम आदि बीज सहित वनस्पति-आधारित भोजन को शाकाहार (शाक + आहार) कहते हैं। शाकाहारी व्यक्ति मांस नहीं खाता है, इसमें रेड मीट अर्थात पशुओं के मांस, शिकार मांस, मुर्गे-मुर्गियां, मछली, क्रस्टेशिया या कठिनी अर्थात केंकड़ा-झींगा आदि और घोंघा आदि सीपदार प्राणी शामिल हैं; और शाकाहारी चीज़ (पाश्चात्य पनीर), पनीर और जिलेटिन में पाए जाने वाले प्राणी-व्युत्पन्न जामन जैसे मारे गये पशुओं के उपोत्पाद से बने खाद्य से भी दूर रह सकते हैं। हालाँकि, इन्हें या अन्य अपरिचित पशु सामग्रियों का उपभोग अनजाने में कर सकते हैं। शाकाहार की एक अत्यंत तार्किक परिभाषा ये है कि शाकाहार में वे सभी चीजें शामिल हैं जो वनस्पति आधारित हैं, पेड़ पौधों से मिलती हैं एवं पशुओं से मिलने वाली चीजें जिनमें कोई प्राणी जन्म नहीं ले सकता। इसके अतिरिक्त शाकाहार में और कोई चीज़ शामिल नहीं है। इस परिभाषा की मदद से शाकाहार का निर्धारण किया जा सकता है। उदाहरण के लिये दूध, शहद आदि से बच्चे नहीं होते जबकि अंडे जिसे कुछ तथाकथित बुद्धजीवी शाकाहारी कहते है, उनसे बच्चे जन्म लेते हैं। अतः अंडे मांसाहार है। प्याज़ और लहसुन शाकाहार हैं किन्तु ये बदबू करते हैं अतः इन्हें खुशी के अवसरों पर प्रयोग नहीं किया जाता। यदि कोई मनुष्य अनजाने में, भूलवश, गलती से या किसी के दबाव में आकर मांसाहार कर लेता है तो भी उसे शाकाहारी ही माना जाता है। पूरी दुनिया का सबसे पुराना धर्म सनातन धर्म भी शाकाहार पर आधारित है। इसके अतिरिक्त जैन धर्म भी शाकाहार का समर्थन करता है। सनातन धर्म के अनुयायी जिन्हें हिन्दू भी कहा जाता है वे शाकाहारी होते हैं। यदि कोई व्यक्ति खुद को हिन्दू बताता है किंतु मांसाहार करता है तो वह धार्मिक तथ्यों से हिन्दू नहीं रह जाता। अपना पेट भरने के लिए या महज़ जीभ के स्वाद के लिए किसी प्राणी की हत्या करना मनुष्यता कदापि नहीं हो सकती। इसके अतिरिक्त एक अवधारणा यदि भी है कि शाकाहारियों में मासूमियत और बीमारियों से लड़ने की क्षमता ज़्यादा होती है। नैतिक, स्वास्थ्य, पर्यावरण, धार्मिक, राजनीतिक, सांस्कृतिक, सौंदर्य, आर्थिक, या अन्य कारणों से शाकाहार को अपनाया जा सकता है; और अनेक शाकाहारी आहार हैं। एक लैक्टो-शाकाहारी आहार में दुग्ध उत्पाद शामिल हैं लेकिन अंडे नहीं, एक ओवो-शाकाहारी के आहार में अंडे शामिल होते हैं लेकिन गोशाला उत्पाद नहीं और एक ओवो-लैक्टो शाकाहारी के आहार में अंडे और दुग्ध उत्पाद दोनों शामिल हैं। एक वेगन अर्थात अतिशुद्ध शाकाहारी आहार में कोई भी प्राणी उत्पाद शामिल नहीं हैं, जैसे कि दुग्ध उत्पाद, अंडे और सामान्यतः शहद। अनेक वेगन प्राणी-व्युत्पन्न किसी अन्य उत्पादों से भी दूर रहने की चेष्टा करते हैं, जैसे कि कपड़े और सौंदर्य प्रसाधन। अर्द्ध-शाकाहारी भोजन में बड़े पैमाने पर शाकाहारी खाद्य पदार्थ हुआ करते हैं, लेकिन उनमें मछली या अंडे शामिल हो सकते हैं, या यदा-कदा कोई अन्य मांस भी हो सकता है। एक पेसेटेरियन आहार में मछली होती है, मगर मांस नहीं। जिनके भोजन में मछली और अंडे-मुर्गे होते हैं वे "मांस" को स्तनपायी के गोश्त के रूप में परिभाषित कर सकते हैं और खुद की पहचान शाकाहार के रूप में कर सकते हैं। हालाँकि, शाकाहारी सोसाइटी जैसे शाकाहारी समूह का कहना है कि जिस भोजन में मछली और पोल्ट्री उत्पाद शामिल हों, वो शाकाहारी नहीं है, क्योंकि मछली और पक्षी भी प्राणी हैं।शाकाहारी मछली नहीं खाते हैं, शाकाहारी सोसाइटी, 2 मई 2010 को पुनःप्राप्त.

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सहारा मरुस्थल

पाठ.

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सिंह

सिंह के कई अर्थ हो सकते हैं:-.

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सवाना

सवाना उष्णकटिबंधीय घास के मैदानों को कहते हैं। यहां पर्याप्त रूप से छोटे वृक्ष ऐसे लगे होते हैं, कि यह क्षेत्र एकदम एकसार घना हरा भरा रहता है। ये फैले हुए वृक्षो के साथ घास के मैदान है। File:Acacia_Bild1086.jpg File:Tropical_savannah_(Top_End).jpg File:East_-_Guinean_Savanna_001.JPG श्रेणी:पारितंत्र श्रेणी:घास के मैदान श्रेणी:घासभूमियाँ श्रेणी:अफ़्रीका की घासभूमियाँ श्रेणी:उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय घासभूमियाँ, सवाना और क्षुपभूमियाँ.

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सुमात्रा

सुमात्रा इंडोनिशया देश का एक द्वीप है। मलय द्वीप समूहों में यह सबसे बड़ा है और मलाया जलसंधि (मेलक्का) के ठीक पश्चिम में स्थित है। यह उन द्वीपों में सबसे बड़ा है जिस पर इंडोनेशिया का संपूर्ण राजनैतिक शासन है। इसके अतिरिक्त यह दुनिया का ६ठा सबसे बड़ा द्वीप है। अंदमान तथा जावा द्वीपों के बीच स्थित इन द्वीपों का आकार लंबाई में खिंचा हुआ और उत्तरपश्चिम से दक्षिणपूर्व की ओर है। पश्चिमी तट के निकट बरिसान पहाड़याँ हैं जिनमे कुछ ज्वालामुखी भी हैं। साल २००४ में यहाँ सुनामी की वजह से बहुत तबाही हुई थी। श्रेणी:हिन्द महासागर के द्वीप श्रेणी:बृहत्तर सुन्दा द्वीपसमूह * श्रेणी:इण्डोनेशिया के द्वीप.

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स्तनधारी

यह प्राणी जगत का एक समूह है, जो अपने नवजात को दूध पिलाते हैं जो इनकी (मादाओं के) स्तन ग्रंथियों से निकलता है। यह कशेरुकी होते हैं और इनकी विशेषताओं में इनके शरीर में बाल, कान के मध्य भाग में तीन हड्डियाँ तथा यह नियततापी प्राणी हैं। स्तनधारियों का आकार २९-३३ से.मी.

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सूंस

सूंस। सूंस (डॉल्फिन) समुद्री स्तनधारी जीव हैं और तिमि तथा शिंशुमार के निकट संबंधी हैं। इनके १७ वंश और ४० प्रजातियां हैं। इनका आकार १.२ मी (४ फीट) एवं ४०० कि.ग्रा (माउई सूंस) से लेकर ९.५ मी (३० फीट) १० टन (ऑर्का या किलर व्हेल) तक हो सकता है। ये विश्व भर में पाई जाती हैं, खास तौर पर महाद्वीपीय जलसीमा के उथले सागरीय क्षेत्रों में। ये मांसाहारी होती हैं और छोटी मछलियों और विद्रूपों को खाती हैं। सीटेसियन गण में डेल्फिनिडि सबसे बड़ा और अपेक्षाकृत नवीन कुल है। सूंसो का प्रादुर्भाव पृथ्वी पर लगभग १ करोड़ वर्ष पहले मियोसीन काल के दौरान हुआ था। सूंस पृथ्वी के कुछ सबसे अधिक बुद्धिमान जीवों में से एक है और उनके अक्सर दोस्ताना व्यवहार और हमेशा खुश रहने की आदत ने उन्हें मानवो के बीच खासा लोकप्रिय बना दिया है। गंगा नदी में पायी जाने वाली सूंस को भारत सरकार ने भारत का राष्ट्रीय जलीय जीव घोषित किया है। .

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सूअर

सूकरी और उसका एक बच्चा सूअर (Pig) आर्टियोडेक्टिला गण (Order Artiodactyla) के सुइडी कुल (family Suidae) के जीव, जिनमें संसार के सभी जंगली और पालतू सूअर सम्मिलित हैं, इसके अंतर्गत आते हैं। इन खुर वाले प्राणियों की खाल बहुत मोटी होती है और इनके शरीर जो थोड़े बहुत बाल रहते हैं वे बहुत कड़े होते हैं। इनका थूथन आगे की ओऱ चपटा रहता है जिसके भीतर मुलायम हड्डी का एक चक्र सा रहता है जो थूथन को कड़ा बनाए रखता है। इसी थूथन के सहारे ये जमीन खोद डालते हैं और भारी-भारी पत्थरों को आसानी से उलट देते हैं। .

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हाथीदाँत

इटली के संग्रहालय में ११वीं शताब्दी का हाथीदाँत ईरान के साअदाबाद राजमहल में नक्काशीदार हाथीदाँत हाथीदाँत या गजदन्त हाथी के उन दो दाँतों को कहते हैं जो हाथी के मुँह से बाहर निकले होते हैं और बहुमूल्य माने जाते हैं। पुराने समय में इनसे कई प्रकार की बहुमूल्य वस्तुएँ निर्मित की जाती थीं, यहाँ तक की मनुष्य के नकली दाँत भी इनसे बनते थे। हाथीदाँत के कारण हाथियों का अवैध शिकार किया जाता है तथा उनकी संख्या तेज़ी से गिरने के कारण वह जंगल में संकटग्रस्त हो गये हैं। यही कारण है कि अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर हाथीदाँत के व्यापार पर रोक लगा दी गई है।"To Save An Elephant" by Allan Thornton & Dave Currey, Doubleday 1991 ISBN 0-385-40111-6 हाथीदाँत के कई सजावटी और व्यावहारिक उपयोग हैं। जिन मै हाथ मै पहन ने की चूडियाँ, कंगन,गहने रखने के बक्से आदि शामिल हैं ! प्लास्टिक के ईजाद से पहले, यह बिलियर्ड गेंदों, पियानो चाबियों, स्कॉटिश बैगपाइप (वाद्ययंत्र), बटन और विस्तृत सजावटी सामान के लिए इस्तेमाल किया गया था। फिर हाथीदाँत के लिए कृत्रिम विकल्प विकसित किये गये। प्लास्टिक पियानो चाबियों को पियानो के जानकार एक निम्न विकल्प मानते हैं, हालांकि हाल में विकसित अन्य कृत्रिम सामग्री हाथीदाँत से बनी पियानो चाबियों का बेहतर अहसास कराती हैं। .

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हिमयुग

हिमयुग के दौरान बर्फ़ की चादर का फैलाव ऐन्टार्कटिका पर बर्फ़ की चादर हिमयुग या हिमानियों का युग पृथ्वी के जीवन में आने वाले ऐसे युगों को कहते हैं जिनमें पृथ्वी की सतह और वायुमंडल का तापमान लम्बे अरसों के लिए कम हो जाता है, जिस से महाद्वीपों के बड़े भूभाग पर हिमानियाँ (ग्लेशियर) फैल जाते हैं। ऐसे हिमयुग पृथ्वी पर बार-बार आयें हैं और विज्ञानिकों का मानना है के यह भविष्य में भी आते रहेंगे। आख़री हिमयुग अपनी चरम सीमा पर अब से लगभग २०,००० साल पूर्व था। माना जाता है कि यह हिमयुग लगभग १२,००० वर्ष पूर्व समाप्त हो गया, लेकिन कुछ वैज्ञानिकों का कहना है कि ग्रीनलैंड और ऐन्टार्कटिका पर अभी भी बर्फ़ की चादरें होने का अर्थ है कि यह हिमयुग अपने अंतिम चरणों पर है और अभी समाप्त नहीं हुआ है। जब यह युग अपने चरम पर था तो उत्तरी भारत का काफ़ी क्षेत्र हिमानियों की बर्फ़ की मोटी तह से हज़ारों साल तक ढका हुआ था। .

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जाति

भारतीय समाज जातीय सामाजिक इकाइयों से गठित और विभक्त है। श्रमविभाजनगत आनुवंशिक समूह भारतीय ग्राम की कृषिकेंद्रित व्यवस्था की विशेषता रही है। यहाँ की सामाजिक व्यवस्था में श्रमविभाजन संबंधी विशेषीकरण जीवन के सभी अंगों में अनुस्यूत है और आर्थिक कार्यों का ताना बाना इन्हीं आनुवंशिक समूहों से बनता है। यह जातीय समूह एक ओर तो अपने आंतरिक संगठन से संचालित तथा नियमित है और दूसरी ओर उत्पादन सेवाओं के आदान प्रदान और वस्तुओं के विनिमय द्वारा परस्पर संबद्ध हैं। समान पंमरागत पेशा या पेशे, समान धार्मिक विश्वास, प्रतीक सामाजिक और धार्मिक प्रथाएँ एवं व्यवहार, खानपान के नियम, जातीय अनुशासन और सजातीय विवाह इन जातीय समूहों की आंतरिक एकता को स्थिर तथा दृढ़ करते हैं। इसके अतिरिक्त पूरे समाज की दृष्टि में प्रत्येक जाति का सोपानवत्‌ सामाजिक संगठन में एक विशिष्ट स्थान तथा मर्यादा है जो इस सर्वमान्य धार्मिक विश्वास से पुष्ट है कि प्रत्येक मनुष्य की जाति तथा जातिगत धंधे दैवी विधान से निर्दिष्ट हैं और व्यापक सृष्टि के अन्य नियमों की भाँति प्रकृत तथा अटल हैं एक गाँव में स्थित परिवारों का ऐसा समूह वास्तव में अपनी बड़ी जातीय इकाई का अंग होता है जिसका संगठन तथा क्रियात्मक संबंधों की दृष्टि से एक सीमित क्षेत्र होता है, जिसकी परिधि सामान्यत: 20-25 मील होती है। उस क्षेत्र में जातिविशेष की एक विशिष्ट आर्थिक तथा सामाजिक मर्यादा होती है जो उसके सदस्यों को, जो जन्मना होते हैं, परंपरा से प्राप्त होती है। यह जातीय मर्यादा जीवन पर्यंत बनी रहती है और जातीय धंधा छोड़कर दूसरा धंधा अपनाने से तथा आमदनी के उतार चढ़ाव से उसपर कोई प्रभाव नहीं पड़ता। यह मर्यादा जातीय-पेशा, आर्थिक स्थिति, धार्मिक संस्कार, सांस्कृतिक परिष्कार और राजनीतिक सत्ता से निर्धारित होती है और निर्धारकों में परिवर्तन आने से इसमें परिवर्तन भी संभव है। किंतु एक जाति स्वयं अनेक उपजातियों तथा समूहों में विभक्त रहती है। इस विभाजन का आधार बहुधा एक ही पेशे के अंदर विशेषीकरण के भेद प्रभेद होते हैं। किंतु भौगोलिक स्थानांतरण ने भी एक ही परंपरागत धंधा करनेवाली एकाधिक जातियों को साथ साथ रहने का अवसर दिया है। कभी कभी जब किसी जाति का एक अंग अपने परंपरागत पेशे के स्थान पर दूसरा पेशा अपना लेता है तो कालक्रम में वह एक पृथक्‌ जाति बन जाता है। उच्च हिंदू जातियों में गोत्रीय विभाजन भी विद्यमान हैं। गोत्रों की उपायोगिता मात्र इतनी ही है कि वे किसी जाति के बहिविवाही समूह बनाते हैं। और एक गोत्र के व्यक्ति एक ही पूर्वज के वंशज समझे जाते हैं। यह उपजातियाँ भी अपने में स्वतंत्र तथा पृथक्‌ अंतविवाही इकाइयाँ होती हैं और कभी कभी तो बृहत्तर जाति से उनका संबंध नाम मात्र का होता है (दे. गोत्रीय तथा अन्यगोत्रीय)। इन उपजातियों में भी ऊँच नीच का एक मर्यादाक्रम रहता है। उपजातियाँ भी अनेक शाखाओं में विभक्त रहती है और इनमें भी उच्चता तथा निम्नता का एक क्रम होता है जो विशेष रूप से विवाह संबंधों में व्यक्त होता है। विवाह में ऊँची पंक्तिवाले नीची पंक्तिवालों की लड़की ले सकते हैं किंतु अपनी लड़की उन्हें नहीं देते। .

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जाति (जीवविज्ञान)

जाति (स्पीशीज़) जीववैज्ञानिक वर्गीकरण की सबसे बुनियादी और निचली श्रेणी है जाति (अंग्रेज़ी: species, स्पीशीज़) जीवों के जीववैज्ञानिक वर्गीकरण में सबसे बुनियादी और निचली श्रेणी होती है। जीववैज्ञानिक नज़रिए से ऐसे जीवों के समूह को एक जाति बुलाया जाता है जो एक दुसरे के साथ संतान उत्पन्न करने की क्षमता रखते हो और जिनकी संतान स्वयं आगे संतान जनने की क्षमता रखती हो। उदाहरण के लिए एक भेड़िया और शेर आपस में बच्चा पैदा नहीं कर सकते इसलिए वे अलग जातियों के माने जाते हैं। एक घोड़ा और गधा आपस में बच्चा पैदा कर सकते हैं (जिसे खच्चर बुलाया जाता है), लेकिन क्योंकि खच्चर आगे बच्चा जनने में असमर्थ होते हैं, इसलिए घोड़े और गधे भी अलग जातियों के माने जाते हैं। इसके विपरीत कुत्ते बहुत अलग आकारों में मिलते हैं लेकिन किसी भी नर कुत्ते और मादा कुत्ते के आपस में बच्चे हो सकते हैं जो स्वयं आगे संतान पैदा करने में सक्षम हैं। इसलिए सभी कुत्ते, चाहे वे किसी नसल के ही क्यों न हों, जीववैज्ञानिक दृष्टि से एक ही जाति के सदस्य समझे जाते हैं।, Sahotra Sarkar, Anya Plutynski, John Wiley & Sons, 2010, ISBN 978-1-4443-3785-3,...

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जॉन एडवर्ड ग्रे

जॉन एडवर्ड ग्रे (12 फ़रवरी 1800 - 7 मार्च 1875) एक ब्रिटिश, जीव विज्ञानी थे। वह जॉर्ज रॉबर्ट ग्रे के बड़े भाई और औषध विज्ञानी और वनस्पतिशास्त्री सैमुएल फ्रेडेरिक ग्रे (1766-1828) के बेटे थे। ग्रे, 1840 से 1874 के क्रिसमस तक लंदन के ब्रिटिश संग्रहालय मे जीव विज्ञान के कीपर थे। उन्होंने संग्रहालय के संग्रह से संबंधित कई कैटलाग प्रकाशित किए थे जिनमे जीव समूहों और नई प्रजातियों का विस्तृत विवरण दिया गया था। .

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वनमानुष

दो तरुण '''वनमानुष''' वनमानुष या चिंपैंज़ी (Chimpanzee - Pan troglodytes) प्राइमेट् गण (Order primate) का प्रसिद्ध स्तनपोषी जीव है, जो अफ्रीका के घने जंगलों में, गिनी से लेकर कांगो तथा पश्चिमी यूगैंडा तक के जंगलों में पाया जाता है। अफ्रीका का यह प्रसिद्ध (ape) कद में गोरिल्ला से कुछ छोटा होता है, किंतु बुद्धिमानी में सब वानरों से आगे है। .

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वर्षावन

ऑस्ट्रेलिया के क्वींसलैंड में डैनट्री वर्षावन. क्वींसलैंड, ऑस्ट्रेलिया में केर्न्स के पास डैनट्री वर्षावन. न्यू साउथ वेल्स, ऑस्ट्रेलिया में इल्लावारा ब्रश के भाग। वर्षावन वे जंगल हैं, जिनमें प्रचुर मात्रा में वर्षा होती है अर्थात जहां न्यूनतम सामान्य वार्षिक वर्षा 1750-2000 मि॰मी॰ (68-78 इंच) के बीच है। मानसूनी कम दबाव का क्षेत्र जिसे वैकल्पिक रूप से अंतर-उष्णकटिबंधीय संसृति क्षेत्र के नाम से जाना जाता है, की पृथ्वी पर वर्षावनों के निर्माण में उल्लेखनीय भूमिका है। विश्व के पशु-पौधों की सभी प्रजातियों का कुल 40 से 75% इन्हीं वर्षावनों का मूल प्रवासी है। यह अनुमान लगाया गया है कि पौधों, कीटों और सूक्ष्मजीवों की कई लाख प्रजातियां अभी तक खोजी नहीं गई हैं। उष्णकटिबंधीय वर्षावनों को पृथ्वी के आभूषण और संसार की सबसे बड़ी औषधशाला कहा गया है, क्योंकि एक चौथाई प्राकृतिक औषधियों की खोज यहीं हुई है। विश्व के कुल ऑक्सीजन प्राप्ति का 28% वर्षावनों से ही मिलता है, इसे अक्सर कार्बन डाई ऑक्साइड से प्रकाश संष्लेषण के द्वारा प्रसंस्करण कर जैविक अधिग्रहण के माध्यम से कार्बन के रूप में भंडारण करने वाले ऑक्सीजन उत्पादन के रूप में गलत समझ लिया जाता है। भूमि स्तर पर सूर्य का प्रकाश न पहुंच पाने के कारण वर्षावनों के कई क्षेत्रों में बड़े वृक्षों के नीचे छोटे पौधे और झाड़ियां बहुत कम उग पाती हैं। इस से जंगल में चल पाना संभव हो जाता है। यदि पत्तों के वितानावरण को काट दिया जाए या हलका कर दिया जाए, तो नीचे की जमीन जल्दी ही घनी उलझी हुई बेलों, झाड़ियों और छोटे-छोटे पेड़ों से भर जाएगी, जिसे जंगल कहा जाता है। दो प्रकार के वर्षावन होते हैं, उष्णकटिबंधीय वर्षावन तथा समशीतोष्ण वर्षावन। .

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विलुप्ति

मॉरीशस का डोडो पक्षी मानव शिकार के कारण विलुप्त हो गया जीव विज्ञान में विलुप्ति (extinction) उस घटना को कहते हैं जब किसी जीव जाति का अंतिम सदस्य मर जाता है और फिर विश्व में उस जाति का कोई भी जीवित जीव अस्तित्व में नहीं होता। अक्सर ऐसा इसलिए होता है क्योंकि किसी जीव का प्राकृतिक वातावरण बदल जाता है और उसमें इन बदली परिस्थितियों में पनपने और जीवित रहने की क्षमता नहीं होती। अंतिम सदस्य की मृत्यु के साथ ही उस जाति में प्रजनन द्वारा वंश वृद्धि की संभावनाएँ समाप्त हो जाती हैं। पारिस्थितिकी में कभी कभी विलुप्ति शब्द का प्रयोग क्षेत्रीय स्तर पर किसी जीव प्रजाति की विलुप्ति से भी लिया जाता है। अध्ययन से पता चला है कि अपनी उत्पत्ति के औसतन १ करोड़ वर्ष बाद जाति विलुप्त हो जाती है, हालांकि कुछ जातियाँ दसियों करोड़ों वर्षों तक जारी रहती हैं। पृथ्वी पर मानव के विकसित होने से पहले विलुप्तियाँ प्राकृतिक वजहों से हुआ करती थीं। माना जाता है कि पूरे इतिहास में जितनी भी जातियाँ पृथ्वी पर उत्पन्न हुई हैं उनमें से लगभग ९९.९% विलुप्त हो चुकी हैं।, Denise Walker, Evans Brothers, 2006, ISBN 978-0-237-53010-5,...

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गर्भ काल

गर्भ काल या हमल अवधि जंतु जगत की मादा का गर्भ धारण से लेकर शिशु को जन्म देने की अवधि को कहते हैं। यह अवधि हर प्राणी के लिए अलग-अलग होती है। .

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गाय

अभारतीय गाय जर्सीगाय गाय एक महत्त्वपूर्ण पालतू जानवर है जो संसार में प्राय: सर्वत्र पाई जाती है। इससे उत्तम किस्म का दूध प्राप्त होता है। हिन्दू, गाय को 'माता' (गौमाता) कहते हैं। इसके बछड़े बड़े होकर गाड़ी खींचते हैं एवं खेतों की जुताई करते हैं। भारत में वैदिक काल से ही गाय का विशेष महत्त्व रहा है। आरंभ में आदान प्रदान एवं विनिमय आदि के माध्यम के रूप में गाय उपयोग होता था और मनुष्य की समृद्धि की गणना उसकी गोसंख्या से की जाती थी। हिन्दू धार्मिक दृष्टि से भी गाय पवित्र मानी जाती रही है तथा उसकी हत्या महापातक पापों में की जाती है।; गाय व भैंस में गर्भ से संबन्धित जानकारी.

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इंडोनेशिया

इंडोनेशिया गणराज्य (दीपान्तर गणराज्य) दक्षिण पूर्व एशिया और ओशिनिया में स्थित एक देश है। १७५०८ द्वीपों वाले इस देश की जनसंख्या लगभग 26 करोड़ है, यह दुनिया का तीसरा सबसे अधिक आबादी और दुनिया में दूसरी सबसे बड़ी बौद्ध आबादी वाला देश है। देश की राजधानी जकार्ता है। देश की जमीनी सीमा पापुआ न्यू गिनी, पूर्वी तिमोर और मलेशिया के साथ मिलती है, जबकि अन्य पड़ोसी देशों सिंगापुर, फिलीपींस, ऑस्ट्रेलिया और भारत का अंडमान और निकोबार द्वीप समूह क्षेत्र शामिल है। .

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कशेरुकी प्राणी

कशेरुकी जन्तु कशेरुकी या कशेरुकदंडी (वर्टेब्रेट, Vertebrate) प्राणिसाम्राज्य के कॉरडेटा (Chordata) समुदाय का सबसे बड़ा उपसमुदाय है। जिसके सदस्यों में रीढ़ की हड्डियाँ (backbones) या पृष्ठवंश (spinal comumns) विद्यमान रहते हैं। इस समुदाय में इस समय लगभग 58,000 प्रजातियाँ वर्णित हैं। इसमें बिना जबड़े वाली मछलियां, शार्क, रे, उभयचर, सरीसृप, स्तनपोषी तथा चिड़ियाँ शामिल हैं। ज्ञात जन्तुओं में लगभग 5% कशेरूकी हैं और शेष अकेशेरूकी। .

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क्रीत

क्नोसोस पुरातन स्थल पर मिनोआई सभ्यता के एक महल का खंडर यूनान और क्रीत का नक़्शा पारम्परिक क्रीती सामूहिक नाच वाई का तटीय इलाक़ा क्रीत या क्रीट (यूनानी: Κρήτη, क्रीति; अंग्रेज़ी: Crete, क्रीट) यूनान के द्वीपों में सब से बड़ा द्वीप है और भूमध्य सागर का पाँचवा सब से बड़ा द्वीप है। यह यूनान की आर्थिक व्यवस्था और यूनानी संस्कृति का बहुत महत्वपूर्ण अंग मन जाता है लेकिन इस द्वीप की अपनी एक अलग सांस्कृतिक पहचान भी है। आज से पाँच हज़ार साल पूर्व क्रीत "मिनोआई सभ्यता" नामक संस्कृति का केंद्र भी थी जो २७०० से १४२० ईसापूर्व के काल में फली-फूली और यूरोप की एक प्राचीनतम तहज़ीब मानी जाती है। Oxford Bibliographies Online: Classics .

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अफ़्रीका

अफ़्रीका वा कालद्वीप, एशिया के बाद विश्व का सबसे बड़ा महाद्वीप है। यह 37°14' उत्तरी अक्षांश से 34°50' दक्षिणी अक्षांश एवं 17°33' पश्चिमी देशान्तर से 51°23' पूर्वी देशान्तर के मध्य स्थित है। अफ्रीका के उत्तर में भूमध्यसागर एवं यूरोप महाद्वीप, पश्चिम में अंध महासागर, दक्षिण में दक्षिण महासागर तथा पूर्व में अरब सागर एवं हिन्द महासागर हैं। पूर्व में स्वेज भूडमरूमध्य इसे एशिया से जोड़ता है तथा स्वेज नहर इसे एशिया से अलग करती है। जिब्राल्टर जलडमरूमध्य इसे उत्तर में यूरोप महाद्वीप से अलग करता है। इस महाद्वीप में विशाल मरुस्थल, अत्यन्त घने वन, विस्तृत घास के मैदान, बड़ी-बड़ी नदियाँ व झीलें तथा विचित्र जंगली जानवर हैं। मुख्य मध्याह्न रेखा (0°) अफ्रीका महाद्वीप के घाना देश की राजधानी अक्रा शहर से होकर गुजरती है। यहाँ सेरेनगेती और क्रुजर राष्‍ट्रीय उद्यान है तो जलप्रपात और वर्षावन भी हैं। एक ओर सहारा मरुस्‍थल है तो दूसरी ओर किलिमंजारो पर्वत भी है और सुषुप्‍त ज्वालामुखी भी है। युगांडा, तंजानिया और केन्या की सीमा पर स्थित विक्टोरिया झील अफ्रीका की सबसे बड़ी तथा सम्पूर्ण पृथ्वी पर मीठे पानी की दूसरी सबसे बड़ी झीलहै। यह झील दुनिया की सबसे लम्बी नदी नील के पानी का स्रोत भी है। कुछ इतिहासकारों का मानना है कि इसी महाद्वीप में सबसे पहले मानव का जन्म व विकास हुआ और यहीं से जाकर वे दूसरे महाद्वीपों में बसे, इसलिए इसे मानव सभ्‍यता की जन्‍मभूमि माना जाता है। यहाँ विश्व की दो प्राचीन सभ्यताओं (मिस्र एवं कार्थेज) का भी विकास हुआ था। अफ्रीका के बहुत से देश द्वितीय विश्व युद्ध के बाद स्वतंत्र हुए हैं एवं सभी अपने आर्थिक विकास में लगे हुए हैं। अफ़्रीका अपनी बहुरंगी संस्कृति और जमीन से जुड़े साहित्य के कारण भी विश्व में जाना जाता है। .

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अफ़्रीकी हाथी

अफ़्रीकी हाथी, लोक्सोडोंटा प्रजाति के हाथी हैं, ये एलिफेंटिडाए कुल की दो मौजूद प्रजातियों में से एक हैं। आमतौर पर यह माना जाता है कि इस प्रजाति का नाम १८२५ में जॉर्ज कुवियर ने किया था, लेकिन कुवियर ने इसका नाम लोक्सोडोंटे रखा था। एक अज्ञात व्यक्ति ने इसका नाम बदल के आईसीज़ेडएन में लोक्सोडोंटा रख दिया और इसी को ही प्रमाण मान लिया गया लोक्सोडोंटा के जीवाश्म केवल अफ़्रीका में मिले हैं, जहाँ पर ये मध्य प्लियोसीन में विकसित हुए। .

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अवैध शिकार

अवैध शिकार या Poaching उन जीवों के शिकार को कहते हैं जो क़ानून द्वारा संरक्षित हैं और जिनके शिकार पर या तो राष्ट्रीय या अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पाबन्दी लगाई गई हो। इसमें जंगली पौधों या जानवरों को शिकार, कटाई, मछली पकड़ने, या फँसाने के माध्यम से अवैध या गैरकानूनी रूप से ले जाना शामिल है। यह शब्द केवल जंगली पौधों और जानवरों के लिए लागू होता है और यह अगर पालतू जानवर या खेती के साथ किया जाए तो इसे चोरी का दर्जा दिया जाता है न कि अवैध शिकार का। श्रेणी:वन्य जीवन.

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अंगोला

अंगोला दक्षिणी-पश्चिमी अफ्रीका में देश है जिसकी सीमा अटलांटिक समुद्र से लगी है। अंगोला में पेट्रोलियम तेल और सोना जैसे खनिजों का भंडार है। 1975 में पुर्तगाल से स्वतंत्र होने के बाद यहाँ एक 27 सालों का गृहयुद्ध चला जिसमें पुर्तगाल समेत रूस, क्यूबा, अमेरिका और दक्षिण अफ़्रीका का हस्तक्षेप रहा। सोलहवीं सदी के बाद से यहाँ पुर्तगाली उपस्थिति रही है जो उन्नीसवीं सदी में अचानक बढ़ गई, 1884 के बाद पुर्तगाली अंदर तक प्रविष्ट कर गए। यह नामीबिया, बोत्सवाना से दक्षिण में और कांगो से उत्तर में और जाम्बिया से पूर्व दिशा में लगा हुआ है। आज चीन इसका सबसे बड़ा व्यापारिक सहभागी है। चीन का सबसे अधिक पेट्रोलियम यहीं से आता है। .

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उपजाति

उपजाति, जिसे अंग्रेज़ी में Subspecies कहते हैं, जीवों के किसी जाति के अंतर्गत एक से अधिक वर्गीकरण को कहते। कोई उपजाति अपने आप में नहीं पहचानी जा सकती है: एक उपजाति किसी जाति की दो या अधिक उपजातियों में से एक हो सकती है। जाति की एक उपजाति नहीं हो सकती। यह संभव है कि किसी जाति की केवल एक ही उपजाति जीवित हो - जैसा कि मनुष्य में पाया जाता है। वह प्राणी जो एक ही जाति की विभिन्न उपजातियों के सदस्य हैं, एक दूसरे से समागम करने में समर्थ होते हैं और उपजाऊ संतानें पैदा कर सकते हैं। उपजातियों के आपस के लक्षण उतने भिन्न नहीं होते हैं जितना जातियों के आपस में, लेकिन उनके लक्षण वंश (race या breed) से ज़्यादा भिन्न होते हैं। उपजाति के अभिलक्षण मूलतः भौगोलिक दृष्टि से अलग-थलग पड़ने के कारण विकसित होते हैं। .

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१९५५

1955 ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

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१९७९

1979 ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

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१९८०

अभिनेत्री नेहा धुपिया १९८० ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

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१९९०

कोई विवरण नहीं।

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१९९५

1995 ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

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२०००

2000 ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

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२००७

वर्ष २००७ सोमवार से प्रारम्भ होने वाला ग्रेगोरी कैलंडर का सामान्य वर्ष है। .

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२००८

२००८ ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

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२०१०

वर्ष २०१० वर्तमान वर्ष है। यह शुक्रवार को प्रारम्भ हुआ है। संयुक्त राष्ट्र ने वर्ष २०१० को अंतराष्ट्रीय जैव विविधता वर्ष के रूप में मनाने का निर्णय लिया है। इन्हें भी देखें 2010 भारत 2010 विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी 2010 साहित्य संगीत कला 2010 खेल जगत 2010 .

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