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स्टैनकोम्ब-विल्ज़ हिमानी और हिमचादर

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

स्टैनकोम्ब-विल्ज़ हिमानी और हिमचादर के बीच अंतर

स्टैनकोम्ब-विल्ज़ हिमानी vs. हिमचादर

स्टैनकोम्ब-विल्ज़ हिमानी (Stancomb-Wills Glacier) पूर्वी अंटार्कटिका के रानी मौड धरती क्षेत्र की एक बड़ी हिमानी (ग्लेशियर) है जिसकी हिमधारा पूर्वी वेडेल सागर में बह जाती है। यह प्रवाह पास के लिडन द्वीप से बिलकुल दक्षिण में है। स्टैनकोम्ब-विल्ज़ हिमानी का सबसे पहचाने जाने वाल पेहलू इसकी "जीभ" है। स्टैनकोम्ब-विल्ज़ हिमानी जिह्वा (Stancomb-Wills Glacier Tongue) कहलाने वाली यह हिम-आकृति २३० किमी लम्बी है। यह जिह्वा अंत में ३० किमी चौड़ी और बीच के कुछ स्थानों पर ५० किमी चौड़ी तक है। यदि जिह्वा की बर्फ़ की ऊँचाई मापी जाए तो यह आसपास की हिमचादर की बर्फ़ से लगभग १० मीटर ऊँची भी है, यानि जिह्वा आसानी से अलग देखी जा सकती है। वेडेल सागर पहुँचकर यह समुद्री बर्फ़ तक जाती है। . हिमचादर (ice sheet) हिमानी (ग्लेशियर) बर्फ़ का एक बड़ा समूह होता है जो धरती को ढके और कम-से-कम ५०,००० वर्ग किमी क्षेत्रफल पर विस्तृत हो। तुलना के लिये यह भारत के पंजाब राज्य के क्षेत्रफल के लगभग बराबर है। वर्तमानकाल में हिमचादरें केवल अंटार्कटिका और ग्रीनलैण्ड में मिलती हैं, लेकिन पिछले हिमयुग में उत्तर अमेरिका के अधिकांश भाग पर लौरेनटाइड हिमचादर, उत्तरी यूरोप पर विशेली हिमचादर और दक्षिणी दक्षिण अमेरिका पर पैतागोनियाई हिमचादर फैली हुई थी। क्षेत्रफल में हिमचादरें हिमचट्टानों और हिमानियों से बड़ी होती हैं। ५०,००० वर्ग किमी से कम आकार की हिमचादर को बर्फ़ की टोपी (ice cap) कहते हैं। .

स्टैनकोम्ब-विल्ज़ हिमानी और हिमचादर के बीच समानता

स्टैनकोम्ब-विल्ज़ हिमानी और हिमचादर आम में एक बात है (यूनियनपीडिया में): हिमानी

हिमानी

काराकोरम की बाल्तोरो हिमानी हिमानी या हिमनद (अंग्रेज़ी Glacier) पृथ्वी की सतह पर विशाल आकार की गतिशील बर्फराशि को कहते है जो अपने भार के कारण पर्वतीय ढालों का अनुसरण करते हुए नीचे की ओर प्रवाहमान होती है। ध्यातव्य है कि यह हिमराशि सघन होती है और इसकी उत्पत्ति ऐसे इलाकों में होती है जहाँ हिमपात की मात्रा हिम के क्षय से अधिक होती है और प्रतिवर्ष कुछ मात्रा में हिम अधिशेष के रूप में बच जाता है। वर्ष दर वर्ष हिम के एकत्रण से निचली परतों के ऊपर दबाव पड़ता है और वे सघन हिम (Ice) के रूप में परिवर्तित हो जाती हैं। यही सघन हिमराशि अपने भार के कारण ढालों पर प्रवाहित होती है जिसे हिमनद कहते हैं। प्रायः यह हिमखंड नीचे आकर पिघलता है और पिघलने पर जल देता है। पृथ्वी पर ९९% हिमानियाँ ध्रुवों पर ध्रुवीय हिम चादर के रूप में हैं। इसके अलावा गैर-ध्रुवीय क्षेत्रों के हिमनदों को अल्पाइन हिमनद कहा जाता है और ये उन ऊंचे पर्वतों के सहारे पाए जाते हैं जिन पर वर्ष भर ऊपरी हिस्सा हिमाच्छादित रहता है। ये हिमानियाँ समेकित रूप से विश्व के मीठे पानी (freshwater) का सबसे बड़ा भण्डार हैं और पृथ्वी की धरातलीय सतह पर पानी के सबसे बड़े भण्डार भी हैं। हिमानियों द्वारा कई प्रकार के स्थलरूप भी निर्मित किये जाते हैं जिनमें प्लेस्टोसीन काल के व्यापक हिमाच्छादन के दौरान बने स्थलरूप प्रमुख हैं। इस काल में हिमानियों का विस्तार काफ़ी बड़े क्षेत्र में हुआ था और इस विस्तार के दौरान और बाद में इन हिमानियों के निवर्तन से बने स्थलरूप उन जगहों पर भी पाए जाते हैं जहाँ आज उष्ण या शीतोष्ण जलवायु पायी जाती है। वर्तमान समय में भी उन्नीसवी सदी के मध्य से ही हिमानियों का निवर्तन जारी है और कुछ विद्वान इसे प्लेस्टोसीन काल के हिम युग के समापन की प्रक्रिया के तौर पर भी मानते हैं। हिमानियों का महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है क्योंकि ये जलवायु के दीर्घकालिक परिवर्तनों जैसे वर्षण, मेघाच्छादन, तापमान इत्यादी के प्रतिरूपों, से प्रभावित होते हैं और इसीलिए इन्हें जलवायु परिवर्तन और समुद्र तल परिवर्तन का बेहतर सूचक माना जाता है। .

स्टैनकोम्ब-विल्ज़ हिमानी और हिमानी · हिमचादर और हिमानी · और देखें »

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स्टैनकोम्ब-विल्ज़ हिमानी और हिमचादर के बीच तुलना

स्टैनकोम्ब-विल्ज़ हिमानी 9 संबंध है और हिमचादर 16 है। वे आम 1 में है, समानता सूचकांक 4.00% है = 1 / (9 + 16)।

संदर्भ

यह लेख स्टैनकोम्ब-विल्ज़ हिमानी और हिमचादर के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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