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सोना और स्वप्रतिरक्षित रोग

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

सोना और स्वप्रतिरक्षित रोग के बीच अंतर

सोना vs. स्वप्रतिरक्षित रोग

सोना या स्वर्ण (Gold) अत्यंत चमकदार मूल्यवान धातु है। यह आवर्त सारणी के प्रथम अंतर्ववर्ती समूह (transition group) में ताम्र तथा रजत के साथ स्थित है। इसका केवल एक स्थिर समस्थानिक (isotope, द्रव्यमान 197) प्राप्त है। कृत्रिम साधनों द्वारा प्राप्त रेडियोधर्मी समस्थानिकों का द्रव्यमान क्रमश: 192, 193, 194, 195, 196, 198 तथा 199 है। . वे रोग स्वप्रतिरक्षित रोग (Autoimmune diseases) कहलाते हैं जिनके होने पर किसी जीव की प्रतिरक्षा प्रणाली अपने ही ऊतकों या शरीर में उपस्थित अन्य पदार्थों को रोगजनक (pathogen) समझने की गलती कर बैठती है और उन्हें समाप्त करने के लिये उन पर हमला कर देती है। इस प्रकार का रोग शरीर के किसी एक अंग में सीमित हो सकता है (जैसे स्वप्रतिरक्षित थॉयराय शोथ (autoimmune thyroiditis) या शरीर के विभिन्न स्थानों पर एक विशेष प्रकार के ऊतक को प्रभावित कर सकता है। स्वप्रतिरक्षित रोगों की चिकित्सा में प्रायः दवाओं का उपयोग करके प्रतिरक्षा प्रणाली की सक्रियता को कम किया जाता है जिसे प्रतिरक्षादमन (immunosuppression) कहते हैं। .

सोना और स्वप्रतिरक्षित रोग के बीच समानता

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सूची के ऊपर निम्न सवालों के जवाब

सोना और स्वप्रतिरक्षित रोग के बीच तुलना

सोना 17 संबंध है और स्वप्रतिरक्षित रोग 7 है। वे आम 0 में है, समानता सूचकांक 0.00% है = 0 / (17 + 7)।

संदर्भ

यह लेख सोना और स्वप्रतिरक्षित रोग के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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